UCC लागू होने के बाद यूपी में सीएम धामी का सम्मान, कहा- ‘मुस्लिम बहनों को कुप्रथाओं से मुक्ति मिली’

UCC लागू होने के बाद यूपी में सीएम धामी का सम्मान, कहा- ‘मुस्लिम बहनों को कुप्रथाओं से मुक्ति मिली’

<p style=”text-align: justify;”><strong>Uniform Civil Code:</strong> उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी का यूपी के गजरौला स्थित वेंकटेश्वरा यूनिवर्सिटी परिसर में भव्य अभिनंदन किया गया. रविवार को हुए इस सम्मान समारोह में सीएम धामी ने इसे उत्तराखंड की सवा करोड़ जनता का सम्मान बताया. उन्होंने कहा कि जनता के आशीर्वाद और समर्थन से ही वे ऐतिहासिक निर्णय लेने में सक्षम हो सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता संविधान की आत्मा को साकार करने वाला कानून है. यह बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के सपनों को पूरा करने और भारत के संविधान निर्माताओं को सच्ची श्रद्धांजलि देने का माध्यम है. उन्होंने बताया कि 2022 के विधानसभा चुनावों में जनता ने दोबारा भाजपा सरकार को चुनकर इस ऐतिहासिक फैसले की नींव रखी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महिला सशक्तिकरण का नया युग शुरू- सीएम</strong><br />मुख्यमंत्री ने यूसीसी को महिलाओं के अधिकारों का सुरक्षा कवच बताते हुए कहा कि इससे उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण का नया युग शुरू हुआ है. उन्होंने कहा कि इससे मुस्लिम बहनों को हलाला, बहुविवाह, बाल विवाह और तीन तलाक जैसी कुप्रथाओं से मुक्ति मिली है. अब किसी भी महिला को संपत्ति या उत्तराधिकार के मामले में भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि यह कानून जाति, धर्म और लिंग के आधार पर होने वाले कानूनी भेदभाव को खत्म करने का संवैधानिक उपाय है. उन्होंने बताया कि यूसीसी लागू होने के बाद कई मुस्लिम महिलाओं ने उनका आभार व्यक्त किया है. सीएम धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू होने से न्यायिक प्रक्रिया भी आसान और तेज होगी. यह कानून समाज में समरसता स्थापित करने का माध्यम बनेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम धामी ने स्पष्ट किया कि यह कानून किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं है, बल्कि समाज की कुप्रथाओं को समाप्त कर समानता की भावना को मजबूत करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि विश्व के कई मुस्लिम देशों सहित कई सभ्य देशों में पहले से ही समान नागरिक संहिता लागू है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/ghaziabad-news-dasna-mandir-mahant-yati-narsinghanand-supported-sambhal-co-anuj-chaudhary-ann-2900375″>संभल CO अनुज चौधरी के समर्थन में उतरे यति नरसिंहानंद, सीएम योगी से की बड़ी मांग</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>देश के अन्य राज्यों को प्रेरित करेगा- सीएम</strong><br />मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में लागू की गई समान नागरिक संहिता का प्रभाव पूरे भारत में महसूस किया जाएगा. उन्होंने इसे मां गंगा से तुलना करते हुए कहा कि जिस प्रकार गंगा उत्तराखंड से निकलकर पूरे देश को पवित्र जल से अभिसिंचित करती है, उसी प्रकार यूसीसी का प्रभाव भी देश के अन्य राज्यों को प्रेरित करेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर है और समान नागरिक संहिता भी इसी लक्ष्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में अन्य राज्य भी इस कानून को अपनाकर समरस और समान समाज की दिशा में आगे बढ़ेंगे.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Uniform Civil Code:</strong> उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी का यूपी के गजरौला स्थित वेंकटेश्वरा यूनिवर्सिटी परिसर में भव्य अभिनंदन किया गया. रविवार को हुए इस सम्मान समारोह में सीएम धामी ने इसे उत्तराखंड की सवा करोड़ जनता का सम्मान बताया. उन्होंने कहा कि जनता के आशीर्वाद और समर्थन से ही वे ऐतिहासिक निर्णय लेने में सक्षम हो सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता संविधान की आत्मा को साकार करने वाला कानून है. यह बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के सपनों को पूरा करने और भारत के संविधान निर्माताओं को सच्ची श्रद्धांजलि देने का माध्यम है. उन्होंने बताया कि 2022 के विधानसभा चुनावों में जनता ने दोबारा भाजपा सरकार को चुनकर इस ऐतिहासिक फैसले की नींव रखी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>महिला सशक्तिकरण का नया युग शुरू- सीएम</strong><br />मुख्यमंत्री ने यूसीसी को महिलाओं के अधिकारों का सुरक्षा कवच बताते हुए कहा कि इससे उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण का नया युग शुरू हुआ है. उन्होंने कहा कि इससे मुस्लिम बहनों को हलाला, बहुविवाह, बाल विवाह और तीन तलाक जैसी कुप्रथाओं से मुक्ति मिली है. अब किसी भी महिला को संपत्ति या उत्तराधिकार के मामले में भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि यह कानून जाति, धर्म और लिंग के आधार पर होने वाले कानूनी भेदभाव को खत्म करने का संवैधानिक उपाय है. उन्होंने बताया कि यूसीसी लागू होने के बाद कई मुस्लिम महिलाओं ने उनका आभार व्यक्त किया है. सीएम धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू होने से न्यायिक प्रक्रिया भी आसान और तेज होगी. यह कानून समाज में समरसता स्थापित करने का माध्यम बनेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम धामी ने स्पष्ट किया कि यह कानून किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं है, बल्कि समाज की कुप्रथाओं को समाप्त कर समानता की भावना को मजबूत करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि विश्व के कई मुस्लिम देशों सहित कई सभ्य देशों में पहले से ही समान नागरिक संहिता लागू है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/ghaziabad-news-dasna-mandir-mahant-yati-narsinghanand-supported-sambhal-co-anuj-chaudhary-ann-2900375″>संभल CO अनुज चौधरी के समर्थन में उतरे यति नरसिंहानंद, सीएम योगी से की बड़ी मांग</a><br /></strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>देश के अन्य राज्यों को प्रेरित करेगा- सीएम</strong><br />मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में लागू की गई समान नागरिक संहिता का प्रभाव पूरे भारत में महसूस किया जाएगा. उन्होंने इसे मां गंगा से तुलना करते हुए कहा कि जिस प्रकार गंगा उत्तराखंड से निकलकर पूरे देश को पवित्र जल से अभिसिंचित करती है, उसी प्रकार यूसीसी का प्रभाव भी देश के अन्य राज्यों को प्रेरित करेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर है और समान नागरिक संहिता भी इसी लक्ष्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में अन्य राज्य भी इस कानून को अपनाकर समरस और समान समाज की दिशा में आगे बढ़ेंगे.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड ‘सिर्फ हिंदुओं की बात करूंगा’, धीरेंद्र शास्त्री ने बांका में भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का लिया प्रण