<p style=”text-align: justify;”><strong>Jalna Road Accident:</strong> महाराष्ट्र के जालना में मुंबई नागपुर समृद्धि महामार्ग पर बड़ा हादसा हुआ है. दो कारों की टक्कर में 6 से 7 लोगों की मौत की सूचना मिली है. वहीं, इस घटना में 4 से 5 लोग गंभीर जख्मी बताए जा रहे हैं. हादसा बीती रात (शुक्रवार 18 जून) देर रात करीब 11.00 बजे हुआ.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”उद्धव ठाकरे ने बजट को बताया ‘झूठी कहानी’, देवेंद्र फडणवीस बोले- ‘उन्हें बजट समझ नहीं आता…'” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-budget-2024-devendra-fadnavis-claims-uddhav-thackeray-does-not-understand-budget-2725834″ target=”_blank” rel=”noopener”>उद्धव ठाकरे ने बजट को बताया ‘झूठी कहानी’, देवेंद्र फडणवीस बोले- ‘उन्हें बजट समझ नहीं आता…'</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”> </p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Jalna Road Accident:</strong> महाराष्ट्र के जालना में मुंबई नागपुर समृद्धि महामार्ग पर बड़ा हादसा हुआ है. दो कारों की टक्कर में 6 से 7 लोगों की मौत की सूचना मिली है. वहीं, इस घटना में 4 से 5 लोग गंभीर जख्मी बताए जा रहे हैं. हादसा बीती रात (शुक्रवार 18 जून) देर रात करीब 11.00 बजे हुआ.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”उद्धव ठाकरे ने बजट को बताया ‘झूठी कहानी’, देवेंद्र फडणवीस बोले- ‘उन्हें बजट समझ नहीं आता…'” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/maharashtra-budget-2024-devendra-fadnavis-claims-uddhav-thackeray-does-not-understand-budget-2725834″ target=”_blank” rel=”noopener”>उद्धव ठाकरे ने बजट को बताया ‘झूठी कहानी’, देवेंद्र फडणवीस बोले- ‘उन्हें बजट समझ नहीं आता…'</a></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”> </p> महाराष्ट्र दिल्ली में भारी बारिश के बीच कई स्थानों पर बिजली बाधित, घंटों करना पड़ा इंतजार
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बठिंडा में पत्नी की गला घोटकर हत्या:अवैध संबंधों का करती थी विरोध, आत्महत्या का रुप देने की कोशिश, की थी लव मैरिज बठिंडा के भुच्चो मंडी में एक व्यक्ति ने अपनी मां और प्रेमिका के साथ मिलकर अपनी 33 वर्षीय पत्नी की गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या करने के बाद उसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई। हत्या करने की वजह यह है कि मृतक पत्नी उसके अवैध संबंधों का विरोध कर रही थी। थाना नथाना पुलिस ने मृतक विवाहिता के पिता की शिकायत पर आरोपित पति, सास व कथित प्रेमिका के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन आरोपित लोगों की गिरफ्तारी होनी अभी बाकी है। दहेज के लिए की जाती थी मारपीट पुलिस को शिकायत देकर भुच्चो मंडी के वार्ड 6 निवासी राज कुमार उर्फ राजू ने बताया कि उसकी 33 वर्षीय बेटी ममता बांसल ने 10 साल पहले 2014 में आरोपी नरेश बांसल के साथ लव मैरिज की थी। यह इंटरकास्ट मैरिज थी। उसकी बेटी के 3 बच्चे है। पीड़ित के अनुसार, शादी के कुछ समय बाद ही उसके दामाद नरेश बांसल व उसकी मां सत्या देवी ने उसकी बेटी को दहेज नहीं लेकर आने के लिए परेशान करना शुरू कर दिया और उसे हर बार जातिसूचक शब्दों से बुलाया जाता था, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी का घर बसाने के