IIT-BHU गैंगरेप पीड़िता का दोस्त वाराणसी कोर्ट में पहचानेगा आरोपी:पीड़िता की जिरह टलने पर इंजीरियनिंग छात्र तलब, छात्रा के साथ उस रात था

IIT-BHU गैंगरेप पीड़िता का दोस्त वाराणसी कोर्ट में पहचानेगा आरोपी:पीड़िता की जिरह टलने पर इंजीरियनिंग छात्र तलब, छात्रा के साथ उस रात था

वाराणसी के IIT-BHU में छात्रा से गैंगरेप केस में पीड़िता की वर्चुअल पेशी टलने के बाद अब कोर्ट ने उसके दोस्त को तलब किया है। फास्ट ट्रैक कोर्ट के समन पर आज पीड़िता का साथी कोर्ट में पेश होगा। इंजीनियरिंग का छात्र उस रात पीड़िता के साथ था, जब तीन दरिंदों ने उसके साथ गैंगरेप किया। आज फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज के सामने पीड़िता का दोस्त आरोपियों की पहचान करेगा। उस रात हुई वारदात को जज के सामने हूबहू बया करेगा। कड़ी सुरक्षा और पुख्ता इंतजाम के बीच गवाह को लंका पुलिस कोर्ट में पेश करेगी। वहीं, पीड़िता के बंगलुरू में होने के चलते कोर्ट ने उसकी हाजिरी माफी मान ली है। बता दें कि गैंगरेप के तीनों आरोपी कुणाल पांडेय, अभिषेक उर्फ आनंद चौरसिया, सक्षम पटेल भाजपा में सक्रिय पदाधिकारी थे और महानगर भाजपा IT सेल से जुड़े थे। सरकार के मंत्री-विधायक समेत बड़े नेताओं के संपर्क में थे। जिसके साथ उनके फोटो भी सोशल मीडिया साइट्स पर मौजूद हैं। उधर, वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट में गैंगरेप की पहली वर्चुअल पेशी के खिलाफ स्टे का प्रार्थनापत्र दिया है, हालांकि आज जज इस पर आर्डर दे सकते हैं। इसमें आरोपियों ने कार्रवाई को असंवैधानिक बताते हुए पीड़िता की फिजिकली मौजूदगी में जिरह कराने की याचिका लगाई है। वाराणसी कोर्ट में हाईकोर्ट का फैसला ना आने तक सुनवाई टालने या फिर फिजिकली बुलाने की अपील भी की है। हाईकोर्ट से तीनों आरोपियों को जमानत मिलने के बाद डरी-सहमी पीड़िता की याचिका पर कोर्ट ने उसे असुरक्षित साक्षी माना है। पीड़िता की सुरक्षा और आरोपियों से सामने नहीं आने पर FTC कोर्ट के जज कुलदीप सिंह ने वर्चुअल पेशी कराए जाने का आदेश दिया था जिस पर आरोपियों ने लगातार विरोध दर्ज कराया है। 22 अगस्त को छात्रा ने कोर्ट में बयान दर्ज कराया अभियोजन की वकील बिंदू सिंह ने बताया कि कोर्ट ने IIT-BHU गैंगरेप की सुनवाई तेज कर दी है। केस में सबसे पहले छात्रा को कोर्ट ने 22 अगस्त को बुलाया था। पुलिस सुरक्षा में छात्रा को कोर्ट में पेश किया गया। BHU की वारदात को छात्रा ने कोर्ट के सामने रखा। उसने बताया कि तीनों आरोपियों ने दरिंदगी की, धमकाया और फिर फरार हो गए। घटना के बाद से कई तरह का दबाव भी महसूस कर रही है। बाहर आते-जाते डर लगता है, इसलिए अधिकांश समय हॉस्टल में रहती हूं। 8 महीने बाद ट्रायल, 12 बार जिरह में तलब जिला एवं सत्र न्यायालय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई। 18 जुलाई, 2024 से ट्रायल हुआ। इस सुनवाई के दौरान उसने अपना बयान 22 अगस्त तक दर्ज कराया, इसी बीच आरोपियों को जमानत मिल गई। आरोपियों की मौजूदगी में जुलाई से दिसंबर तक बेटी को 12 बार कोर्ट में तलब किया जा चुका है। कोर्ट उससे 8 बार जिरह कर चुकी है। वहीं चार बार अलग-अलग कारणों से वह नहीं आ सकी। कभी आरोपियों की ओर से अपील तो कभी अगली तारीख, इन सब के बीच अब तक उसके बयान पर जिरह पूरी नहीं हो सकी। पहले आनंद फिर कुनाल और सक्षम की हो चुकी रिहाई वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद सबसे पहले आरोपी आनंद ने 11 नवंबर, 2023 को जमानत याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी, जिस पर कई बार सुनवाई हुई और तारीख बढ़ती रही। आनंद ने परिजन की बीमारी समेत कई कारण बताए, तो कोर्ट ने 2 जुलाई 2024 को जमानत स्वीकार कर ली। आनंद के जमानत स्वीकार होते ही दूसरे आरोपी कुणाल ने भी 2 जुलाई 2024 को हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। 