मेरे पति को गलत तरीके से फंसाया गया है। उनके मोबाइल से किसी और ने इनफॉर्मेशन लीक की। मई 2024 में हम लोग पुणे घूमने गए थे। वहां विकास का मोबाइल खो गया था। ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज कराई, इस मामले की जांच ठीक से होनी चाहिए। ये कहना है कानपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री (OFC) के जूनियर वर्क्स मैनेजर कुमार विकास की पत्नी रीना का। जिन्हें ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के सीक्रेट डॉक्यूमेंट ISI तक पहुंचाने के आरोप में अरेस्ट किया गया है। ये मामला हनी ट्रेप से जुड़ा है, जिसमें 13 मार्च को फिरोजाबाद के हजरतपुर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के चार्जमैन रविंद्र कुमार को भी पकड़ा गया था। दोनों अरेस्टिंग में 2 बात कॉमन हैं… विकास की अरेस्टिंग के बाद दैनिक भास्कर डिजिटल ऐप की टीम कानपुर के नारामऊ स्थित न्यू हाईवे सिटी में पहुंची। पड़ोसियों से बातचीत करके पता चला कि सिर्फ डेढ़ साल पहले विकास अपने परिवार के साथ यहां रहने आए हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… यह नई बसी हुई सोसाइटी है, कुछ लोगों ने विकास के घर के बारे में हमें बताया। इसका कंस्ट्रक्शन अधूरा दिखा। लगा कि विकास जल्दबाजी में यहां शिफ्ट हुआ होगा। विकास के परिवार में पिता, पत्नी, बेटा-बेटी हैं। हमनें गेट पर डोर बेल बजाई। करीब 10 मिनट तक कोई बाहर नहीं आया। फिर एक महिला दरवाजा खोलकर बाहर आई। घबराई आवाज में पूछा- बताइए… क्या हुआ है? हमने अपना परिचय दिया, इसके बाद बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। सवाल: विकास कैसे पकड़ गए, उस दिन क्या हुआ था?
रीना: वो मंगलवार सुबह घर से निकले थे। कहा कि ऑफिस जा रहा हूं। शाम को करीब 6 बजे ऑफिस से घर भी आ गए। ड्राइंग रूम में बच्चों के साथ बैठे बात कर रहे थे। तभी 3-4 लोग गेट पर आए। गेट खोलने के साथ वह लोग धड़धड़ाते हुए अंदर आ गए। कहा कि हम लोग ATS से हैं। विकास से पूछताछ करने लगे। फिर बोले कि आपको हमारे साथ चलना है, कुछ सवाल करने हैं। सवाल: क्या इसके बाद ATS की टीम आपके घर से चली गई?
रीना: नहीं, उन्होंने विकास के कमरे और वो जिस डेस्क पर काम करते थे। वहां की तलाशी ली। घर से बाहर जाने से पहले सादे कागज पर दस्तखत कराए। कहा कि इसमें हम लिख देंगे कि तलाशी के दौरान कुछ नहीं मिला। सवाल: तो क्या उन्हें कुछ मिला, कोई डॉक्यूमेंट या कुछ और संदिग्ध वस्तु?