लिए समय-समय पर वह अपने दामाद व उसकी मां की डिमांड को पूरा करते रहे। आरोप है कि ससुराल वालों द्वारा मृतका ममता बांसल करे मारपीट कर घर से बाहर भी निकाला दिया था, लेकिन बाद में पंचायती समझौता कर वापस लेकर चले जाते थे। गांव की महिला से अवैध संबंध उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले उनकी बेटी ममता बांसल को पता चला कि उसके पति नरेश बांसल का गांव पूहली निवासी एक विवाहिता महिला सुखप्रीत कौर उर्फ अमन के साथ अवैध संबंध है। उसका पति व उसकी सास सत्या देवी उसकी बेटी को घर से बाहर निकालकर नरेश बांसल की शादी उक्त महिला से करवाना चाहती थी। जिसका उनकी बेटी ममता बांसल विरोध करती थी। इसी बात को लेकर बीती 18 सितंबर को उसकी बेटी से उसके दामाद व उसकी मां ने मिलकर मारपीट की। जिसके बारे में उनकी बेटी ने फोन कर यह बात अपनी मां को बताई। गला घोटकर हत्या करने का आरोप जिसके बाद 20 सितंबर की सुबह अपनी बेटी से मिलने के लिए उसके ससुराल पहुंचा, ताे घर पर ताला लगा हुआ था। जिसके बाद उसे पुलिस चौकी से फोन आया कि उनकी बेटी बठिंडा के सिविल अस्पताल में दाखिल है, जब वह बठिंडा पहुंचे, तो देखा कि उनकी बेटी की मौत हो चकी थी। उसके गले पर रस्सी के निशान थे। उन्होंने बताया कि आरोपी नरेश बांसल, उसकी मां सत्या देवी और प्रेमिका सुखप्रीत कौर ने मिलकर उसकी बेटी का गला घोटकर उसकी हत्या कर दी और उसे आत्महत्या बताने की कोशिश की। मामले की जांच कर रहे सब इंस्पेक्टर अजयपाल सिंह ने बताया कि मृतक विवाहिता के पिता के बयानों पर आरोपी पति, सास समेत तीन लोगों पर मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम छापेमारी कर रही है, जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
‘1965 की जंग में लगी थी 9 गोलियां’:रिकवरी के लिए स्वीमिंग शुरू की; ओलिंपिक में जीता पहला गोल्ड, जीवनी पर बनी मूवी चंदू चैंपियन
‘1965 की जंग में लगी थी 9 गोलियां’:रिकवरी के लिए स्वीमिंग शुरू की; ओलिंपिक में जीता पहला गोल्ड, जीवनी पर बनी मूवी चंदू चैंपियन ‘मैं पहले बहुत अच्छा हॉकी खेलता था। हॉकी खेलने के बाद बॉक्सिंग खेलने लगा। इसके बाद मैंने स्विमिंग करनी शुरू की। साल 1968 से 1982 तक बहुत सारे मेडल मिले। इस दौरान जनरल चैंपियनशिप और कॉमनवेल्थ गेम्स जैसे कई इंटरनेशनल इवेंट्स में भी शिरकत किया।’ ‘1972 में नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर गोल्ड मेडल जीता। अब गांव में रहकर बच्चों को ट्रेनिंग देता हूं। दिव्यांग बच्चों को भी ट्रेनिंग देता हूं। इसके लिए एक छोटी सी एकेडमी भी बनाई है।’ – ये कहना है, पैरा ओलिंपिक में देश को पहला गोल्ड दिलाने वाले मुरलीकांत पेटकर का। इनकी जीवनी पर चंदू चैंपियन फिल्म भी बन चुकी है। डॉ.शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में 11वें बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे पेटकर से दैनिक भास्कर ने एक्सक्लूसिव बातचीत की। सवाल: बचपन से लेकर अब 84 साल की उम्र तक के अपने सफर को कैसे देखते हैं? जवाब: 11 साल की उम्र से आर्मी की बॉयज बटालियन में भर्ती हुआ था। 1965 की लड़ाई में मुझे 9 गोली लगी। रिकवरी तो नहीं हुई, पर डॉक्टर और फिजियोथेरेपिस्ट ने बोला कि स्विमिंग करोगे तो ठीक हो जाएगा। ट्रीटमेंट के लिए स्विमिंग शुरू किया, फिर प्रैक्टिस के साथ अच्छा हो गया। रेसलिंग में पहला मेडल जीतने वाले खिलाड़ी से मुझे प्रेरणा मिली। मेडल मिलने के बाद उसके लिए सभी ने जश्न मनाया था। तभी से ये लक्ष्य बना लिया था कि आगे चलकर मुझे भी मेडल जीतना है। सवाल: आप पद्मश्री से नवाजे गए, आप पर फिल्म भी बनी। जहां कहीं भी जाते हैं, सम्मान मिलता है। कैसा लगता है? जवाब: मुझे पहले से ही सम्मान मिलता रहा है। 