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अनिल विज के 5 अफसरों पर FIR के आदेश:20 लाख जुर्माना नहीं भरा तो नाराज हुए मंत्री; लोगों को रोकने पर DC को फटकार
अनिल विज के 5 अफसरों पर FIR के आदेश:20 लाख जुर्माना नहीं भरा तो नाराज हुए मंत्री; लोगों को रोकने पर DC को फटकार हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने कैथल में नगर परिषद के XEN समेत पांच विभागों के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं। इन पर आरोप है कि इन अधिकारियों ने प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा किया गया 20 लाख रुपए का जुर्माना नहीं भरा था। इससे पहले मंत्री विज ने कैथल की डीसी को भी फटकार लगाई। समस्या लेकर आए लोगों को उन तक पहुंचने से रोकने पर वे प्रशासन पर भड़क गए। मंत्री अनिल विज शुक्रवार को कैथल में ग्रीवेंस कमेटी की मीटिंग में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। जींद रोड स्थित आईटीआई सभागार में हो रही मीटिंग में कैथल की डीसी प्रीति सहित सभी विभागों के अध्यक्ष मौजूद थे। यहां कुल 15 शिकायतें मंत्री विज के सामने रखी गईं। मंत्री के सामने उठा ये मामला
कैबिनेट मंत्री अनिल विज के सामने ग्योंग ड्रेन में गंदा पानी डालने का मामला उठा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से नवंबर के पहले सप्ताह में इस मामले में पांच सरकारी विभागों पर कार्रवाई की थी। बोर्ड ने सभी विभागों पर 20 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। जिस विभाग की तरफ से ग्योंग ड्रेन में जितना गंदा पानी डाला जा रहा था, उसके हिसाब से ही जुर्माना तय किया गया था। बोर्ड की ओर से संबंधित विभागों को 15 दिनों तक जुर्माने की राशि भरने के आदेश दिए थे। इसमें कहा गया था कि अगर उनके द्वारा जुर्माना नहीं भरा गया तो बोर्ड की तरफ से संबंधित विभाग के अधिकारी पर केस दर्ज करवाया जाएगा। मंत्री विज को बताया गया कि संबंधित अधिकारियों ने जुर्माना अदा नहीं किया। इन विभागों में नगर परिषद के साथ पंचायती राज विभाग, पब्लिक हेल्थ, नागरिक अस्पताल और HSVP के नाम शामिल हैं। पानी के सैंपल फेल मिले थे, जिसके बाद लगा जुर्माना
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने ग्योंग ड्रेन से अलग-अलग जगहों से पानी के 9 सैंपल लिए थे। इन्हें जांच के लिए पंचकूला स्थित लैब में भेजा गया था। इनकी रिपोर्ट आने पर सभी सैंपल फेल पाए गए थे। इसके बाद विभागों पर जुर्माना लगाया गया था। 15 शिकायतों पर की सुनवाई बैठक में कुल 15 शिकायतें एजेंडे में शामिल की गई हैं। इनमें 4 पुरानी व 9 नई शिकायतें थी। मंत्री विज के आगे सबसे ज्यादा 3 शिकायतें पुलिस विभाग से संबंधित रखी गईं। इससे पहले 5 जुलाई को कष्ट निवारण समिति की मीटिंग हुई थी। जिसमें तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री कमल गुप्ता ने लोगों की समस्याएं सुनी थीं। विज बोले- सबसे मिल कर जाउंगा
मंत्री अनिल विज के आने की सूचना के बाद बड़ी संख्या में लोग अपनी शिकायतें लेकर आईटीआई परिसर में पहुंच गए थे। पुलिस ने सभी लोगों को अंदर जाने से रोक दिया। मीटिंग में केवल उन्हीं लोगों को अंदर जाने दिया गया, जिसकी शिकायत लगी हुई थी। इस बीच मंत्री अनिल विज मीटिंग लेने पहुंचे तो लोगों ने उनको बताया कि पुलिस अंदर नहीं आने दे रही है। लोगों की बात सुनने के बाद अनिल विज भड़क गए। लोगों को मीटिंग में न आने को लेकर विज ने डीसी को फटकार लगाई और कहा कि सभी से मिलकर जाऊंगा। मीटिंग में मंत्री विज के आगे पुलिस विभाग की तीन, बिजली निगम की एक, जनस्वास्थ्य विभाग की एक, कृषि विभाग की एक, पंचायती राज विभाग की एक, लीड बैंक मैनेजर की एक व पीडब्ल्यूडी विभाग की एक शिकायत कार्रवाई के लिए रखी गई।
गैंगस्टर लॉरेंस जेल इंटरव्यू मामला:जैमर के सवाल पर HC ने मुख्यसचिव को किया तलब; SIT जांच एक माह में होगी पूरी
गैंगस्टर लॉरेंस जेल इंटरव्यू मामला:जैमर के सवाल पर HC ने मुख्यसचिव को किया तलब; SIT जांच एक माह में होगी पूरी जेल से गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के इंटरव्यू मामले में गुरुवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने अब पंजाब के मुख्य सचिव को तलब किया गया गया है। अगली सुनवाई शुक्रवार सुबह के लिए तय की गई है। वहीं, इस मामले की जांच कर रही एसआईटी ने बताया गया कि उनकी जांच जारी है। अक्टूबर महीने के पहले हफ्ते तक जांच पूरी कर ली जाएगी। जैमर से जुड़े मामले में फंसा था पेच सुनवाई में जेलों में जैमर से जुड़े मुद्दे पर कोर्ट ने सवाल किया तो सरकारी वकील ने बताया कि जैमर लगाने की एक प्रक्रिया है। जैमर लगाने के लिए बाकायदा टेंडर व अन्य औपचारिकताएं होती है। इसके बाद कोर्ट ने मुख्य सचिव को तलब किया। आधे घंटे का समय दिया। उन्हें आधे घंटे में वीसी के माध्यम से कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया था। लेकिन वह किसानों से मीटिंग के चलते पेश नहीं हो पाए। अब मामले की सुनवाई शुक्रवार सुबह होगी। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च को ब्रॉडकास्ट हुआ था। जिसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूली थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रेंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था। इसलिए उसे मरवाया। एसआईटी रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने सीआईए की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू करने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर रहा है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। वकील बोले- पंजाब पुलिस में काली भेड़ें इस बारे में इंटरव्यू के खिलाफ पिटीशन दायर करने वाले वकील गौरव ने कहा- आज सुनवाई में साफ हो गया गया कि पंजाब पुलिस में काली भेड़े हैं। जिन्होंने यह इंटरव्यू करवाया था। यह किसी आम आदमी का यह काम नहीं है। हालांकि इसे शुरू से ही दबाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि अदालत ने तय किया है कि जो भी इस मामले शामिल होंगे, उन पर सीधे कार्रवाई होगी। वहीं, इस मामले में जो भी सुपरवाइजर होंगे, उन पर भी कार्रवाई होगी। इस मामले में डीजीपी एफिडेविट फाइल करेंगे। इस मामले की अगली सुनवाई पांच नौ को तय की गई। अब गुजरात जेल में बंद है लॉरेंस
गैंगस्टर लॉरेंस इस समय गुजरात की जेल में नशा तस्करी से जुडे़ केस में बंद है। उसे अहमदाबाद के साबरमती में हाई सिक्योरिटी जेल में रखा गया है। हाल ही में उसके पाकिस्तानी डॉन से ईद की बधाई को लेकर वीडियो कॉल की रिकॉर्डिंग भी वायरल हुई थी।
पाकिस्तानी की मदद से इंडिया लौटे अभिषेक की कहानी:बोले- मुझे जमीन पर सुलाते, टॉर्चर करते…घर वापस भेजने के लिए मांग रहे थे 5 लाख
पाकिस्तानी की मदद से इंडिया लौटे अभिषेक की कहानी:बोले- मुझे जमीन पर सुलाते, टॉर्चर करते…घर वापस भेजने के लिए मांग रहे थे 5 लाख ‘मुझे टॉर्चर किया जाता था। मामूली गलती पर पीट देते थे। सोने को बेड नहीं था, जमीन पर सुलाते थे। 12-12 घंटे काम लेते। मोबाइल छीन लिया, ताकि परिवार को कुछ बता न सकूं। जब भारत वापस आने की इच्छा जाहिर की। तब मालिक ने कमरे में बंद कर दिया। मेरा पासपोर्ट छीन लिया।’ ये दर्द है साउथ अफ्रीका में 5 महीने 20 दिन फंसे रहे अभिषेक शर्मा का। वह आगरा में अपने परिवार के पास पहुंच चुके हैं। मगर जॉब और हैवी पैकेज के नाम पर साउथ अफ्रीका पहुंचने और फिर फंसने की कहानी सुनाई। दैनिक भास्कर ने आगरा में उनके घर पर उनसे मुलाकात की। पढ़िए रिपोर्ट… CCTV से रखते थे नजर, गंदी-गंदी गालियां देते
