प्रेमानंदजी से हर मुलाकात के बाद और ‘विराट’ हुए कोहली:18 साल बाद RCB ने IPL जीता, इससे 21 दिन पहले पूछा- असफलता से कैसे उबरें
प्रेमानंदजी से हर मुलाकात के बाद और ‘विराट’ हुए कोहली:18 साल बाद RCB ने IPL जीता, इससे 21 दिन पहले पूछा- असफलता से कैसे उबरें 18 साल के लंबे इंतजार के बाद RCB (रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर) ने IPL- 2025 जीत लिया। शानदार जीत के बाद विराट कोहली घुटनों पर बैठकर रोने लगे। पत्नी अनुष्का शर्मा के गले लगकर भी काफी देर तक रोते रहे। कुछ देर में हंसते हुए अनुष्का के कान में कुछ कहने लगे। इसके बाद अचानक प्रेमानंद महाराज ट्रेंड होने लगे। क्योंकि, इस जीत के ठीक 21 दिन पहले विराट कोहली और अनुष्का शर्मा वृंदावन में प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंचे थे। इससे पहले विराट ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान किया था। 15 मिनट की इस मुलाकात में सफलता और असफलता के बारीक अंतर को समझा था। पूछा था- असफलता से कैसे उबरें? कहा जा रहा है कि प्रेमानंद महाराज विराट के लिए एक बार फिर लकी साबित हुए। जिस IPL को 2008 से विराट की टीम एक बार भी नहीं जीत सकी थी, उसे कड़े मुकाबले में अपने नाम करके सबको चौंका दिया। इससे पहले 3 बार फाइनल तक पहुंचकर भी RCB को हार का सामना करना पड़ा था। ये विराट की प्रेमानंद महाराज से तीसरी मुलाकात थी। आपको बताते हैं कि कब-कब सबसे खराब दौर में विराट कोहली ने प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की, फिर क्या बदलाव आया? पढ़िए पूरी रिपोर्ट… साल- 2016 वर्ल्ड कप के दौरान विराट क्रिकेट की बुलंदियों पर थे। फिर दौर आया 2020-23 का। क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में उनका प्रदर्शन लगातार गिर रहा था। 2008 में अपने करियर की शुरुआत करने वाले विराट के जीवन में 2020 और 2021 लगातार वो 2 साल थे, जब उनके बल्ले से कोई शतक नहीं निकला। 2022 में भी उनका औसत रन रेट 38.51 था। इसके बाद वह आलोचना के शिकार होने लगे। मानसिक रूप से दबाव में चल रहे विराट 4 जनवरी, 2023 को पत्नी अनुष्का के साथ प्रेमानंद जी महाराज के पास पहुंचे। प्रेमानंद जी ने सीख दी- जीवन में विपरीतता या कष्ट आना ईश्वर की कृपा का संकेत है। ऐसे समय में ईश्वर का नाम जपते रहना चाहिए। जीवन में यश और प्रसिद्धि की भावना को त्यागकर आंतरिक चिंतन में बदलाव लाना चाहिए। प्रेमानंद महाराज ने कहा था- जब जीवन में प्रतिकूलता या कष्ट आते हैं, तो इसका मतलब है कि ईश्वर की कृपा हो रही है। यह व्यक्ति को सही रास्ते पर ले जा रही है। विराट ने पत्नी के साथ महाकाल के दर्शन भी किए और भस्मआरती में भी शामिल हुए। फिर नीम करौरी आश्रम भी गए। इसके बाद क्रिकेट की बुलंदियों पर पहुंच गए और लगातार शतक लगाने लगे। 3 साल बाद उनका औसत रन रेट बढ़कर 66.06 हो गया। प्रेमानंद जी से सवाल- असफलता में हमें कैसे रहना है?
2023 में विराट काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। 2024 के T-20 वर्ल्ड कप में भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा। उन्हें प्लेयर ऑफ टूर्नामेंट मिला। लेकिन, फिर उनकी परफॉर्मेंस गिरने लगी। 2024 में उनका औसत रन रेट 21.95 था। इसके बाद 10 जनवरी, 2025 को विराट पत्नी अनुष्का और बच्चों के साथ प्रेमानंद जी की शरण में आए। तब उन्होंने पूछा था- असफलता से बाहर कैसे निकलें? असफलता में हमें कैसे रहना है? तब प्रेमानंद जी ने कहा था- अभ्यास जारी रखें। असफलता के समय हमें भगवान का चिंतन के साथ धैर्य रखना होगा। यह बड़ा कठिन है। असफलता में कोई कैसे धैर्य रखे? जो सफलता में सम्मान मिलता है, वो असफलता में कैसे मिलेगा? इसीलिए भगवान का चिंतन करना चाहिए। यहां से नई ऊर्जा के साथ विराट कोहली फिर पिच पर उतरे और IPL- 2025 में 11 मैचों में 7 अर्धशतकों की मदद से 505 रन बनाए। उनका औसत 63.12 रन का रहा और 143.46 का स्ट्राइक रेट रहा। टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेकर भी प्रेमानंद जी से मिलने आए
विराट कोहली ने 12 मई को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया। अगले ही दिन वह पत्नी अनुष्का शर्मा के साथ वृंदावन में प्रेमानंद महाराज की शरण में पहुंच गए। प्रेमानंद जी ने विराट और अनुष्का से पूछा- प्रसन्न हो?
