DDA की जमीन पर कब्जे को लेकर दिल्ली के LG सख्त, एई-जेई पर गिरी गाज, अफसरों को दी ये चेतावनी 

DDA की जमीन पर कब्जे को लेकर दिल्ली के LG सख्त, एई-जेई पर गिरी गाज, अफसरों को दी ये चेतावनी 

<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Latest News:</strong> दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने डीडीए जमीन पर हुए अवैध कब्जे को लेकर चौंकाने वाला फैसला लिया है. उन्होंने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि भविष्य में डीडीए जमीन पर कोई नया या दोबारा कब्जा होता है, तो उसमें शामिल सरकारी अफसरों या इंजीनियरों के खिलाफ सस्पेंशन और विभागीय जांच के साथ आपराधिक धाराओं में FIR भी दर्ज की जाएगी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली के एलजी ने यह फैसला मयूर विहार फेज-1 से NH-24 तक के रास्ते में डीडीए की जमीन पर दोबारा कब्जा होने की गंभीर शिकायतों के बाद लिया है. उपराज्यपाल ने इस मामले में लापरवाही बरतने वाले फील्ड स्टाफ को तुरंत सस्पेंड करने के भी आदेश दिए हैं. इसमें मयूर नेचर पार्क प्रोजेक्ट से जुड़े असिस्टेंट इंजीनियर (AE) और जूनियर इंजीनियर (JE) शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली के एलजी के आदेश के बाद डीडीए के कर्मचारियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धाराएं 198, 223, 316 और 318 के तहत FIR दर्ज की जाएगी. साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 के तहत भी कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा, विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एलजी ने डीडीए के उपाध्यक्ष को निर्देश दिए हैं कि 7 दिनों के भीतर इस मामले में की गई जांच और कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट पेश करें. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मयूर विहार फेज-1 से NH-24 तक का इलाका यमुना बाढ़ मैदान के पुनरुद्धार के लिए बेहद अहम है. यहां डीडीए का मयूर नेचर पार्क प्रोजेक्ट चल रहा है. ऐसे में किसी भी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है मामला?&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, जून 2024 में हाईकोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश पर डीडीए ने एक बड़ा अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया था, जिसमें करीब 390 हेक्टेयर जमीन को खाली कराया गया था. इस दौरान 6,000 से ज्यादा अवैध ढांचे, 4 अवैध नर्सरी, 250 हेक्टेयर में की जा रही अवैध खेती और करीब 40 बोरवेल भी हटाए गए थे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके बावजूद हाल ही में फिर से कब्जे की खबरें सामने आईं, जिससे डीडीए की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं. कोर्ट और ट्रिब्यूनल में डीडीए की साख पर असर पड़ने के साथ ही इससे सरकारी खजाने को भी भारी नुकसान हुआ है. एलजी ने साफ कहा है कि अब लापरवाही करने वाले किसी भी अफसर को बख्शा नहीं जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/-kwEgzDJ0Mg?si=AfHErxs_vZS5Wlsu” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Latest News:</strong> दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने डीडीए जमीन पर हुए अवैध कब्जे को लेकर चौंकाने वाला फैसला लिया है. उन्होंने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि भविष्य में डीडीए जमीन पर कोई नया या दोबारा कब्जा होता है, तो उसमें शामिल सरकारी अफसरों या इंजीनियरों के खिलाफ सस्पेंशन और विभागीय जांच के साथ आपराधिक धाराओं में FIR भी दर्ज की जाएगी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली के एलजी ने यह फैसला मयूर विहार फेज-1 से NH-24 तक के रास्ते में डीडीए की जमीन पर दोबारा कब्जा होने की गंभीर शिकायतों के बाद लिया है. उपराज्यपाल ने इस मामले में लापरवाही बरतने वाले फील्ड स्टाफ को तुरंत सस्पेंड करने के भी आदेश दिए हैं. इसमें मयूर नेचर पार्क प्रोजेक्ट से जुड़े असिस्टेंट इंजीनियर (AE) और जूनियर इंजीनियर (JE) शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली के एलजी के आदेश के बाद डीडीए के कर्मचारियों पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धाराएं 198, 223, 316 और 318 के तहत FIR दर्ज की जाएगी. साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 के तहत भी कार्रवाई की जाएगी. इसके अलावा, विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एलजी ने डीडीए के उपाध्यक्ष को निर्देश दिए हैं कि 7 दिनों के भीतर इस मामले में की गई जांच और कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट पेश करें. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मयूर विहार फेज-1 से NH-24 तक का इलाका यमुना बाढ़ मैदान के पुनरुद्धार के लिए बेहद अहम है. यहां डीडीए का मयूर नेचर पार्क प्रोजेक्ट चल रहा है. ऐसे में किसी भी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है मामला?&nbsp;</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल, जून 2024 में हाईकोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश पर डीडीए ने एक बड़ा अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया था, जिसमें करीब 390 हेक्टेयर जमीन को खाली कराया गया था. इस दौरान 6,000 से ज्यादा अवैध ढांचे, 4 अवैध नर्सरी, 250 हेक्टेयर में की जा रही अवैध खेती और करीब 40 बोरवेल भी हटाए गए थे.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके बावजूद हाल ही में फिर से कब्जे की खबरें सामने आईं, जिससे डीडीए की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं. कोर्ट और ट्रिब्यूनल में डीडीए की साख पर असर पड़ने के साथ ही इससे सरकारी खजाने को भी भारी नुकसान हुआ है. एलजी ने साफ कहा है कि अब लापरवाही करने वाले किसी भी अफसर को बख्शा नहीं जाएगा.</p>
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