लखनऊ विश्वविद्यालय के IMS के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सौरव बनर्जी के खिलाफ आखिरकार FIR दर्ज हो गई। असिस्टेंट प्रोफेसर ने पहलगाम हमले के बाद विवादित पोस्ट में देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सहित भाजपा और RSS पर बेहद आपत्तिजनक और अमर्यादित टिप्पणी की थी। इस FIR में उनके साथ असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री का नाम भी दर्ज हुआ है। सोशल मीडिया में उनके पोस्ट वायरल होने के बाद से स्टूडेंट्स में जबरदस्त आक्रोश था। ABVP से जुड़े छात्रों ने उनके खिलाफ कैंपस में जमकर प्रदर्शन भी किया था। इसके बाद विश्वविद्यालय के कुल सचिव की तरफ से उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया था। इन धाराओं में दर्ज हुई FIR लखनऊ विश्वविद्यालय के न्यू कैंपस के छात्र अभिनाथ सिंह की तरफ से दी गई तहरीर पर जानकीपुरम थाने में प्रोफेसर सौरव बनर्जी के खिलाफ FIR दर्ज हुई है। जिन 3 धाराओं में FIR दर्ज हुई, उनमें BNS की 197(1), 299 और 353 (2) शामिल हैं। छात्र ने बताया- टीचर कुंठित मानसिकता के तहरीर में छात्र की तरफ से कहा गया है कि पहलगाम आंतकी हमले को लेकर अमर्यादित और हिंदू विरोधी जैसे कड़े शब्दों का प्रयोग किया है। बड़े खेद के साथ यह सूचित करना पड़ रहा है कि ऐसी कुंठित मानसिकता के शिक्षक को आतंकी हमले पर भी राजनीति करना वाजिब लग रहा है। इससे पहले यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर माद्री काकोटी ने भी इसी प्रकार के शब्दों और देश विरोधी शब्दों का प्रयोग किया था। उस बयान को पाकिस्तानी मीडिया से री-पोस्ट किया गया। सौरव बनर्जी और माद्री काकोटी एक ही मानसिकता के व्यक्ति हैं। ऐसे में सौरव बनर्जी के खिलाफ सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करें। अब पढ़िए वो पोस्ट जिनके कारण डॉ. सौरव पर FIR हुई कुलसचिव ने 30 अप्रैल को जारी किया था नोटिस सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल होने के बाद 30 अप्रैल को लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से डॉ. सौरव बनर्जी को शो-कॉज नोटिस जारी किया गया था। उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए 5 दिन का समय दिया गया था। हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से अभी तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। दैनिक भास्कर से बातचीत में डॉ. सौरव बनर्जी ने बताया कि FIR दर्ज होने की बात नॉलेज में नहीं है। जब यह बात जानकारी में आएगी तो उसका उपाय किया जाएगा। कुलसचिव के नोटिस के जवाब के बारे में उन्होंने कहा कि उनको जवाब भेज दिया गया है। जरूरत पड़ी तो उसे पब्लिक प्लेटफार्म पर भी लाया जाएगा। माद्री काकोटी का दूसरी बार नामजद लखनऊ यूनिवर्सिटी के लिंग्विस्टिक डिपार्टमेंट की असिस्टेंट प्रोफेसर माद्री काकोटी को दूसरी बार नामजद किया गया। इस बार उनका नाम डॉ. सौरव के साथ उनका नाम दर्ज हुआ है। इससे पहले हसनगंज थाने में छात्रों ने डॉ. माद्री काकोटी के खिलाफ शिकायती पत्र दिया था, जिसमें देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ था। लखनऊ विश्वविद्यालय के IMS के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सौरव बनर्जी के खिलाफ आखिरकार FIR दर्ज हो गई। असिस्टेंट प्रोफेसर ने पहलगाम हमले के बाद विवादित पोस्ट में देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सहित भाजपा और RSS पर बेहद आपत्तिजनक और अमर्यादित टिप्पणी की थी। इस FIR में उनके साथ असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री का नाम भी दर्ज हुआ है। सोशल मीडिया में उनके पोस्ट वायरल होने के बाद से स्टूडेंट्स में जबरदस्त आक्रोश था। ABVP से जुड़े छात्रों ने उनके खिलाफ कैंपस में जमकर प्रदर्शन भी किया था। इसके बाद विश्वविद्यालय के कुल सचिव की तरफ से उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया था। इन धाराओं में दर्ज हुई FIR लखनऊ विश्वविद्यालय के न्यू कैंपस के छात्र अभिनाथ सिंह की तरफ से दी गई तहरीर पर जानकीपुरम थाने में प्रोफेसर सौरव बनर्जी के खिलाफ FIR दर्ज हुई है। जिन 3 धाराओं में FIR दर्ज हुई, उनमें BNS की 197(1), 299 और 353 (2) शामिल हैं। छात्र ने बताया- टीचर कुंठित मानसिकता के तहरीर में छात्र की तरफ से कहा गया है कि पहलगाम आंतकी हमले को लेकर अमर्यादित और हिंदू विरोधी जैसे कड़े शब्दों का प्रयोग किया है। बड़े खेद के साथ यह सूचित करना पड़ रहा है कि ऐसी कुंठित मानसिकता के शिक्षक को आतंकी हमले पर भी राजनीति करना वाजिब लग रहा है। इससे पहले यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर माद्री काकोटी ने भी इसी प्रकार के शब्दों और देश विरोधी शब्दों का प्रयोग किया था। उस बयान को पाकिस्तानी मीडिया से री-पोस्ट किया गया। सौरव बनर्जी और माद्री काकोटी एक ही मानसिकता के व्यक्ति हैं। ऐसे में सौरव बनर्जी के खिलाफ सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करें। अब पढ़िए वो पोस्ट जिनके कारण डॉ. सौरव पर FIR हुई कुलसचिव ने 30 अप्रैल को जारी किया था नोटिस सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल होने के बाद 30 अप्रैल को लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से डॉ. सौरव बनर्जी को शो-कॉज नोटिस जारी किया गया था। उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए 5 दिन का समय दिया गया था। हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से अभी तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। दैनिक भास्कर से बातचीत में डॉ. सौरव बनर्जी ने बताया कि FIR दर्ज होने की बात नॉलेज में नहीं है। जब यह बात जानकारी में आएगी तो उसका उपाय किया जाएगा। कुलसचिव के नोटिस के जवाब के बारे में उन्होंने कहा कि उनको जवाब भेज दिया गया है। जरूरत पड़ी तो उसे पब्लिक प्लेटफार्म पर भी लाया जाएगा। माद्री काकोटी का दूसरी बार नामजद लखनऊ यूनिवर्सिटी के लिंग्विस्टिक डिपार्टमेंट की असिस्टेंट प्रोफेसर माद्री काकोटी को दूसरी बार नामजद किया गया। इस बार उनका नाम डॉ. सौरव के साथ उनका नाम दर्ज हुआ है। इससे पहले हसनगंज थाने में छात्रों ने डॉ. माद्री काकोटी के खिलाफ शिकायती पत्र दिया था, जिसमें देशद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ था। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
LU के प्रोफेसर सौरव के खिलाफ मुकदमा:पहलगाम हमले के बाद अमर्यादित टिप्पणी की थी, जानकीपुरम थाने में माद्री के साथ नाम दर्ज
