Swati Maliwal Case: जमानत के लिए दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचे बिभव कुमार, कहा- ‘हिरासत में…’

Swati Maliwal Case: जमानत के लिए दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचे बिभव कुमार, कहा- ‘हिरासत में…’

<p style=”text-align: justify;”><strong>Bibhav Kumar Bail Petition Swati Maliwal Case:</strong> आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल से कथित मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार ने नियमित जमानत के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. हाई कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ के सामने जमानत याचिका 14 जून को समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होने की संभावना है. ​बिभव कुमार 31 मई को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली के सीएम के पूर्व पीए बिभव कुमार पर 13 मई को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर स्वाति मालीवाल से मारपीट करने का आरोप है. तीस हजारी कोर्ट की निचली अदालत ने सात जून को यह कहते हुए उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था कि वह &lsquo;गंभीर और संगीन&rsquo; आरोपों का सामना कर रहे हैं. ऐसी आशंका है कि वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’हिरासत में रखने की जरूरत नहीं'</strong><br />&nbsp;<br />हाई कोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में कुमार ने कहा कि निचली अदालत इस तथ्य पर विचार करने में विफल रही कि उनकी आगे की हिरासत की आवश्यकता नहीं है. जांच अधिकारी द्वारा सभी सबूत एकत्र किए गए हैं और गवाहों के बयान भी दर्ज किए गए हैं.&nbsp;बिभव कुमार ने अपनी याचिका में कहा, &lsquo;&lsquo;जमानत नहीं देने का आदेश पारित करते समय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश इस तथ्य पर विचार करने में विफल रहे कि उपरोक्त प्राथमिकी के संबंध में सभी सबूत जांच अधिकारी द्वारा एकत्र किए गए हैं और गवाहों के बयान भी दर्ज किए गए हैं, इसलिए याचिकाकर्ता की हिरासत की जरूरत नहीं है. याचिकाकर्ता को न्यायिक हिरासत में रखने से कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा नहीं होगा.&rsquo;&rsquo; &nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सत्र अदालत ने याचिका कर दिया था खारिज</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम के पीए बिभव कुमार की पहली जमानत याचिका को एक अन्य सत्र अदालत ने 27 मई को खारिज कर दिया था. कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था. कुमार के खिलाफ 16 मई को भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें आपराधिक धमकी, एक महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला करना या आपराधिक बल का इस्तेमाल करना और गैर इरादतन हत्या का प्रयास शामिल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Delhi Weather: कब तक दिल्ली के आसमान से बरसते रहेंगे आग के गोले, मानसून आने से पहले न करें इसकी उम्मीद” href=”https://www.abplive.com/photo-gallery/states/delhi-ncr-delhi-weather-update-imd-alert-heatwave-till-18th-june-2024-2713694″ target=”_blank” rel=”noopener”>Delhi Weather: कब तक दिल्ली के आसमान से बरसते रहेंगे आग के गोले, मानसून आने से पहले न करें इसकी उम्मीद</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Bibhav Kumar Bail Petition Swati Maliwal Case:</strong> आम आदमी पार्टी (आप) की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल से कथित मारपीट के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी बिभव कुमार ने नियमित जमानत के लिए दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. हाई कोर्ट की अवकाशकालीन पीठ के सामने जमानत याचिका 14 जून को समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध होने की संभावना है. ​बिभव कुमार 31 मई को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया था.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली के सीएम के पूर्व पीए बिभव कुमार पर 13 मई को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर स्वाति मालीवाल से मारपीट करने का आरोप है. तीस हजारी कोर्ट की निचली अदालत ने सात जून को यह कहते हुए उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था कि वह &lsquo;गंभीर और संगीन&rsquo; आरोपों का सामना कर रहे हैं. ऐसी आशंका है कि वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’हिरासत में रखने की जरूरत नहीं'</strong><br />&nbsp;<br />हाई कोर्ट के समक्ष अपनी याचिका में कुमार ने कहा कि निचली अदालत इस तथ्य पर विचार करने में विफल रही कि उनकी आगे की हिरासत की आवश्यकता नहीं है. जांच अधिकारी द्वारा सभी सबूत एकत्र किए गए हैं और गवाहों के बयान भी दर्ज किए गए हैं.&nbsp;बिभव कुमार ने अपनी याचिका में कहा, &lsquo;&lsquo;जमानत नहीं देने का आदेश पारित करते समय अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश इस तथ्य पर विचार करने में विफल रहे कि उपरोक्त प्राथमिकी के संबंध में सभी सबूत जांच अधिकारी द्वारा एकत्र किए गए हैं और गवाहों के बयान भी दर्ज किए गए हैं, इसलिए याचिकाकर्ता की हिरासत की जरूरत नहीं है. याचिकाकर्ता को न्यायिक हिरासत में रखने से कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा नहीं होगा.&rsquo;&rsquo; &nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सत्र अदालत ने याचिका कर दिया था खारिज</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम के पीए बिभव कुमार की पहली जमानत याचिका को एक अन्य सत्र अदालत ने 27 मई को खारिज कर दिया था. कुमार को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था. कुमार के खिलाफ 16 मई को भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें आपराधिक धमकी, एक महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला करना या आपराधिक बल का इस्तेमाल करना और गैर इरादतन हत्या का प्रयास शामिल है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Delhi Weather: कब तक दिल्ली के आसमान से बरसते रहेंगे आग के गोले, मानसून आने से पहले न करें इसकी उम्मीद” href=”https://www.abplive.com/photo-gallery/states/delhi-ncr-delhi-weather-update-imd-alert-heatwave-till-18th-june-2024-2713694″ target=”_blank” rel=”noopener”>Delhi Weather: कब तक दिल्ली के आसमान से बरसते रहेंगे आग के गोले, मानसून आने से पहले न करें इसकी उम्मीद</a></strong></p>  दिल्ली NCR यूपी पुलिस में इन पदों पर अब संविदा पर होगी भर्ती! अफसरों को लिखी ये चिट्ठी