रीना: नहीं उन्हें कुछ नहीं मिला। पिता बोले- बेटा जासूस होता तो यह सब कर्जे पर न खरीदना पड़ता
घर में कुमार विकास के पिता अशोक कुमार भी मौजूद थे। उन्होंने कहा- यह जो कुछ भी आप देख रहे हैं। यह सब कुछ लोन पर है। बेटे ने जमीन लोन लेकर खरीदी। घर बनाने के लिए बैंक से लोन लिया। कार भी कर्ज लेकर खरीदी। अगर वह ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के डॉक्यूमेंट को पाकिस्तान भेज रहा होता, तो उसको अच्छा पैसा भी मिल रहा होता। तब फिर यह लोन पर नहीं लेना पड़ता। मैं यही कहूंगा कि मेरे बेटे को फंसा दिया गया है। इसके पीछे कोई साजिश है। पूरे मामले की जांच होगी, तो सच्चाई सामने आ जाएगी। पड़ोसी बोले- विकास को देखकर कभी ऐसा लगा नहीं
इसके बाद भास्कर टीम ने पड़ोसियों से भी बात की। ज्यादातर घर के दरवाजे सिर्फ यही जानकर बंद हो गए कि हम कुमार विकास की अरेस्टिंग पर बात करना चाहते है। बड़ी मुश्किल से एक पड़ोसी बात करने के लिए तैयार हुए। पड़ोसी राजवीर सिंह ने कहा- विकास को देखकर कभी ऐसा लगा नहीं। कभी कभार वह हमारी परचून की दुकान पर आते थे। उनके बच्चे भी आते रहते थे। अच्छा परिवार है। बहुत सीधे और सज्जन लोग हैं। एक या दो साल पहले ही ये परिवार यहां आकर रहने लगी है। अब ATS का एक्शन पढ़िए… 77 दिन से नेहा से चैट कर रहा था विकास
19 मार्च, 2025 को ATS ने कुमार विकास को अरेस्ट किया है। वह कानपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के जूनियर वर्क्स मैनेजर हैं। यह 7 दिन में दूसरी अरेस्टिंग किसी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से की गई। इससे पहले फिरोजाबाद के हजरतपुर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के चार्जमैन रविंद्र कुमार को पकड़ा गया था। कुमार विकास भी फेसबुक पर नेहा शर्मा की ID से संपर्क में आए। ATS की जांच में सामने आया कि कुमार विकास 77 दिनों तक पाकिस्तानी एजेंट को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का डेटा भेज रहा है। तोप के गोलों के हार्डवेयर के उत्पादन, कर्मचारियों की उपस्थिति, सारंग और धनुष सहित अन्य टैंकों की बैरल के फोटो पाकिस्तानी एजेंट तक आसानी से पहुंचाता रहा। अब 13 मार्च को आगरा में हुई अरेस्टिंग जानिए… 8 महीने से रवींद्र गोपनीय रिकॉर्ड पाकिस्तान भेज रहा था
ATS के मुताबिक, जून 2024 में ISI की एजेंट ने नेहा शर्मा नाम की आईडी से रवींद्र कुमार को फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी। फिर मैसेंजर पर उसे मैसेज किए और खुद को इसरो का साइंटिस्ट बताया। रवींद्र ने भी खुद को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में अधिकारी पद पर तैनात बताया। दोनों ने एक-दूसरे को नंबर भेजे, जिसके बाद मैसेज और वॉयस कॉल शुरू हो गईं। रवींद्र ने स्वीकार किया कि हमारे बीच आपत्तिजनक बातें होने लगीं। एजेंट ने उसकी न्यूड वीडियो भी बनाई और उसे ब्लैकमेल करने लगी। आठ महीनों में उसने कई गोपनीय रिकॉर्ड मुझसे मांगे। ATS को उसके मोबाइल से ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की डेली रिपोर्ट मिली। साथ ही, ड्रोन, गगनयान प्रोजेक्ट और अन्य कई गोपनीय जानकारियां, स्क्रीनिंग कमेटी का कॉन्फिडेंशियल लेटर भी बरामद हुआ। ATS के ADG नीलाब्जा चौधरी ने कहा- नेहा शर्मा नाम की आईडी पाकिस्तान से ऑपरेट हो रही थी। ————————- ये भी पढ़ें: बिजनेसमैन से रिश्वत मांगने पर IAS अभिषेक प्रकाश सस्पेंड:लखनऊ में करीबी बाबू गिरफ्तार; 5% कमीशन के लिए सोलर प्रोजेक्ट की फाइल रोकी थी यूपी के सीनियर IAS अधिकारी अभिषेक प्रकाश को सस्पेंड कर