अमृतसर के अजनाला थाने में रविवार मिले बम के पीछे बब्बर खालसा इंटरनेशनल का आतंकी हैप्पी पासियां और गोपी नवांशहरिया का हाथ होने की बात सामने आई है। पुलिस इस मामले में कुछ भी ऑफिशियल बयान नहीं दे रही है। लेकिन सूत्रों के अनुसार इस बम में आरडीएक्स का प्रयोग किया गया। बम का वजन तकरीबन 800 ग्राम था। पुलिस थाने की सीसीटीवी भी सामने आई है, जिसे पुलिस सार्वजनिक नहीं कर रही है। पंजाब पुलिस के सूत्रों के अनुसार आरडीएक्स के साथ डेटोनेटर का प्रयोग किया गया था। जिसे थाने के दरवाजे के साथ लगाया गया। ताकि, दरवाजा खोलते ही इसमें ब्लास्ट हो सके। थाने में मौजूद स्टाफ की किस्मत थी कि किसी तकनीकी खराबी के कारण वे बम फटा नहीं। अन्यथा बड़ा नुकसान हो सकता था। इस घटना को लेकर पुलिस के हाथ कुछ सीसीटीवी फुटेज भी लगे हैं, जिसे पुलिस सार्वजनिक नहीं कर रही। इन सभी तथ्यों से साफ हो जाता है कि इस घटना के पीछे आतंकी साजिश ही काम कर रही है। सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटी यह घटना अमृतपाल सिंह से जुड़े अजनाला कांड के समानांतर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक नई चुनौती बन गई है। अजनाला कांड में पहले ही खालिस्तान समर्थकों और अलगाववादी तत्वों के हमले की जांच चल रही थी। इस ताजा घटना ने क्षेत्र में सुरक्षा चिंताओं को और बढ़ा दिया है। पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है और तकनीकी सबूतों के आधार पर आरोपियों की पहचान की कोशिश की जा रही है। खाकी टेप से बंधा था बम अमृतसर देहात पुलिस से जुड़े सूत्रों के अनुसार रविवार सुबह 7 बजे जब थाने से एक कर्मी बाहर निकला तो उसने देखा कि एक बाउल पड़ा था, जिसे खाकी रंग की टेप लगाकर अच्छी तरह से बंद किया हुआ था। उक्त बाउल के अंदर से कुछ तार बाहर निकले हुए थे। वह बम जैसी चीज थी, जो खुले में पड़ी हुई थी। उसे किसी भी चीज से ढंका नहीं गया था। पुलिस की अभी तक की जांच में पता चला है कि उस चीज को देर रात धुंध का फायदा उठाकर रखा गया है। फरवरी 2023 में इसी थाने पर हुआ था हमला फरवरी 2023 में खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों ने अपने सहयोगी लवप्रीत तूफान की रिहाई के लिए अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला किया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने तलवारों, लाठियां और हथियारों का इस्तेमाल करते हुए पुलिस बैरिकेड तोड़े और पुलिस स्टेशन पर कब्जा कर लिया। प्रदर्शन के दौरान गुरु ग्रंथ साहिब को ढाल के रूप में उपयोग किया गया था। जिससे पुलिस ने बल प्रयोग करने से परहेज किया, ताकि किसी धार्मिक अपवित्रीकरण का आरोप न लगे। इस घटना की शुरुआत लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध से हुई थी। अमृतपाल के समर्थकों ने पहले शांतिपूर्ण धरना देने की बात कही थी, लेकिन बाद में उन्होंने पुलिस पर हमला कर दिया। इस दबाव के चलते पुलिस ने लवप्रीत की रिहाई के आदेश दिए और उसके खिलाफ केस वापस ले लिया। जाने कौन है हैप्पी पासियां हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासियां एक कुख्यात गैंगस्टर है, जो वर्तमान में अमेरिका में स्थित है। वह पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के सदस्य हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा और आईएसआई के निर्देशों पर काम करता है। सितंबर 2024 में, चंडीगढ़ के सेक्टर-10 में एक ग्रेनेड हमला हुआ, जिसकी जिम्मेदारी हैप्पी पासियां ने सोशल मीडिया पर ली। जांच में सामने आया कि यह हमला 1986 में पंजाब के नकोदर में चार लोगों के एनकाउंटर का बदला लेने