Patna News: पटना में मठ की दीवार गिरी और ‘प्रकट’ हुए शिव भगवान, 500 साल पुराना मंदिर होने का दावा

Patna News: पटना में मठ की दीवार गिरी और ‘प्रकट’ हुए शिव भगवान, 500 साल पुराना मंदिर होने का दावा

<p style=”text-align: justify;”><strong>Patna Temple News: </strong><span style=”font-weight: 400;”>राजधानी पटना में 63 साल से दबंगों के कब्जे में रहे भगवान भोलेनाथ का मंदिर अब आजाद हो गया है. भक्तों को जैसे ही भगवान शिव दिखे तो लोग हाथ जोड़कर पहुंचने लगे. मन्नत मांगने लगे. अब स्थानीय लोगों का कहना है कि जल्द भोलेनाथ का आलीशान मंदिर बनाया जाएगा. दावा किया गया कि यह मंदिर करीब 500 साल पुराना है, लेकिन लोगों की नजर से दूर था.&nbsp;</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंदिर के बारे में कैसे चला पता?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>दरअसल यह पूरा मामला राजधानी पटना के सुल्तानगंज इलाके का है. त्रिपोलिया के पास नारायण बाबू की गली में स्थित लक्ष्मणपुर मठ की दीवार चार जनवरी की रात्रि में गिर गई. कुछ लोगों का कहना है कि दीवार गिराई गई है. हालांकि इस पर अभी कुछ साफ नहीं हुआ है. जितनी मुंह उतनी बातें हो रही हैं. दीवार गिरने के बाद मठ के अंदर जो चीज थी वह नजर आने लगी. आसपास के लोगों को एक पुराना मंदिर भी दिखा. इसके बाद क्या था लोग दर्शन करने के लिए पहुंचने लगे.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>स्थानीय लोगों ने सोशल मीडिया पर भी तस्वीरें वायरल कर दी. मंदिर को देखने&nbsp; के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचने लगे. मंदिर में पूजा-पाठ के साथ चढ़ावा भी शुरू हो गया है. स्थानीय लोगों ने कहा कि अब इस मंदिर का पुनर्निर्माण होगा. वैसे&nbsp; देखने में यह मंदिर काफी पुराना लग रहा है.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>धीरे-धीरे मठ पर हो गया था कब्जा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>एक स्थानीय वृद्ध ने बताया कि यह मंदिर लक्ष्मणपुर मठ परिसर में बना था. मठ के महंत की देखरेख में था, लेकिन 1962 में श्याम बिहारी सिंह नाम का एक व्यक्ति आया और मठ के पास एक कट्ठा जमीन खरीदकर रहने लगा. धीरे-धीरे वह मठ पर कब्जा कर लिया. स्थिति ऐसी आ गई कि मठ के अंदर क्या है वह स्थानीय लोग भी नहीं जान पाए. 2007 में स्थानीय लोगों ने धार्मिक न्यास बोर्ड में अपील की. इसी महीने 13 जनवरी को धार्मिक न्यास&nbsp; बोर्ड से फैसला आना था लेकिन उसके पहले ही भगवान भोलेनाथ प्रकट हो गए. अचानक मठ की दीवार गिरी और लोगों ने इस मंदिर को देख लिया.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/prashant-kishor-deny-for-conditional-bail-hunger-strike-will-continue-in-jail-2857342″>’आवाज उठाना अगर गुनाह है तो&hellip;’, प्रशांत किशोर नहीं लेंगे बेल, जेल में करेंगे आमरण अनशन</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Patna Temple News: </strong><span style=”font-weight: 400;”>राजधानी पटना में 63 साल से दबंगों के कब्जे में रहे भगवान भोलेनाथ का मंदिर अब आजाद हो गया है. भक्तों को जैसे ही भगवान शिव दिखे तो लोग हाथ जोड़कर पहुंचने लगे. मन्नत मांगने लगे. अब स्थानीय लोगों का कहना है कि जल्द भोलेनाथ का आलीशान मंदिर बनाया जाएगा. दावा किया गया कि यह मंदिर करीब 500 साल पुराना है, लेकिन लोगों की नजर से दूर था.&nbsp;</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मंदिर के बारे में कैसे चला पता?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>दरअसल यह पूरा मामला राजधानी पटना के सुल्तानगंज इलाके का है. त्रिपोलिया के पास नारायण बाबू की गली में स्थित लक्ष्मणपुर मठ की दीवार चार जनवरी की रात्रि में गिर गई. कुछ लोगों का कहना है कि दीवार गिराई गई है. हालांकि इस पर अभी कुछ साफ नहीं हुआ है. जितनी मुंह उतनी बातें हो रही हैं. दीवार गिरने के बाद मठ के अंदर जो चीज थी वह नजर आने लगी. आसपास के लोगों को एक पुराना मंदिर भी दिखा. इसके बाद क्या था लोग दर्शन करने के लिए पहुंचने लगे.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>स्थानीय लोगों ने सोशल मीडिया पर भी तस्वीरें वायरल कर दी. मंदिर को देखने&nbsp; के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचने लगे. मंदिर में पूजा-पाठ के साथ चढ़ावा भी शुरू हो गया है. स्थानीय लोगों ने कहा कि अब इस मंदिर का पुनर्निर्माण होगा. वैसे&nbsp; देखने में यह मंदिर काफी पुराना लग रहा है.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>धीरे-धीरे मठ पर हो गया था कब्जा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><span style=”font-weight: 400;”>एक स्थानीय वृद्ध ने बताया कि यह मंदिर लक्ष्मणपुर मठ परिसर में बना था. मठ के महंत की देखरेख में था, लेकिन 1962 में श्याम बिहारी सिंह नाम का एक व्यक्ति आया और मठ के पास एक कट्ठा जमीन खरीदकर रहने लगा. धीरे-धीरे वह मठ पर कब्जा कर लिया. स्थिति ऐसी आ गई कि मठ के अंदर क्या है वह स्थानीय लोग भी नहीं जान पाए. 2007 में स्थानीय लोगों ने धार्मिक न्यास बोर्ड में अपील की. इसी महीने 13 जनवरी को धार्मिक न्यास&nbsp; बोर्ड से फैसला आना था लेकिन उसके पहले ही भगवान भोलेनाथ प्रकट हो गए. अचानक मठ की दीवार गिरी और लोगों ने इस मंदिर को देख लिया.</span></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/prashant-kishor-deny-for-conditional-bail-hunger-strike-will-continue-in-jail-2857342″>’आवाज उठाना अगर गुनाह है तो&hellip;’, प्रशांत किशोर नहीं लेंगे बेल, जेल में करेंगे आमरण अनशन</a></strong></p>  बिहार 10 मिनट तक बंद कमरे में मुलाकात! जयराम ठाकुर के घर बधाई देने पहुंचे लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह