<p style=”text-align: justify;”><strong>New Political Party in Jammu Kashmir:</strong> जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (Jamaat-e-Islami) के कई पूर्व सदस्यों ने एक नया राजनीतिक संगठन बनाने की घोषणा कर दी है. इस संगठन का नाम ‘जम्मू एंड कश्मीर जस्टिस एंड डेवलपमेंट फ्रंट’ रखा गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, रविवार (23 फरवरी) को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में कार्यकर्ताओं के सम्मेलन के दौरान इस नए दल की औपचारिक घोषणा की गई. दक्षिण कश्मीर को कभी जमात-ए-इस्लामी का गढ़ माना जाता था. इस सम्मेलन में शामिल पूर्व सदस्यों ने इस नए राजनीतिक संगठन के माध्यम से लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने और आगामी चुनावों में उतरने की मंशा जताई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>न्याय और विकास पर होगा जोर- शमीम अहमद</strong><br />सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए फ्रंट के अध्यक्ष शमीम अहमद ने कहा, “हमने एक नया आंदोलन शुरू किया है, जिसका उद्देश्य न्याय और विकास पर केंद्रित राजनीति को आगे बढ़ाना है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>एक अन्य पूर्व सदस्य सय्यर रेशी ने कहा कि यह फ्रंट ऐसी राजनीतिक व्यवस्था स्थापित करने के लिए काम करेगा, जो “न्याय और वास्तविक विकास के प्रयासों पर आधारित हो.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहले भी निर्दलीय लड़ चुके हैं चुनाव </strong><br />गौरतलब है कि कुछ पूर्व सदस्य पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे थे. अब, नए संगठन के गठन के साथ, यह देखना दिलचस्प होगा कि वे आगामी चुनावों में क्या रणनीति अपनाते हैं और जनता से कितना समर्थन प्राप्त करते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राजनीतिक माहौल पर असर </strong><br />जम्मू-कश्मीर में नया राजनीतिक दल बनने से यहां की राजनीति पर असर पड़ सकता है. अब देखना होगा कि यह संगठन मुख्यधारा की राजनीति में खुद को किस तरह स्थापित करता है और जनता का कितना समर्थन हासिल कर पाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/OrQW1ClBuQ4?si=db0bo5-WAXOKOfMS” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें – <a title=”जम्मू कश्मीर: पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती का विधानसभा अध्यक्ष पर निशाना, ‘स्पीकर की भूमिका…'” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/mehbooba-mufti-pdp-chief-on-role-of-speaker-abdul-rahim-rather-of-jammu-and-kashmir-assembly-2890809″ target=”_self”>जम्मू कश्मीर: पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती का विधानसभा अध्यक्ष पर निशाना, ‘स्पीकर की भूमिका…'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>New Political Party in Jammu Kashmir:</strong> जम्मू-कश्मीर में प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (Jamaat-e-Islami) के कई पूर्व सदस्यों ने एक नया राजनीतिक संगठन बनाने की घोषणा कर दी है. इस संगठन का नाम ‘जम्मू एंड कश्मीर जस्टिस एंड डेवलपमेंट फ्रंट’ रखा गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, रविवार (23 फरवरी) को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में कार्यकर्ताओं के सम्मेलन के दौरान इस नए दल की औपचारिक घोषणा की गई. दक्षिण कश्मीर को कभी जमात-ए-इस्लामी का गढ़ माना जाता था. इस सम्मेलन में शामिल पूर्व सदस्यों ने इस नए राजनीतिक संगठन के माध्यम से लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने और आगामी चुनावों में उतरने की मंशा जताई है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>न्याय और विकास पर होगा जोर- शमीम अहमद</strong><br />सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए फ्रंट के अध्यक्ष शमीम अहमद ने कहा, “हमने एक नया आंदोलन शुरू किया है, जिसका उद्देश्य न्याय और विकास पर केंद्रित राजनीति को आगे बढ़ाना है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>एक अन्य पूर्व सदस्य सय्यर रेशी ने कहा कि यह फ्रंट ऐसी राजनीतिक व्यवस्था स्थापित करने के लिए काम करेगा, जो “न्याय और वास्तविक विकास के प्रयासों पर आधारित हो.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पहले भी निर्दलीय लड़ चुके हैं चुनाव </strong><br />गौरतलब है कि कुछ पूर्व सदस्य पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरे थे. अब, नए संगठन के गठन के साथ, यह देखना दिलचस्प होगा कि वे आगामी चुनावों में क्या रणनीति अपनाते हैं और जनता से कितना समर्थन प्राप्त करते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राजनीतिक माहौल पर असर </strong><br />जम्मू-कश्मीर में नया राजनीतिक दल बनने से यहां की राजनीति पर असर पड़ सकता है. अब देखना होगा कि यह संगठन मुख्यधारा की राजनीति में खुद को किस तरह स्थापित करता है और जनता का कितना समर्थन हासिल कर पाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/OrQW1ClBuQ4?si=db0bo5-WAXOKOfMS” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
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Jammu Kashmir: प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के पूर्व सदस्यों की नई पार्टी, चुनाव आयोग से सिंबल की मांग
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