हरियाणा के अंबाला जिले में डीजे नाइट के दौरान हवाई फायरिंग होने का मामला सामने आया है। मामला 12 जुलाई की रात को खाडूखेड़ा गांव का है, जिसमें छर्रे लगने के कारण नगला जट्टान गांव निवासी मंजीत को चोट आई है। युवक को खून से लथपथ हालत में अंबाला कैंट के सिविल हॉस्पिटल लाया गया था, जहां से डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद उसे चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया था। अभी वहां उसका इलाज चल रहा है। घायल मंजीत के साथियों ने बताया कि मंजीत डीजे का काम करता है। वह किसी की डीजे नाइट पार्टी में डीजे वालों के संग गया था। गीतों पर सभी झूम रहे थे कि तभी धमाके की आवाज आई और कुछ छर्रे अचानक बाजू में आकर लगे। देखते ही देखते डीजे नाइट में हलचल मच गई। बयान दर्ज करके आगामी कार्रवाई करेगी पुलिस साहा थाना प्रभारी जितेंद्र ने बताया कि अस्पताल से रूक्का मिला था। घायल के बयान दर्ज करने के लिए पुलिस मुलाजिम चंडीगढ़ भी गए थे, लेकिन युवक अभी बयान देने की स्थिति में नहीं है। सोमवार को एक बार फिर जाकर बयान दर्ज किए जाएंगे। उसी के बाद स्थिति स्पष्ट होगी कि आखिर क्या हुआ था। आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हरियाणा के अंबाला जिले में डीजे नाइट के दौरान हवाई फायरिंग होने का मामला सामने आया है। मामला 12 जुलाई की रात को खाडूखेड़ा गांव का है, जिसमें छर्रे लगने के कारण नगला जट्टान गांव निवासी मंजीत को चोट आई है। युवक को खून से लथपथ हालत में अंबाला कैंट के सिविल हॉस्पिटल लाया गया था, जहां से डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद उसे चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया था। अभी वहां उसका इलाज चल रहा है। घायल मंजीत के साथियों ने बताया कि मंजीत डीजे का काम करता है। वह किसी की डीजे नाइट पार्टी में डीजे वालों के संग गया था। गीतों पर सभी झूम रहे थे कि तभी धमाके की आवाज आई और कुछ छर्रे अचानक बाजू में आकर लगे। देखते ही देखते डीजे नाइट में हलचल मच गई। बयान दर्ज करके आगामी कार्रवाई करेगी पुलिस साहा थाना प्रभारी जितेंद्र ने बताया कि अस्पताल से रूक्का मिला था। घायल के बयान दर्ज करने के लिए पुलिस मुलाजिम चंडीगढ़ भी गए थे, लेकिन युवक अभी बयान देने की स्थिति में नहीं है। सोमवार को एक बार फिर जाकर बयान दर्ज किए जाएंगे। उसी के बाद स्थिति स्पष्ट होगी कि आखिर क्या हुआ था। आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा चुनाव में करनाल के करोड़पति उम्मीदवार:कल्याण की 10 सालों में साढ़े 8 गुणा सपंत्ति बढ़ी, गोगी के विधायक बनने के आधी घटी संपति हरियाणा में करनाल के विधानसभा चुनाव में भाजपा में करोड़पति उम्मीदवारों की संपत्ति में बीते वर्षों में बड़ा उछाल देखने को मिला है। फिर चाहे वह घरौंडा से हरविंद्र कल्याण हो या इंद्री से रामकुमार कश्यप हो। वहीं असंध से कांग्रेस के प्रत्याशी और मौजूदा विधायक शमशेर सिंह गोगी ऐसे विधायक हैं, जिनकी विधायक बनने के बाद संपत्ति में घाटा हुआ है। यह खुलासा विधायक द्वारा दाखिल किए नामांकन पत्र में हुआ है। आइए जानते हैं इन नेताओं की संपत्ति से जुड़े खास आंकड़े। घरौंडा विधायक हरविंद्र कल्याण की 8 गुणा बढ़ी संपत्ति घरौंडा विधानसभा में 10 वर्ष से बीजेपी के विधायक हरविंद्र कल्याण की सालाना इनकम करीब साढ़े 8 गुणा बढ़ी है। 