1965 की जंग में भाग लेने के बाद से लोगों से सम्मान मिलना शुरू हो गया। फिर 1972 के पैरा ओलिंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के बाद ये और भी बढ़ गया। सवाल: सामान्य खिलाड़ी और दिव्यांग खिलाड़ी में आप क्या अंतर महसूस करते हैं? जवाब – दिव्यांगों सामान्य लोगों से ज्यादा मेहनती होते हैं। दिव्यांग कभी लाचार नही होते हैं, उनको बस काम देने की जरूरत हैं। आप उन्हें काम दे दो, वो कभी भीख नही मानेंगे। मैंने देखा हैं कि दिव्यांग खिलाड़ी सामान्य खिलाड़ी से ज्यादा मेडल लेकर आते हैं। इसलिए भविष्य अच्छा ही रहेगा। सवाल – भारत में पैरा ओलिंपिक का क्या भविष्य देखते हैं? सवाल: पहले पैरा ओलिंपिक खेल के बारे कोई ज्यादा नहीं जानता था। इसकी शुरुआत मैंने और विजय मर्चेंट ने की। बाद में दीपा मलिक को भी गोल्ड मेडल मिला। मौजूदा समय की पैरा ओलिंपिक कमेटी बहुत स्ट्रांग हैं। पैरा ओलिंपिक में जाने से पहले दिव्यांग खिलाड़ियों को मेरी फिल्म चंदू चैंपियन दिखाई गई। इसे खिलाड़ी देखकर भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि आपने कभी हार नहीं मानी तो हम भी हार नहीं मानेंगे। गोल्ड मेडल और मेडल लेकर ही लौटेंगे। सवाल: 1965 की जंग में गंभीर रूप से जख्मी होने के बाद आपने कैसे वापसी की? जवाब: साल 1965 की जंग में 9 गोली लगने के बाद मैं कोमा में चला गया था। लगभग 2 साल मैं कोमा में ही था। एक दिन अचानक मिलिट्री हॉस्पिटल में इलाज के दौरान जनरल साहब आए। वो जवानों का हालचाल लेने पहुंचे थे। इस बीच अचानक बेड से गिरने के बाद मुझे होश आ गया। मुझे लगा कि मैं पाकिस्तान में हूं। मैंने सामने जनरल साहब को जकड़ लिया। मैंने उनसे और साथ में रहे डॉक्टर से आइडेंटिटी कार्ड मांगा। मौके पर दोनों के पास आई कार्ड नहीं था। इसलिए मैंने उन्हें छोड़ा नहीं। संयोगवश मौके पर मौजूद नर्स ने मुझे आई कार्ड दिखाया। उसमें इंडियन मिलिट्री हॉस्पिटल लिखा था। तब जाकर यकीन हुआ कि मैं भारत में हूं। तब जाकर उनको मैंने आजाद किया। जंग के दौरान एक गोली रीढ़ में धंस गई थी, जिससे कमर के निचले हिस्से पर असर हुआ। मैंने जीवन मे कुछ कर गुजरने का जज्बा जिंदा रखा। खुद को फिट रखने के लिए खेलना शुरू किया। अब जानें क्यों बेहद खास हैं पद्मश्री मुरली कांत राजाराम पेटकर
पद्मश्री मुरली कांत राजाराम पेटकर भारत के पहले पैरा ओलिंपिक के गोल्ड मेडलिस्ट हैं। 1972 के जर्मनी पैरा ओलिंपिक गेम्स में उन्हें 50 मीटर फ्री स्टाइल स्विमिंग में गोल्ड मेडल मिला था। वे महाराष्ट्र के सांगली जिले के रहने वाले हैं। इनका जन्म इस्लामपुर गांव में 1 नवंबर 1944 को हुआ। स्विमिंग के साथ जेवलिन थ्रो में भी उन्होंने हाथ आजमाए। इंडियन आर्मी में सर्विस के दौरान पेटकर ने साल 1965 के पाकिस्तान के खिलाफ जंग का हिस्सा रहे। इस दौरान उन्हें 9 गोलियां लगी थी। उनके शरीर को कार से कुचल दिया गया था। इस कारण शरीर का कुछ हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया। फिजियो की सलाह पर उन्होंने रिकवरी के लिए स्विमिंग शुरू की और फिर कभी पलट कर नहीं देखा। 