2 जनवरी की शाम को दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर अभिषेक शर्मा की फ्लाइट लैंड हुई। रात में 9 बजे तक वह आगरा के घर पहुंचे। इस दौरान अभिषेक भावुक दिखे। अफ्रीका में उनके साथ जो कुछ हुआ, उसको बताते हुए परेशान हो जाते। बोले- मैं बहुत परेशान हो गया। घर में अपने परिवार को सब कुछ बताना चाहता था, मगर मेरा मोबाइल छीन लिया। क्या करता…। जहां काम करता था, वहां CCTV लगे थे। वो दिनभर मुझ पर नजर रखते थे। जब उन्हें पता चला कि मैं इंडिया वापस आना चाहता हूं, तब वो मेरे काम में कमियां निकालने लगे। मुझे गंदी-गंदी गालियां देते थे। सिर्फ मालिक को खुश रखने के लिए मैं वो जाे कुछ भी बताते। सब परफेक्ट तरीके से करता। मगर टॉर्चर बंद नहीं हुआ। लगा कि जाने कहां फंस गया हूं। बोले- 5 लाख दो…तब जा सकोगे वापस
1 दिन मुझे मालिक ने बुलाया। पूछा- तुम वापस जाना चाहते हो। मैं बता दिया कि मन नहीं लग रहा है। तब उसने कहा- 5 लाख रुपए अपने घर से मंगवा लो। तभी जा पाओगे। वरना यहां जो भी आया है, वो बंधक रहा है। तब मुझे लगा कि मैं तो फंस चुका हूं। वहां मेरी तरह और लोग भी थे। एक पाकिस्तान से आए हुए अनवर उस्मान भी मिले। उन्होंने मेरी भारत लौटने में बहुत मदद की। मैं अपने साथ कुछ गलत कर लेता, मगर वह बड़े भाई की तरह संभालते रहे। मुझे समझाते रहे। मुझे 45 डॉलर भी दिए, उन्हीं की मदद की बदौलत में वापस आ सका हूं। साउथ अफ्रीका में फैक्ट्री में जॉब करने गया था अभिषेक
आगरा के ट्रांस यमुना कॉलोनी में आलोक शर्मा रहते हैं। उनका छोटा बेटा अभिषेक शर्मा अपने परिचित की मदद से साउथ अफ्रीका की एक फैक्ट्री में जॉब करने गया था। वहां कंपनी के मालिक प्रदीप गजवानी ने उसे अच्छे वेतन और रहने-खाने की सुविधा देने की बात कही थी। घर की स्थिति अच्छी हो जाएगी, ये सोचकर अभिषेक और उसके माता-पिता भी इस नौकरी के लिए मान गए। पिता बोले- हमने सोचा कि जानने वाले ने नौकरी बताई है, तो सही ही होगी। और फिर जब कंपनी के मालिक ने खुद बात की है, तब डरने की कोई बात नहीं है। पिता बोले- जब बेटा वहां पहुंच गया तो कुछ दिन बाद बेटे ने 5 मिनट के लिए फोन किया और बताया कि कंपनी मालिक ने उसका पासपोर्ट छीन लिया। उसे मोबाइल पर बात तक नहीं करने देते हैं। इसलिए जल्दी-जल्दी में बात करके फोन काट दिया। अब बहुत परेशान हो गए थे कि अब हमारे बेटे का क्या होगा। वो ठीक है की नहीं। उसके साथ कोई नहीं है। भगवान से रात-दिन प्रार्थना करते थे, कि जल्द हमारा बेटा वापस आ जाए। मेरे बेटे ने उसकी फैक्ट्री में 5 महीने से ज्यादा दिन काम किया उसके मालिक ने 15 दिन पहले केवल 30 हजार रुपए पकड़ाए थे। अभिषेक बोला- सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा
घर वापस आकर अभिषेक ने सबसे पहले मंदिर में भगवान के दर्शन किए। गली मोहल्ले के लोगों से मिला। अभिषेक ने बताया कि वहां पर उसका बहुत बुरा हाल हो गया है। रहने, खाने और आजादी से जी तक नहीं पा रहा था। अपने भारत देश जैसा वहां कुछ भी हीं था। अपना देश हिंदुस्तान सबसे अच्छा है। उसने बताया- वहां जाने के बाद ही फैक्ट्री के मालिक ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया था। पेट भर के खाना तक नहीं देता था। सोने के लिए बेड क्या बिस्तर तक नहीं दिए थे। जमीन पर ही सोना पड़ता था। रातभर इधर-उधर करवट लेता रहता था। परिवार की याद में रोते-रोते सो जाता था। फिर सुबह उठकर 12-13 घंटे लगातार काम करता था। मालिक हर पल मेरे ऊपर नजर रखता था। जगह-जगह सीसीटीवी कैमरा लगे थे। जैसे ही मैं काम से 5-10 मिनट के लिए भी हटता था, तुरंत मुझे फटकारने लगते थे।