पंजाब के अबोहर के गांव वरियामखेड़ा निवासी एक महिला ने रविवार अल सुबह घर के ही कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। घटना का पता चलते ही चौकी पटीसदीक पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मृतक के शव को सरकारी अस्पताल पहुंचाया और परिजनों के बयान पर अगली कार्रवाई शुरू कर दी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा प्राप्त जानकारी के अनुसार वरियामखेड़ा निवासी करीब 35 वर्षीय सुमन पत्नी सुभाष चंद्र ने आज सुबह अपने घर में ही फांसी लगा ली। जिसका पता चलते ही परिजनों ने उसे नीचे उतारा और पुलिस के सहयोग से सरकारी अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। महिला चार बेटियों व एक बेटे की मां थी। पुलिस ने मृतका के शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेज दिया है। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। पंजाब के अबोहर के गांव वरियामखेड़ा निवासी एक महिला ने रविवार अल सुबह घर के ही कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। घटना का पता चलते ही चौकी पटीसदीक पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मृतक के शव को सरकारी अस्पताल पहुंचाया और परिजनों के बयान पर अगली कार्रवाई शुरू कर दी। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा प्राप्त जानकारी के अनुसार वरियामखेड़ा निवासी करीब 35 वर्षीय सुमन पत्नी सुभाष चंद्र ने आज सुबह अपने घर में ही फांसी लगा ली। जिसका पता चलते ही परिजनों ने उसे नीचे उतारा और पुलिस के सहयोग से सरकारी अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। महिला चार बेटियों व एक बेटे की मां थी। पुलिस ने मृतका के शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेज दिया है। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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लुधियाना पुलिस कमिश्नर ने 24 हथियार लाइसेंस किए रद्द:148 धारक फिर देंगे डोप टेस्ट, डॉ. ओलख ने फर्जी टेस्ट पर किया था स्टिंग ऑपरेशन पंजाब के लुधियाना में पुलिस कमिश्नर कुलदीप चहल ने बंदूक रखने वालों पर सख्त कार्रवाई करते हुए हाल ही में 24 असला लाइसेंस रद्द किए हैं। रद्द करने के कई कारण हैं, जैसे कि कुछ लोग सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ पोज देते हैं, कुछ लोग दूसरों को प्रभावित करने के लिए सार्वजनिक रूप से हथियार दिखाते हैं, जबकि अन्य अपने विरोधियों पर हथियार तानते हैं। पुलिस कमिश्नरेट से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, इन 24 रद्द किए गए हथियारों के लाइसेंसों के अलावा, कई हथियारों के लाइसेंस भी विभिन्न कारणों से शीर्ष पुलिस अधिकारी द्वारा जांच के दायरे में रखे गए हैं और आने वाले दिनों में उन्हें रद्द किया जा सकता है। शीर्ष पुलिस अधिकारी द्वारा हथियार लाइसेंस धारकों को हथियारों का दुरुपयोग करने, सार्वजनिक रूप से हथियार दिखाने और सोशल मीडिया पर रील या पोस्ट बनाने से बचने की चेतावनी जारी करने के बाद भी लाइसेंस धारक निर्देशों का बहुत कम ध्यान रखते हैं। मीडिया से पुलिस कमिश्नर चहल बोले… मीडिया से बातचीत दौरान पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चहल ने कहा कि हथियार लाइसेंस रखने का मतलब यह नहीं है कि हथियार धारक सार्वजनिक रूप से भय पैदा करने के लिए हथियार दिखा सकता है या वह इसका इस्तेमाल जश्न मनाने के लिए फायरिंग के लिए कर सकता है। लाइसेंस संबंधित व्यक्ति की सुरक्षा के लिए जारी किया जा रहा है और किसी भी तरह का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। CP चहल ने कहा कि लाइसेंस प्राप्त हथियार रखने के मानदंडों का पालन न करने पर लुधियाना पुलिस ने 24 शस्त्र लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। असला लाइसेंस धारकों की कई फाइलें पहले से ही जांच के दायरे में हैं और पुलिस द्वारा संतुष्ट होने के बाद उन्हें रद्द कर दिया जाएगा कि व्यक्ति लाइसेंस प्राप्त हथियार रखने के लिए फिट नहीं है। रोजाना कमिश्नरेट में 10 से अधिक असला लाइसेंस बनाने के आते हैं आवेदन CP चहल ने खुलासा किया कि कमिश्नरेट में प्रतिदिन औसतन 10 से अधिक नए शस्त्र लाइसेंस बनाने के लिए आवेदन प्राप्त हो रहे हैं, लेकिन केवल उन्हीं व्यक्तियों को शस्त्र लाइसेंस दिया जाएगा, जिन्हें वास्तविक खतरा है। किसी अन्य व्यक्ति का शस्त्र लाइसेंस स्वीकृत नहीं किया जाएगा, जो केवल सामाजिक स्थिति या किसी अन्य कारण से शस्त्र लाइसेंस रखना चाहता है। 148 लोगों का होगा दोबारा डोप टेस्ट बता दें 148 लोग असला लाइसेंस भी खो सकते क्योंकि स्टिंग ऑपरेशन में फर्जी डोप टेस्ट प्रमाण पत्र जारी किए जाने का मामला में सामने आया है। उल्लेखनीय है कि जिले में 148 असला लाइसेंस धारकों को नवीनीकरण के लिए आवश्यक डोप टेस्ट फिर से देने के लिए कहा गया था, ऐसा न करने पर उनका लाइसेंस रद्द किया जा सकता है। लुधियाना पुलिस के पास इसकी रिकमंडेशन पहले ही पहुंच चुकी है। पूर्व सिविल सर्जन डॉ. जसबीर सिंह औलख ने अपने तबादले से एक दिन पहले डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी को 148 हथियार लाइसेंस धारकों की सूची भेजी थी और रिकमंडेशन की थी कि या तो लाइसेंस धारक दोबारा टेस्ट दें या फिर उनके हथियार लाइसेंस रद्द कर दिए जाएं। बार-बार याद दिलाने के बावजूद ये 148 हथियार लाइसेंस धारक दोबारा टेस्ट के लिए उपस्थित नहीं हुए हैं। दोबारा टेस्ट की स्थिति तब पैदा हुई जब लुधियाना के तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. जसबीर सिंह औलख ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया और एक सिविल अस्पताल के लैब तकनीशियन को ‘फर्जी’ डोप टेस्ट सर्टिफिकेट बनाने के लिए रिश्वत लेते पकड़ा।
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