<p style=”text-align: justify;”><strong>Earthquake In Khandwa Madhya Pradesh: </strong>मध्य प्रदेश के खंडवा में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई है. भूकंप के झटके आज यानी शुक्रवार सुबह 9 बजकर 4 मिनट पर महसूस किए गए. सुबह भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर आ गए. हालांकि, इस दौरान किसी भी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Earthquake In Khandwa Madhya Pradesh: </strong>मध्य प्रदेश के खंडवा में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.6 मापी गई है. भूकंप के झटके आज यानी शुक्रवार सुबह 9 बजकर 4 मिनट पर महसूस किए गए. सुबह भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर आ गए. हालांकि, इस दौरान किसी भी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है.</p> मध्य प्रदेश महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव का असर! किसानों के आगे झुकी महायुति सरकार, नागपुर-गोवा एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण पर रोक
Related Posts
कारम बांध निर्माण से पहले ग्रामीणों ने की मुआवजे की मांग, आंदोलन की दी चेतावनी, जानें पूरा मामला
कारम बांध निर्माण से पहले ग्रामीणों ने की मुआवजे की मांग, आंदोलन की दी चेतावनी, जानें पूरा मामला <p style=”text-align: justify;”><strong>MP News:</strong> मध्य प्रदेश के धार जिले की धरमपुरी तहसील के गांव कोठिदा व भारुड़पुरा में 52 गांवों में सिंचाई के लिए कारम नदी पर बांध का निर्माण करने का काम किया गया था. 303 करोड़ की इस योजना के तहत 105 करोड़ की लागत से बांध का 75 फीसदी काम पूरा हो गया था. जिससे किसानों को खेती के लिए भरपूरे पानी मिलने की उम्मीद जगी थी, लेकिन 11 अगस्त 2022 को अचानक बांध से रिसाव होने लगा जिसको लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए गए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>कारम बांध पर मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक की नजर टिकी थी. कारम बांध पर रिसाव की खबर जैसे ही मीडिया में आई प्रशासन के भी हाथ-पांव फूल गए थे. कारम बांध के आसपास के गांव के ग्रामीणों को सुरक्षित जगह ले जाने का कार्य शुरू कर दिया था. प्रशासन ने 4 दिनों की कड़ी मेहनत के बाद 18 गांव के लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचा दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहां के ग्रामीण अपनी घर गृहस्थी, खेत, पशुओं को छोड़कर खुले आसमान के नीचे जिंदगी जीने को मजबूर हो गए थे. उन्हें सुरक्षित तो बचा लिया गया लेकिन उनके नुकसान की भरपाई नहीं की गई. वहीं कारम बांध 2 साल से अभी भी टूटा ही पड़ा है. उसी कंपनी द्वारा बांध का पुन निर्माण बारिश के बाद शुरू होने की संभावना हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ग्रामीणों ने रखी ये मांग</strong><br />कारम बांध में रिसाव की वजह से किसानों के खेतों की मिट्टी बह गई थी, जिसके बाद प्रशासन से आश्वासन मिला कि खेतों में मिट्टी डाली जाएगी लेकिन अभी तक खेतों में मिट्टी नहीं डाली गई है. जिसकी वजह से किसान खेती नहीं कर पा रहे हैं. अब किसानों की मांग है कि उनके खेतों में मिट्टी डाली जाए और नदी का गहरीकरण किया जाए. साथ ही उनके पुनर्वास का मुआवजा भी दिया जाए. मांगे पूरी न होने और कारम नहीं का निर्माण चालू न करने पर ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या है पूरा मामला? </strong><br />11 अगस्त 2022 का दिन 18 गांव के ग्रामीण जिंदगी भर नहीं भूल सकते. कारम बांध देशभर में सुर्खियों में आया था. दोपहर एक बजे का समय था, तब तक लोग अपने अपने घरों में काम में लगे हुए थे. उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि 4 घंटे बाद हमें यहां से सब कुछ छोड़कर अपनी जान बचाने के लिए पहाड़ियों पर आशियाना लगाना पड़ेगा. बांध में बारिश का पानी रोकने से बांध लबालब भरा हुआ था. यदि बांध टूट जाता तो एक बड़ी आपदा कई गांवों में आ सकती थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कारम बांध से लगे करीब 10 गांव को शाम 5 बजे मुनादी करा कर अलर्ट किया गया. जेसीबी पोकलेन लगाकर लीकेज वाले हिस्से को सुधार कार्य चालू किया गया, लेकिन एक दिन बीतने के बाद भी रिसाव बंद नहीं हुआ. 12 अगस्त को सुबह करीब 7 बजे मिट्टी वाला एक हिस्सा गिर गया. प्रशासन फिर अलर्ट हो गया और सुबह 9 बजे से कलेक्टर के निर्देश पर अलग-अलग टीम बनाकर खरगोन व धार जिले के 18 गांवों में टीमें अपनी गाड़ियों का सायरन बजाते हुए पहुंच गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सुबह से गांव को खाली करवाना शुरू कर दिया गया. ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर भेजना शुरू किया. नेशनल हाईवे पर भी वाहनों को रोक दिया गया. ग्रामीण भी अपने घरों पर ताला लगाकर अपने रिश्तेदारों एवं परिचित लोगों के घर चले गए, वहीं कुछ ग्रामीणों ने पहाड़ी के ऊपर जाकर अपना आशियाना बना लिया. मौजूदा दो मंत्रियों को भी यहां पर भेजा गया. बड़ी संख्या में पुलिस,सेना, एनडीआरएफ सहित हेलीकॉप्टर तैनात किए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>12 अगस्त की शाम से ही पोकलेन व जेसीबी की मदद से एक तरफ के हिस्से में चैनल बनाकर पानी निकासी की योजना बनाई गई, जिसके लिए काम चालू किया गया. 13 अगस्त को कई संगठन एवं कांग्रेस बीजेपी के बड़े-बड़े नेता भी मौके पर पहुंचे. रात में करीब 2 बजे चैनल में से पानी की निकासी चालू हुई. धीरे-धीरे काम में तेजी और लाई गई. 14 अगस्त की शाम को अचानक से एक बड़ा हिस्सा गिरने से कारम बांध में से तेजी गति से पानी निकलना शुरू हो गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>देखते ही देखते नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया. पानी इतनी तेज गति में निकला की 10 मिनट के अंदर करीब 10 किलोमीटर तक नदी उफान पर आ गई. नदी के साथ लगते कई गांवों के मकानों में पानी घुस गया. कई किसानों के खेत नदी बन गए, उन्हें काफी नुकसान का सामना करना पड़ा. कई गांव में 4 घंटे तक अंधेरा छा गया लोगों में डर का माहौल बन गया, जो ग्रामीण बाहर गए वह अपने घरों की चिंता कर रहे थे. वहीं प्रशासन भी लगातार गांव में घूम कर निगरानी रख रहा था. प्रशासन ने रात को करीब 10 बजे बाद चैन की नींद ली. बड़ी आपदा से बचाव हो गया. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>घर-खेतों से बेदखल हुए किसान</strong><br />कारम बांध में रिसाव की वजह से आई बाढ़ की वजह से कई किसानों के परिवार बेघर हो गए. 2 साल बाद भी इस क्षेत्र के प्रभावित किसान अपनी जमीन में फैले पत्थरों व बाढ़ में आई रेती के कारण खेत में उपज नहीं ले पा रहे हैं. खेतों की उपजाऊ मिट्टी भी बह गई. उस समय प्रशासन के अधिकारी आश्वासन देकर गए थे कि आपको फसल और उजड़े घरों का मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी आश्वासन के सिवाय उन्हें कुछ नहीं मिला है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहाड़ियों पर रह रहे ग्रामीण</strong><br />हालत ये है कि अब भी प्रभावित लोग पहाड़ियों में रहने को मजबूर है न बिजली की व्यवस्था है न पानी की. बस उन्हें शासन से आस है कि उन्हें उचित मुआवजा दिया जाएगा, उनका पूर्नवास किया जाएगा. बाढ़ की वजह से टूटे स्कूलों का भी अब तक निर्माण नहीं किया गया है. करीब एक साल तक बच्चों को झोपड़ी और पेड़ के नीचे बैठाकर पढ़ाया गया. इस साल नीजि मकान में स्कूल संचालित किया गया है. कई बच्चे तो आज भी पहाड़ी वाले रास्तों से 4 किलोमीटर पैदल चल कर पढ़ाई करने के लिए जाने को मजबूर हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”मंत्री करण सिंह वर्मा जहां पढ़े, उसी स्कूल में बस सेवा को दिखाई हरी झंडी, एक खुलासे से छात्र रह गए दंग” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/mp-minister-karan-singh-verma-gifted-8-buses-to-cm-rise-school-in-ichhawar-ann-2767924″ target=”_blank” rel=”noopener”>मंत्री करण सिंह वर्मा जहां पढ़े, उसी स्कूल में बस सेवा को दिखाई हरी झंडी, एक खुलासे से छात्र रह गए दंग</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”> </p>
यूपी में सरकारी बसों के लिए प्राइवेट बस बनीं मुसीबत, चालक-परिचालकों का छलका दर्द
