अबोहर में दो दिन पहले फाजिल्का रोड़ पर डंगरखेड़ा गांव में तेजगति बस ने बाइक चाल को रौंद दिया था, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई। खुईखेड़ा पुलिस ने अबोहर के जम्मू बस्ती से बस चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। मृतक गुरदीप सिंह जो कि घल्लू में वर्कशाप का काम करता था। उसके कुल दो बेटे थे, जिसमें एक युवा बेटे की मौत करीब दो साल पहले हो गई थी। जबकि दूसरे बेटे करीब दो महीने पहले ही कैनेडा चला गया था। कैनेडा भेजने के लिए उसने अपना घर तक बेच डाला और अपनी सारी जमा पूंजी उस पर लगा दी थी। पिता की मौत का समाचार सुन उसका इकलौता बेटा अपने पिता के अंतिम संस्कार पर भी नहीं पहुंच सका। अबोहर में दो दिन पहले फाजिल्का रोड़ पर डंगरखेड़ा गांव में तेजगति बस ने बाइक चाल को रौंद दिया था, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई। खुईखेड़ा पुलिस ने अबोहर के जम्मू बस्ती से बस चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। मृतक गुरदीप सिंह जो कि घल्लू में वर्कशाप का काम करता था। उसके कुल दो बेटे थे, जिसमें एक युवा बेटे की मौत करीब दो साल पहले हो गई थी। जबकि दूसरे बेटे करीब दो महीने पहले ही कैनेडा चला गया था। कैनेडा भेजने के लिए उसने अपना घर तक बेच डाला और अपनी सारी जमा पूंजी उस पर लगा दी थी। पिता की मौत का समाचार सुन उसका इकलौता बेटा अपने पिता के अंतिम संस्कार पर भी नहीं पहुंच सका। पंजाब | दैनिक भास्कर
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मानसा में कार ने स्कूल वैन को मारी टक्कर:बच्चों से भरी गाड़ी पलटी, चालक-हैल्पर समेत सात घायल, दो रेफर
मानसा में कार ने स्कूल वैन को मारी टक्कर:बच्चों से भरी गाड़ी पलटी, चालक-हैल्पर समेत सात घायल, दो रेफर पंजाब के मानसा में सुबह बरेटा के पास एक निजी स्कूल की वैन को कार ने टक्कर मार दी और स्कूल वैन पलट गई। जिसमें स्कूल वैन के ड्राइवर और हैल्पर समेत सात बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें बुढलाडा के अस्पताल में भर्ती कराया गया। जबकि दो बच्चों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें बाहर के अस्पताल में रेफर किया गया है। तेज रफ्तार में थी कार जानकारी के अनुसार बरेटा के पास एक निजी स्कूल की लौट रही वैन को पीछे से आ रही कार ने टक्कर मार दी। जिससे सात बच्चे गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि स्कूल वैन रोजाना की तरह अपने स्कूल लौट रही थी, लेकिन जाखल की ओर से आ रही तेज रफ्तार कार ने स्कूल वैन को टक्कर मार दी और स्कूल वैन पलट गई। जिसमें बच्चे भी घायल हो गए और तुरंत अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में अन्य बच्चों का चल रहा इलाज उन्होंने बताया कि कार तेज गति से आ रही थी। जिसके कारण यह हादसा हुआ। अस्पताल एसएमओ ने बताया कि हादसे के दौरान स्कूल वैन के ड्राइवर और हैल्पर समेत सात बच्चे गंभीर रूप से घायल हुए है। किसी बाहरी अस्पताल में अन्य बच्चों का इलाज अस्पताल में चल रहा है।
लुधियाना में कांग्रेस-भाजपा में हो सकता गठबंधन:BJP प्रधान बोले- मेयर हमारा होगा, कांग्रेस ने कहा- AAP को रोकने के लिए विकल्प तलाश रहे
लुधियाना में कांग्रेस-भाजपा में हो सकता गठबंधन:BJP प्रधान बोले- मेयर हमारा होगा, कांग्रेस ने कहा- AAP को रोकने के लिए विकल्प तलाश रहे पंजाब के लुधियाना में 21 दिसंबर को नगर निगम चुनाव हुए। इन चुनावों में आम आदमी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। लेकिन किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है। सभी राजनीतिक दल खरीद-फरोख्त में व्यस्त हैं। आम आदमी पार्टी को 41 सीटें मिली हैं। बता दें कि निगम में कुल 95 वार्ड हैं। निगम क्षेत्र में आने वाले सात विधानसभा क्षेत्रों के विधायक भी निगम सदन