Punjab: निर्दलीय MP अमृतपाल सिंह बनाएंगे नई पार्टी? पंजाब के इस सांसद ने बनाया प्लान

Punjab: निर्दलीय MP अमृतपाल सिंह बनाएंगे नई पार्टी? पंजाब के इस सांसद ने बनाया प्लान

<p style=”text-align: justify;”><strong>Punjab News:</strong> पंजाब के फरीदकोट से निर्दलीय सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने कहा है कि वह खडूर साहिब के एमपी और वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह के साथ मिलकर नई पार्टी बनाएंगे. सरबजीत सिंह खालसा ने कहा कि अमृतपाल सिंह के जेल से बाहर आने पर नई पार्टी बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि पंजाब में एक नया पंथिक संगठन बनाने का समय आ गया है और वह इस दिशा में काम शुरू करने के लिए खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह से बात करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>’द इंडियन एक्सप्रेस’ से बात करते हुए सरबजीत सिंह खालसा ने कहा, “मुझे पंजाब में एक नए पंथिक संगठन की जरूरत महसूस होती है. मैं खडूर साहिब के सांसद भाई अमृतपाल सिंह से इस बारे में बात करूंगा, जब वह जेल से बाहर आएंगे. अगर आम सहमति बन जाती है तो हम इस दिशा में आगे बढ़ने की योजना बना सकते हैं. अगर अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह अपने बेटे की अनुपस्थिति में कोई फैसला करते हैं तो हम पंजाब के लिए एक नया पंथिक संगठन बनाने के लिए काम करना शुरू कर सकते हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं यह पूछे जाने पर कि उन्हें एक नया पंथिक संगठन बनाने की आवश्यकता क्यों महसूस हुई, इस पर खालसा ने कहा, “लोगों ने चुनाव में वोट दिया, उन्होंने मुझे और भाई अमृतपाल सिंह को विजयी बनाया, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि उन्हें अपनी बात कहने के लिए एक नए मंच की आवश्यकता है. सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व वाली शिरोमणि अकाली दल और सिमरनजीत सिंह मान के नेतृत्व वाली शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) कोई दिशा देने में विफल रही है. अगर यह सच नहीं होता तो लोग हमें नहीं चुनते.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एसजीपीसी चुनाव भी लड़ेंगे सरबजीत सिंह खालसा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा आगामी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी चुनावों के बारे में पूछे जाने पर सरबजीत सिंह खालसा ने कहा, “हम निश्चित रूप से चुनाव लड़ेंगे. हमारे उम्मीदवार चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. लोग हमें पंथिक संगठन बनाने के लिए देख रहे हैं और इसलिए उनमें उत्साह भी है. हालांकि, हमने अभी तक कुछ तय नहीं किया है. हम अमृतपाल सिंह या उनके परिवार से बात करने के बाद ही ऐसा करेंगे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरबजीत सिंह खालसा ने कहा, “मैं चुनाव के दौरान अपने संसदीय क्षेत्र के सभी 650 गांवों का दौरा भी नहीं कर सका, फिर भी लोगों ने मुझे वोट दिया. मैंने पहले भी चुनाव लड़ा है, लेकिन लोगों को आखिरकार एहसास हुआ कि उन्हें बदलाव की जरूरत है क्योंकि आप अपने वादों पर खरी नहीं उतरी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कई चुनाव हारने के बाद जीते हैं सरबजीत सिंह खालसा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>खालसा ने फरीदकोट संसदीय क्षेत्र से जीत हासिल की है. उन्होंने पंजाब के सीएम <a title=”भगवंत मान” href=”https://www.abplive.com/topic/bhagwant-mann” data-type=”interlinkingkeywords”>भगवंत मान</a> के करीबी दोस्त और लोकप्रिय पंजाबी अभिनेता और गायक करमजीत सिंह अनमोल को 70,053 वोटों के अंतर से हराया. खालसा ने 2004 के लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के उम्मीदवार के रूप में बठिंडा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें 1.13 लाख वोट मिले थे. उन्होंने 2007 के पंजाब विधानसभा चुनाव में बरनाला की भदौर सीट से शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर फतेहगढ़ साहिब सीट से फिर किस्मत आजमाई, लेकिन फिर हार गए. उन्होंने 2019 का <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> और उसके बाद 2022 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा. सरबजीत सिंह खालसा इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह के बेटे हैं. तत्कालीन प्रधानमंत्री के अंगरक्षक बेअंत सिंह और सतवंत सिंह ने 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की उनके आवास पर हत्या कर दी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं अमृतपाल सिंह</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत 9 सहयोगियों के साथ असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं. अमृतपाल सिंह ने पंजाब के खडूर साहिब लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को 1.97 लाख वोटों के अंतर से हराया था.