CM नीतीश कुमार के बेटे निशांत की बात में कितना दम? ‘महीन’ बयान से बिहार में सियासी घमासान

CM नीतीश कुमार के बेटे निशांत की बात में कितना दम? ‘महीन’ बयान से बिहार में सियासी घमासान

<p style=”text-align: justify;”><strong>Nitish kumar Son Nishant Kumar Statement:</strong> बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत भले ही बिहार की सक्रिय राजनीति में न उतरें हो, लेकिन उनके एक मिनट 26 सेकेंड के बयान ने ये साबित कर दिया है कि निशांत की राजनीतिक पकड़ कितनी मज़बूत है और कैसे वो राजनीति में न होने के बावजूद इतना दख़ल तो रखते ही हैं कि उनके बयान को बीजेपी के आलाकमान को भी बेहद गंभीरता से लेना पड़ता है, जिसके मायने बहुत बड़े हो सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तो आख़िर सीएम नीतीश के बेटे निशांत ने ऐसा क्या कहा है, जिसने बिहार की सियासत में न सिर्फ हलचल मचा दी है, बल्कि अगर उनके बयान का सिलसिलेवार ढंग से अध्ययन किया जाए तो इस बात का भी अंदेशा जताया जा सकता है कि एक बार फिर से अंतरात्मा जगने वाली है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पिता की करना चाहते हैं मदद</strong><br />आम तौर पर सियासी बयानबाजी से दूर ही रहने वाले निशांत इन दिनों खासे सक्रिय हैं. कहने वाले कह सकते हैं कि चुनाव है तो वो अपने पिता की मदद करना चाहते हैं, लिहाजा वो राजनीति में थोड़ी-बहुत दिलचस्पी ले रहे हैं. लेकिन पिछले दिनों महज़ एक मिनट 26 सेकेंड का निशांत का बयान ये बताने के लिए काफी है कि निशांत न सिर्फ राजनीति में दिलचस्पी ले रहे हैं, बल्कि वो अपने पिता नीतीश कुमार की तरह ही राजनीति को बेहद बारीकी से समझते हैं और कब क्या बोलना है और कितना बोलना है, इसको भी नाप-तौल कर ही रखते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>निशांत ने कहा, ”गठबंधन है तो बोलेंगे ही. राज्य के हर तबके के लोगों से आह्वान करते हैं कि वोट करें, विकास किया है पिता जी ने, पिछली बार 43 सीट दे दिया, फिर भी विकास का क्रम जारी रखा. अपने पिता के कार्यकर्ताओं को कहता हूं कि जनता तक विकास के कामों को पहुंचाएं. एनडीए नीतीश कुमार को चेहरा घोषित करे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डीएनए तक पर उठा चुके हैं सवाल&nbsp;</strong><br />अब जरा तफ़सील से इस बयान के मायने समझिए. निशांत का साफ़ तौर पर कहना है कि प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसलिए लाडला नहीं बताया है कि नितीश कुमार सच में पीएम मोदी या फिर बीजेपी के लाड़ले हैं, बल्कि नीतीश कुमार बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा हैं तो प्रधानमंत्री का नीतीश कुमार को लाडला बताना उनकी मजबूरी है. ये एक विशुद्ध राजनीतिक बयान है, जिसे बहुत सोच-समझकर और नाप-तौल कर दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>क्योंकि भले ही अभी निशांत ने वो बात याद न की हो, लेकिन हमको-आपको और पूरे बिहार को तो याद ही होगी कि यही लाडले नीतीश कुमार जब एनडीए का हिस्सा नहीं थे तो यही प्रधानमंत्री मोदी नीतीश कुमार के डीएनए तक पर सवाल उठा चुके हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जेडीयू बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी कैसे बन गई?