के सदस्य हैं। ऐसे में बहुमत के लिए 48 या 51 (102 के हिसाब से) का आंकड़ा चाहिए। अगर पार्षदों की संख्या को ही माना जाए तो मेयर चुनने के लिए 48 सीटों की जरूरत है। अगर विधायकों को इसमें जोड़ दिया जाए तो यह आंकड़ा 51 हो जाता है। ऐसे में जोड़-तोड़ करके भी आप का मेयर बनता नहीं दिख रहा है। आप को रोकने के लिए कांग्रेस-भाजपा को गठबंधन करना होगा मौजूदा स्थिति के अनुसार कांग्रेस को 30 सीटें मिली हैं। कांग्रेस और भाजपा से एक-एक निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में थे, जो कांग्रेस और भाजपा का समर्थन कर रहे हैं। फिर भी कांग्रेस के पास 31 और भाजपा के पास 20 सीटें हैं। अकाली दल ने 2 और निर्दलीय उम्मीदवारों ने 3 सीटें जीती हैं। आम आदमी पार्टी को मेयर की सीट तक पहुंचने से रोकने के लिए विपक्षी कांग्रेस और भाजपा गठबंधन बनाने की तैयारी में हैं। 33 साल पुराना फॉर्मूला हो सकता लागू 33 साल पुराना फार्मूला फिर से मेयर बनाने के लिए दोहराया जा सकता है। कांग्रेस ने बीते दिन ही स्पष्ट कर दिया था कि वह आप को किसी सूरत में भी सर्मथन नहीं देंगे लेकिन शहर के विकास के लिए वह अन्य दलों को विकल्प के रूप में देख सकते हैं। हाईकमान से चल रही गठजोड़ को लेकर बातचीत-प्रधान धीमान उधर, भाजपा के जिला प्रधान रजनीश धीमान ने कहा कि कांग्रेस के साथ गठजोड़ करने के लिए प्रदेश हाईकमान से बातचीत चल रही है लेकिन एक बात स्पष्ट है कि यदि कांग्रेस के साथ गठजोड़ होगा तो बीजेपी अपना मेयर बनाएगी ताकि शहर के विकास कार्यों के लिए केन्द्र से फंड लाया जा सके। जिला प्रधान तलवाड़ बोले-किसी कीमत पर नहीं देगें आप को समर्थन वहीं जिला कांग्रेस के प्रधान संजय तलवाड़ ने कहा कि ढाई साल से सत्ताधारियों ने चुनाव न करवाकर निगम पर कब्जा जमा रखा था। लोगों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इसलिए कांग्रेस किसी कीमत पर आप को समर्थन नहीं देगी। हां हमारे पास अन्य विकल्प अभी खुले है। 1991 में हुआ था कांग्रेस और भाजपा का गठजोड़
33 साल बाद एक बार फिर कांग्रेस और भाजपा गठजोड़ कर सकती है। साल 1991 में पहली बार नगर निगम के चुनाव हुए थे। इन चुनाव में बीजेपी को बड़ी पार्टी होने के बावजूद बहुमत नहीं मिला था। उस समय पंजाब में स्व. बेअंत सिंह की सरकार थी। दोनों दलों ने उस समय एक दूसरे को समर्थन देने का ऐलान किया था। दोनों पक्षों में इस शर्त पर गठजोड़ हुआ था कि ढाई साल भाजपा तो ढाई साल कांग्रेस का मेयर बनेगा। इस समझौते के बाद ही 12 जून 1991 में लुधियाना का पहला मेयर चुना गया था। ढाई साल चौधरी सत्य प्रकाश का कार्यकाल देखने के बाद कांग्रेस ने फैसला लिया था कि अगले ढाई साल भी वही मेयर रहेंगे। 11 जून 1996 तक यह गठजोड़ पूरे 5 साल चला।
इमरजेंसी फिल्क की रिलीज अटकी:कंगना रनोट का फैंस को संदेश; बोली- सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट की प्रतीक्षा कर रहे हैं
इमरजेंसी फिल्क की रिलीज अटकी:कंगना रनोट का फैंस को संदेश; बोली- सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट की प्रतीक्षा कर रहे हैं हिमाचल प्रदेश के मंडी से भाजपा सांसद व ऐक्ट्रैस कंगना रनोट की फिल्म इमरजेंसी की रिलीज अटक गई है। फिल्म की रिलीज तारीख 6 सितंबर थी, लेकिन सिख संगठनों व शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के विरोध के बाद सेंसर बोर्ड की तरफ से सर्टिफिकेट ही नहीं दिया गया। जिसके बाद कंगना ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर अपने समर्थकों व फैंस के लिए संदेश दिया है। कंगना ने सोशल मीडिया पर संदेश में लिखा- भारी मन से मैं घोषणा करता हूं कि मेरी निर्देशित इमरजेंसी को स्थगित कर दिया गया है, हम अभी भी सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट की प्रतीक्षा कर रहे हैं, नई रिलीज की तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी, आपकी समझ और धैर्य के लिए धन्यवाद। दरअसल, फिल्म इमरजेंसी के खिलाफ एडवोकेट ईमान सिंह खारा की तरफ से याचिका दायर की गई थी। जिसकी सुनवाई बीते सप्ताह हुई। कोर्ट में सेंसर बोर्ड ने अपना जवाब दाखिल किया कि इस फिल्म को अभी तक रिलीज के लिए सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया। जवाब के अनुसार फिल्म के खिलाफ कई शिकायतें हैं। शिकायतों को सुने जाने के बाद ही फिल्म को सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। एसजीपीसी ने सीन डिलीट करने की मांग रखी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के सदस्य गुरचरण सिंह गरेवाल पहले ही कह चुके हैं कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सूचना और प्रसारण मंत्री के साथ-साथ सेंसर बोर्ड को भी पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया कि हमारा ऐसा कोई इरादा नहीं है। फिल्म का विरोध सिर्फ इसलिए नहीं कर रहे कि इसमें कंगना रनोट हैं। हमारा रुख हमारे तर्क पर आधारित है। गुरुद्वारा कमेटी ने भी एक कानूनी नोटिस जारी किया था। कई स्टेट्स में याचिका दायर की गई हैं। कंगना अपनी फिल्म को प्रमोट करने के लिए बहुत कुछ करती हैं। उनका कहना है कि उन्हें रेप और जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। ये सब फिल्म प्रमोशन के स्टंट हैं, लेकिन अगर सेंसर बोर्ड ने यह (फिल्म को पास न करने का) फैसला किया है, तो यह एक अच्छी बात है, क्योंकि यह मामला सिर्फ सिखों से जुड़ा नहीं है, यह देश में सद्भाव की चिंताओं से भी जुड़ा है। कंगना सहित जी-स्टूडियो को भेजा जा चुका नोटिस इससे पहले SGPC प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी फिल्म अदाकारा कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग कर चुके हैं। एडवोकेट धामी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा था कि कंगना रनोट अक्सर जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाली बातें करती रही हैं। सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है। सरकार को कंगना रनोट के खिलाफ फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज करना चाहिए। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह भी फिल्म पर कड़े ऐतराज जता चुके हैं और फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं। इसके अलावा एसजीपीसी की तरफ से कंगना रनोट सहित फिल्म का ट्रेलर रिलीज करने वाले जी-स्टूडियो को भी नोटिस भेजा जा चुका है। कंगना के बयान से भाजपा ने पल्ला झाड़ा फिल्म इमरजेंसी के विवाद के बीच दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू के बीच कंगना रनोट ने किसानों को लेकर विवादित बयान दे दिया। कंगना का कहना था कि किसान आंदोलन के दौरान रेप हुए और कत्ल हुए। जिसके बाद कंगना एक बार फिर कंट्रोवर्सियों में फंस गई। अंत में भाजपा ने भी उनके इस बयान से पल्ला झाड़ लिया। भाजपा को अलग से बयान जारी करना पड़ा। जिसमें कहा गया- पार्टी कंगना के बयान से असहमत है। कंगना को पार्टी के नीतिगत मुद्दों पर बोलने की इजाजत नहीं हैं। पार्टी ने उन्हें आगे ऐसे बयान ना देने की हिदायत भी दी थी। फिल्म में दिखाया आतंकवाद का दौर, भिंडरांवाले का कैरेक्टर भी रखा कंगना ने कुछ दिन पहले इस फिल्म का ट्रेलर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था। जिसमें पंजाब में 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर को भी दिखाया गया है। इसमें एक कैरेक्टर को जरनैल सिंह भिंडरांवाला भी बनाया गया है, जिसे कट्टरपंथी सिख संत के तौर पर देखते हैं। सर्बजीत खालसा का मानना है कि फिल्म में ब्लू स्टार ऑपरेशन को लेकर भी फिल्माया गया है, जो जरनैल सिंह भिंडरांवाला को खत्म करने के लिए ही चलाया गया था।