<p style=”text-align: justify;”><strong>UP Political News:</strong> उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीट के उपचुनाव की पूर्व संध्या पर मंगलवार को ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे के इर्द-गिर्द घूमती एक ‘होर्डिंग’ और एक बयान ने ध्यान आकर्षित किया. यहां 1090 चौराहे पर उत्तर प्रदेश भाजपा सचिव अभिजात मिश्रा द्वारा लगाई गई ‘होर्डिंग’ और समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा दिया गया बयान, दोनों ही नारे ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के इर्द-गिर्द घूमते हैं. यादव ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘यह ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारा भारतीय इतिहास का सबसे ‘नकारात्मक नारा है. यह असंवैधानिक नारा है.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ‘बंटेंगे’ वाला बयान उपचुनाव अभियान के दौरान भी ध्रुवीकरण के लिये उछाला जा रहा है. मिश्रा के होर्डिंग में अविभाजित भारत का नक्शा दिखाया गया है और कहा गया है कि ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ न केवल एक चुनावी नारा है, बल्कि देश के इतिहास से सीखा गया सबक है. होर्डिंग में लिखा है, ‘जब-जब हम लोग जाति, भाषा, क्षेत्रवाद और समुदाय के आधार पर बंटे, तब-तब हमारा देश बंटा. लेकिन अब हम इस विभाजन को दोबारा नहीं होने देंगे, हम लड़ेंगे, हम आगे बढ़ेंगे.'</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बटेंगे तो कटेंगे नारे का RSS ने भी किया समर्थन</strong><br />‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा आदित्यनाथ द्वारा राज्य भर में की गई 13 चुनावी रैलियों और दो रोड शो में गूंजता रहा. पूरे प्रचार अभियान के दौरान आदित्यनाथ ने वह बयान दिया जिसकी समर्थन भाजपा के वैचारिक स्रोत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी किया. प्रचार अभियान के दौरान आदित्यनाथ ने ‘एक रहेंगे तो नेक रहेंगे, एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे’ का भी इस्तेमाल किया. ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के नारे के जवाब में समाजवादी पार्टी के लखनऊ कार्यालय के बाहर ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ लिखा हुआ एक होर्डिंग लगाया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री ने पिछली 23 सितंबर को सपा का मुकाबला करने के लिए ‘बंटेंगे’ का नारा लगाते हुए कहा था कि यह विभाजन ही था जिसके कारण ‘आक्रमणकारियों ने अयोध्या <a title=”राम मंदिर” href=”https://www.abplive.com/topic/ram-mandir” data-type=”interlinkingkeywords”>राम मंदिर</a> को नष्ट कर दिया.’ उन्होंने शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में भड़की हिंसा का संदर्भ देते हुए भी यही टिप्पणी की, जिसके बाद समाजवादी पार्टी ने एक और होर्डिंग लगाई एवं उसमें लिखा था ‘न बंटेंगे, न कटेंगे, पीडीए के संग रहेंगे’ और ‘पीडीए जुड़ेंगे और जीतेगा.’</p>
<p style=”text-align: justify;”><a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> के नारे के जवाब में होर्डिंग्स कांग्रेस कार्यालय के बाहर भी लगाए गए और यहां तक कि बसपा भी इस जंग में कूद पड़ी और पार्टी प्रमुख मायावती ने नारा दिया ‘बसपा से जुड़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे, सुरक्षित रहेंगे.’ इसके तुरंत बाद, इस नारे का एक होर्डिंग बसपा कार्यालय के बाहर लगा दी गयी. सपा नेता रणजीत सिंह ने भी एक पोस्टर लगाया, जिसमें लिखा था ‘ना बांटेंगे, ना काटेंगे, 2027 में नफ़रत करने वाले हटेंगे. हिंदू मुस्लिम एक रहेंगे तो नेक रहेंगे.'