और तो और मैं घर से इतना दूर था। उसके बाद भी मुझे मोबाइल पर बात नहीं करने देता था। मैं अपने मम्मी-पापा और भाई से बात करने के लिए तरस जाता था। लेकिन बस रोकर रह जाता था। मैं यही सोचना था कि मेरे घर वाले कैसे होंगे। वो मेरे लिए सोच-सोचकर कितना परेशान हो रहे होंगे। मैं क्या करूं, कैसे यहां से बाहर निकलूं। काम के 2 महीने बाद ही मुझे पता लग गया था कि मैंने यहां आकर बहुत बड़ी गलती कर दी। इसके बाद से ही मैंने भारत वापस आने की कोशिश शुरू कर दी। 16 दिसंबर को मैंने वीडियो कॉल कर अपने साथ हो रही ज्यादती के बारे में अपने घर पर बताया। मैं भारत वापस आना चाहता हूं, लेकिन मालिक आने नहीं दे रहा। फिर घरवालों ने मालिक से बात की, तो उन्होंने 5 लाख रुपए भेजने पर ही मेरा पासपोर्ट देने की शर्त रखी थी। पिता बोले- बेटे को वापस लाने के लिए हमने पुलिस कमिश्नर से मुलाकात कर प्रार्थना पत्र दिया। एत्मादपुर विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह से भी मुलाकात की थी। आगरा के डीएम अरविंद बंगारी ने इस मामले में खुद पैरवी की। प्रशासन के हस्ताक्षेप और विधायक की पैरवी के चलते गुरुवार को अभिषेक वापस इंडिया आ गया। दिल्ली एयरपोर्ट पर मैं और अभिषेक का बड़ा भाई उसे लेने गए थे। बेटे को वापस देखकर मेरी आंखों से आंसू निकलने लगे। एंबेसी ने मालिक से दिलवाए 200 डॉलर
अभिषेक ने बताया कि भारत से दबाव पड़ने पर इंडियन एंबेसी ने उसके मालिक को तलब कर लिया था। इसके बाद उनसे 200 डॉलर देने के लिए कहा था। तब मालिक ने 200 डॉलर दिए थे, लेकिन इतने पैसे सफर के लिए काफी नहीं थे। ये बात मोहम्मद अनवर भाई को पता थी। जब मैं चलने लगा तो उन्होंने मेरी जेब में 45 डॉलर और रख दिए। बोले- ये सफर में काम आएंगे। इसके बाद वो लगातार वीडियो कॉल कर हालचाल लेते रहे थे। अब नहीं जाऊंगा, दो पैसे कम कमा लूंगा वो ठीक है
साउथ अफ्रीका से वापस आए अभिषेक ने कहा अब वो नौकरी के लिए कभी बाहर नहीं जाएंगे। अपने देश में रहकर भले ही दो पैसे कम कमा लूंगा, लेकिन यही रहूंगा। अपने देश से अच्छा कुछ भी नहीं है। इंडिया वापस आने के बाद ये लग रहा है कि सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा। यकीन नहीं हो रहा कि घर वापस आ गया हूं। वाकई में मुझे नई जिंदगी मिली है। विधायक ने की मदद
अभिषेक के वापस आने पर एत्मादपुर विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह उसके घर आए। उन्होंने मिठाई खिलाकर उसका स्वागत किया। अभिषेक के परिजनों ने विधायक और डीएम का धन्यवाद दिया। क्षेत्रीय पार्षद प्रकाश केशवानी भी मौजूद रहे। ————————————- पढ़े ये खबर भी… बाइक रुकते ही गिर गया भाई, चीख तक नहीं निकली:बहन बोली- मां के हाथ में फंसा मांझा निकालती रही, भाई का गला कटा था भाई के साथ मैं और मां नाना के बरसी में शामिल होने लहरतारा, नई बस्ती जा रहे थे। कैंट स्टेशन के सामने मां के हाथ में चाइनीज मांझा उलझ गया, जिसे हटाते हुए भाई से गाड़ी रोकने को कहा। बाइक रुकी तो मां के हाथ से मांझा हटाने लगी। उधर भाई बाइक पर औंधे मुंह गिर गया। उसे देखते ही चीख निकल पड़ी। उसके गले से खून की धारा निकल रही थी। गला काफी गहरा कट गया था। यह कहना है कोनिया के रहने वाले विवेक शर्मा (25) की बहन सोनम शर्मा का। विवेक की 31 दिसंबर की शाम चाइनीज मांझे से गला कटने से मौत हो गई हादसे के समय बहन सोनम भी साथ ही थी। सोनम ने सिसकते हुए बताया-भाई को तो बोलने तक का मौका नहीं मिला और मांझे ने उसकी जिंदगी की डोर काट दी। पढ़ें पूरी खबर…