इस पर विराट ने मुस्कुराकर कहा- हां। महाराज ने दोनों को आशीर्वाद दिया- जाओ, खूब आनंदित रहो, नाम जप करते रहो। इस पर अनुष्का ने पूछा- बाबा क्या नाम जप से सब कुछ पूरा हो जाएगा? महाराज ने कहा- हां, सब पूरा होगा। महाराज ने कहा कि भगवान ने बिना प्रतिकूलता के इस संसार को छुड़ाने की कोई भी औषधि नहीं रखी। आज तक जितने बड़े महापुरुष हुए हैं, जिनका जीवन बदला, उनको प्रतिकूलता के दर्शन करने पड़े हैं। इसलिए कभी प्रतिकूलता आए तो उस समय आनंदित हों कि मेरे ऊपर अब भगवान की कृपा हो रही है। मुझे सतमार्ग पर चलने की प्रेरणा मिल रही है। अब संत प्रेमानंद महाराज की कहानी, 13 साल की उम्र में घर छोड़ा प्रेमानंद महाराज का जन्म यूपी में कानपुर जिले की नरवल तहसील के अखरी गांव में हुआ था। पिता शंभू नारायण पांडे और मां रामा देवी हैं। 3 भाई हैं, प्रेमानंद मंझले हैं। बचपन में प्रेमानंद जी का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था। वह बचपन से ही आध्यात्मिक रहे। कक्षा 8 तक पढ़ाई की है। बचपन में अनिरुद्ध ने अपनी सखा टोली के साथ शिव मंदिर के लिए एक चबूतरा बनाना चाहा। इसका निर्माण भी शुरू करवाया, लेकिन कुछ लोगों ने रोक दिया। इससे वह मायूस हो गए। उनका मन इस कदर टूटा कि घर छोड़ने का फैसला कर लिया। वह कानपुर होते हुए काशी पहुंचे। जब 13 साल के हुए तो उन्होंने ब्रह्मचारी बनने का फैसला किया। शुरुआत में प्रेमानंद महाराज का नाम ‘आरयन ब्रह्मचारी’ रखा गया। काशी में उन्होंने करीब 15 महीने बिताए। उन्होंने गुरु गौरी शरण जी महाराज से गुरुदीक्षा ली। फिर वह मथुरा आ गए। संन्यासी से राधावल्लभी संत बन गए प्रेमानंद महाराज
प्रेमानंद महाराज वृंदावन पहुंचकर हर रोज बांके बिहारी जी के दर्शन करते। फिर रासलीला रास आई और राधावल्लभ के कार्यक्रमों में जाने लगे। वहां घंटों खड़े रहते। एक दिन एक संत ने श्री राधारससुधानिधि से एक श्लोक पढ़ा, लेकिन महाराज उसे समझ नहीं पाए। फिर एक दिन वृंदावन की परिक्रमा करते समय एक सखी को एक श्लोक गाते हुए सुना। उसे सुनकर महाराज ठिठक गए। श्लोक ऐसा रास आया कि अपना संन्यास धर्म तोड़कर वो उस सखी के पास गए। उससे श्लोक का मतलब पूछा। सखी ने कहा- इसका मतलब समझने के लिए राधावल्लभी होना जरूरी है। इस तरह महाराज राधावल्लभी हो गए। ———————- ये खबर भी पढ़ें… प्रेमानंद महाराज से मिले विराट-अनुष्का, 15 मिनट बात की, विराट के संन्यास पर एक्ट्रेस ने कहा- तुम्हारे आंसू किसी ने नहीं देखे क्रिकेटर विराट कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की है। नाराजगी की खबरों के बीच अब कपल ने प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की है। वहीं दूसरी तरफ अनुष्का ने विराट के संन्यास पर एक भावुक पोस्ट भी शेयर की है। पढ़िए पूरी खबर…