दिया गया है। गुरुवार को उनके करीबी बाबू निकांत जैन को STF ने गिरफ्तार किया है। निकांत जैन के खिलाफ लखनऊ के गोमती नगर थाने में केस दर्ज हुआ है। IAS अभिषेक प्रकाश ने सोलर इंडस्ट्री प्रोजेक्ट की मंजूरी के लिए बिजनेसमैन से 5 फीसदी कमीशन मांगा था। कमीशन न मिलने पर प्रोजेक्ट की फाइल रोक दी। अभिषेक प्रकाश ने कमीशन निकांत जैन के जरिए बिजनेसमैन से डिमांड की थी। (पढ़ें पूरी खबर) मेरे पति को गलत तरीके से फंसाया गया है। उनके मोबाइल से किसी और ने इनफॉर्मेशन लीक की। मई 2024 में हम लोग पुणे घूमने गए थे। वहां विकास का मोबाइल खो गया था। ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज कराई, इस मामले की जांच ठीक से होनी चाहिए। ये कहना है कानपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री (OFC) के जूनियर वर्क्स मैनेजर कुमार विकास की पत्नी रीना का। जिन्हें ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के सीक्रेट डॉक्यूमेंट ISI तक पहुंचाने के आरोप में अरेस्ट किया गया है। ये मामला हनी ट्रेप से जुड़ा है, जिसमें 13 मार्च को फिरोजाबाद के हजरतपुर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के चार्जमैन रविंद्र कुमार को भी पकड़ा गया था। दोनों अरेस्टिंग में 2 बात कॉमन हैं… विकास की अरेस्टिंग के बाद दैनिक भास्कर डिजिटल ऐप की टीम कानपुर के नारामऊ स्थित न्यू हाईवे सिटी में पहुंची। पड़ोसियों से बातचीत करके पता चला कि सिर्फ डेढ़ साल पहले विकास अपने परिवार के साथ यहां रहने आए हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… यह नई बसी हुई सोसाइटी है, कुछ लोगों ने विकास के घर के बारे में हमें बताया। इसका कंस्ट्रक्शन अधूरा दिखा। लगा कि विकास जल्दबाजी में यहां शिफ्ट हुआ होगा। विकास के परिवार में पिता, पत्नी, बेटा-बेटी हैं। हमनें गेट पर डोर बेल बजाई। करीब 10 मिनट तक कोई बाहर नहीं आया। फिर एक महिला दरवाजा खोलकर बाहर आई। घबराई आवाज में पूछा- बताइए… क्या हुआ है? हमने अपना परिचय दिया, इसके बाद बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। सवाल: विकास कैसे पकड़ गए, उस दिन क्या हुआ था?
रीना: वो मंगलवार सुबह घर से निकले थे। कहा कि ऑफिस जा रहा हूं। शाम को करीब 6 बजे ऑफिस से घर भी आ गए। ड्राइंग रूम में बच्चों के साथ बैठे बात कर रहे थे। तभी 3-4 लोग गेट पर आए। गेट खोलने के साथ वह लोग धड़धड़ाते हुए अंदर आ गए। कहा कि हम लोग ATS से हैं। विकास से पूछताछ करने लगे। फिर बोले कि आपको हमारे साथ चलना है, कुछ सवाल करने हैं। सवाल: क्या इसके बाद ATS की टीम आपके घर से चली गई?
रीना: नहीं, उन्होंने विकास के कमरे और वो जिस डेस्क पर काम करते थे। वहां की तलाशी ली। घर से बाहर जाने से पहले सादे कागज पर दस्तखत कराए। कहा कि इसमें हम लिख देंगे कि तलाशी के दौरान कुछ नहीं मिला। सवाल: तो क्या उन्हें कुछ मिला, कोई डॉक्यूमेंट या कुछ और संदिग्ध वस्तु?
रीना: नहीं उन्हें कुछ नहीं मिला। पिता बोले- बेटा जासूस होता तो यह सब कर्जे पर न खरीदना पड़ता
घर में कुमार विकास के पिता अशोक कुमार भी मौजूद थे। उन्होंने कहा- यह जो कुछ भी आप देख रहे हैं। यह सब कुछ लोन पर है। बेटे ने जमीन लोन लेकर खरीदी। घर बनाने के लिए बैंक से लोन लिया। कार भी कर्ज लेकर खरीदी। अगर वह ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के डॉक्यूमेंट को पाकिस्तान भेज रहा होता, तो उसको अच्छा पैसा भी मिल रहा होता। तब फिर यह लोन पर नहीं लेना पड़ता। मैं यही कहूंगा कि मेरे बेटे को फंसा दिया गया है। इसके पीछे कोई साजिश है। पूरे मामले की जांच होगी, तो सच्चाई सामने आ जाएगी। पड़ोसी बोले- विकास को देखकर कभी ऐसा लगा नहीं
