हाल ही में जेजेपी को छोड़ चुके फतेहाबाद के टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली को चुनाव आयोग की ओर से रिटर्निंग अधिकारी ने नोटिस जारी कर दिया है। बताया जा रहा है कि देवेंद्र बबली द्वारा अपने संगठन के बैनर तले चलाए जा रहे नेत्र जांच शिविर को लेकर यह नोटिस जारी किया गया है। 48 घंटे के भीतर मांगा गया जवाब जानकारी मिली है कि इस संबंध में एसडीएम कम रिटर्निंग अधिकारी प्रतीक हुड्डा के पास किसी ने शिकायत भेजी थी। जिसमें आरोप लगाया गया था कि राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से यह आंखों के कैंप लगाए जा रहे हैं। जो आचार संहिता का उल्लंघन है। देवेंद्र बबली से 48 घंटों के भीतर जवाब मांगा गया है और जवाब देने का अंतिम दिन 28 अगस्त ही है। रिटर्निंग अधिकारी को मिली शिकायत बता दें कि पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली ‘जागो दिशा सही सोच नई’ नाम से अपना गैर राजनीतिक संगठन चला रहे हैं। इसी संगठन से उन्होंने समाजसेवा करते करते राजनीति में कदम रखा था। अब पिछले कुछ माह से बदली राजनीतिक परिस्थितियों के बाद देवेंद्र बबली ने जेजेपी से किनारा कर लिया था। उन्होंने अपने संगठन के तहत निःशुल्क शिविर लगाने, खिलाड़ियों के लिए खेल किटों का प्रबंध करने व लोगों को तीर्थ यात्रा पर भेजने का कार्य शुरू किया हुआ था। अब चूंकि आचार संहिता लग चुकी है, तो इसको लेकर शिकायत भेजी गई है, जिस पर देवेंद्र बबली को नोटिस जारी हो गया है। कई महीनों से चला रहे शिविर- देवेंद्र बबली इस बारे में जब पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनका संगठन 15 सालों से जरूरतमंदों के लिए इस प्रकार के कार्य कर रहे हैं और अभी भी यह कार्य कई महीनों से चला रहे थे। यह तो चुनाव समय से पूर्व घोषित हो गए। साथ ही वे अभी तक किसी पार्टी से कैंडिडेट घोषित नहीं हुए हैं। देवेंद्र बोले- आरोप बेबुनियाद जो भी कार्य किए जा रहे हैं, यह उनके संगठन के बैनर तले हो रहे हैं। इससे जरूरतमंदों का भला ही हो रहा है। जिसको लेकर किसी विपक्षी ने उनके खिलाफ यह बेबुनियाद शिकायत मेल की थी, इसे लेकर जवाब भेज दिया गया है। यह कोई बड़ा मसला नहीं है। हाल ही में जेजेपी को छोड़ चुके फतेहाबाद के टोहाना से विधायक देवेंद्र बबली को चुनाव आयोग की ओर से रिटर्निंग अधिकारी ने नोटिस जारी कर दिया है। बताया जा रहा है कि देवेंद्र बबली द्वारा अपने संगठन के बैनर तले चलाए जा रहे नेत्र जांच शिविर को लेकर यह नोटिस जारी किया गया है। 48 घंटे के भीतर मांगा गया जवाब जानकारी मिली है कि इस संबंध में एसडीएम कम रिटर्निंग अधिकारी प्रतीक हुड्डा के पास किसी ने शिकायत भेजी थी। जिसमें आरोप लगाया गया था कि राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से यह आंखों के कैंप लगाए जा रहे हैं। जो आचार संहिता का उल्लंघन है। देवेंद्र बबली से 48 घंटों के भीतर जवाब मांगा गया है और जवाब देने का अंतिम दिन 28 अगस्त ही है। रिटर्निंग अधिकारी को मिली शिकायत बता दें कि पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली ‘जागो दिशा सही सोच नई’ नाम से अपना गैर राजनीतिक संगठन चला रहे हैं। इसी संगठन से उन्होंने समाजसेवा करते करते राजनीति में कदम रखा था। अब पिछले कुछ माह से बदली राजनीतिक परिस्थितियों के बाद देवेंद्र बबली ने जेजेपी से किनारा कर लिया था। उन्होंने अपने संगठन के तहत निःशुल्क शिविर लगाने, खिलाड़ियों के लिए खेल किटों का प्रबंध करने व लोगों को तीर्थ यात्रा पर भेजने का कार्य शुरू किया हुआ था। अब चूंकि आचार संहिता लग चुकी है, तो इसको लेकर शिकायत भेजी गई है, जिस पर देवेंद्र बबली को नोटिस जारी हो गया है। कई महीनों से चला रहे शिविर- देवेंद्र बबली इस बारे में जब पूर्व मंत्री देवेंद्र बबली से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उनका संगठन 15 सालों से जरूरतमंदों के लिए इस प्रकार के कार्य कर रहे हैं और अभी भी यह कार्य कई महीनों से चला रहे थे। यह तो चुनाव समय से पूर्व घोषित हो गए। साथ ही वे अभी तक किसी पार्टी से कैंडिडेट घोषित नहीं हुए हैं। देवेंद्र बोले- आरोप बेबुनियाद जो भी कार्य किए जा रहे हैं, यह उनके संगठन के बैनर तले हो रहे हैं। इससे जरूरतमंदों का भला ही हो रहा है। जिसको लेकर किसी विपक्षी ने उनके खिलाफ यह बेबुनियाद शिकायत मेल की थी, इसे लेकर जवाब भेज दिया गया है। यह कोई बड़ा मसला नहीं है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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22 कैरेट 64,650
