<p style=”text-align: justify;”><strong>UP Aligarh Free Coaching Center: </strong>अलीगढ़ में एक ऐसा शिक्षण संस्थान मौजूद है, जहां बिना फीस लिए ही छात्रों को शिक्षा दी जाती है. यही नहीं इस संस्थान से अब तक डेढ़ सौ से ज्यादा छात्र अधिकारी बन चुके हैं और 3 हजार से ज्यादा छात्रों की नौकरियां लगी है. इस कोचिंग इंस्टीट्यूट की शुरूआत साल 2016 में तत्कालीन एसडीएम रहे डॉक्टर पंकज वर्मा ने की थी. जो ऑफिस टाइम गुजर जाने के बाद कुछ घटों के लिए छात्रों को पढ़ाते थे, लेकिन धीरे-धीरे यहां बच्चों की संख्या बढ़ती चली गई. अब यहाँ रोज़ाना 400 से ज़्यादा बच्चे पढ़ाई के लिए आते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>तत्कालीन एसडीएम रहे डॉक्टर पंकज वर्मा अपने ऑफिस टाइम के बाद कुछ छात्रों को तहसील कॉल में ही शिक्षा देते थे. धीरे-धीरे छात्रों की तादाद बढ़ती चली गई तो इस शिक्षण संस्थान को मालवीय पुस्तकालय में जगह मुहैया कराई. जिसके बाद से ये इंस्टीट्यूट यहां एक टीन की शेड में चलने लगा. अब यहां रोजाना 400 से ज्यादा छात्र कोचिंग लेने आते हैं. 2016 से अब तक यहां के डेढ़ सौ से ज्यादा छात्र अधिकारी बन चुके हैं जबकि 3000 से ज्यादा अलग-अलग नौकरियां कर रहे हैं.ल </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>छात्रों को बिना फीस के दिए जाती है ट्रेनिंग</strong><br />यहां की कोचिंग का अलग है रूतबा है. उसकी वजह ये हैं कि यहां प्रवेश पाने के लिए आपको किसी की जुगाड़ या फिर सिफारिश की जरूरत नहीं पड़ेगी. जो छात्र यहां से पढ़कर कोई बड़ी नौकरी कर रहे हैं या अधिकारी बन चुके हैं. या फिर ये छात्र पीसीएस, आईएएस के टेस्ट को पास कर चुके हैं किसी कारण उनका सिलेक्शन नहीं हो पाया वो छात्र भी इस क्रम को आगे बढ़ाते हैं और यहाँ आकर दूसरे बच्चों को पढ़ाते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>खास बात यह है डॉक्टर पंकज वर्मा चाहे जहां कही पोस्टेड हो वो इस पर अपनी पूरी नज़र रखते हैं. यहाँ का सारा खर्च वाई-फाई से लेकर बैठने की कुर्सी या अन्य सामान सभी का खर्च भी वहीं वहन करते हैं. छात्रों को परेशानी ना हो इसके लिए यहां पर व्यवस्थापकों की तैनाती की गई है. समय-समय पर छात्रों को नोटस वगैरह तैयार करके उपलब्ध कराये जाते है जिससे आईएएस, पीसीएस अन्य सिविल सर्विस की तैयारी करने वाले छात्रों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े. इसको लेकर हमेशा यहां व्यवस्थाएं दुरुस्त रहती हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>टीन शेड में कोचिंग भी है कहानी</strong><br />इस संस्थान में टीन की शेड में कोचिंग दी जाती है. इसके पीछे वजह है जो बच्चे पैसों के अभाव के चलते बड़े-बड़े कोचिंग सेंटर में नहीं पढ़ पाते और होनहार होने के बावजूद भी उन्हें कोई गाइड नहीं करता वो यहां आकर पढ़ाई कर सकें. ये कोचिंग संस्थान अब अलीगढ़ जिले की एक ऐसी कोचिंग बन चुकी है जिसमें से सभी परीक्षाओं में से दर्जनों छात्र निकलकर इस शिक्षण संस्थान का नाम रोशन करते हैं और अलीगढ़ जिले में इसको सबसे अव्वल बनाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>छात्रों का कहना है कि जिस तरह से यहाँ कोचिंग दी जाती है. समय-समय पर नोट तैयार कराये जाते है अगर उस हिसाब से देखा जाए तो अन्य कोचिंग सेंटरों पर लाखों रुपये छात्रों से लिए जाते हैं. लेकिन, सब मुफ़्त में होता है. उनसे कोई पैसे नहीं लिए जाते हैं. इस संस्थान के व्यवस्थापक का कहना है कि 2016 में एसडीएम रहे पंकज वर्मा ने इसकी शुरुआत की थी ताकि होनहार छात्रों को अभाव की वजह से पढ़ाई में दिक़्क़त न हो. इन दिनों डॉक्टर पंकज वर्मा की तैनाती महाराजगंज में है लेकिन वो समय समय पर इसकी जानकारी लेते रहते हैं और सारी जिम्मेदारियां भी संभालते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/yogi-adityanath-minister-sanjay-nishad-raised-questions-against-officers-and-bulldozer-action-ann-2738246″>‘कई अधिकारी अंदर से हाथी और साइकिल…’, संजय निषाद ने बुलडोजर एक्शन पर भी उठाए सवाल</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP Aligarh Free Coaching Center: </strong>अलीगढ़ में एक ऐसा शिक्षण संस्थान मौजूद है, जहां बिना फीस लिए ही छात्रों को शिक्षा दी जाती है. यही नहीं इस संस्थान से अब तक डेढ़ सौ से ज्यादा छात्र अधिकारी बन चुके हैं और 3 हजार से ज्यादा छात्रों की नौकरियां लगी है. इस कोचिंग इंस्टीट्यूट की शुरूआत साल 2016 में तत्कालीन एसडीएम रहे डॉक्टर पंकज वर्मा ने की थी. जो ऑफिस टाइम गुजर जाने के बाद कुछ घटों के लिए छात्रों को पढ़ाते थे, लेकिन धीरे-धीरे यहां बच्चों की संख्या बढ़ती चली गई. अब यहाँ रोज़ाना 400 से ज़्यादा बच्चे पढ़ाई के लिए आते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>तत्कालीन एसडीएम रहे डॉक्टर पंकज वर्मा अपने ऑफिस टाइम के बाद कुछ छात्रों को तहसील कॉल में ही शिक्षा देते थे. धीरे-धीरे छात्रों की तादाद बढ़ती चली गई तो इस शिक्षण संस्थान को मालवीय पुस्तकालय में जगह मुहैया कराई. जिसके बाद से ये इंस्टीट्यूट यहां एक टीन की शेड में चलने लगा. अब यहां रोजाना 400 से ज्यादा छात्र कोचिंग लेने आते हैं. 2016 से अब तक यहां के डेढ़ सौ से ज्यादा छात्र अधिकारी बन चुके हैं जबकि 3000 से ज्यादा अलग-अलग नौकरियां कर रहे हैं.ल </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>छात्रों को बिना फीस के दिए जाती है ट्रेनिंग</strong><br />यहां की कोचिंग का अलग है रूतबा है. उसकी वजह ये हैं कि यहां प्रवेश पाने के लिए आपको किसी की जुगाड़ या फिर सिफारिश की जरूरत नहीं पड़ेगी. जो छात्र यहां से पढ़कर कोई बड़ी नौकरी कर रहे हैं या अधिकारी बन चुके हैं. या फिर ये छात्र पीसीएस, आईएएस के टेस्ट को पास कर चुके हैं किसी कारण उनका सिलेक्शन नहीं हो पाया वो छात्र भी इस क्रम को आगे बढ़ाते हैं और यहाँ आकर दूसरे बच्चों को पढ़ाते हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”>खास बात यह है डॉक्टर पंकज वर्मा चाहे जहां कही पोस्टेड हो वो इस पर अपनी पूरी नज़र रखते हैं. यहाँ का सारा खर्च वाई-फाई से लेकर बैठने की कुर्सी या अन्य सामान सभी का खर्च भी वहीं वहन करते हैं. छात्रों को परेशानी ना हो इसके लिए यहां पर व्यवस्थापकों की तैनाती की गई है. समय-समय पर छात्रों को नोटस वगैरह तैयार करके उपलब्ध कराये जाते है जिससे आईएएस, पीसीएस अन्य सिविल सर्विस की तैयारी करने वाले छात्रों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े. इसको लेकर हमेशा यहां व्यवस्थाएं दुरुस्त रहती हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>टीन शेड में कोचिंग भी है कहानी</strong><br />इस संस्थान में टीन की शेड में कोचिंग दी जाती है. इसके पीछे वजह है जो बच्चे पैसों के अभाव के चलते बड़े-बड़े कोचिंग सेंटर में नहीं पढ़ पाते और होनहार होने के बावजूद भी उन्हें कोई गाइड नहीं करता वो यहां आकर पढ़ाई कर सकें. ये कोचिंग संस्थान अब अलीगढ़ जिले की एक ऐसी कोचिंग बन चुकी है जिसमें से सभी परीक्षाओं में से दर्जनों छात्र निकलकर इस शिक्षण संस्थान का नाम रोशन करते हैं और अलीगढ़ जिले में इसको सबसे अव्वल बनाते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>छात्रों का कहना है कि जिस तरह से यहाँ कोचिंग दी जाती है. समय-समय पर नोट तैयार कराये जाते है अगर उस हिसाब से देखा जाए तो अन्य कोचिंग सेंटरों पर लाखों रुपये छात्रों से लिए जाते हैं. लेकिन, सब मुफ़्त में होता है. उनसे कोई पैसे नहीं लिए जाते हैं. इस संस्थान के व्यवस्थापक का कहना है कि 2016 में एसडीएम रहे पंकज वर्मा ने इसकी शुरुआत की थी ताकि होनहार छात्रों को अभाव की वजह से पढ़ाई में दिक़्क़त न हो. इन दिनों डॉक्टर पंकज वर्मा की तैनाती महाराजगंज में है लेकिन वो समय समय पर इसकी जानकारी लेते रहते हैं और सारी जिम्मेदारियां भी संभालते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/yogi-adityanath-minister-sanjay-nishad-raised-questions-against-officers-and-bulldozer-action-ann-2738246″>‘कई अधिकारी अंदर से हाथी और साइकिल…’, संजय निषाद ने बुलडोजर एक्शन पर भी उठाए सवाल</a></strong></p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड बुलंदशहर में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या, मोबाइल को लेकर हुआ था विवाद