पंजाब के तीन राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को बंद करने की आवाज सांसद में भी गूंजी। राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी की तरफ से उठाए गए सवालों पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को खुद इस पर भारत सरकार का पक्ष रखना पड़ा। राज्य सभा में केंद्र सरकार का कहना है कि भूमी अधिग्रहण में आ रही दक्कतों के कारण ये प्रोजेक्ट रोके गए हैं। पंजाब से राज्यसभा सांसद विक्रम साहनी के प्रश्न का उत्तर देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि NHAI ने वास्तव में भूमि अधिग्रहण बाधाओं और आवश्यकताओं की अनुपलब्धता के कारण 3,303 करोड़ रुपए की लागत वाली परियोजनाओं को रद्द कर दिया था। गडकरी ने ये भी जानकारी दी कि परियोजनाओं को जारी रखने के लिए भूमि अधिग्रहण व आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्र की तरफ से पंजाब सरकार को प्रस्ताव भी भेजा गया है। पंजाब में अभी तक 52000 करोड़ रुपए की लागत से 1500 किमी लंबा राष्ट्रीय मार्ग विकसित किया जा रहा है। भूमि अधिग्रहण ना होने से NHAI को पहुंचा नुकसान भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजों में देरी का नुकसान भी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को उठाना पड़ा। परियोजनाओं पर काम कर रहे ठेकेदार NHAI के साथ किए गए कंट्रेक्ट खत्म करने या रोकने पर बोधित हो गए। अधकितर ठेकेदारों की तरफ से NHAI से क्लेम भी मांगा है। 28 अगस्त को परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अब पंजाब व अन्य राज्यों में चल रहे प्रोजेक्ट्स की समीक्षा करेंगे। हालांकि पहले वे 31 जुलाई को ये बैठक करने वाले थे। लेकिन मानसूर सत्र में व्यस्त रहने के कारण इसे स्थगित किया गया। अब इसे 28 अगस्त को किया जाएगा। NHAI पहले भी राज्य के अधिकारियों पर जता चुकी नाराजगी NHAI पहले भी पंजाब सरकार के अधिकारियों की ढीले रवैये पर नाराजगी जता चुकी है। जिसके चलते NHAI ने पंजाब में 3303 करोड़ रुपये के तीन प्रोजेक्ट लुधियाना-रोपड़-खरड़, दक्षिण लुधियाना बाईपास और अमृतसर से टांडा प्रोजेक्ट बंद करने का फैसला लिया गया था। बीते महीने NHAI के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा को पत्र लिख कर अपनी नाराजगी भी जताई थी। पंजाब सरकार के अधिकारियों की ढिलाई के कारण न सिर्फ 8245 करोड़ का यह प्रोजेक्ट खतरे में है, बल्कि 42,175 करोड़ रुपये का दूसरा प्रोजेक्ट्स पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट कटरा, अमृतसर, दिल्ली एक्सप्रेस-वे का काम भी अधर में लटका हुआ है। तरनतारन और अमृतसर में जमीन अधीग्रहण व अवॉर्ड का काम पूरा नहीं हो पाया है। पंजाब के तीन राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को बंद करने की आवाज सांसद में भी गूंजी। राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी की तरफ से उठाए गए सवालों पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को खुद इस पर भारत सरकार का पक्ष रखना पड़ा। राज्य सभा में केंद्र सरकार का कहना है कि भूमी अधिग्रहण में आ रही दक्कतों के कारण ये प्रोजेक्ट रोके गए हैं। पंजाब से राज्यसभा सांसद विक्रम साहनी के प्रश्न का उत्तर देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि NHAI ने वास्तव में भूमि अधिग्रहण बाधाओं और आवश्यकताओं की अनुपलब्धता के कारण 3,303 करोड़ रुपए की लागत वाली परियोजनाओं को रद्द कर दिया था। गडकरी ने ये भी जानकारी दी कि परियोजनाओं को जारी रखने के लिए भूमि अधिग्रहण व आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्र की तरफ से पंजाब सरकार को प्रस्ताव भी भेजा गया है। पंजाब में अभी तक 52000 करोड़ रुपए की लागत से 1500 किमी लंबा राष्ट्रीय मार्ग विकसित किया जा रहा है। भूमि अधिग्रहण ना होने से NHAI को पहुंचा नुकसान भूमि अधिग्रहण के लिए मुआवजों में देरी का नुकसान भी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया को उठाना पड़ा। परियोजनाओं पर काम कर रहे ठेकेदार NHAI के साथ किए गए कंट्रेक्ट खत्म करने या रोकने पर बोधित हो गए। अधकितर ठेकेदारों की तरफ से NHAI से क्लेम भी मांगा है। 28 अगस्त को परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अब पंजाब व अन्य राज्यों में चल रहे प्रोजेक्ट्स की समीक्षा करेंगे। हालांकि पहले वे 31 जुलाई को ये बैठक करने वाले थे। लेकिन मानसूर सत्र में व्यस्त रहने के कारण इसे स्थगित किया गया। अब इसे 28 अगस्त को किया जाएगा। NHAI पहले भी राज्य के अधिकारियों पर जता चुकी नाराजगी NHAI पहले भी पंजाब सरकार के अधिकारियों की ढीले रवैये पर नाराजगी जता चुकी है। जिसके चलते NHAI ने पंजाब में 3303 करोड़ रुपये के तीन प्रोजेक्ट लुधियाना-रोपड़-खरड़, दक्षिण लुधियाना बाईपास और अमृतसर से टांडा प्रोजेक्ट बंद करने का फैसला लिया गया था। बीते महीने NHAI के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने पंजाब के मुख्य सचिव अनुराग वर्मा को पत्र लिख कर अपनी नाराजगी भी जताई थी। पंजाब सरकार के अधिकारियों की ढिलाई के कारण न सिर्फ 8245 करोड़ का यह प्रोजेक्ट खतरे में है, बल्कि 42,175 करोड़ रुपये का दूसरा प्रोजेक्ट्स पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। इसमें सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट कटरा, अमृतसर, दिल्ली एक्सप्रेस-वे का काम भी अधर में लटका हुआ है। तरनतारन और अमृतसर में जमीन अधीग्रहण व अवॉर्ड का काम पूरा नहीं हो पाया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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