22 कैरेट 64,650 (रेट प्रति ग्राम में, जीएसटी एक्स्ट्रा) पूर्वानुमान : बादल छाए रहने और बारिश की संभावना । दिन 33.50 अधिकतम रात 27.50 न्यूनतम {एनएचएम कर्मचारी प्रदर्शन कहां : सिविल सर्जन कार्यालय समय : सुबह : 10 बजे { समाधान शिविर कहां : लघु सचिवालय में समय : सुबह : 9 बजे
हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी घर बैठे ही रिटायर हो गए:सैनी के CM बनने के बाद छुट्टी गए थे; बारिश बता विदाई डिनर भी टाला
हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी घर बैठे ही रिटायर हो गए:सैनी के CM बनने के बाद छुट्टी गए थे; बारिश बता विदाई डिनर भी टाला हरियाणा के 1986 बैच के सबसे सीनियर IAS संजीव कौशल घर बैठे ही रिटायर हो जाएंगे। इसकी वजह यह रही कि उनकी जगह आईएएस टीवीएसएन प्रसाद को मुख्य सचिव बनाए जाने से वे 15 मार्च से 30 जुलाई 2024 तक छुट्टी पर रहे मगर 31 जुलाई, 2024 को राजपत्रित अवकाश होने के कारण वे आखिरी दिन 31 जुलाई को मुख्य सचिव कार्यालय भी जाने से चूक गए। उनकी रिटायरमेंट पर हरियाणा की IAS अफसर एसोसिएशन ने एक डिनर कार्यक्रम रखा था लेकिन बारिश का पूर्व अनुमान बताकर वह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। अफसरों के अभिभावक की भूमिका में रहे कौशल
मूलरूप से पंजाब के होशियारपुर से शिक्षित संजीव कौशल की गिनती नियमों पर चलने की रही है। अपनी सर्विस के दौरान उन्होंने प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा। प्रदेश में लगभग सरकारों में उन्हें महत्वपूर्ण पोस्टिंग मिलती रही है। वे डीपीआर भी रहे हैं और मुख्यमंत्री के डिप्टी प्रिंसिपल सेक्रेटरी से लेकर प्रिंसिपल सेक्रेटरी पद तक रहे हैं। वे हरियाणा के मुख्य सचिव बने तो हरियाणा की अफसरशाही उनमें एक अभिभावक के तौर पर देखती रही। ACB के खिलाफ खड़े हुए
हरियाणा में जब एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने आईएएस अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत कार्रवाई करनी शुरू की तो उन्होंने फाइलों पर यह मुद्दा प्रमुखता से लिखा। लगभग सभी मुख्यमंत्रियों ने उन पर अटूट विश्वास किया। मगर सर्विस के आखिरी दिनों में उन्हें छुट्टी पर जाना पड़ा। जो खुद संजीव कौशल के साथ अन्य अफसरों को भी अखरता रहा। भारत सरकार में दे चुके हैं सेवाएं
हंसमुख व मृदु स्वभाव के अधिकारी कौशल की अपने कनिष्ठ व वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक टीम के रूप में काम करने की कला से सभी उनके कायल हैं। मुख्य सचिव संजीव कौशल ने अपने सेवाकाल के दौरान विभिन्न कोर्स व प्रशिक्षण प्राप्त किए। कौशल ने भारत सरकार की ओर से ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, चीन तथा बहरीन देश में जाने वाले औद्योगिक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व भी किया है। वह भारत सरकार (संयुक्त सचिव के रूप में) के अलावा दो राज्य सरकारों, दो बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के उपकर्मों (प्रबंध निदेशक के रूप में), हरियाणा के सबसे बड़े नगर निगम फरीदाबाद में महापौर और आयुक्त के पद पर काम कर चुके हैं। वे हरियाणा सरकार के वित्त एवं योजना विभाग, आबकारी एवं कराधान विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव के तौर सेवाएं दे चुके हैं। गोल्ड मेडलिस्ट हैं संजीव कौशल
संजीव कौशल ने गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी से बीएससी मेडिकल की। साथ ही ऑनर्स मैथ वे गोल्ड मेडलिस्ट हैं। उन्होंने पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन और इकोनॉमिक्स में मास्टर डिग्री कर रखी है। संजीव कौशल अपने परिवार के तीसरे व्यक्ति हैं, जो कि चीफ सेक्रेटरी की कुर्सी तक पहुंचे हैं। संजीव कौशल के बड़े भाई सर्वेश कौशल पंजाब के चीफ सेक्रेटरी रह चुके हैं। इससे पहले संजीव कौशल के ससुर बीआर ओझा भी हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी रह चुके हैं। संजीव कौशल के पिता स्वर्गीय बलदेव कौशल भी हरियाणा सरकार में इंजीनियर इन चीफ रहे।