2014-15 में हरविंद्र कल्याण की वार्षिक आय 2 लाख 46 हजार 965 लाख रुपए थी। आज 2023-24 में विधायक की एनुअल इनकम 17 लाख से ज्यादा है। हरविंद्र कल्याण के पास 80 ग्राम गोल्ड है, जिसकी कीमत करीब 5.76 लाख है, जबकि गोल्ड ज्वेलरी के मामले में विधायक कल्याण की पत्नी रेशमा कल्याण उनसे ज्यादा अमीर है, इनकी पत्नी के पास 980 ग्राम गोल्ड ज्वैलरी है, जिसकी कीमत करीब 70.56 लाख की ज्वैलरी है। चल संपत्ति के मामले में भी कल्याण पत्नी से पीछे है। कल्याण के पास 88.45 लाख की मूवेबल एसेट है, जबकि पत्नी के पास 95.19 लाख की चल संपत्ति है। विधायक हरविंद्र कल्याण की अचल संपत्ति में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। मौजूदा समय में कल्याण के पास 5.15 करोड़ की अचल संपति है, जबकि 2019 में कल्याण के पास 47.16 लाख और पत्नी के पास 51.49 लाख की चल संपति थी। कल्याण के पास 75 लाख कीमत वाली पुश्तैनी जमीन है। 2019 में 18.80 लाख की कर्ज था, 2024 में 13.43 लाख की देनदारी है। पांच साल में आधी घट गई गोगी की संपत्ति असंध से कांग्रेस के प्रत्याशी शमशेर सिंह गोगी ऐसे विधायक हैं, जिनकी विधायक बनने के बाद संपत्ति में घाटा हुआ है। यह खुलासा विधायक द्वारा दाखिल किए नामांकन पत्र में हुआ है। शमशेर सिंह गोगी जबसे विधायक बने हैं, तब से लेकर अब 5 साल बीतने तक उनकी संपति आधी घट गई है। पहले गोगी और उनकी पत्नी करीब 12 करोड़ 70 लाख रुपए की संपति के मालिक थे। जबकि अब गोगी के पास केवल 6 करोड़ 20 लाख 86 हजार 739 हजार रुपए की संपत्ति है। इसमें चल और अचल संपत्ति को जोड़ा गया है। 2019 में उनको 15,000,000 की देनदारी थी, चल संपत्ति 24,000,000 थी, अचल संपत्ति 103,000,000 थी, संपत्ति 127,000,000 थी और कुल वार्षिक आय 1,130,000 रुपए थी। अब उनको 35,48000 देनदारी है, चल संपत्ति 28386739 है, अचल संपत्ति 33,700,000 है, संपत्ति 62086739 है और कुल आय 1841000 रुपए है। जगमोहन आनंद के पास है इतनी प्रॉपर्टी करनाल से भाजपा के प्रत्याशी जगमोहन आनंद की सालाना इनकम पांच वर्षो में 20 लाख से 26 लाख हो चुकी है। जबकि पत्नी रेखा आनंद की वार्षिक आय 10 लाख से घटकर 5 लाख हो गई है। जगमोहन के पास 3.20 लाख और पत्नी के पास 2.90 लाख का कैश है। सेविंग अकाउंट में भी करीब 66 हजार रुपए है। पत्नी के सेविंग अकाउंट में भी दो लाख रुपए है। इनके पास 2.82 लाख के शेयर बॉन्ड है। पत्नी के पास भी 1.25 लाख के शेयर बॉन्ड है। जगमोहन ने 37 लाख रुपए और रेखा ने 6.67 लाख की डाक खाने में निवेश किया हुआ है। ज्वैलरी के मामले में जगमोहन पत्नी से पीछे ही है। जगमोहन के पास 100 ग्राम ज्वैलरी है तो पत्नी रेखा के पास 500 ग्राम की ज्वेलरी है। दोनों की कीमत करीब 42 लाख रुपए है। कुल चल संपत्ति की बात करे तो जग मोहन के पास 3.54 करोड़ और पत्नी के पास 90.93 लाख की चल संपत्ति है। मोहन के पास चार करोड़ की अचल संपत्ति है। लोन की बात करे तो मोहन पर 3.23 करोड़ और पत्नी पर 93.37 लाख का कर्ज है। 7.50 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी इन्होंने खुद तैयार की है, जबकि 3.75 करोड़ की प्रॉपर्टी इन्हें विरासत में मिली है। बढ़ती चली गई विधायक रामकुमार कश्यप की इनकम इंद्री में विधायक बनने के बाद रामकुमार कश्यप की सालाना इनकम पांच साल के भीतर ही दोगुनी से ज्यादा हो गई थी। 2014-15 में 7.19 लाख थी और 2018-19 में यह 14.33 लाख हो गई। 2019-20 में 12.50 लाख से 2023-24 में 16.94 लाख हो गई। रामकुमार के पास 400 ग्राम और पत्नी जीतो देवी के पास 500 ग्राम सोने की ज्वेलरी है। रामकुमार के पास 79.42 लाख की प्रॉपर्टी है तो पत्नी के पास 1.48 करोड़ की प्रॉपर्टी है। 18.20 लाख रुपए का रामकुमार कश्यप पर कर्ज है। कश्यप के पास 59 लाख और पत्नी के पास 33 लाख की चल संपत्ति और पत्नी के पास 1 करोड़ 47 लाख की अचल संपत्ति है। इनको विरासत में 79.42 लाख की पुश्तैनी संपत्ति भी मिली है। जबकि इन्होंने अपने दम पर 1.61 करोड़ की प्रॉपर्टी बनाई है, जो इनकी पत्नी के नाम है।