</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP Political News:</strong> उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीट के उपचुनाव की पूर्व संध्या पर मंगलवार को ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारे के इर्द-गिर्द घूमती एक ‘होर्डिंग’ और एक बयान ने ध्यान आकर्षित किया. यहां 1090 चौराहे पर उत्तर प्रदेश भाजपा सचिव अभिजात मिश्रा द्वारा लगाई गई ‘होर्डिंग’ और समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा दिया गया बयान, दोनों ही नारे ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के इर्द-गिर्द घूमते हैं. यादव ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘यह ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ नारा भारतीय इतिहास का सबसे ‘नकारात्मक नारा है. यह असंवैधानिक नारा है.'</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ‘बंटेंगे’ वाला बयान उपचुनाव अभियान के दौरान भी ध्रुवीकरण के लिये उछाला जा रहा है. मिश्रा के होर्डिंग में अविभाजित भारत का नक्शा दिखाया गया है और कहा गया है कि ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ न केवल एक चुनावी नारा है, बल्कि देश के इतिहास से सीखा गया सबक है. होर्डिंग में लिखा है, ‘जब-जब हम लोग जाति, भाषा, क्षेत्रवाद और समुदाय के आधार पर बंटे, तब-तब हमारा देश बंटा. लेकिन अब हम इस विभाजन को दोबारा नहीं होने देंगे, हम लड़ेंगे, हम आगे बढ़ेंगे.'</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बटेंगे तो कटेंगे नारे का RSS ने भी किया समर्थन</strong><br />‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा आदित्यनाथ द्वारा राज्य भर में की गई 13 चुनावी रैलियों और दो रोड शो में गूंजता रहा. पूरे प्रचार अभियान के दौरान आदित्यनाथ ने वह बयान दिया जिसकी समर्थन भाजपा के वैचारिक स्रोत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी किया. प्रचार अभियान के दौरान आदित्यनाथ ने ‘एक रहेंगे तो नेक रहेंगे, एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे’ का भी इस्तेमाल किया. ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के नारे के जवाब में समाजवादी पार्टी के लखनऊ कार्यालय के बाहर ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ लिखा हुआ एक होर्डिंग लगाया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री ने पिछली 23 सितंबर को सपा का मुकाबला करने के लिए ‘बंटेंगे’ का नारा लगाते हुए कहा था कि यह विभाजन ही था जिसके कारण ‘आक्रमणकारियों ने अयोध्या <a title=”राम मंदिर” href=”https://www.abplive.com/topic/ram-mandir” data-type=”interlinkingkeywords”>राम मंदिर</a> को नष्ट कर दिया.’ उन्होंने शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद बांग्लादेश में भड़की हिंसा का संदर्भ देते हुए भी यही टिप्पणी की, जिसके बाद समाजवादी पार्टी ने एक और होर्डिंग लगाई एवं उसमें लिखा था ‘न बंटेंगे, न कटेंगे, पीडीए के संग रहेंगे’ और ‘पीडीए जुड़ेंगे और जीतेगा.’</p>
<p style=”text-align: justify;”><a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> के नारे के जवाब में होर्डिंग्स कांग्रेस कार्यालय के बाहर भी लगाए गए और यहां तक कि बसपा भी इस जंग में कूद पड़ी और पार्टी प्रमुख मायावती ने नारा दिया ‘बसपा से जुड़ेंगे तो आगे बढ़ेंगे, सुरक्षित रहेंगे.’ इसके तुरंत बाद, इस नारे का एक होर्डिंग बसपा कार्यालय के बाहर लगा दी गयी. सपा नेता रणजीत सिंह ने भी एक पोस्टर लगाया, जिसमें लिखा था ‘ना बांटेंगे, ना काटेंगे, 2027 में नफ़रत करने वाले हटेंगे. हिंदू मुस्लिम एक रहेंगे तो नेक रहेंगे.'</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पदयात्रा को लेकर MP के साथ UP पुलिस भी अलर्ट, 7 दिन की यात्रा का ये है रूट