4 जुलाई को कोर्ट ने उसकी भी जमानत स्वीकार कर ली। 4 जुलाई को तीसरे आरोपी सक्षम पटेल ने जमानत अर्जी दाखिल की, लेकिन गैंगस्टर में आपत्ति दाखिल हो गई। कमजोर रिपोर्ट और अभियोजन की बहस भी फीकी रही और मजबूत आधार नहीं होने के चलते सक्षम पटेल को जमानत मिली। पीड़िता को पहली वर्चुअल पेशी का जज ने दिया आदेश देशभर में सुर्खियों में रहने वाले गैंगरेप पीड़िता ने फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज को कोर्ट में अपनी दुश्वारियां गिनाई, ऐप्लीकेशन देकर अपना दर्द पहुंचाया। छात्रा ने वर्चुअल पेशी की मांग करते हुए बताया कि उसकी परीक्षाएं चल रही हैं। कैंपस से कोर्ट के चक्कर लगाना परेशानी भरा है। इससे पढ़ाई और एग्जाम पर असर पड़ रहा है।कोर्ट की तारीखों में परीक्षा की तैयारी उलझ गई है, न्याय के लिए इंतजार भी लंबा होता नजर आ रहा है। जब हम आते हैं तो बहुत से लोगों की नजरों से गुजरते हैं, हर बार आने-जाने पर सामाजिक उपेक्षा का एहसास होता है। वहीं कोर्ट में आरोपी भी सामने खड़े होते हैं। कोर्ट मेरी मनोदशा समझे, हमारे बयान-जिरह के साथ ही हर पेशी को ऑनलाइन किया जाए। ताकि कैंपस से ही जुड़कर कोर्ट कार्रवाई का हिस्सा बन सकें। मैं इन आरोपियों का समाना नहीं करना चाहती हू, बार-बार कोर्ट आना और रेप के आरोपियों से सामना मुश्किल भरा होता जा रहा है। अब उसकी परीक्षाएं खत्म हो रही हैं तो जनवरी से इंटर्नशिप एकेडमिक और फील्ड के लिए समय देगी और कोर्ट में बहुत समय लग रहा है। बीएचयू के आईआईटी कैंपस में उपयुक्त साधन और संसाधन उपलब्ध हैं, जो उसके कोर्ट की परेशानियों को कम करेंगे। हालांकि जज ने उस साफ्टवेयर को अस्वीकारते हुए कोर्ट परिसर के विशेष Vulnerable Witness Room से वर्चुअल पेशी और जिरह की अनुमति दी। तय किया कि पहले कमरे में चारों तरफ कैमरा घुमाकर कोर्ट यह देखेगा कि पीड़िता के अलावा उस कमरे में अन्य कोई व्यक्ति तो नहीं है। वाराणसी के IIT-BHU में छात्रा से गैंगरेप केस में पीड़िता की वर्चुअल पेशी टलने के बाद अब कोर्ट ने उसके दोस्त को तलब किया है। फास्ट ट्रैक कोर्ट के समन पर आज पीड़िता का साथी कोर्ट में पेश होगा। इंजीनियरिंग का छात्र उस रात पीड़िता के साथ था, जब तीन दरिंदों ने उसके साथ गैंगरेप किया। आज फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज के सामने पीड़िता का दोस्त आरोपियों की पहचान करेगा। उस रात हुई वारदात को जज के सामने हूबहू बया करेगा। कड़ी सुरक्षा और पुख्ता इंतजाम के बीच गवाह को लंका पुलिस कोर्ट में पेश करेगी। वहीं, पीड़िता के बंगलुरू में होने के चलते कोर्ट ने उसकी हाजिरी माफी मान ली है। बता दें कि गैंगरेप के तीनों आरोपी कुणाल पांडेय, अभिषेक उर्फ आनंद चौरसिया, सक्षम पटेल भाजपा में सक्रिय पदाधिकारी थे और महानगर भाजपा IT सेल से जुड़े थे। सरकार के मंत्री-विधायक समेत बड़े नेताओं के संपर्क में थे। जिसके साथ उनके फोटो भी सोशल मीडिया साइट्स पर मौजूद हैं। उधर, वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट में गैंगरेप की पहली वर्चुअल पेशी के खिलाफ स्टे का प्रार्थनापत्र दिया है, हालांकि आज जज इस पर आर्डर दे सकते हैं। इसमें आरोपियों ने कार्रवाई को असंवैधानिक बताते हुए पीड़िता की फिजिकली मौजूदगी में जिरह कराने की याचिका लगाई है। वाराणसी कोर्ट में हाईकोर्ट का फैसला ना आने तक सुनवाई टालने या फिर फिजिकली बुलाने की अपील भी की है। हाईकोर्ट से तीनों आरोपियों को जमानत मिलने के बाद डरी-सहमी पीड़िता की याचिका पर कोर्ट ने उसे असुरक्षित साक्षी माना है। पीड़िता की सुरक्षा और आरोपियों से सामने नहीं आने पर FTC कोर्ट के जज कुलदीप सिंह ने वर्चुअल पेशी कराए जाने का आदेश दिया था जिस पर आरोपियों ने लगातार विरोध दर्ज कराया है। 