समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव रविवार को पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं। वह तृणमूल कांग्रेस की ओर से आयोजित धर्मतला रैली में भाग लेंगे। अखिलेश यादव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक साथ मंच साझा करेंगे। अखिलेश यादव के पश्चिम बंगाल के दौरे को लेकर कई सियासी मायने लगाए जा रहे हैं। दरअसल, 21 जुलाई 1993 को टीएमसी के प्रदर्शन में 13 लोगों की जान चली गई थी। तृणमूल कांग्रेस (TMC) कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल शहीद दिवस कार्यक्रम का आयोजन करती है। इसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पश्चिम बंगाल पहुंचे हैं। ममता बनर्जी ने X पर किया पोस्ट ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा- 21 जुलाई बंगाल के इतिहास में रक्तरंजित दिन है। 1993 में इसी दिन माकपा के दमनकारी शासन द्वारा 13 लोगों की बेरहमी से जान ले ली गई थी। इस दिन दमन के खिलाफ अपनी लड़ाई में मैंने अपने 13 साथियों को खो दिया था। इसलिए 21 जुलाई हमारे लिए एक भावनात्मक मील का पत्थर है। 21 जुलाई आज बंगाल की सार्वजनिक संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव रविवार को पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं। वह तृणमूल कांग्रेस की ओर से आयोजित धर्मतला रैली में भाग लेंगे। अखिलेश यादव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक साथ मंच साझा करेंगे। अखिलेश यादव के पश्चिम बंगाल के दौरे को लेकर कई सियासी मायने लगाए जा रहे हैं। दरअसल, 21 जुलाई 1993 को टीएमसी के प्रदर्शन में 13 लोगों की जान चली गई थी। तृणमूल कांग्रेस (TMC) कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल शहीद दिवस कार्यक्रम का आयोजन करती है। इसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पश्चिम बंगाल पहुंचे हैं। ममता बनर्जी ने X पर किया पोस्ट ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा- 21 जुलाई बंगाल के इतिहास में रक्तरंजित दिन है। 1993 में इसी दिन माकपा के दमनकारी शासन द्वारा 13 लोगों की बेरहमी से जान ले ली गई थी। इस दिन दमन के खिलाफ अपनी लड़ाई में मैंने अपने 13 साथियों को खो दिया था। इसलिए 21 जुलाई हमारे लिए एक भावनात्मक मील का पत्थर है। 21 जुलाई आज बंगाल की सार्वजनिक संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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‘माफी नहीं मांगूंगा, मैं इस्लाम…’, पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक बयान देने वाले रामगिरी महाराज ने अब क्या कहा?
‘माफी नहीं मांगूंगा, मैं इस्लाम…’, पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक बयान देने वाले रामगिरी महाराज ने अब क्या कहा? <p style=”text-align: justify;”><strong>Ramgiri Maharaj News:</strong> पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान देने वाले महाराष्ट्र के सरला द्वीप के मठाधीश रामगिरी महाराज एक बार फिर सुर्खियों में हैं. पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी मामले पर रामगिरी महाराज ने मांफी मांगने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि वह इस्लाम विरोधी नहीं है, लेकिन वह अपने बयान को लेकर माफी नहीं मांगेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में रामगिरी महाराज ने कहा, “मैं माफी नहीं मांगूंगा. इस मामले में कोर्ट जो भी फैसला देगा वह मुझे मान्य होगा. हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है और यह अधिकार संविधान ने दिया है. अगर मेरी टिप्पणियों से किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो यह उसका व्यक्तिगत मुद्दा है.” उन्होंने कहा कि उनके बयान के बाद देश के बाहर से सोशल मीडिया यूजर्स देश में हिंसा फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में रामगिरी महाराज के साथ पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्रर सत्यपाल सिंह भी मौजूद थे. सत्यपाल सिंह ने कहा, “महंत रामगिरी माफी नहीं मांगेंगे, क्योंकि उन्होंने वही कहा जो इस्लामिक किताबों में लिखा हुआ है. इस्लाम के विद्वानों और मौलानाओं को सभी को बताना चाहिए कि क्या रामगिरी की टिप्पणियां तथ्यात्मक नहीं थीं?”</p>
<p style=”text-align: justify;”>गौरतलब है कि पिछले दिनों रामगिरी महाराज पर नासिक जिले के सिन्नार तालुका स्थित के पंचाले गांव में पैगंबर मोहम्मद के ऊपर विवादित बयान देने का आरोप लगा था. सोशल मीडिया पर बयान वायरल होने के बाद छत्रपती संभाजीनगर के वैजापुर शहर में काफी तनाव बढ़ गया था. इसको लेकर विरोध प्रदर्शन भी बड़े पैमाने पर हुए थे और एफआईआर भी दर्ज हुई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कौन हैं रामगिरी महाराज?</strong><br />बीबीसी के अनुसार, रामगिरी महाराज का असली नाम सुरेश रामकृष्ण राणे है. वे जलगांव जिले में पैदा हुए और वहीं अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की. 1988 में जब सुरेश राणे 9वीं कक्षा में थे, तब उन्होंने स्वाध्याय केंद्र में गीता और भावगीता के अध्यायों का अध्ययन करना शुरू किया. 10वीं कक्षा पास करने के बाद उनके भाई ने उन्हें आईटीआई करने के लिए अहमदनगर के केडगांव में भर्ती कराया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि, उन्होंने अपनी पढ़ाई को आगे न बढ़ाते हुए आध्यात्मिक मार्ग चुना. 2009 में उन्होंने दीक्षा ली और गंगागीर महाराज के शिष्य नारायणगिरि महाराज के शिष्य बन गए. 2009 में नारायणगिरि महाराज की मृत्यु के बाद रामगिरी महाराज सरला द्वीप के सिंहासन के उत्तराधिकारी बने, लेकिन इस पर भी विवाद हुआ. कोर्ट के फैसले के बाद रामगिरी महाराज को उत्तराधिकारी घोषित किया गया.</p>
