<p style=”text-align: justify;”><strong>Nainital Namaz Controversy:</strong> उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर स्थित राजकीय इंटर कालेज खताड़ी में मुस्लिम छात्रों को नमाज के लिए आधे दिन की छुट्टी देने के विवाद के बाद रसायन विज्ञान के प्रवक्ता और अस्थायी प्रधानाचार्य तिलक चंद्र जोशी को निलंबित कर दिया गया है. इस मामले को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शुक्रवार को खताड़ी इंटर कालेज में मुस्लिम छात्रों को नमाज के लिए दोपहर बाद घर जाने की अनुमति दी गई थी. इस मामले को लेकर कार्यकर्ताओं ने स्कूल पहुंचकर इसे नियमों का उल्लंघन बताया. कार्यकर्ताओं के विरोध के दौरान शिक्षक तिलक चंद्र जोशी ने सफाई दी कि कई मुस्लिम छात्र शुक्रवार को स्कूल नहीं आते थे, जिससे उपस्थिति कम हो जाती थी. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ छात्र नमाज के लिए एक घंटे के लिए घर जाते थे और वापस लौट आते थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शिक्षक के निलंबन का आदेश जारी</strong><br />इस कथन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे मामला और तूल पकड़ गया. विरोध के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने जांच के आदेश दिए जिला प्रशासन और माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने मुख्य शिक्षा अधिकारी (CEO) नैनीताल से शिक्षक का स्पष्टीकरण मांगा. सीईओ द्वारा शनिवार को खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से रिपोर्ट भेजने के बाद रविवार को माध्यमिक शिक्षा के अपर निदेशक डॉ. मुकुल सती ने तिलक चंद्र जोशी के निलंबन का आदेश जारी किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आदेश में कहा गया कि शिक्षक ने उत्तराखंड कर्मचारियों की आचरण नियमावली 2002 का उल्लंघन किया है. निलंबन अवधि में शिक्षक मुख्य शिक्षा अधिकारी नैनीताल कार्यालय से संबद्ध रहेंगे विद्यालय प्रबंधन समिति और अभिभावकों की सफाई विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष फयाज हुसैन, तारा दत्त सुयाल और राइंका अभिभावक संघ की अध्यक्ष शाहनाज गुल ने बयान जारी कर कहा कि मुस्लिम छात्रों के अभिभावकों ने समय-समय पर शुक्रवार को आधे दिन का अवकाश देने की मांग की थी. हालांकि, विद्यालय प्रबंधन ने इसे अस्वीकार कर दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शुक्रवार को कोई अवकाश नहीं दिया गया था. बल्कि, उस दिन छात्रों ने मासिक परीक्षा दी थी. प्रबंधन ने विरोध कर रहे संगठनों के आरोपों को भ्रामक करार दिया. इस घटना ने स्कूल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए हैं. प्रधानाचार्य बलवंत सिंह के अवकाश पर रहने के कारण तिलक चंद्र जोशी को एक दिन के लिए प्रभारी प्रधानाचार्य बनाया गया था. विरोध करने वाले संगठनों का कहना है कि अगर यह व्यवस्था पहले से चल रही थी, तो उसके लिए मुख्य दोषी कौन होगा?</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हिंदू संगठनों ने दिया था धार्मिक पक्षपात का करार</strong><br />विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने स्कूल में नमाज के लिए छुट्टी को शिक्षा विभाग के नियमों का उल्लंघन बताया. उन्होंने इसे धार्मिक पक्षपात करार दिया और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की. अपर निदेशक डॉ. मुकुल सती ने बताया कि सीईओ नैनीताल की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि भविष्य में स्कूलों में नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह घटना उत्तराखंड के स्कूलों में धार्मिक तटस्थता और नियमों के अनुपालन की जरूरत को फिर से रेखांकित करती है. हालांकि, शिक्षक तिलक चंद्र जोशी ने इसे छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने का कदम बताया, लेकिन नियमों के उल्लंघन के कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया. अब यह देखना होगा कि शिक्षा विभाग आगे इस मामले में क्या कदम उठाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/big-fraud-on-mukhyamantri-samuhik-vivah-yojna-in-kaushambi-dm-ordered-investigation-ann-2850344″><strong>यूपी में बिना