2018 में उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने पद्मश्री से सम्मानित किया। यह भी पढ़ें राज्यपाल बोलीं- जाति में बटिए मत, फंसिए मत:बिचौलिए जहां भी हों दूर कीजिए; चंदू चैंपियन फिल्म जरूर देखें राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने लखनऊ में कहा- जाति में बटिए मत, फसिए मत। बिचौलिए जहां भी हों, दूर कीजिए। शिक्षा ही सिर्फ एक ऐसा माध्यम है, जो आपको जाति में बटने से बचाएगा। संस्कार और हमारी परंपराएं ही हमारे लिए सब कुछ हैं। इसलिए बटिए मत। राज्यपाल ने कहा- आत्मविश्वास ही सबसे बड़ी ताकत होती है। हिम्मत से सब कुछ हांसिल किया जा सकता है। राज्यपाल लखनऊ के शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बोल रही थीं। राज्यपाल ने 130 मेधावियों को मेडल भी दिए। पढ़ें पूरी खबर…
जेल गए सपा विधायक विवादित बयानों से बटोरते रहे सुर्खियां:रफीक अंसारी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत, आज बेल के लिए अपील करेंगे वकील
जेल गए सपा विधायक विवादित बयानों से बटोरते रहे सुर्खियां:रफीक अंसारी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत, आज बेल के लिए अपील करेंगे वकील मेरठ में समाजवादी पार्टी से शहर विधायक रफीक अंसारी को कोर्ट ने फिलहाल 14 दिन यानि 5 जून 2024 तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। 1995 से लंबित चले आ रहे मामले में कोर्ट में पेश न होने पर विधायक पर 100 से अधिक एनबीडब्लू वारंट जारी थे। इसके चलते हाईकोर्ट ने विधायक को अरेस्ट करने का आदेश दिया था। वहीं सपा विधायक और पूर्व मे ंदर्जा प्राप्त मंत्री रहे रफीक अंसारी अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में रहे हैं। 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान विधायक ने चुनावी सभा में कहा था कि भाजपा की सरकार ने हिंदूगर्दी मचा रखी है। यह बयान सुर्खियों में रहा था। बता दें कि पुलिस सोमवार को विधायक को लखनऊ से लौटते वक्त बाराबंकी के पास से अरेस्ट करके देर शाम मेरठ लाई। मेरठ में एसीजेएम प्रथम-एमपीएम/एलए की कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने विधायक की बेल खारिज करते हुए फिलहाल 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
रफीक अंसारी के वो विवादित बयान जो चर्चाओं में रहे…. इस सरकार ने हिंदूगर्दी मचा रखी है
1 फरवरी 2022 को भी रफीक अंसारी का एक विवादित वीडियो सामने आया था। चुनावी सभा के दौरान का यह वीडियो था। जिसमें रफीक अंसारी ने जनता से कहा कि हिंदूगर्दी मचा रखी है’मेरठ का मुसलमान कभी दबा नहीं है। विधायक ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस सरकार ने पिछले पांच सालों में पूरी हिंदूगर्दी मचाई है। पांच सालों में सरकार ने मुसलमानों को दबाने का काम किया है। हर थाने में हिंदूगर्दी है। ये सरकार बन गई तो ये गुंडा, बदमाश हो जाएगा। इस सरकार ने मुसलमान को दबाने, कुचलने का काम किया है। मगर इस सरकार से लड़ने की ताकत हमारे पास नहीं हैं। किसी में हिम्मत नहीं मेरी तरफ देख ले
