<p style=”text-align: justify;”><strong>Saamana On Operation Sindoor:</strong> जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में घुसकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया था. अब उसी को लेकर सियासी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है. शिवसेना-यूबीटी ने अपने अखबार सामना के संपादकीय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर बड़ा हमला बोला है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सामना ने अपने संपादकीय में बीजेपी और पीएम <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. अखबार का दावा है कि पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम में कहा था, “मेरी रगों में अब खून नहीं, बल्कि गरम सिंदूर बहता है. जबकि बीजेपी और पीएम ने ऑपरेशन सिंदूर पर राजनीति न करने की सभी से अपील की थी, तो क्या उन्होंने अपने बयान को भुलाकर सिंदूर की राजनीति शुरू कर दी है. अगर ऐसा है तो यह अमानवीय है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>अखबार ने आगे लिखा है, “अगर मोदी हिंदुत्ववादी हैं तो उन्हें सिंदूर का महत्व समझना चाहिए और बोलना चाहिए. सिंदूर मांग पर सजता है. एक बार यह शरीर में प्रवेश कर जाए तो जहरीला हो जाता है. हम मोदी के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं. शंकर ने हलाहल पानी लिया. तो क्या अब मोदी सिंदूर का जहर पीने चले हैं.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>पीएम मोदी की बयान को आगे बढ़ाते हुए अखबार ने लिखा है कि बीजेपी और केंद्र सरकार को भारतीय सेना की कार्रवाई का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है. ‘सिंदूर’ मुद्दे का राजनीतिकरण करना इस बात का प्रतीक है कि बीजेपी वाले इस मामले में कितने असंवेदनशील हैं? ताज्जुब की बात यह है कि वह ‘सिंदूर’ यात्रा इस तरह निकाल रहे हैं, जैसे कि यह राजनीतिक प्रचार का शंखनाद हो या बीजेपी के कार्यकर्ता खुद सीमा पर लड़ने गए थे और उन्हीं की वजह से पहलगाम का बदला पूरा हुआ. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ट्रंप के हस्तक्षेप पर कुछ क्यों नहीं बोलते मोदी- सामना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सामना ने लिखा कि इसी तरह पाकिस्तान के खिलाफ जब भारतीय सेना पराक्रम चरम पर था, तो अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारतीय सेना के आतंक के खिलाफ घोषित युद्ध को रोक दिया. ट्रंप ने भारतीय सेना को पराक्रम की सफलता रचने से इस तरह रोक दिया, जैसे कि भारत अमेरिका का गुलाम देश है. प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति ट्रंप के इस हस्तक्षेप पर मुंह में दही जमाए क्यों बैठे रहे?</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मोदी को बार-बार सैन्य वर्दी में दिखाने का मतलब क्या निकालें- सामना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सामना ने आगे लिखा कि पहलगाम हमले के बाद से मोदी को बार-बार सैन्य वर्दी में दिखाया जा रहा है. भारतीय इसका क्या मतलब निकालें? प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में रविवार को ‘एनडीए’ शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि अब से ‘<a title=”ऑपरेशन सिंदूर” href=”https://www.abplive.com/topic/operation-sindoor” data-type=”interlinkingkeywords”>ऑपरेशन सिंदूर</a>’ ही प्रचार का अस्त्र होगा. यानी जिस तरह 2019 की लोकसभा में पुलवामा में शहीद हुए 40 जवानों की शहादत का फायदा उठाया गया ठीक उसी तरह इस दफा सिंदूर खो चुकीं 26 मां-बहनों के मामले में भी होगा. ऐसा तो केवल बीजेपी ही ‘सिंदूर यात्रा’ आयोजित कर कर सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बहनों की उजड़ी मांग को न्याय कब मिलेगी- सामना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अखबार ने सवाल उठाते हुए पूछा है कि <a title=”पहलगाम” href=”https://www.abplive.com/topic/pahalgam-terror-attack” data-type=”interlinkingkeywords”>पहलगाम</a> में आतंकवादियों ने 26 महिलाओं के माथे से सिंदूर मिटा दिया था. अब देश की जनता उन बहनों की उजड़ी हुई मांग के लिए न्याय और प्रतिशोध मांग रही है. क्या सिंदूर की राजनीति करने वालों को इसका एहसास है?