<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली हाईकोर्ट ने जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती के अवसर पर शोभा यात्रा आयोजित करने की अनुमति को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि किसी पुरानी अवांछनीय घटना के आधार पर धार्मिक परंपराओं के पालन को नहीं रोका जा सकता. हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि कानून-व्यवस्था और सुरक्षा संबंधी अंतिम निर्णय पुलिस का विशेषाधिकार होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>याचिकाकर्ता का तर्क- सदियों पुरानी है परंपरा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यह मामला जहांगीरपुरी निवासी अरविंद मिश्रा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आया. याचिका में 12 अप्रैल को हनुमान जयंती के मौके पर शोभा यात्रा निकालने की अनुमति मांगी गई थी. मिश्रा ने कोर्ट में दलील दी कि जहांगीरपुरी स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में सैकड़ों वर्षों से यह आयोजन होता आ रहा है. उन्होंने कहा धार्मिक अधिकारों को सिर्फ एक पुरानी घटना के आधार पर प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस का विरोध 2022 में हुई थी हिंसा</strong><br /> <br />दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में बताया कि अप्रैल 2022 में इसी आयोजन के दौरान जहांगीरपुरी में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी. उस समय गोलीबारी हुई, जिसमें एक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुआ और कई नागरिकों को चोटें आईं. पुलिस ने कहा इसके बाद से यह क्षेत्र अतिसंवेदनशील घोषित है. किसी भी जुलूस की अनुमति देना खतरनाक हो सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कोर्ट का निर्देश- सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए तय करें</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जस्टिस संजीव नरूला और जस्टिस मनोज जैन की बेंच ने पुलिस के सुरक्षा संबंधी चिंताओं को स्वीकार करते हुए कहा अदालत का उद्देश्य कानून-व्यवस्था के प्रबंधन में हस्तक्षेप करना नहीं है. हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि धार्मिक आयोजनों का अधिकार संवैधानिक है. पुलिस को इसे प्रतिबंधित करने के लिए ठोस और वर्तमान कारण होने चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली HC ने दिए अहम निर्देश </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह जुलूस की नई तिथि, समय और मार्ग का विवरण देते हुए पुलिस को ताजा आवेदन दें. साथ ही, पुलिस को इस पर 48 घंटे के भीतर निर्णय लेने और पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था का खाका पेश करने को कहा गया. कोर्ट ने स्पष्ट किया, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी स्वयं इसकी समीक्षा करें और याचिकाकर्ता को तय तिथि से पहले सूचित करें.</p> <p style=”text-align: justify;”>दिल्ली हाईकोर्ट ने जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती के अवसर पर शोभा यात्रा आयोजित करने की अनुमति को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि किसी पुरानी अवांछनीय घटना के आधार पर धार्मिक परंपराओं के पालन को नहीं रोका जा सकता. हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि कानून-व्यवस्था और सुरक्षा संबंधी अंतिम निर्णय पुलिस का विशेषाधिकार होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>याचिकाकर्ता का तर्क- सदियों पुरानी है परंपरा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>यह मामला जहांगीरपुरी निवासी अरविंद मिश्रा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आया. याचिका में 12 अप्रैल को हनुमान जयंती के मौके पर शोभा यात्रा निकालने की अनुमति मांगी गई थी. मिश्रा ने कोर्ट में दलील दी कि जहांगीरपुरी स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में सैकड़ों वर्षों से यह आयोजन होता आ रहा है. उन्होंने कहा धार्मिक अधिकारों को सिर्फ एक पुरानी घटना के आधार पर प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पुलिस का विरोध 2022 में हुई थी हिंसा</strong><br /> <br />दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में बताया कि अप्रैल 2022 में इसी आयोजन के दौरान जहांगीरपुरी में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी. उस समय गोलीबारी हुई, जिसमें एक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुआ और कई नागरिकों को चोटें आईं. पुलिस ने कहा इसके बाद से यह क्षेत्र अतिसंवेदनशील घोषित है. किसी भी जुलूस की अनुमति देना खतरनाक हो सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कोर्ट का निर्देश- सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए तय करें</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जस्टिस संजीव नरूला और जस्टिस मनोज जैन की बेंच ने पुलिस के सुरक्षा संबंधी चिंताओं को स्वीकार करते हुए कहा अदालत का उद्देश्य कानून-व्यवस्था के प्रबंधन में हस्तक्षेप करना नहीं है. हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि धार्मिक आयोजनों का अधिकार संवैधानिक है. पुलिस को इसे प्रतिबंधित करने के लिए ठोस और वर्तमान कारण होने चाहिए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>दिल्ली HC ने दिए अहम निर्देश </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह जुलूस की नई तिथि, समय और मार्ग का विवरण देते हुए पुलिस को ताजा आवेदन दें. साथ ही, पुलिस को इस पर 48 घंटे के भीतर निर्णय लेने और पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था का खाका पेश करने को कहा गया. कोर्ट ने स्पष्ट किया, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी स्वयं इसकी समीक्षा करें और याचिकाकर्ता को तय तिथि से पहले सूचित करें.</p> दिल्ली NCR RJD विधायक रीत लाल यादव के घर पर लाया गया आर्म्स डिटेक्टर, ड्रोन से हो रही निगरानी, कहीं AK-47 का मामला तो नहीं?
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