यूपी में सरकारी बसों के लिए प्राइवेट बस बनीं मुसीबत, चालक-परिचालकों का छलका दर्द <p style=”text-align: justify;”><strong>Firozabad News:</strong> उत्तर प्रदेश सरकार से अनुबंधित बसें सरकार की तरफ से चलाई जा रही हैं, लेकिन इन बसों को चलाने वाले चालक और परिचालक इस बात से परेशान है कि उनकी बसों में सवारियां नहीं है और जब वह सवारियां भरने के लिए चौराहे पर बस को खड़ी करते हैं तो वहां ट्रैफिक पुलिस उनका चालान काट देती है, जिससे उनका काफी नुकसान हो रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जितनी भी अनुबंधित और उत्तर प्रदेश सरकार की रोडवेज बसें चल रही हैं उनका किराया सरकार ने तय किया है, लेकिन चालक और परिचालक का मानना है कि वह किराया उन प्राइवेट बसों से कहीं ज्यादा है. इसलिए प्राइवेट बस वाले कम रुपये में सवारियों को ले जाते हैं, इसलिए उनकी बसों में सवारियां बैठने नहीं आ रही हैं. इसलिए उनका कहना है कि प्राइवेट बसों पर भी लगाम लगनी चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अनुबंधित बसों के चालको और परिचालक हर कोशिश में रहते हैं कि बस स्टैंड के अंदर उन्हें सवारियां मिल जाए, लेकिन जब काफी देर खड़े होने के बाद उन्हें सवारियां नहीं मिलती तो वह चौराहे पर जाकर खड़े हो जाते हैं. जब सवारियां आने लगती हैं तो इतनी देर में ही ट्रैफिक पुलिस आ जाती है और उनकी बसों का चालान काट देती है. जो चालान का जुर्माना होता है, उस जुर्माने को बस के चालक और परिचालक को अपनी तनख्वाह से भरते हैं. वह पैसा इनके मालिक की तरफ से इन्हें नहीं दिया जाता.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चालक और परिचालक को होती है परेशानी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बसों के चालक और परिचालक का कहना है कि फिरोजाबाद में उन्हें इतनी दिक्कत नहीं होती है, लेकिन आगरा और मथुरा में उन्हें पुलिसकर्मी और ट्रैफिक पुलिस वाले बहुत ज्यादा परेशान करते हैं. वह कहीं भी बस को लगा दे तो वह चालान काटने के लिए आ जाते हैं. ऐसा उनके साथ करीब 6 महीने से हो रहा है. उन्हें खुद अपनी तनख्वाह में से 6 महीने से चालान के रुपए भरने पड़ रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस पूरे प्रकरण को लेकर जब सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (arm) शशी रानी से बात की गई उनका कहना है कि जितनी भी बसें हैं वह अलग-अलग डिपो की हैं. मथुरा की अलग बस है, शिकोहाबाद की अलग और आगरा की बसें अलग हैं. रही चालान कटने वाली बात तो चालान भरने की प्रक्रिया अलग-अलग डिपो के हिसाब से होती है और कई बार देखा जाता है कि चालक और परिचालक की लापरवाही से भी चालान कट जाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”BKU टिकैत गुट ने सरकार के खिलाफ निकाली ट्रैक्टर रैली, जानें- किसानों ने क्या की है मांग” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bharatiya-kisan-union-tikait-took-out-tractor-rally-against-government-in-firozabad-ann-2757267″ target=”_self”>BKU टिकैत गुट ने सरकार के खिलाफ निकाली ट्रैक्टर रैली, जानें- किसानों ने क्या की है मांग</a></strong></p>
कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा पहुंचे अमृतसर:परिवार सहित गोल्डन टेंपल में टेका माथा; कहा- उपचुनाव के लिए AAP पूरी तरह तैयार
कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा पहुंचे अमृतसर:परिवार सहित गोल्डन टेंपल में टेका माथा; कहा- उपचुनाव के लिए AAP पूरी तरह तैयार पंजाब के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा शुक्रवार को अमृतसर के दौरे पर हैं। आम आदमी पार्टी के नेताओं का कहना है कि यह उनका निजी दौरा है। उन्होंने आज अपने परिवार के साथ स्वर्ण मंदिर में माथा टेका है। साथ ही अमन अरोड़ा ने साफ कर दिया है कि AAP इन उपचुनावों के लिए पूरी तरह तैयार है। अपने परिवार के साथ पहुंचे अमन अरोड़ा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह अपने परिवार के साथ माथा टेकने आए हैं। वह बहुत खुशकिस्मत हैं कि उन्हें आज अपने परिवार के साथ माथा टेकने का मौका मिला। चार उपचुनावों की तैयारियां पूरी कैबिनेट मंत्री अरोड़ा ने कहा कि अगर चुनाव आयोग आज उपचुनावों की घोषणा करता है तो आप इसके लिए पूरी तरह तैयार है। आयोग 4 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा करेगा। जालंधर पश्चिम सीट पर हम जीत चुके हैं। इसी तरह आम आदमी पार्टी भी पंजाब में 4 विधानसभा सीटें जीतेगी। सुखविंदर सुखी का AAP में स्वागत अमन अरोड़ा ने अकाली दल के विधायक डॉ. सुखविंदर सुखी का आम आदमी पार्टी में शामिल होने पर स्वागत किया। लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें नहीं पता कि वह अपनी सीट से इस्तीफा देंगे या नहीं। यह फैसला विधानसभा अध्यक्ष या पंजाब के सीएम भगवंत मान ही ले सकते हैं।