22 अगस्त को छात्रा ने कोर्ट में बयान दर्ज कराया अभियोजन की वकील बिंदू सिंह ने बताया कि कोर्ट ने IIT-BHU गैंगरेप की सुनवाई तेज कर दी है। केस में सबसे पहले छात्रा को कोर्ट ने 22 अगस्त को बुलाया था। पुलिस सुरक्षा में छात्रा को कोर्ट में पेश किया गया। BHU की वारदात को छात्रा ने कोर्ट के सामने रखा। उसने बताया कि तीनों आरोपियों ने दरिंदगी की, धमकाया और फिर फरार हो गए। घटना के बाद से कई तरह का दबाव भी महसूस कर रही है। बाहर आते-जाते डर लगता है, इसलिए अधिकांश समय हॉस्टल में रहती हूं। 8 महीने बाद ट्रायल, 12 बार जिरह में तलब जिला एवं सत्र न्यायालय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई। 18 जुलाई, 2024 से ट्रायल हुआ। इस सुनवाई के दौरान उसने अपना बयान 22 अगस्त तक दर्ज कराया, इसी बीच आरोपियों को जमानत मिल गई। आरोपियों की मौजूदगी में जुलाई से दिसंबर तक बेटी को 12 बार कोर्ट में तलब किया जा चुका है। कोर्ट उससे 8 बार जिरह कर चुकी है। वहीं चार बार अलग-अलग कारणों से वह नहीं आ सकी। कभी आरोपियों की ओर से अपील तो कभी अगली तारीख, इन सब के बीच अब तक उसके बयान पर जिरह पूरी नहीं हो सकी। पहले आनंद फिर कुनाल और सक्षम की हो चुकी रिहाई वाराणसी फास्ट ट्रैक कोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद सबसे पहले आरोपी आनंद ने 11 नवंबर, 2023 को जमानत याचिका हाईकोर्ट में दायर की थी, जिस पर कई बार सुनवाई हुई और तारीख बढ़ती रही। आनंद ने परिजन की बीमारी समेत कई कारण बताए, तो कोर्ट ने 2 जुलाई 2024 को जमानत स्वीकार कर ली। आनंद के जमानत स्वीकार होते ही दूसरे आरोपी कुणाल ने भी 2 जुलाई 2024 को हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर की। 4 जुलाई को कोर्ट ने उसकी भी जमानत स्वीकार कर ली। 4 जुलाई को तीसरे आरोपी सक्षम पटेल ने जमानत अर्जी दाखिल की, लेकिन गैंगस्टर में आपत्ति दाखिल हो गई। कमजोर रिपोर्ट और अभियोजन की बहस भी फीकी रही और मजबूत आधार नहीं होने के चलते सक्षम पटेल को जमानत मिली। पीड़िता को पहली वर्चुअल पेशी का जज ने दिया आदेश देशभर में सुर्खियों में रहने वाले गैंगरेप पीड़िता ने फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज को कोर्ट में अपनी दुश्वारियां गिनाई, ऐप्लीकेशन देकर अपना दर्द पहुंचाया। छात्रा ने वर्चुअल पेशी की मांग करते हुए बताया कि उसकी परीक्षाएं चल रही हैं। कैंपस से कोर्ट के चक्कर लगाना परेशानी भरा है। इससे पढ़ाई और एग्जाम पर असर पड़ रहा है।कोर्ट की तारीखों में परीक्षा की तैयारी उलझ गई है, न्याय के लिए इंतजार भी लंबा होता नजर आ रहा है। जब हम आते हैं तो बहुत से लोगों की नजरों से गुजरते हैं, हर बार आने-जाने पर सामाजिक उपेक्षा का एहसास होता है। वहीं कोर्ट में आरोपी भी सामने खड़े होते हैं। कोर्ट मेरी मनोदशा समझे, हमारे बयान-जिरह के साथ ही हर पेशी को ऑनलाइन किया जाए। ताकि कैंपस से ही जुड़कर कोर्ट कार्रवाई का हिस्सा बन सकें। मैं इन आरोपियों का समाना नहीं करना चाहती हू, बार-बार कोर्ट आना और रेप के आरोपियों से सामना मुश्किल भरा होता जा रहा है। अब उसकी परीक्षाएं खत्म हो रही हैं तो जनवरी से इंटर्नशिप एकेडमिक और फील्ड के लिए समय देगी और कोर्ट में बहुत समय लग रहा है। बीएचयू के आईआईटी कैंपस में उपयुक्त साधन और संसाधन उपलब्ध हैं, जो उसके कोर्ट की परेशानियों को कम करेंगे। हालांकि जज ने उस साफ्टवेयर को अस्वीकारते हुए कोर्ट परिसर के विशेष Vulnerable Witness Room से वर्चुअल पेशी और जिरह की अनुमति दी। तय किया कि पहले कमरे में चारों तरफ कैमरा घुमाकर कोर्ट यह देखेगा कि पीड़िता के अलावा उस कमरे में अन्य कोई व्यक्ति तो नहीं है।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर