यूपी सरकार की सख्ती के बाद भी 2.45 लाख राज्य कर्मचारियों ने मानव सम्पदा पोर्टल पर अपनी संपत्तियों का ब्योरा नहीं दिया। विभागों की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे कर्मचारियों का अगस्त महीने का वेतन रोक दिया गया है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने राज्य कर्मियों को 31 अगस्त तक अनिवार्य रूप से मानव सम्पदा पोर्टल पर चल और अचल संपत्तियों का ब्योरा देने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद सभी कर्मियों ने अपनी संपत्तियों का ब्योरा ऑनलाइन नहीं किया है। बता दें प्रदेश में कुल 8 लाख 46 हज़ार 640 कर्मचारी है जिसमें से सिर्फ 6 लाख 2 हजार 75 कर्मचारियों ने अपनी चल अचल संपत्ति का ब्योरा दिया है। मायावतीं बोलीं- बुलडोजर का इस्तेमाल ठीक नहीं, आपराधिक तत्वों को सख्त कानून से भी निपटा जा सकता है बसपा प्रमुख मायावती ने बुलडोजर नीति पर सवाल उठाते हुए सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने मंगलवार को अपने X अकाउंट पर लिखा- देश में आपराधिक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई कानून के तहत होनी चाहिए तथा इनके अपराध की सजा उनके परिवार व नजदीकी लोगों को नहीं मिलनी चाहिए। यह सब हमारी पार्टी की रही सरकार ने ‘क़ानून द्वारा क़ानून का राज’ (Rule of Law By Law) स्थापित करके भी दिखाया है। बुलडोजर का भी इस्तेमाल अब सुप्रीम कोर्ट के आने वाले निर्णय के मुताबिक ही होना चाहिए। हालांकि उचित तो यही होगा कि इसका इस्तेमाल करने की जरूरत ही ना पड़े क्योंकि आपराधिक तत्वों को सख्त कानूनों के तहत भी निपटा जा सकता है। जबकि आपराधिक तत्वों के परिवार व नजदीकियों पर बुलडोजर का इस्तेमाल करने की बजाय सम्बन्धित अधिकारियों पर ही कठोर कार्यवाही होनी चाहिए, जो ऐसे तत्वों से मिलकर, पीड़ितों को सही न्याय नहीं देते हैं। सभी सरकारें इस ओर जरूर ध्यान दें। रेप केस में युवक बाइज्जत बरी; 3 बच्चों की मां ने दर्ज कराया था केस, कोर्ट ने कहा-सहमति से बनाए शारीरिक सम्बन्ध रेप नहीं बरेली कोर्ट ने रेप के मामले में एक युवक को बाइज्जत बरी किया है। युवक के खिलाफ 3 बच्चों की मां ने साल 2019 में केस दर्ज कराया था। जिसमें महिला ने आरोप लगाया था कि शादी का झांसा देकर शिवम शर्मा ने तीन साल तक शारीरिक शोषण किया। कोर्ट ने इस मामले में विवेचना करने वाले दरोगा, प्रेमनगर थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर और सर्किल के सीओ पर कार्रवाई के लिए एसएसपी को आदेश दिया है। यह फैसला ज्ञानवापी पर फैसला सुनाने वाले जज रवि कुमार दिवाकर की कोर्ट ने 31अगस्त को सुनाया। पढ़ें पूरी खबरप्र प्रयागराज में लोकसभा चुनाव में समर्थकों संग हंगामे पर पूर्व सांसद रेवती रमण सिंह पर चार्जशीट प्रयागराज में पूर्व सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह और उनके समर्थक के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी। कांग्रेस सांसद उज्जवल रमण सिंह के पिता रेवती रमण के अलावा रेहान अहमद, गुलशेर और हरिओम साहू के खिलाफ करेली पुलिस चार्जशीट दाखिल की है। मामला लोकसभा चुनाव के दिन मतदान केंद्र के बाहर समर्थकों के साथ हंगामे का है। पढ़ें पूरी खबर लखनऊ में कार सवार बदमाशों ने ट्रांसपोर्टर को 24 घंटे तक बंधक बनाया ; पत्नी को धमकाकर 50 हजार-जेवर लूटे लखनऊ के आशियाना लोकबंधु चौराहे से कार बदमाशों ने एक ट्रांसपोर्टर को अगवा कर लिया। ट्रांसपोर्टर को 24 घंटे तक बंधक बनाकर रखा। बेहरमी से पिटाई करते रहे। ट्रांसपोर्टर अपनी पत्नी के साथ जा रहे थे तभी ये घटना हुई। बदमाशों ने पत्नी को धमकाकर 50 हजार रुपए और जेवर लूट लिए। घटना से घबराए ट्रांसपोर्टर ने 6 दिन बाद मुकदमा दर्ज कराया। पढ़ें पूरी खबर 42 साल बाद उम्रकैद की सजा से पूर्व सैनिक बरी; 1982 के बदायूं के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सत्र अदालत के फैसले को पलटा 1982 में हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा भुगतने वाले एक पूर्व सैनिक को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 42 साल बाद पूर्व सैनिक मुरारी लाल को हत्या के आरोप से बरी कर दिया। कोर्ट ने अपराध संदेह से परे साबित न होने व गवाहों के बयानों में विरोधाभास के कारण सत्र अदालत की ओर से हत्या का दोषी करार देकर सुनाई गई उम्रकैद की सजा रद्द कर दी। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति आर एम एन मिश्र की खंडपीठ ने मुरारी के वरिष्ठ अधिवक्ता की दलीलों को सुनकर दिया। पढ़ें पूरी खबर यूपी सरकार की सख्ती के बाद भी 2.45 लाख राज्य कर्मचारियों ने मानव सम्पदा पोर्टल पर अपनी संपत्तियों का ब्योरा नहीं दिया। विभागों की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे कर्मचारियों का अगस्त महीने का वेतन रोक दिया गया है। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने राज्य कर्मियों को 31 अगस्त तक अनिवार्य रूप से मानव सम्पदा पोर्टल पर चल और अचल संपत्तियों का ब्योरा देने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद सभी कर्मियों ने अपनी संपत्तियों का ब्योरा ऑनलाइन नहीं किया है। बता दें प्रदेश में कुल 8 लाख 46 हज़ार 640 कर्मचारी है जिसमें से सिर्फ 6 लाख 2 हजार 75 कर्मचारियों ने अपनी चल अचल संपत्ति का ब्योरा दिया है। मायावतीं बोलीं- बुलडोजर का इस्तेमाल ठीक नहीं, आपराधिक तत्वों को सख्त कानून से भी निपटा जा सकता है बसपा प्रमुख मायावती ने बुलडोजर नीति पर सवाल उठाते हुए सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने मंगलवार को अपने X अकाउंट पर लिखा- देश में आपराधिक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई कानून के तहत होनी चाहिए तथा इनके अपराध की सजा उनके परिवार व नजदीकी लोगों को नहीं मिलनी चाहिए। यह सब हमारी पार्टी की रही सरकार ने ‘क़ानून द्वारा क़ानून का राज’ (Rule of Law By Law) स्थापित करके भी दिखाया है। बुलडोजर का भी इस्तेमाल अब सुप्रीम कोर्ट के आने वाले निर्णय के मुताबिक ही होना चाहिए। हालांकि उचित तो यही होगा कि इसका इस्तेमाल करने की जरूरत ही ना पड़े क्योंकि आपराधिक तत्वों को सख्त कानूनों के तहत भी निपटा जा सकता है। जबकि आपराधिक तत्वों के परिवार व नजदीकियों पर बुलडोजर का इस्तेमाल करने की बजाय सम्बन्धित अधिकारियों पर ही कठोर कार्यवाही होनी चाहिए, जो ऐसे तत्वों से मिलकर, पीड़ितों को सही न्याय नहीं देते हैं। सभी सरकारें इस ओर जरूर ध्यान दें। रेप केस में युवक बाइज्जत बरी; 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हरियाणा की MBBS छात्रा ने चंडीगढ़ हॉस्टल में फांसी लगाई:7 लाइन का सुसाइड नोट छोड़ा; लिखा- आई एम सॉरी, और नहीं झेल सकती
हरियाणा की MBBS छात्रा ने चंडीगढ़ हॉस्टल में फांसी लगाई:7 लाइन का सुसाइड नोट छोड़ा; लिखा- आई एम सॉरी, और नहीं झेल सकती चंडीगढ़ के मेडिकल कॉलेज-32 (GMCH) में सोमवार रात करीब पौने 11 बजे हरियाणा की रहने वाली MBBS की छात्रा श्रुति त्यागी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। सूचना मिलने पर सेक्टर-34 थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अस्पताल पहुचाया। छात्रा के पास से 2 पन्नों का एक सुसाइड नोट भी मिला है। सुसाइड नोट में छात्रा ने लिखा, ‘मैं सभी से माफी मांगना चाहती हूं। मम्मी, पापा और दीदी मैं खुद को एडजस्ट नहीं कर पा रही हूं। मेरा खुद का दिमाग ही मुझे खाए जा रहा है। इसलिए, मैं इसे और ज्यादा लंबे समय तक नहीं झेल सकती हूं। मैं इसके लिए आप सभी से माफी मांगती हूं।’ वहीं देर शाम श्रुति त्यागी का शव सेक्टर-32 के अस्पताल से पोस्टमॉर्टम कर उसके परिजनों को सौंप दिया है। उसके परिजन शव को लेकर जगाधरी के लिए रवाना हो गए हैं। मृतका का अंतिम संस्कार जगाधरी में ही किया जाएगा। हरियाणा की रहने वाली
मृतका की पहचान श्रुति त्यागी निवासी जगाधरी (हरियाणा) के रूप में हुई है। वह सेक्टर-32 मेडिकल कालेज के हॉस्टल नंबर-4 में रहती थी। मृतका के पिता करीब 15 साल से दुबई में नौकरी कर रहे हैं। उसकी माता हाउस वाइफ हैं, जो दुबई में ही रहती हैं। श्रुति की एक बड़ी बहन नेहा पुणे, महाराष्ट्र के एक निजी अस्पताल में बतौर डॉक्टर कार्यरत है। इसके चाचा यहां जगाधरी में रहते हैं। उनके साथ ही श्रुति रहती थी। कमरे में पड़ी मिली लाश
हॉस्टल में रहने वाली अन्य छात्राओं ने बताया कि सोमवार को श्रुति किसी का फोन नहीं उठा रही थी तो हमने उसके कमरे में जाकर देखा। वहां का दृश्य देखकर वे एकदम चौंक गई। श्रुति बेहोशी की हालत में जमीन पर पड़ी हुई थी। उसके गले में रस्सी का टुकड़ा था और आधा टुकड़ा पंखे पर लटका हुआ था। इसकी सूचना उन्होंने GMCH प्रशासन को दी। तब घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं, छात्रा के परिजनों को भी सूचना दे दी है। आज छात्रा के शव का पोस्टमॉर्टम किया जाएगा। हॉस्टल की छात्राओं में खौफ का माहौल
हॉस्टल की एक छात्रा ने बताया कि जब उसने अपने सहेलियों के साथ श्रुति का शव कमरे में देखा तो पूरे हॉस्टल में दहशत फैल गई। इसके बाद सभी छात्राएं इसके बारे में अपने परिजनों से बात करने लगीं। सूचना यह है कि कई छात्राओं के परिजन कल अपने बच्चों से मिलने हॉस्टल आ रहे हैं। क्योंकि, कुछ छात्राएं इतनी घबराई हुई हैं कि वह अब इस हॉस्टल में नहीं रहना चाहतीं। अस्पताल प्रशासन ने बढ़ाई सुरक्षा
इस घटना की सूचना मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन की तरफ से हॉस्टल में रहने वाली अन्य छात्राओं से बातचीत की गई है। उनकी घबराहट को देखते हुए प्रशासन ने उन्हें सुरक्षा का पूरा भरोसा दिया है। वहीं, हॉस्टल नंबर 1 से 4 की तरफ जाने वाले रास्ते पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहां हॉस्टल के सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए गए हैं। अभी वहां किसी को जाने की अनुमति नहीं है। वहीं, अस्पताल प्रशासन की तरफ से हॉस्टल वार्डन को भी सख्त निर्देश दिए गए हैं कि हॉस्टल में रहने वाली अन्य छात्राओं की हर बात को सुना जाए, ताकि उन्हें किसी प्रकार का कोई डर महसूस न हो।
Namo Bharat : मेरठ साउथ स्टेशन पर लोगों ने किया जोरदार हंगामा, एक घंटे देरी से पहुंची थी रैपिड रेल
Namo Bharat : मेरठ साउथ स्टेशन पर लोगों ने किया जोरदार हंगामा, एक घंटे देरी से पहुंची थी रैपिड रेल <p style=”text-align: justify;”><strong>Meerut News:</strong> मेरठ साउथ स्टेशन तक रैपिड को चले हुए 20 दिन भी नहीं बीते कि रैपिड रेल का लेकर शिकायतें आने लगी. लोग रैपिड का इंतजार करते रहे और ना आने पर हंगामा खड़ा कर दिया. हंगामा भी जबरदस्त हुआ और गुस्साए लोग किसी की सुनने को तैयार नहीं थे, क्योंकि जिस उम्मीद और दावे को सुनकर वो मेरठ साउथ स्टेशन पहुंचे थे उनकी हवा निकल गई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मेरठ साउथ स्टेशन से सुबह से रैपिड आना जाना शुरू हो गई थी. बात सुबह आठ बजे की थी. लोग रैपिड का इंतजार कर रहे थे, इंकवारी काउंटर पर पूछा तो पता चला 15 मिनट में आ जाएगी. इसके बाद टाइम बढ़कर आधा घंटा हुआ और फिर 45 मिनट बता दिया गया. बस फिर क्या था लोगों का धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया. लोगों ने नारेबाजी भी कर डाली. यात्री मनोज, नूर मोहम्मद और आशा ने बताया कि घंटे से ज्यादा हो गया रैपिड आ ही नहीं रही है. हमारा सारा काम बिगड़ जाएगा. जिसे पूछो वो बस 15 मिनट कह देता है लेकिन ये 15 मिनट कब होंगी किसी को नहीं पता.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>टिकट वापिस करो, हमारे पैसे दो</strong><br />कुछ लोग ऐसे थे जिनको साहिबाबाद बहुत जरूरी काम से जाना था, इसलिए आठ बजे से पहले ही मेरठ साउथ स्टेशन पहुंच गए. अब कितना इंतजार करते, गुस्से में आ गए. आकाश, रवि और सागर ने टिकट वापिस करने को कह दिया. बोले, हमारे पैसे दे दो हमें नहीं जाना रैपिड से. जैसे अन्य ट्रेन लेट हो जाती हैं वही स्थिति रैपिड की हो गई है. अभी तो 20 दिन भी रैपिड को मेरठ तक पहुंचे नहीं हुए हैं और अभी से ही इतनी अव्यवस्था है, क्या राम भरोसे चल रही है रैपिड, जो एक घंटे तक भी स्टेशन पर नहीं आई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> एक्सीलेटर पड़े हैं बंद</strong><br />18 अगस्त को रैपिड मेरठ पहुंची थी, लेकिन केवल 20 दिन में बड़ी खामियां सामने आने लगी हैं. मेरठ साउथ स्टेशन के एक्सीलेटर बंद पड़े हैं. इसकी वजह से बड़े बुजुर्ग यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ती है. रोज आने