&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Punjab News:</strong> पंजाब के फरीदकोट से निर्दलीय सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने कहा है कि वह खडूर साहिब के एमपी और वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह के साथ मिलकर नई पार्टी बनाएंगे. सरबजीत सिंह खालसा ने कहा कि अमृतपाल सिंह के जेल से बाहर आने पर नई पार्टी बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि पंजाब में एक नया पंथिक संगठन बनाने का समय आ गया है और वह इस दिशा में काम शुरू करने के लिए खडूर साहिब के सांसद अमृतपाल सिंह से बात करेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>’द इंडियन एक्सप्रेस’ से बात करते हुए सरबजीत सिंह खालसा ने कहा, “मुझे पंजाब में एक नए पंथिक संगठन की जरूरत महसूस होती है. मैं खडूर साहिब के सांसद भाई अमृतपाल सिंह से इस बारे में बात करूंगा, जब वह जेल से बाहर आएंगे. अगर आम सहमति बन जाती है तो हम इस दिशा में आगे बढ़ने की योजना बना सकते हैं. अगर अमृतपाल सिंह के पिता तरसेम सिंह अपने बेटे की अनुपस्थिति में कोई फैसला करते हैं तो हम पंजाब के लिए एक नया पंथिक संगठन बनाने के लिए काम करना शुरू कर सकते हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं यह पूछे जाने पर कि उन्हें एक नया पंथिक संगठन बनाने की आवश्यकता क्यों महसूस हुई, इस पर खालसा ने कहा, “लोगों ने चुनाव में वोट दिया, उन्होंने मुझे और भाई अमृतपाल सिंह को विजयी बनाया, जो स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि उन्हें अपनी बात कहने के लिए एक नए मंच की आवश्यकता है. सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व वाली शिरोमणि अकाली दल और सिमरनजीत सिंह मान के नेतृत्व वाली शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) कोई दिशा देने में विफल रही है. अगर यह सच नहीं होता तो लोग हमें नहीं चुनते.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एसजीपीसी चुनाव भी लड़ेंगे सरबजीत सिंह खालसा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा आगामी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी चुनावों के बारे में पूछे जाने पर सरबजीत सिंह खालसा ने कहा, “हम निश्चित रूप से चुनाव लड़ेंगे. हमारे उम्मीदवार चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. लोग हमें पंथिक संगठन बनाने के लिए देख रहे हैं और इसलिए उनमें उत्साह भी है. हालांकि, हमने अभी तक कुछ तय नहीं किया है. हम अमृतपाल सिंह या उनके परिवार से बात करने के बाद ही ऐसा करेंगे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”>सरबजीत सिंह खालसा ने कहा, “मैं चुनाव के दौरान अपने संसदीय क्षेत्र के सभी 650 गांवों का दौरा भी नहीं कर सका, फिर भी लोगों ने मुझे वोट दिया. मैंने पहले भी चुनाव लड़ा है, लेकिन लोगों को आखिरकार एहसास हुआ कि उन्हें बदलाव की जरूरत है क्योंकि आप अपने वादों पर खरी नहीं उतरी.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कई चुनाव हारने के बाद जीते हैं सरबजीत सिंह खालसा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>खालसा ने फरीदकोट संसदीय क्षेत्र से जीत हासिल की है. उन्होंने पंजाब के सीएम <a title=”भगवंत मान” href=”https://www.abplive.com/topic/bhagwant-mann” data-type=”interlinkingkeywords”>भगवंत मान</a> के करीबी दोस्त और लोकप्रिय पंजाबी अभिनेता और गायक करमजीत सिंह अनमोल को 70,053 वोटों के अंतर से हराया. खालसा ने 2004 के लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के उम्मीदवार के रूप में बठिंडा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें 1.13 लाख वोट मिले थे. उन्होंने 2007 के पंजाब विधानसभा चुनाव में बरनाला की भदौर सीट से शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर फतेहगढ़ साहिब सीट से फिर किस्मत आजमाई, लेकिन फिर हार गए. उन्होंने 2019 का <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> और उसके बाद 2022 का विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा. सरबजीत सिंह खालसा इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह के बेटे हैं. तत्कालीन प्रधानमंत्री के अंगरक्षक बेअंत सिंह और सतवंत सिंह ने 31 अक्टूबर 1984 को इंदिरा गांधी की उनके आवास पर हत्या कर दी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं अमृतपाल सिंह</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह वर्तमान में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत 9 सहयोगियों के साथ असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं. अमृतपाल सिंह ने पंजाब के खडूर साहिब लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को 1.97 लाख वोटों के अंतर से हराया था.&nbsp;</p>  पंजाब बजट को लेकर भड़के पंजाब के सांसद, ABP न्यूज़ से राजा वडिंग बोले- ‘एक भी सीट नहीं मिली इसलिए…’