अंकित शर्मा हत्याकांड मामले में जेल में बंद ताहिर हुसैन ने फिर खटखटाया दिल्ली HC का दरवाजा, की ये अपील

अंकित शर्मा हत्याकांड मामले में जेल में बंद ताहिर हुसैन ने फिर खटखटाया दिल्ली HC का दरवाजा, की ये अपील

<p style=”text-align: justify;”><strong>Tahir Hussain News:</strong> देश की राजधानी को दहलाने वाले उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों का एक चेहरा फिर अदालत की चौखट पर है. आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद और आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन ने दिल्ली हाईकोर्ट में नियमित जमानत की अर्जी दाखिल की है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस से मामले की स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. अब यह संवेदनशील मामला जुलाई में फिर से अदालत में सुना जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>खून से सना नाला और सवालों से घिरा इंसाफ</strong><br />25 फरवरी 2020 की वह शाम जब खुफिया ब्यूरो के 26 साल के अधिकारी अंकित शर्मा अपने घर से बाजार निकले थे. दंगों से झुलस रही दिल्ली की गलियों से वह कभी लौटकर नहीं आए. अगले दिन उनका क्षत-विक्षत शव चांद बाग पुलिया के पास एक नाले से बरामद हुआ. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 51 गहरी चोटें सामने आईं धारदार हथियारों से चेहरा, छाती, पीठ, और कमर तक गोदी गई थी उनकी लाश.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’सिर्फ राशन लेने गया था बेटा'</strong><br />शोक में डूबे पिता ने कहा था मेरा बेटा सिर्फ राशन लेने गया था, उसे मौत मिल गई. उन्होंने साफ आरोप लगाया कि यह हत्या ताहिर हुसैन और उसके समर्थकों ने की. एफआईआर नंबर 65/2020 दयालपुर थाने में दर्ज हुई और जांच का सिलसिला शुरू हुआ. पुलिस ने ताहिर को मुख्य साजिशकर्ता बताया, जिसने अपने घर को दंगाइयों का अड्डा बना दिया था, जहां से पत्थर, पेट्रोल बम और तेजधार हथियारों की बरसात की गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पांच साल, एक परिवार की टूटती उम्मीदें</strong><br />ताहिर हुसैन मार्च 2020 से न्यायिक हिरासत में हैं. दिसंबर 2023 में उन्होंने एक बार पहले जमानत के लिए याचिका दी थी, जिसे फरवरी में वापस ले लिया गया था. मार्च 2024 में ट्रायल कोर्ट ने कहा परिस्थितियों में कोई बदलाव नहीं है और राहत देने से इनकार कर दिया. अब ताहिर एक बार फिर दिल्ली हाई कोर्ट से उम्मीद लगाकर बैठे हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>ताहिर पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 120B (साजिश), 365 (अपहरण), 153A (धार्मिक उन्माद फैलाना), 147, 148, 149 (दंगा) सहित कई गंभीर आरोप तय हो चुके हैं. वहीं उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 505, 109, और 114 के तहत भी अतिरिक्त आरोप लगे हैं. उनके साथ 10 और लोगों पर भी आरोप तय हुए हैं, जिनमें हसीन, नाज़िम, कासिम, अनस और अन्य शामिल हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Tahir Hussain News:</strong> देश की राजधानी को दहलाने वाले उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों का एक चेहरा फिर अदालत की चौखट पर है. आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद और आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन ने दिल्ली हाईकोर्ट में नियमित जमानत की अर्जी दाखिल की है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस से मामले की स्टेटस रिपोर्ट तलब की है. अब यह संवेदनशील मामला जुलाई में फिर से अदालत में सुना जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>खून से सना नाला और सवालों से घिरा इंसाफ</strong><br />25 फरवरी 2020 की वह शाम जब खुफिया ब्यूरो के 26 साल के अधिकारी अंकित शर्मा अपने घर से बाजार निकले थे. दंगों से झुलस रही दिल्ली की गलियों से वह कभी लौटकर नहीं आए. अगले दिन उनका क्षत-विक्षत शव चांद बाग पुलिया के पास एक नाले से बरामद हुआ. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 51 गहरी चोटें सामने आईं धारदार हथियारों से चेहरा, छाती, पीठ, और कमर तक गोदी गई थी उनकी लाश.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’सिर्फ राशन लेने गया था बेटा'</strong><br />शोक में डूबे पिता ने कहा था मेरा बेटा सिर्फ राशन लेने गया था, उसे मौत मिल गई. उन्होंने साफ आरोप लगाया कि यह हत्या ताहिर हुसैन और उसके समर्थकों ने की. एफआईआर नंबर 65/2020 दयालपुर थाने में दर्ज हुई और जांच का सिलसिला शुरू हुआ. पुलिस ने ताहिर को मुख्य साजिशकर्ता बताया, जिसने अपने घर को दंगाइयों का अड्डा बना दिया था, जहां से पत्थर, पेट्रोल बम और तेजधार हथियारों की बरसात की गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पांच साल, एक परिवार की टूटती उम्मीदें</strong><br />ताहिर हुसैन मार्च 2020 से न्यायिक हिरासत में हैं. दिसंबर 2023 में उन्होंने एक बार पहले जमानत के लिए याचिका दी थी, जिसे फरवरी में वापस ले लिया गया था. मार्च 2024 में ट्रायल कोर्ट ने कहा परिस्थितियों में कोई बदलाव नहीं है और राहत देने से इनकार कर दिया. अब ताहिर एक बार फिर दिल्ली हाई कोर्ट से उम्मीद लगाकर बैठे हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>ताहिर पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 120B (साजिश), 365 (अपहरण), 153A (धार्मिक उन्माद फैलाना), 147, 148, 149 (दंगा) सहित कई गंभीर आरोप तय हो चुके हैं. वहीं उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 505, 109, और 114 के तहत भी अतिरिक्त आरोप लगे हैं. उनके साथ 10 और लोगों पर भी आरोप तय हुए हैं, जिनमें हसीन, नाज़िम, कासिम, अनस और अन्य शामिल हैं.</p>  दिल्ली NCR ‘पाक का नाम-ओ-निशान तक न बचे’, गोविंद देव गिरि महाराज का बड़ा बयान, ‘कोई राजनीति करता है तो वह…’