जाने वाले यात्री कई बार इसकी शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है. लोगों में इस बात को लेकर गुस्सा है कि मेरठ के लिए बड़ी खुशी तो मिली, लेकिन लगता है कि जल्दबाजी में चलवा डाली. कभी रैपिड देर से आएगी तो एस्केलेटर बंद पड़े हैं. लोगों का कहना है कि आखिर किससे शिकायत करें कोई सुनता ही नहीं है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>करीब एक घंटे की देरी से पहुंची रैपिड</strong><br />मेरठ साउथ स्टेशन से साहिबाबाद जाने वाले यात्रियों को वाकई बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. रैपिड करीब एक घंटा देरी से आई. लोग झट से रेपिड में तो सवार हो गए लेकिन उनका गुस्सा कम नहीं हुआ था, क्योंकि किसी को रिश्तेदार के जाना था और किसी का बहुत जरूरी काम था. लेकिन रेपिड के देर से आने की वजह से सारा खेल खराब हो गया. लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है कि रैपिड भी इतनी देर से आएगी और सबको परेशान कर जाएगी. लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर बना रहा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/singer-kanhaiya-mittal-praised-cm-yogi-adityanath-before-join-congress-for-haryana-assembly-election-2779326″>कांग्रेस में जाने से पहले गायक कन्हैया मित्तल ने सीएम योगी की तारीफ की, जानें क्या कहा</a></strong></p>
7वीं-8वीं की छात्राएं सिंदूर लगाकर स्कूल जाती हैं:6 महीने में ऑनर किलिंग के 8 केस; स्कूल छूटा, स्मार्टफोन बैन, जल्दी शादी
7वीं-8वीं की छात्राएं सिंदूर लगाकर स्कूल जाती हैं:6 महीने में ऑनर किलिंग के 8 केस; स्कूल छूटा, स्मार्टफोन बैन, जल्दी शादी हरियाणा के जिन गांवों में ऑनर किलिंग होती है, वहां बाकी लड़कियों पर कभी न खत्म होने वाली बंदिशों का नया दौर शुरू हो जाता है। दैनिक भास्कर ने जब इन गांवों की पड़ताल की तो इन बच्चियों की पीड़ा साफ दिखी। कई पेरेंट्स स्कूल छुड़वा देते हैं। कई उनसे स्मार्टफोन छीनकर की-पैड वाला फोन दे देते हैं, ताकि सोशल मीडिया का इस्तेमाल न कर पाएं। उनका बाहर निकलना बंद कर दिया जाता है। अजनबी से मिलने-जुलने पर पाबंदी लगा दी जाती है। 8वीं की एक छात्रा कहती है- गलती किसी ने भी की हाे, पर भुगतना ताे हमें भी पड़ता है। हरियाणा में आए दिन कहीं न कहीं ऑनर किलिंग की कोई वारदात होती है। लेकिन, गिनी-चुनी घटनाएं ही सामने आती हैं। जुलाई के पहले हफ्ते में जींद में ऐसा केस हुआ था, पर न तो मीडिया को भनक लगी, न पुलिस को। गांव से भागकर एक जोड़े ने अंतर्जातीय विवाह कर लिया था। घरवालों को जैसे ही पता चला तो वे उस जोड़े को चंडीगढ़ से पकड़कर गांव लाए। दोनों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। रातोंरात अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। पूरे गांव ने इस पर चुप्पी साध ली। पिछले 6 महीने में ऑनर किलिंग के 8 केस सामने आ चुके हैं। केस-1 : सिंदूर लगाकर स्कूल जाने को मजबूर कई लड़कियां क्या हुआ था : कैथल के गांव क्योड़क में युवक-युवती ने 6 फरवरी, 2024 को लव मरीज कर ली। 