</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Saamana On Operation Sindoor:</strong> जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पीओके में घुसकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया था. अब उसी को लेकर सियासी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है. शिवसेना-यूबीटी ने अपने अखबार सामना के संपादकीय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर बड़ा हमला बोला है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सामना ने अपने संपादकीय में बीजेपी और पीएम <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. अखबार का दावा है कि पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम में कहा था, “मेरी रगों में अब खून नहीं, बल्कि गरम सिंदूर बहता है. जबकि बीजेपी और पीएम ने ऑपरेशन सिंदूर पर राजनीति न करने की सभी से अपील की थी, तो क्या उन्होंने अपने बयान को भुलाकर सिंदूर की राजनीति शुरू कर दी है. अगर ऐसा है तो यह अमानवीय है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>अखबार ने आगे लिखा है, “अगर मोदी हिंदुत्ववादी हैं तो उन्हें सिंदूर का महत्व समझना चाहिए और बोलना चाहिए. सिंदूर मांग पर सजता है. एक बार यह शरीर में प्रवेश कर जाए तो जहरीला हो जाता है. हम मोदी के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं. शंकर ने हलाहल पानी लिया. तो क्या अब मोदी सिंदूर का जहर पीने चले हैं.” </p>
<p style=”text-align: justify;”>पीएम मोदी की बयान को आगे बढ़ाते हुए अखबार ने लिखा है कि बीजेपी और केंद्र सरकार को भारतीय सेना की कार्रवाई का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है. ‘सिंदूर’ मुद्दे का राजनीतिकरण करना इस बात का प्रतीक है कि बीजेपी वाले इस मामले में कितने असंवेदनशील हैं? ताज्जुब की बात यह है कि वह ‘सिंदूर’ यात्रा इस तरह निकाल रहे हैं, जैसे कि यह राजनीतिक प्रचार का शंखनाद हो या बीजेपी के कार्यकर्ता खुद सीमा पर लड़ने गए थे और उन्हीं की वजह से पहलगाम का बदला पूरा हुआ. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ट्रंप के हस्तक्षेप पर कुछ क्यों नहीं बोलते मोदी- सामना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सामना ने लिखा कि इसी तरह पाकिस्तान के खिलाफ जब भारतीय सेना पराक्रम चरम पर था, तो अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने भारतीय सेना के आतंक के खिलाफ घोषित युद्ध को रोक दिया. ट्रंप ने भारतीय सेना को पराक्रम की सफलता रचने से इस तरह रोक दिया, जैसे कि भारत अमेरिका का गुलाम देश है. प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति ट्रंप के इस हस्तक्षेप पर मुंह में दही जमाए क्यों बैठे रहे?</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मोदी को बार-बार सैन्य वर्दी में दिखाने का मतलब क्या निकालें- सामना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सामना ने आगे लिखा कि पहलगाम हमले के बाद से मोदी को बार-बार सैन्य वर्दी में दिखाया जा रहा है. भारतीय इसका क्या मतलब निकालें? प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में रविवार को ‘एनडीए’ शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उप मुख्यमंत्रियों की बैठक हुई. इस बैठक में निर्णय लिया गया कि अब से ‘<a title=”ऑपरेशन सिंदूर” href=”https://www.abplive.com/topic/operation-sindoor” data-type=”interlinkingkeywords”>ऑपरेशन सिंदूर</a>’ ही प्रचार का अस्त्र होगा. यानी जिस तरह 2019 की लोकसभा में पुलवामा में शहीद हुए 40 जवानों की शहादत का फायदा उठाया गया ठीक उसी तरह इस दफा सिंदूर खो चुकीं 26 मां-बहनों के मामले में भी होगा. ऐसा तो केवल बीजेपी ही ‘सिंदूर यात्रा’ आयोजित कर कर सकती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बहनों की उजड़ी मांग को न्याय कब मिलेगी- सामना</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अखबार ने सवाल उठाते हुए पूछा है कि <a title=”पहलगाम” href=”https://www.abplive.com/topic/pahalgam-terror-attack” data-type=”interlinkingkeywords”>पहलगाम</a> में आतंकवादियों ने 26 महिलाओं के माथे से सिंदूर मिटा दिया था. अब देश की जनता उन बहनों की उजड़ी हुई मांग के लिए न्याय और प्रतिशोध मांग रही है. क्या सिंदूर की राजनीति करने वालों को इसका एहसास है?</p> महाराष्ट्र UP Parivahan Vibhag News: यूपी में परिवहन विभाग की सेवाओं में बड़ा बदलाव, लोगों को मिलेगी ये सुविधाएं
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