रोहतक में कांग्रेस-भाजपा ने उतारे 3-3 उम्मीदवार:दोनों पार्टी ने 1-1 सीट की होल्ड, कलानौर में 54 कांग्रेसियों का सपना टूटा
रोहतक में कांग्रेस-भाजपा ने उतारे 3-3 उम्मीदवार:दोनों पार्टी ने 1-1 सीट की होल्ड, कलानौर में 54 कांग्रेसियों का सपना टूटा रोहतक जिले की 4 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस और भाजपा ने 3-3 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जबकि दोनों ही पार्टियों ने एक-एक सीट को होल्ड कर लिया है। भाजपा ने रोहतक तो कांग्रेस ने महम सीट पर किसी भी उम्मीदवार को नहीं उतारा। जबकि कांग्रेंस से महम सीट के लिए 28 दावेदारों ने टिकट की मांग रखी है। जिले की एक-एक सीट को होल्ड करना चर्चा का विषय बना हुआ है। इन सीटों पर टिकट का इंतजार करने वाले उम्मीदवारों की धड़कनें बढ़ी हैं। वहीं अपने आलाकमान से लगातार संपर्क में हैं। ताकि उनकी टिकट पक्की हो सके। हुड्डा के गढ़ में सेंधमारी भाजपा के लिए चुनौती पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ कहे जाने वाले रोहतक में अब भाजपा को सेंधमारी करना चुनौती बना हुआ है। इधर, कांग्रेस के लिए भी अपने गढ़ को सुरक्षित रखना चुनौती है। पिछली बार 2019 में 4 विधानसभाओं में से 3 पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। दोनों पार्टियां सभी सीटों पर जीतने के प्रयास में दांव-पेंच अजमा रही हैं। कलानौर में सबसे ज्यादा सपने टूटे कांग्रेस ने उम्मीदवारों की घोषणा से पहले संभावित उम्मीदवारों ने आवेदन मांगे गए थे। रोहतक जिले की चारों विधानसभाओं में कुल 94 उम्मीदवारों ने इस उम्मीद से आवेदन किए थे कि उन्हें टिकट मिलेगा। सबसे ज्यादा कलानौर विधानसभा से 55 व सबसे कम गढ़ी-सांपला-किलोई से एक आवेदन आया था। कलानौर में एक को टिकट मिल गया और 54 आवेदकों के सपने अधुरे रह गए। कांग्रेसियों ने किए आवेदन कांग्रेस के उम्मीदवार भाजपा के उम्मीदवार
सैलजा की चुप्पी से हरियाणा कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ीं:टिकट वितरण और जातिगत टिप्पणी से नाराज; प्रचार में नहीं दिख रहीं, 21 सीटों पर प्रभाव
सैलजा की चुप्पी से हरियाणा कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ीं:टिकट वितरण और जातिगत टिप्पणी से नाराज; प्रचार में नहीं दिख रहीं, 21 सीटों पर प्रभाव हरियाणा में सिरसा से कांग्रेस की सांसद कुमारी सैलजा की चुप्पी से इन दिनों पार्टी की टेंशन बढ़ गई है। उनके समर्थकों को विधानसभा टिकट बंटवारे में तवज्जो न मिलने और लगातार हुड्डा गुट के समर्थकों की ओर की गईं टिप्पणियों से वह आहत हैं, और अपने आपको हरियाणा चुनाव से दूर रखे हुए हैं। सैलजा की साइलेंस से हुड्डा खेमे में खलबली मची हुई है, क्योंकि उनकी चुप्पी का कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है, और हुड्डा खेमे को सत्ता पाने की चाहत से दूर कर सकता है। बता दें कि कुमारी सैलजा अनुसूचित जाति से आती हैं। वह हरियाणा में कांग्रेस का बड़ा दलित चेहरा हैं। हरियाणा में 17 रिजर्व सीटे हैं। इसके अलावा सिरसा और फतेहाबाद की विधानसभा सीटों पर भी सैलजा का प्रभाव है। ऐसे