19 जून की दोपहर नाबालिग भाई ने बहन काे मिलने बुलाया और गोली मारकर हत्या कर दी। फिर सोशल मीडिया पर लाइव आकर उसे मारने का कारण अंतर्जातीय विवाह बताया। असर क्या हुआ : 7वीं-8वीं की कई लड़कियां सिंदूर और लाल चूड़ा पहनकर स्कूल आने लगी हैं। परिजन कहते हैं- सिर्फ रिश्ता पक्का किया है। ससुराल 5 साल बाद भेजेंगे। उन्हें डर है कि कहीं बेटी गलत कदम न उठा ले। जब टीचरों ने उन्हें समझाने की कोशिश की तो कुछ समय बाद उन लड़कियों काे स्कूल भेजना ही बंद कर दिया। आगे पढ़ाने के लिए बेटियों काे घर से बाहर ही नहीं भेजते। टीचर बोले- हम भी मजबूर हैं, ज्यादा कुछ कर नहीं सकते। इस बार स्कूल का रिजल्ट भी अच्छा आया है। कोई बेटी फेल नहीं हुई। 75 में से 41 मेरिट में आई हैं। केस-2 : पढ़ाई के लिए बाहर भेजने से मना करने लगे पेरेंट्स क्या हुआ था : बालू गांव की 18 साल की युवती का हिसार के युवक से अफेयर था। 14 सितंबर, 2023 को युवती ने उसे गांव बुलाया। परिवार को भनक लगी तो उन्होंने चुन्नी से गला घोंटकर युवती की हत्या कर दी। दाह संस्कार भी कर दिया। पुलिस ने थाने के सिक्योरिटी एजेंट की शिकायत पर केस दर्ज करके आरोपी माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया। असर क्या हुआ : घटना के बाद गांव के लोग बेटियों को पढ़ाई के लिए बाहर भेजने पर ऐतराज करने लगे। उनके लिए स्पेशल पिंक बस चलवाई गई, जाे बेटियों काे सुबह लेकर जाती है और शाम काे वापस छोड़ देती है। बेटियों काे 20-25 किमी दूर कॉलेज में पढ़ने के लिए कैथल या कलायत जाना पड़ता है। इसे देखते हुए अब गांव में ही करीब 6.5 करोड़ की लागत से गर्ल्स कॉलेज बनाने की मंजूरी मिल गई। गांव की महिला सरपंच सोनिया खुद जेबीटी पास हैं। बताती हैं कि एक लड़की की घर में हत्या कर दी गई। इस वारदात से गांव के माहौल पर बहुत बुरा असर पड़ा है। केस-3 : पंचायत का फरमान, को-एजुकेशन में बच्ची न पढ़ाएं क्या हुआ था : 27 फरवरी काे यमुनानगर जिले के नाहरपुर गांव में एक 20 साल की लड़की की हत्या कर दी गई। घरवालों की मर्जी से शादी न करने पर पिता और ताऊ ने उसे मौत के घाट उतार दिया। युवती का गांव के युवक से अफेयर था। असर क्या हुआ : यहां जनवादी महिला समिति के जिला अफसरों ने दौरा किया तो पाया कि करीब 17 लड़कियों की पढ़ाई छुड़वा दी गई। उन्हें घर पर ही रहने काे बोल दिया गया। लड़कियों से बातचीत में पता चला कि अगर लड़की की दोस्ती के बारे में शिकायत मिलती है ताे उसकी शादी करवाने काे कह दिया जाता है। वारदात के बाद यहां पंचायत भी हुई और उसमें लड़कियों काे ज्यादा न पढ़ाने और जल्द शादी करने जैसे फरमान सुनाए गए। नाबालिग बेटियों के रिश्ते पक्के किए जा रहे हैं। लड़कियों को काे-एजुकेशन में पढ़ाने से साफ इनकार किया जा रहा है। इन परिवारों के लड़कों पर भी बुरा असर पड़ रहा है, या तो वे हिंसात्मक रूख अपना लेते हैं या फिर नशे की ओर बढ़ने लगते हैं। केस-4 : बाजार-हाट, सामाजिक समारोहों में भेजना बंद किया क्या हुआ था : गुरुग्राम पुलिस काे 18 साल की युवती की गुमशुदगी की शिकायत मिली। पता चला, युवती 31 जनवरी को किसी दोस्त के साथ चली गई थी। पुलिस ने युवती के घरवालों को बुलाकर उसे परिवार के हवाले कर दिया। 