<p style=”text-align: justify;”><strong>Snowfall in Himachal Pradesh</strong>: हिमाचल प्रदेश की ऊंचाई वाले इलाकों में एक बार फिर बर्फबारी का दौर शुरू हुआ है. इससे तापमान में भारी गिरावट आई है. शिमला के कुमारसैन उपमंडल में मध्यम से लेकर ऊंचे इलाकों में हल्की से मध्यम बर्फबारी जारी है. नारकंडा और आसपास के इलाकों में करीब एक से तीन इंच ताजा बर्फबारी हुई है. कुमारसैन के निचले इलाकों में रुक-रुक कर हल्की बारिश हो रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बर्फबारी शुरू होने के बाद नारकंडा इलाके में NH05 बाधित है. सैंज से शिमला के लिए ट्रैफिक को लुहरी/सुन्नी के रास्ते डायवर्ट किया गया है. सड़क बहाली के लिए दो JCB और एक डोजर तैनात है. इसी तरह छराबड़ा से कुफरी-फागू क्षेत्र में हल्की से मध्यम बर्फबारी हुई है. बर्फबारी अभी भी जारी है, जिससे सड़कें फिसलन भरी हो रही हैं. स्थानीय प्रशासन ने लोगों से एहतियात बरतने की अपील की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बर्फबारी से फिर खिल उठे बागवान</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य की ऊंचाई वाले इलाकों में हो रही बर्फबारी बागवानों के लिए भी बेहद फायदेमंद है. इस बर्फबारी ने सेब बागवानों के मन में बेहतर पैदावार की उम्मीद जगी हुई है. स्थानीय सेब बागवान के मालिक हरीश चौहान ने बताया कि यह बर्फबारी राहत लेकर आई है. ऐसा बहुत लंबे वक्त बाद हुआ है, जब दिसंबर महीने के बाद जनवरी महीने में भी इस तरह से बर्फबारी हो रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लंबे वक्त बाद दिसंबर महीने में बर्फबारी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीते कई सालों से बर्फबारी फरवरी महीने में हो रही थी, जो नाकाफी साबित होती रही है. दिसंबर और जनवरी महीने में हुई इस बर्फबारी से सेब के लिए जरूरी चिलिंग आवर्स भी वक्त पर पूरे हो जाएंगे. यही नहीं, इससे सेब के पौधों को नुकसान करने वाले कीड़े भी खत्म होंगे. आने वाले वक्त में भी अगर इसी तरह की बर्फबारी होती रही, तो यह बागवानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगी. राज्य में लंबे वक्त बाद दिसंबर महीने में बर्फबारी हो रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a title=”शिमला में 8 सालों में 35 बड़ी प्राकृतिक आपदा, 90 से ज्यादा लोगों की गई जान” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/shimla-35-major-natural-disasters-in-eight-years-60-people-lost-lives-ann-2863530″ target=”_self”>शिमला में 8 सालों में 35 बड़ी प्राकृतिक आपदा, 90 से ज्यादा लोगों की गई जान</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Snowfall in Himachal Pradesh</strong>: हिमाचल प्रदेश की ऊंचाई वाले इलाकों में एक बार फिर बर्फबारी का दौर शुरू हुआ है. इससे तापमान में भारी गिरावट आई है. शिमला के कुमारसैन उपमंडल में मध्यम से लेकर ऊंचे इलाकों में हल्की से मध्यम बर्फबारी जारी है. नारकंडा और आसपास के इलाकों में करीब एक से तीन इंच ताजा बर्फबारी हुई है. कुमारसैन के निचले इलाकों में रुक-रुक कर हल्की बारिश हो रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बर्फबारी शुरू होने के बाद नारकंडा इलाके में NH05 बाधित है. सैंज से शिमला के लिए ट्रैफिक को लुहरी/सुन्नी के रास्ते डायवर्ट किया गया है. सड़क बहाली के लिए दो JCB और एक डोजर तैनात है. इसी तरह छराबड़ा से कुफरी-फागू क्षेत्र में हल्की से मध्यम बर्फबारी हुई है. बर्फबारी अभी भी जारी है, जिससे सड़कें फिसलन भरी हो रही हैं. स्थानीय प्रशासन ने लोगों से एहतियात बरतने की अपील की है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बर्फबारी से फिर खिल उठे बागवान</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राज्य की ऊंचाई वाले इलाकों में हो रही बर्फबारी बागवानों के लिए भी बेहद फायदेमंद है. इस बर्फबारी ने सेब बागवानों के मन में बेहतर पैदावार की उम्मीद जगी हुई है. स्थानीय सेब बागवान के मालिक हरीश चौहान ने बताया कि यह बर्फबारी राहत लेकर आई है. ऐसा बहुत लंबे वक्त बाद हुआ है, जब दिसंबर महीने के बाद जनवरी महीने में भी इस तरह से बर्फबारी हो रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>लंबे वक्त बाद दिसंबर महीने में बर्फबारी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीते कई सालों से बर्फबारी फरवरी महीने में हो रही थी, जो नाकाफी साबित होती रही है. दिसंबर और जनवरी महीने में हुई इस बर्फबारी से सेब के लिए जरूरी चिलिंग आवर्स भी वक्त पर पूरे हो जाएंगे. यही नहीं, इससे सेब के पौधों को नुकसान करने वाले कीड़े भी खत्म होंगे. आने वाले वक्त में भी अगर इसी तरह की बर्फबारी होती रही, तो यह बागवानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगी. राज्य में लंबे वक्त बाद दिसंबर महीने में बर्फबारी हो रही है.</p>
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