7 फरवरी 2022 को विधानसभा चुनाव के दौरान रफीक अंसारी ने एक वीडियो जारी किया था। वीडियो में वो कह रहे थे कि गिराओ मेरा मकान गिराओ, मैं किसी से डरता नहीं हूं। आगे कहा था कि मैं मीट माफिया नहीं हूं, शराब माफिया नहीं हूं। सरकार में हिम्मत नहीं है कि मेरी तरफ देख ले। वीडियो में रफीक कह रहे हैं कि आपकी ताकत मेरे पीछे है। अपनी ईमानदारी की सफाई देते हुए रफीक कह रहे हैं कि बताओ कहां है मेरा मकान, गिराओ मेरी बिल्डिंग, सरकार में हिम्मत नहीं है जो मेरी तरफ आंख उठाकर देख ले कहते हुए नजर आ रहे हैं। मेरे पास मकान नहीं है, बिल्डिंग नहीं है जो सरकार उसे गिराए। मैं शराब माफिया थोड़े हूं जो मेरा कारोबार बंद कर देंगे। मेरे पास कुछ नहीं है। इस वीडियो के सामने आने के बाद कुरैशी बिरादरी ने नाराजगी जताई थी। अब विधायक की अरेस्टिंग और जेल जाने का घटनाक्रम पढ़िए.. 40 मिनट तक कोर्ट में दोनो ंपक्षों को सुना गया
कोर्ट में पेश करने से पहले जिला अस्पताल में पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच विधायक का मेडिकल चैकअप कराया। कड़ी सुरक्षा में विधायक रफीक अंसारी को रात 8.50 पर एसीजेएम प्रथम-एमपीएम/एलए की कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। इस दौरान कोर्ट रूम के बाहर विधायक के समर्थक और सपा नेता नारेबाजी करते रहे। कोर्ट के बाहर भारी पुलिसबल तैनात किया गया। लगभग 40 मिनट तक कोर्ट में विधायक के मामले में सुनवाई चली। दो मुकदमों में हुई सुनवाई
अभियोजन पक्ष की तरफ से तर्क रखा गया कि 1995 से अब तक आरोपी न्यायालय में पेश नहीं हुए। रफीक अंसारी पर 1995 के नौचंदी थाने का 436 और 147 के मुकदमे और सिविल लाइन थाने का 307 के मुकदमे में सुनवाई की गई है। सुनवाई के बाद उनको न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया है। रफीक अंसारी के अधिवक्ता गगन राणा ने बताया कि पुलिस ने रफीक अंसारी को सन 1995 के मामले में गिरफ्तार करके लाई थी। इसके अलावा उनके खिलाफ एक मुकदमा थाना सिविल लाइन में धारा 307 का भी दर्ज था। यह मुकदमा रफीक अंसारी के पार्षद के दौरान का था जब कुछ पार्षदों में आपस में कहा सुनी हो गई थी तो उसके बाद अनिल कुमार पुत्र धनीराम ने थाना सिविल लाइन में रफीक अंसारी के खिलाफ 307 का मुकदमा दर्ज कराया था। एमपी एमएलए कोर्ट ने सुनवाई के दौरान स्वत: संज्ञान लेते हुए इस मुकदमे में भी सुनवाई कर दी।इस मुकदमे में भी अदालत ने जमानत खारिज करते हुए विधायक को जेल भेजने के आदेश दिए हैं। विधायक के वकील ने दिखाए हेल्थ सर्टिफिकेट
आरोपी विधायक की ओर से न्यायालय में उनके अधिवक्ता गगन राणा,फहीम, महेश शाक्य, वसीम राहुल व कपिल राज शर्मा उपस्थित रहे। विधायक के अधिवक्ता ने बेल खारिज होने के बाद न्यायालय से दरख्वास्त करते हुए बताया कि विधायक रफीक अंसारी दिल के मरीज हैं। हाल में उनके वॉल्व पड़े हैं। न्यायालय के सामने विधायक के हेल्थ सर्टिफिकेट भी दिखाए। उन्हें जेल ना भेजते हुए अस्पताल में भर्ती करने के लिए प्रार्थना की। जिस पर न्यायालय ने सुनवाई करते हुए जेल अधीक्षक मेरठ को आदेशित किया है कि वह जेल मैनुअल के अनुसार आवश्यक इलाज कराया जाना सुनिश्चित करें। विधायक बोले मुझे वारंट की जानकारी नहीं
कोर्ट में पेशी पर जाते वक्त विधायक ने कहा कि उन्हें कोर्ट के वारंट की कोई जानकारी नहीं है। कभी उन्हें वारंट की कोई सूचना नहीं मिली। उधर विधायक के वकील अमित कुमार दीक्षित ने भी कहा कि विधायक का नाम बाद में मुकदमे में शामिल हुआ। चार्जशीट लगी लेकिन उसकी जानकारी विधायक को कभी नहीं दी गई। आज दोबारा बेल अपील करेंगे विधायक के वकील
सपा विधायक के वकील आज दोबारा बेल के लिए एप्लीकेशन डालेंगे। आरोपी के अधिवक्ता ने कहा क्योंकि विधायक की बाईपास सर्जरी हुई है। इसलिए हम दोबारा उनकी जमानत के लिए आवेदन करेंगे। दोनों मुकदमे सेशन ट्रायल है इसलिए दोबारा बेल लगाएंगे।