3 फरवरी को पिता, बड़े भाई और तीन बेटों ने युवती की गाड़ी में गला दबाकर हत्या कर दी। शव अरावली की पहाड़ियों में जला दिया। असर क्या हुआ : जब लड़कियों के कॉलेज के पास जाकर उनसे बात की तो नाम न छापने की शर्त पर ग्रेजुएशन कर रहीं लड़कियों ने बताया, वारदात के बाद अब हमें ऑटो से कॉलेज आना पड़ता है। माता-पिता ने स्कूटी की चाबी अपने पास रख ली है। पढ़ाई से संबंधित काेई स्टेशनरी चाहिए ताे भाई से मंगवानी पड़ती है। स्मार्टफोन भी वापस ले लिया है। छोटा की-पैड वाला फोन दे दिया है, ताकि सोशल मीडिया का इस्तेमाल न कर सकूं। समाजिक समारोह में जाने की मनाही है। गली में पौधों को पानी दे रही 11 साल की एक बच्ची बताती है कि अब उसे पड़ोस में दुकान से सामान तक लाने की मनाही है। घटना से पहले तक वह खुद अपनी सहेलियों के साथ बाजार भी चली जाती थी। ऑनर किलिंग कानून का ड्राफ्ट 14 साल से लंबित
जनवादी महिला समिति की राज्य अध्यक्ष सविता बताती हैं- करीब 20 साल से मैं ऑनर किलिंग के मामलों में बतौर एक्टिविस्ट काम कर रही हूं। इसे लेकर हमने 2010 में राष्ट्रीय स्तर पर एक विशेष कानून बनाने का ड्राफ्ट तैयार किया था। यह 14 साल से लंबित है। ड्राफ्ट बनाने वाली टीम में सुप्रीम कोर्ट के वकील व सेवानिवृत्त जज भी शामिल थे। तत्कालीन कानून मंत्री सदानंद गौड़ा काे ड्राफ्ट सौंपा गया, पर कुछ नहीं हुआ। कानूनी पक्ष- शादी में सामाजिक दखलंदाजी गलत : सीआर लॉ कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. राजवी जून कहते हैं- ऑनर किलिंग के लिए अलग से कानून नहीं है, पर धारा 14, 15 (1), 19 और 21 का यह साफ उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में कहा था कि शादी के मामले में सामाजिक दखलअंदाजी पूरी तरह से गैरकानूनी है। मनोवैज्ञानिक पक्ष- बच्चों से स्वस्थ संवाद होना जरूरी है : वरिष्ठ मनोवैज्ञानिक प्रो. सोनिया मलिक बताती हैं कि माता-पिता और बच्चों में रोजाना स्वस्थ संवाद होना चाहिए। इसकी कमी से बच्चे बाहर प्यार पाने का जरिया खोजने लगते हैं। बच्चों की हर खैर-खबर रखें, लेकिन जासूसी ना करें। सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल सिखाएं। पंचायत का पक्ष- इसमें हमारी नहीं, परिजनों की गलती : सर्वखाफ पंचायत के प्रवक्ता कैप्टन जगबीर मलिक कहते हैं- ऑनर किलिंग में पंचायतों की कोई भूमिका नहीं है। परिवार अपने अहम और शान व सम्मान के लिए ऐसे गलत कदम उठाते हैं, जाे किसी भी तरह से जायज नहीं है। पंचायत ताे ऐसी हत्याओं की निंदा करती है। बच्चों को संस्कारी बनाएं। शिक्षिका ने जताया ऑनर किलिंग का खतरा; बरेली में 33 साल की शिक्षिका ने कहा था- मुस्लिमों में महिलाओं की इज्जत नहीं बरेली में 33 साल की शिक्षिका ने अब ऑनर किलिंग का खतरा जताया है। पीड़िता ने अपने परिवार और बहनोई से हत्या की आशंका जताई है। शिक्षिका ने पांच दिन पहले धर्म परिवर्तन करते हुए वीडियो बयान दिया था कि मुस्लिमों में महिलाओं की कोई इज्जत नहीं है। तीन तलाक और हलाला को लेकर भी पीड़िता ने बयान दिया था। पढ़ें पूरी खबर