</strong><br />निशांत कह रहे हैं कि पिछली बार आप लोगों ने 43 सीटें दी थीं, तब भी पिताजी ने विकास किया था. यानी कि निशांत को ये बात बखूबी पता है कि इस 43 सीट के पीछे का गणित क्या है और कैसे चिराग़ पासवान के नीतीश कुमार के सभी उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ प्रत्याशी उतारने की वजह से जेडीयू बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी बन गई और उसकी सीटें 43 तक सिमट गईं. अब भले ही निशांत ने चिराग़ पासवान का नाम न लिया हो, लेकिन राजनीति को बरतने वाले तो इस बात को बखूबी समझ ही रहे हैं कि निशांत के कहने का मतलब क्या है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बाकी तो इसी बयान में दो-तीन और महीन बातें हैं जिसके ज़रिए निशांत ने ये इशारा कर दिया है कि भले ही लोग कहें कि वो राजनीति में नहीं हैं, लेकिन दरअसल वो राजनीति तो कर ही रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उदाहरण के तौर पर निशांत ने कहा है मेरी पार्टी. जो राजनीति में नहीं है उसकी कैसी पार्टी. अगर साफ़-साफ कहना होता तो कहते कि पिताजी की पार्टी. लेकिन वो मेरी पार्टी कह रहे हैं तो मतलब तो साफ़ ही है. बाकी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की माँग करके निशांत ने अपने इरादे जाहिर कर ही दिए हैं. और बची-खुची बात को जो सबसे बड़ी है, उसे जनता की मर्जी पर छोड़कर बता दिया है कि अगर जनता चाहेगी तो अंतरात्मा का जगना कोई बहुत दूर की कौड़ी तो नहीं है. बाकी आपको क्या लगता है. क्या मुख्यमंत्री के बेटे निशांत का बयान यूं ही है या फिर इन मायनों के अलावा उस बयान के कुछ और भी मायने हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”बांका में अपनी पत्नी को छोड़ शादीशुदा प्रेमिका को ले भागा शख्स, जिसे साथ ले गया उसका पति अब दे रहा धमकी” href=”https://www.abplive.com/states/bihar/middle-aged-man-leaves-wife-and-runs-away-with-married-woman-girlfriend-in-banka-ann-2893176″ target=”_self”>बांका में अपनी पत्नी को छोड़ शादीशुदा प्रेमिका को ले भागा शख्स, जिसे साथ ले गया उसका पति अब दे रहा धमकी</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Nitish kumar Son Nishant Kumar Statement:</strong> बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत भले ही बिहार की सक्रिय राजनीति में न उतरें हो, लेकिन उनके एक मिनट 26 सेकेंड के बयान ने ये साबित कर दिया है कि निशांत की राजनीतिक पकड़ कितनी मज़बूत है और कैसे वो राजनीति में न होने के बावजूद इतना दख़ल तो रखते ही हैं कि उनके बयान को बीजेपी के आलाकमान को भी बेहद गंभीरता से लेना पड़ता है, जिसके मायने बहुत बड़े हो सकते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>तो आख़िर सीएम नीतीश के बेटे निशांत ने ऐसा क्या कहा है, जिसने बिहार की सियासत में न सिर्फ हलचल मचा दी है, बल्कि अगर उनके बयान का सिलसिलेवार ढंग से अध्ययन किया जाए तो इस बात का भी अंदेशा जताया जा सकता है कि एक बार फिर से अंतरात्मा जगने वाली है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पिता की करना चाहते हैं मदद</strong><br />आम तौर पर सियासी बयानबाजी से दूर ही रहने वाले निशांत इन दिनों खासे सक्रिय हैं. कहने वाले कह सकते हैं कि चुनाव है तो वो अपने पिता की मदद करना चाहते हैं, लिहाजा वो राजनीति में थोड़ी-बहुत दिलचस्पी ले रहे हैं. लेकिन पिछले दिनों महज़ एक मिनट 26 सेकेंड का निशांत का बयान ये बताने के लिए काफी है कि निशांत न सिर्फ राजनीति में दिलचस्पी ले रहे हैं, बल्कि वो अपने पिता नीतीश कुमार की तरह ही राजनीति को बेहद बारीकी से समझते हैं और कब क्या बोलना है और कितना बोलना है, इसको भी नाप-तौल कर ही रखते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>निशांत ने कहा, ”गठबंधन है तो बोलेंगे ही. राज्य के हर तबके के लोगों से आह्वान करते हैं कि वोट करें, विकास