दूल्हे के हो गई कई लड़कियों की शादी! कौशांबी में सीएम विवाह योजना में सामने आया फर्जीवाड़ा</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Nainital Namaz Controversy:</strong> उत्तराखंड के नैनीताल जिले के रामनगर स्थित राजकीय इंटर कालेज खताड़ी में मुस्लिम छात्रों को नमाज के लिए आधे दिन की छुट्टी देने के विवाद के बाद रसायन विज्ञान के प्रवक्ता और अस्थायी प्रधानाचार्य तिलक चंद्र जोशी को निलंबित कर दिया गया है. इस मामले को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शुक्रवार को खताड़ी इंटर कालेज में मुस्लिम छात्रों को नमाज के लिए दोपहर बाद घर जाने की अनुमति दी गई थी. इस मामले को लेकर कार्यकर्ताओं ने स्कूल पहुंचकर इसे नियमों का उल्लंघन बताया. कार्यकर्ताओं के विरोध के दौरान शिक्षक तिलक चंद्र जोशी ने सफाई दी कि कई मुस्लिम छात्र शुक्रवार को स्कूल नहीं आते थे, जिससे उपस्थिति कम हो जाती थी. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ छात्र नमाज के लिए एक घंटे के लिए घर जाते थे और वापस लौट आते थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शिक्षक के निलंबन का आदेश जारी</strong><br />इस कथन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे मामला और तूल पकड़ गया. विरोध के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने जांच के आदेश दिए जिला प्रशासन और माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने मुख्य शिक्षा अधिकारी (CEO) नैनीताल से शिक्षक का स्पष्टीकरण मांगा. सीईओ द्वारा शनिवार को खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से रिपोर्ट भेजने के बाद रविवार को माध्यमिक शिक्षा के अपर निदेशक डॉ. मुकुल सती ने तिलक चंद्र जोशी के निलंबन का आदेश जारी किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आदेश में कहा गया कि शिक्षक ने उत्तराखंड कर्मचारियों की आचरण नियमावली 2002 का उल्लंघन किया है. निलंबन अवधि में शिक्षक मुख्य शिक्षा अधिकारी नैनीताल कार्यालय से संबद्ध रहेंगे विद्यालय प्रबंधन समिति और अभिभावकों की सफाई विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष फयाज हुसैन, तारा दत्त सुयाल और राइंका अभिभावक संघ की अध्यक्ष शाहनाज गुल ने बयान जारी कर कहा कि मुस्लिम छात्रों के अभिभावकों ने समय-समय पर शुक्रवार को आधे दिन का अवकाश देने की मांग की थी. हालांकि, विद्यालय प्रबंधन ने इसे अस्वीकार कर दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शुक्रवार को कोई अवकाश नहीं दिया गया था. बल्कि, उस दिन छात्रों ने मासिक परीक्षा दी थी. प्रबंधन ने विरोध कर रहे संगठनों के आरोपों को भ्रामक करार दिया. इस घटना ने स्कूल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए हैं. प्रधानाचार्य बलवंत सिंह के अवकाश पर रहने के कारण तिलक चंद्र जोशी को एक दिन के लिए प्रभारी प्रधानाचार्य बनाया गया था. विरोध करने वाले संगठनों का कहना है कि अगर यह व्यवस्था पहले से चल रही थी, तो उसके लिए मुख्य दोषी कौन होगा?</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हिंदू संगठनों ने दिया था धार्मिक पक्षपात का करार</strong><br />विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने स्कूल में नमाज के लिए छुट्टी को शिक्षा विभाग के नियमों का उल्लंघन बताया. उन्होंने इसे धार्मिक पक्षपात करार दिया और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की. अपर निदेशक डॉ. मुकुल सती ने बताया कि सीईओ नैनीताल की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है. उन्होंने कहा कि भविष्य में स्कूलों में नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>यह घटना उत्तराखंड के स्कूलों में धार्मिक तटस्थता और नियमों के अनुपालन की जरूरत को फिर से रेखांकित करती है. हालांकि, शिक्षक तिलक चंद्र जोशी ने इसे छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने का कदम बताया, लेकिन नियमों के उल्लंघन के कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया. अब यह देखना होगा कि शिक्षा विभाग आगे इस मामले में क्या कदम उठाता है.</p>
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