देश आज संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 68 वीं पुण्यतिथि मना रहा है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भी नगर निगम की तरफ से चौड़ा मैदान में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। नगर निगम ने इस कार्यक्रम के लिए राज्यपाल व सरकार को निमंत्रण भेजा। नगर निगम द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सीएम सुक्खू शामिल हुए । लेकिन राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने प्रदेश के प्रथम नागरिक को सामान्य निमंत्रण दिए जाने पर नाराजगी जाहिर की है। राज्यपाल ने इस दौरान कांग्रेस व विपक्ष के संसद में संविधान की प्रति लहराने पर तंज कसते हुए कहा कि आज संविधान दिवस तो मना रहे हैं लेकिन कुछ लोग बिना वजह के संविधान को हवा में लहराते रहते हैं उनका क्या? राजभवन में ही दी श्रद्धांजलि
राज्यपाल ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मेयर या किसी अन्य अधिकारी ने उनसे संपर्क नहीं किया। पिछली बार जयंती पर मैं वहां अपने आप गया, इस बार भी जाना था लेकिन उन्हें सामान्य कार्ड भेजा गया तो ऐसे में कैसे जाता। ऐसी स्थिति उन्होंने डॉ. भीम राव अंबेडकर को राजभवन में ही श्रद्धांजलि दी है। राज्यपाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने डॉ. भीम राव अंबेडकर से जुड़े स्थानों को पंच तीर्थ बनाकर खरीदा है, मैं उसी भारत सरकार का प्रतिनिधि हूं। राज्यपाल बोले- राजभवन में नहीं कोई बिल पेंडिंग
वहीं राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि राजभवन में सरकार का कोई बिल पेंडिग नहीं हैं। राज्यपाल ने कहा है कि सरकार को यदि ऐसा लगता है कि बिल कोई राजभवन में पेंडिंग है तो उसे वह स्पष्ट करें। उन्होंने आगे कहा कि जो बिल आए थे उन्हें उन्होंने क्वेरी के साथ भेजा है, जबकि विश्वविद्यालय से जुड़े बिल के संदर्भ में मेरा दायित्व है। क्योंकि राज्यपाल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति होते हैं ऐसे में सरकार वहां कुछ जबर्दस्ती कार्य कर रही है, उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि सरकार विश्वविद्यालयों को वेतन के अलावा कुछ नहीं देती है। ऐसे में विश्वविद्यालय कैसे खर्चा चला पाता है। राज्यपाल और सरकार में पहले भी कई बार हो चुका है टकराव
बता दें कि राज्यपाल और सरकार के बीच पहले भी कई बार टकराव हो चुका है। हाल ही में चीन का भारत की सीमाओं पर अतिक्रमण को लेकर राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल ने तीखी टिप्पणी की थी। कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने चीन द्वारा भारत की सीमाओं में अतिक्रमण करने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि ऐसा करने का साहस किसी में नहीं है। राज्यपाल ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि मंत्री को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है यह काम भारत सरकार का है, राज्य सरकार का नहीं। भारत सरकार स्वयं सीमाओं को देखने का काम कर रही है। अगर राज्य सरकार के पास ऐसी सूचना है तो केंद्र सरकार को बताना चाहिए। देश आज संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 68 वीं पुण्यतिथि मना रहा है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भी नगर निगम की तरफ से चौड़ा मैदान में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। नगर निगम ने इस कार्यक्रम के लिए राज्यपाल व सरकार को निमंत्रण भेजा। नगर निगम द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सीएम सुक्खू शामिल हुए । लेकिन राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने प्रदेश के प्रथम नागरिक को सामान्य निमंत्रण दिए जाने पर नाराजगी जाहिर की है। राज्यपाल ने इस दौरान कांग्रेस व विपक्ष के संसद में संविधान की प्रति लहराने पर तंज कसते हुए कहा कि आज संविधान दिवस तो मना रहे हैं लेकिन कुछ लोग बिना वजह के संविधान को हवा में लहराते रहते हैं उनका क्या? राजभवन में ही दी श्रद्धांजलि
राज्यपाल ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मेयर या किसी अन्य अधिकारी ने उनसे संपर्क नहीं किया। पिछली बार जयंती पर मैं वहां अपने आप गया, इस बार भी जाना था लेकिन उन्हें सामान्य कार्ड भेजा गया तो ऐसे में कैसे जाता। ऐसी स्थिति उन्होंने डॉ. भीम राव अंबेडकर को राजभवन में ही श्रद्धांजलि दी है। राज्यपाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने डॉ. भीम राव अंबेडकर से जुड़े स्थानों को पंच तीर्थ बनाकर खरीदा है, मैं उसी भारत सरकार का प्रतिनिधि हूं। राज्यपाल बोले- राजभवन में नहीं कोई बिल पेंडिंग
वहीं राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि राजभवन में सरकार का कोई बिल पेंडिग नहीं हैं। राज्यपाल ने कहा है कि सरकार को यदि ऐसा लगता है कि बिल कोई राजभवन में पेंडिंग है तो उसे वह स्पष्ट करें। उन्होंने आगे कहा कि जो बिल आए थे उन्हें उन्होंने क्वेरी के साथ भेजा है, जबकि विश्वविद्यालय से जुड़े बिल के संदर्भ में मेरा दायित्व है। क्योंकि राज्यपाल विश्वविद्यालय के कुलाधिपति होते हैं ऐसे में सरकार वहां कुछ जबर्दस्ती कार्य कर रही है, उसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। राज्यपाल ने कहा कि सरकार विश्वविद्यालयों को वेतन के अलावा कुछ नहीं देती है। ऐसे में विश्वविद्यालय कैसे खर्चा चला पाता है। राज्यपाल और सरकार में पहले भी कई बार हो चुका है टकराव
बता दें कि राज्यपाल और सरकार के बीच पहले भी कई बार टकराव हो चुका है। हाल ही में चीन का भारत की सीमाओं पर अतिक्रमण को लेकर राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल ने तीखी टिप्पणी की थी। कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने चीन द्वारा भारत की सीमाओं में अतिक्रमण करने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि ऐसा करने का साहस किसी में नहीं है। राज्यपाल ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि मंत्री को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है यह काम भारत सरकार का है, राज्य सरकार का नहीं। भारत सरकार स्वयं सीमाओं को देखने का काम कर रही है। अगर राज्य सरकार के पास ऐसी सूचना है तो केंद्र सरकार को बताना चाहिए। हिमाचल | दैनिक भास्कर