इसके बाद भास्कर टीम ने पड़ोसियों से भी बात की। ज्यादातर घर के दरवाजे सिर्फ यही जानकर बंद हो गए कि हम कुमार विकास की अरेस्टिंग पर बात करना चाहते है। बड़ी मुश्किल से एक पड़ोसी बात करने के लिए तैयार हुए। पड़ोसी राजवीर सिंह ने कहा- विकास को देखकर कभी ऐसा लगा नहीं। कभी कभार वह हमारी परचून की दुकान पर आते थे। उनके बच्चे भी आते रहते थे। अच्छा परिवार है। बहुत सीधे और सज्जन लोग हैं। एक या दो साल पहले ही ये परिवार यहां आकर रहने लगी है। अब ATS का एक्शन पढ़िए… 77 दिन से नेहा से चैट कर रहा था विकास
19 मार्च, 2025 को ATS ने कुमार विकास को अरेस्ट किया है। वह कानपुर ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के जूनियर वर्क्स मैनेजर हैं। यह 7 दिन में दूसरी अरेस्टिंग किसी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से की गई। इससे पहले फिरोजाबाद के हजरतपुर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के चार्जमैन रविंद्र कुमार को पकड़ा गया था। कुमार विकास भी फेसबुक पर नेहा शर्मा की ID से संपर्क में आए। ATS की जांच में सामने आया कि कुमार विकास 77 दिनों तक पाकिस्तानी एजेंट को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री का डेटा भेज रहा है। तोप के गोलों के हार्डवेयर के उत्पादन, कर्मचारियों की उपस्थिति, सारंग और धनुष सहित अन्य टैंकों की बैरल के फोटो पाकिस्तानी एजेंट तक आसानी से पहुंचाता रहा। अब 13 मार्च को आगरा में हुई अरेस्टिंग जानिए… 8 महीने से रवींद्र गोपनीय रिकॉर्ड पाकिस्तान भेज रहा था
ATS के मुताबिक, जून 2024 में ISI की एजेंट ने नेहा शर्मा नाम की आईडी से रवींद्र कुमार को फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी। फिर मैसेंजर पर उसे मैसेज किए और खुद को इसरो का साइंटिस्ट बताया। रवींद्र ने भी खुद को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में अधिकारी पद पर तैनात बताया। दोनों ने एक-दूसरे को नंबर भेजे, जिसके बाद मैसेज और वॉयस कॉल शुरू हो गईं। रवींद्र ने स्वीकार किया कि हमारे बीच आपत्तिजनक बातें होने लगीं। एजेंट ने उसकी न्यूड वीडियो भी बनाई और उसे ब्लैकमेल करने लगी। आठ महीनों में उसने कई गोपनीय रिकॉर्ड मुझसे मांगे। ATS को उसके मोबाइल से ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की डेली रिपोर्ट मिली। साथ ही, ड्रोन, गगनयान प्रोजेक्ट और अन्य कई गोपनीय जानकारियां, स्क्रीनिंग कमेटी का कॉन्फिडेंशियल लेटर भी बरामद हुआ। ATS के ADG नीलाब्जा चौधरी ने कहा- नेहा शर्मा नाम की आईडी पाकिस्तान से ऑपरेट हो रही थी। ————————- ये भी पढ़ें: बिजनेसमैन से रिश्वत मांगने पर IAS अभिषेक प्रकाश सस्पेंड:लखनऊ में करीबी बाबू गिरफ्तार; 5% कमीशन के लिए सोलर प्रोजेक्ट की फाइल रोकी थी यूपी के सीनियर IAS अधिकारी अभिषेक प्रकाश को सस्पेंड कर दिया गया है। गुरुवार को उनके करीबी बाबू निकांत जैन को STF ने गिरफ्तार किया है। निकांत जैन के खिलाफ लखनऊ के गोमती नगर थाने में केस दर्ज हुआ है। IAS अभिषेक प्रकाश ने सोलर इंडस्ट्री प्रोजेक्ट की मंजूरी के लिए बिजनेसमैन से 5 फीसदी कमीशन मांगा था। कमीशन न मिलने पर प्रोजेक्ट की फाइल रोक दी। अभिषेक प्रकाश ने कमीशन निकांत जैन के जरिए बिजनेसमैन से डिमांड की थी। (पढ़ें पूरी खबर) उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
ISI एजेंट ने पति को हनीट्रैप में फंसाया:कानपुर में पत्नी बोली-विकास के खिलाफ साजिश; ATS ने कहा- 77 दिन तक सीक्रेट डॉक्यूमेंट भेजा