हरियाणा के पूर्व विधायकों ने मांगा 25-25 लाख का लोन:विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात, बोले- हाउसिंग के लिए जमीन दी जाए, पेंशन भी बढ़े
हरियाणा के पूर्व विधायकों ने मांगा 25-25 लाख का लोन:विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात, बोले- हाउसिंग के लिए जमीन दी जाए, पेंशन भी बढ़े हरियाणा पूर्व विधायक एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण से मुलाकात कर अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। उनकी प्रमुख मांगों में पेंशन रिवाइज करना और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर चिकित्सा भत्ता और अन्य सुविधाएं प्राप्त करना है। विस अध्यक्ष ने उनकी मांगों को प्रदेश सरकार के संज्ञान में लाने का आश्वासन दिया है। मांगों की समीक्षा के लिए विस अध्यक्ष ने देश की दूसरी विधानसभाओं से भी जानकारी संग्रहित करने के भी निर्देश दिए हैं। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रामबीर सिंह और महासचिव रणबीर मन्दौला पूर्व विधायकों की मांगों के बारे में विस्तार से बात रखी। अधिकारियों की शिकायत की पूर्व विधायकों के प्रति सरकारी अधिकारियों के उपेक्षापूर्ण व्यवहार की शिकायत पर विस अध्यक्ष ने कहा कि हर पद पर बैठे व्यक्ति को शिष्टाचार और मान-सम्मान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सब एक ही समाज के घटक हैं। इसलिए हम सभी को समाज में एक-दूसरे के प्रति सम्मान की भावना विकसित करनी चाहिए। ऐसा वातावरण बनाना होगा जिसमें कि बड़े बुजुर्ग अधिकारपूर्वक युवाओं को समझा सकें। नैतिकता का विकास धरातल स्तर से होना चाहिए। इलाज के लिए हर महीनें मिले 20 हजार एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने विस अध्यक्ष को बताया कि छत्तीसगढ़ में पूर्व विधायकों को इलाज के लिए चिकित्सा भत्ता व अन्य सुविधा दी जाती है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में प्रतिमाह कम से कम 20 हजार रुपए आउटडोर इलाज के लिए दिया जाए और इनडोर इलाज के लिए कैशलैस कार्ड उपलब्ध करवाए जाएं। एसोसिएशन के महासचिव रणबीर मन्दौला ने कहा कि 60 वर्ष की उम्र के बाद पूर्व विधायकों को बैंक लोन नहीं देते। हिमाचल प्रदेश में पूर्व विधायकों को 4 प्रतिशत ब्याज पर लोन दिया जाता है। कार खरीदने के लिए 25 लाख का लोन मांगा हरियाणा में पूर्व विधायकों ने कार खरीदने व मकान की मुरम्मत के लिए विधानसभा से 25 लाख रुपए का लोन दिया जाना चाहिए। इसकी रिकवरी पेंशन से की जा सकती है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी वृद्धि की वजह से यात्रा भत्ता भी बढ़ाया जाना चाहिए। पूर्व विधायकों को मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ में 2 लाख रुपए और झारखंड में 3 लाख रुपए प्रति वर्ष यात्रा भत्ता दिया जाता है। हरियाणा में भी यह भत्ता 10 हजार रुपए से बढ़ाकर 25 हजार रुपए प्रति माह किया जाना चाहिए। उन्होंने ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के लिए ‘नो लोस-नो प्रोफिट’ पर पंचकूला में भू-खंड की भी मांग की है। रिवाईज की जाए पेंशन पूर्व विधायकों ने कहा कि पिछले कई वर्षों से पूर्व विधायकों की पेंशन रिवाइज नहीं हुई। वर्ष 2016 में भत्ते व पेंशन संशोधन बिल में पेंशन पर एक लाख रुपए होने पर कैप लगाया था। इस कैप में मंहगाई भत्ता, यात्रा भत्ता आदि भी जोड़ दिया। इसलिए मंहगाई भत्ते सहित सभी भत्तों से यह कैप हटाया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकारें पेंशनर्स को 80 वर्ष की आयु पर 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन देती है। इसमें अब केंद्र व राजस्थान,हिमाचल व कई प्रदेशों में पेशनर्स की मांग पर इस स्लैब में संशोधन स्वीकार कर 65 वर्ष पर 5 प्रतिशत, 70 वर्ष पर 10 प्रतिशत, 75 वर्ष पर 15 प्रतिशत, 80 वर्ष पर 20 प्रतिशत और 85 वर्ष पर 30 प्रतिशत करने का फैसला हुआ है। इसलिए पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ोतरी भी इसी तर्ज पर होनी चाहिए।