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<p><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”बाबा सिद्दीकी की हत्या को लेकर असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा बयान, लॉरेंस बिश्नोई का बिना नाम लिए PM मोदी से मांगा जवाब” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/baba-siddique-murder-case-aimim-chief-asaduddin-owaisi-reaction-attacks-on-pm-narendra-modi-ajit-pawar-lawrence-bishnoi-2818125″ target=”_blank” rel=”noopener”>बाबा सिद्दीकी की हत्या को लेकर असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा बयान, लॉरेंस बिश्नोई का बिना नाम लिए PM मोदी से मांगा जवाब</a></strong></p>
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‘सीएम सैनी का बहीखाता हो जाएगा ठीक क्योंकि…’, कांग्रेस प्रत्याशी अशोक अरोड़ा का तंज
‘सीएम सैनी का बहीखाता हो जाएगा ठीक क्योंकि…’, कांग्रेस प्रत्याशी अशोक अरोड़ा का तंज <p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana News:</strong> थानेसर से कांग्रेस प्रत्याशी अशोक अरोड़ा (Ashok Arora) ने सीएम नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) पर हमला बोला है. अशोक अरोड़ा ने कहा कि सीएम सैनी का बहीखाता सही हो जाएगा और लाडवा की जनता उन्हें वापस नारायणगढ़ भेज देगी. बता दें कि सीएम सैनी ने नारायणगढ़ से सबसे पहले चुनाव लड़ा था लेकिन तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>अशोक अरोड़ा ने कहा, ”नायब सिंह सैनी का बहिखाता सही ठीक हो जाएगा. वह नारायणगढ़ से कुरुक्षेत्र आए और फिर करनाल आए और अब लाडवा की जनता उन्हें वापस नारायणगढ़ भेज देगी.” नायब सिंह सैनी ने 2010 में नारायणगढ़ से विधानसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें कांग्रेस के रामकृष्ण गुर्जर के हाथों बड़ी हार का सामना करना पड़ा था. 2014 में बीजेपी ने उन्हें फिर टिकट दिया और वह 24,361 वोटों के अंतर से जीत गए और रामकृष्ण गुर्जर को हराया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>
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</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”>Kurukshetra, Haryana: Congress candidate from Thanesar Assembly constituency Ashok Arora, “Nayab Singh Saini’s accounts will be kept inn order, and the people of Ladwa will ensure he is sent back to Naraingarh from where he initially came…” <a href=”https://t.co/rrCe79hwwv”>pic.twitter.com/rrCe79hwwv</a></p>
— IANS (@ians_india) <a href=”https://twitter.com/ians_india/status/1836710133960769863?ref_src=twsrc%5Etfw”>September 19, 2024</a></blockquote>
<p style=”text-align: justify;”>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नारायणगढ़ से बदलता रही है सैनी की सीट</strong><br />2019 के <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में बीजेपी ने उन्हें कुरुक्षेत्र से टिकट दिया और उन्होंने वहां जीत दर्ज की. लेकिन इस साल जब मनोहर लाल खट्टर ने सीएम पद छोड़ा तो उनकी जगह नायब सिंह सैनी करनाल से विधानसभा उपचुनाव में खड़े हुए और जीत हासिल की. इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उनकी सीट बदल दी और उन्हें लाडवा से टिकट दिया है. लाडवा में सीएम सैनी का मुकाबला वर्तमान कांग्रेस विधायक मेवा सिंह से है. अगर सीएम सैनी यह चुनाव जीत जाते हैं तो लाडवा सीट दोबारा बीजेपी के पास चली जाएगी जो पार्टी ने 2019 में गंवाई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>थानेसर में क्या है अशोक अरोड़ा की स्थिति?</strong><br />बता दें कि अशोक अरोड़ा जो नायब सिंह सैनी को लेकर यह दावा कर रहे हैं वह 2019 में आईएएनएलडी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे. उन्होंने जब आईएनएलडी ज्वाइन की थी तब वह इस पार्टी के उपाध्यक्ष थे. वह थानेसर से भी विधायक रहे हैं. 2014 और 2019 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. दोनों ही बार उन्हें सुभाष सुधा ने हराया था. इस बार भी उनका मुकाबला सुभाष सुधा से ही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें - <a title=”हरियाणा में बढ़ा कांग्रेस का कुनबा, मनोहर लाल खट्टर के भतीजे रमित खट्टर ने थामा ‘हाथ'” href=”https://www.abplive.com/states/haryana/ramit-khattar-nephew-of-manohar-lal-khattar-joins-congress-in-haryana-2786838″ target=”_self”>हरियाणा में बढ़ा कांग्रेस का कुनबा, मनोहर लाल खट्टर के भतीजे रमित खट्टर ने थामा ‘हाथ'</a></strong></p>