किया है पिता जी ने, पिछली बार 43 सीट दे दिया, फिर भी विकास का क्रम जारी रखा. अपने पिता के कार्यकर्ताओं को कहता हूं कि जनता तक विकास के कामों को पहुंचाएं. एनडीए नीतीश कुमार को चेहरा घोषित करे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डीएनए तक पर उठा चुके हैं सवाल&nbsp;</strong><br />अब जरा तफ़सील से इस बयान के मायने समझिए. निशांत का साफ़ तौर पर कहना है कि प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसलिए लाडला नहीं बताया है कि नितीश कुमार सच में पीएम मोदी या फिर बीजेपी के लाड़ले हैं, बल्कि नीतीश कुमार बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा हैं तो प्रधानमंत्री का नीतीश कुमार को लाडला बताना उनकी मजबूरी है. ये एक विशुद्ध राजनीतिक बयान है, जिसे बहुत सोच-समझकर और नाप-तौल कर दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>क्योंकि भले ही अभी निशांत ने वो बात याद न की हो, लेकिन हमको-आपको और पूरे बिहार को तो याद ही होगी कि यही लाडले नीतीश कुमार जब एनडीए का हिस्सा नहीं थे तो यही प्रधानमंत्री मोदी नीतीश कुमार के डीएनए तक पर सवाल उठा चुके हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जेडीयू बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी कैसे बन गई?</strong><br />निशांत कह रहे हैं कि पिछली बार आप लोगों ने 43 सीटें दी थीं, तब भी पिताजी ने विकास किया था. यानी कि निशांत को ये बात बखूबी पता है कि इस 43 सीट के पीछे का गणित क्या है और कैसे चिराग़ पासवान के नीतीश कुमार के सभी उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ प्रत्याशी उतारने की वजह से जेडीयू बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी बन गई और उसकी सीटें 43 तक सिमट गईं. अब भले ही निशांत ने चिराग़ पासवान का नाम न लिया हो, लेकिन राजनीति को बरतने वाले तो इस बात को बखूबी समझ ही रहे हैं कि निशांत के कहने का मतलब क्या है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बाकी तो इसी बयान में दो-तीन और महीन बातें हैं जिसके ज़रिए निशांत ने ये इशारा कर दिया है कि भले ही लोग कहें कि वो राजनीति में नहीं हैं, लेकिन दरअसल वो राजनीति तो कर ही रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उदाहरण के तौर पर निशांत ने कहा है मेरी पार्टी. जो राजनीति में नहीं है उसकी कैसी पार्टी. अगर साफ़-साफ कहना होता तो कहते कि पिताजी की पार्टी. लेकिन वो मेरी पार्टी कह रहे हैं तो मतलब तो साफ़ ही है. बाकी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की माँग करके निशांत ने अपने इरादे जाहिर कर ही दिए हैं. और बची-खुची बात को जो सबसे बड़ी है, उसे जनता की मर्जी पर छोड़कर बता दिया है कि अगर जनता चाहेगी तो अंतरात्मा का जगना कोई बहुत दूर की कौड़ी तो नहीं है. बाकी आपको क्या लगता है. क्या मुख्यमंत्री के बेटे निशांत का बयान यूं ही है या फिर इन मायनों के अलावा उस बयान के कुछ और भी मायने हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”बांका में अपनी पत्नी को छोड़ शादीशुदा प्रेमिका को ले भागा शख्स, जिसे साथ ले गया उसका पति अब दे रहा धमकी” href=”https://www.abplive.com/states/bihar/middle-aged-man-leaves-wife-and-runs-away-with-married-woman-girlfriend-in-banka-ann-2893176″ target=”_self”>बांका में अपनी पत्नी को छोड़ शादीशुदा प्रेमिका को ले भागा शख्स, जिसे साथ ले गया उसका पति अब दे रहा धमकी</a></strong></p>  बिहार बिहार में कैबिनेट विस्तार पर CM नीतीश कुमार के करीबी रहे RCP सिंह ने उठाए सवाल, जानिए क्या कहा