में करीब 21 विधानसभा सीटें हैं, जहां कुमारी सैलजा प्रभाव रखती हैं। हरियाणा में 12 सितंबर को नामांकन के अंतिम दिन कांग्रेस ने उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी की थी। तब से ही कुमारी सैलजा चुप हैं, और उन्होंने चुनावी कैंपेन से दूरी बना ली है। सैलजा के नाराज होने की 3 वजहें… 1. टिकट वितरण में अनदेखी : कुमारी सैलजा के नाराज होने की वजह टिकट वितरण को माना जा रहा है। सैलजा ने हरियाणा में 30 से 35 सीटें अपने समर्थकों के लिए मांगी थीं, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने हुड्डा समर्थकों को तवज्जो देते हुए 90 में से 72 सीटों पर उनके समर्थकों को टिकट दी। वहीं, सैलजा खेमे के हाथ केवल 4 सीटें लगीं। कांग्रेस महासचिव एवं सांसद कुमारी सैलजा अपने बेहद करीबी डॉ. अजय चौधरी को नारनौंद विधानसभा सीट से टिकट दिलाने में भी कामयाब नहीं हो पाईं। 2. जातिगत टिप्पणी : टिकट वितरण के अंतिम दिन नारनौंद में कांग्रेस उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ के नामांकन कार्यक्रम में एक समर्थक ने कुमारी सैलजा पर जातिगत टिप्पणी की थी। इस मामले ने तूल पकड़ा और जगह-जगह विरोध भी हुआ। दलित समाज सैलजा पर की गई टिप्पणी से आहत है। नारनौंद थाने में जस्सी पेटवाड़ समर्थक कांग्रेस कार्यकर्ता पर केस भी दर्ज हुआ है। 3. हुड्डा खेमे से तनातनी : हरियाणा कांग्रेस में दो गुट बने हुए हैं। एक गुट हुड्डा पिता-पुत्र का है, तो दूसरा गुट SRK से SRB हो गया है। किरण चौधरी भी हुड्डा की मनमानी से नाराज होकर भाजपा में चली गई हैं। इसके बाद बीरेंद्र सिंह सैलजा गुट के साथ नजर आने लगे हैं। चुनाव कैंपेन में पोस्टर से लेकर बयानबाजी तक में दोनों खेमे में साफ तौर पर तनातनी देखने मिली है। भूपेंद्र हुड्डा अब डैमेज कंट्रोल कर रहे
सांसद कुमारी सैलजा पर अभद्र टिप्पणी के बाद पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा उनके सपोर्ट में भी आए। उन्होंने कहा, “सैलजा पर की गई टिप्पणी मैनिपुलेटेड है। वह हमारी बहन भी हैं, और कांग्रेस की सम्मानित नेता हैं। कांग्रेस का कोई भी नेता या कार्यकर्ता उनके बारे में गलत टिप्पणी नहीं कर सकता। उनके बारे में यदि कोई भी, किसी प्रकार की गलत टिप्पणी करता है तो उसका कांग्रेस में कोई स्थान नहीं है। आज हर किसी के पास मोबाइल है और किसी को भी मैनिपुलेट कर कुछ भी बुलवाया जा सकता है, लेकिन ऐसी मानसिकता का समाज या राजनीति में कोई स्थान नहीं है। विरोधी दल जानबूझकर समाज को बांटने वाली साजिश रच रहे हैं।” हुड्डा-सैलजा में कांग्रेस संदेश यात्रा के दौरान दिखी तनातनी
हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी में CM कुर्सी की लड़ाई शुरू हो गई थी। पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा गुट के ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ कैंपेन के बराबर सांसद कुमारी सैलजा ने ‘कांग्रेस संदेश यात्रा’ का ऐलान कर दिया था। सैलजा ने सोशल मीडिया पर 27 जुलाई से अपना कैंपेन शुरू करने को लेकर एक पोस्टर शेयर किया था। इससे बवाल मच गया था। क्योंकि इस पर पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान का फोटो नहीं था। हुड्डा गुट ने इसकी शिकायत कांग्रेस हाईकमान से की थी। इसके बाद सैलजा ने एक और पोस्टर रिलीज किया था, जिसमें हुड्डा और उदयभान के फोटो शामिल किए गए। सैलजा ने अपने पोस्टर में रणदीप सुरजेवाला और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह को जगह दी थी।