के लिए किया गया था। जिसमें उस समय के पुलिस अधिकारी को निशाना बनाया गया था। वहीं, उसका साथी गोपी नवांशहरिया पर भी कई मुकदमे दर्ज हैं। नवांशहर में ही पूर्व बब्बर खालसा के आतंकी को मारने की जिम्मेदारी गोपी ने ही ली थी। अमृतसर के अजनाला थाने में रविवार मिले बम के पीछे बब्बर खालसा इंटरनेशनल का आतंकी हैप्पी पासियां और गोपी नवांशहरिया का हाथ होने की बात सामने आई है। पुलिस इस मामले में कुछ भी ऑफिशियल बयान नहीं दे रही है। लेकिन सूत्रों के अनुसार इस बम में आरडीएक्स का प्रयोग किया गया। बम का वजन तकरीबन 800 ग्राम था। पुलिस थाने की सीसीटीवी भी सामने आई है, जिसे पुलिस सार्वजनिक नहीं कर रही है। पंजाब पुलिस के सूत्रों के अनुसार आरडीएक्स के साथ डेटोनेटर का प्रयोग किया गया था। जिसे थाने के दरवाजे के साथ लगाया गया। ताकि, दरवाजा खोलते ही इसमें ब्लास्ट हो सके। थाने में मौजूद स्टाफ की किस्मत थी कि किसी तकनीकी खराबी के कारण वे बम फटा नहीं। अन्यथा बड़ा नुकसान हो सकता था। इस घटना को लेकर पुलिस के हाथ कुछ सीसीटीवी फुटेज भी लगे हैं, जिसे पुलिस सार्वजनिक नहीं कर रही। इन सभी तथ्यों से साफ हो जाता है कि इस घटना के पीछे आतंकी साजिश ही काम कर रही है। सुरक्षा एजेंसियां जांच में जुटी यह घटना अमृतपाल सिंह से जुड़े अजनाला कांड के समानांतर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक नई चुनौती बन गई है। अजनाला कांड में पहले ही खालिस्तान समर्थकों और अलगाववादी तत्वों के हमले की जांच चल रही थी। इस ताजा घटना ने क्षेत्र में सुरक्षा चिंताओं को और बढ़ा दिया है। पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है और तकनीकी सबूतों के आधार पर आरोपियों की पहचान की कोशिश की जा रही है। खाकी टेप से बंधा था बम अमृतसर देहात पुलिस से जुड़े सूत्रों के अनुसार रविवार सुबह 7 बजे जब थाने से एक कर्मी बाहर निकला तो उसने देखा कि एक बाउल पड़ा था, जिसे खाकी रंग की टेप लगाकर अच्छी तरह से बंद किया हुआ था। उक्त बाउल के अंदर से कुछ तार बाहर निकले हुए थे। वह बम जैसी चीज थी, जो खुले में पड़ी हुई थी। उसे किसी भी चीज से ढंका नहीं गया था। पुलिस की अभी तक की जांच में पता चला है कि उस चीज को देर रात धुंध का फायदा उठाकर रखा गया है। फरवरी 2023 में इसी थाने पर हुआ था हमला फरवरी 2023 में खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों ने अपने सहयोगी लवप्रीत तूफान की रिहाई के लिए अजनाला पुलिस स्टेशन पर हमला किया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने तलवारों, लाठियां और हथियारों का इस्तेमाल करते हुए पुलिस बैरिकेड तोड़े और पुलिस स्टेशन पर कब्जा कर लिया। प्रदर्शन के दौरान गुरु ग्रंथ साहिब को ढाल के रूप में उपयोग किया गया था। जिससे पुलिस ने बल प्रयोग करने से परहेज किया, ताकि किसी धार्मिक अपवित्रीकरण का आरोप न लगे। इस घटना की शुरुआत लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध से हुई थी। अमृतपाल के समर्थकों ने पहले शांतिपूर्ण धरना देने की बात कही थी, लेकिन बाद में उन्होंने पुलिस पर हमला कर दिया। इस दबाव के चलते पुलिस ने लवप्रीत की रिहाई के आदेश दिए और उसके खिलाफ केस वापस ले लिया। जाने कौन है हैप्पी पासियां हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासियां एक कुख्यात गैंगस्टर है, जो वर्तमान में अमेरिका में स्थित है। वह पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) के सदस्य हरविंदर सिंह उर्फ रिंदा और आईएसआई के निर्देशों पर काम करता है। सितंबर 2024 में, चंडीगढ़ के सेक्टर-10 में एक ग्रेनेड हमला हुआ, जिसकी जिम्मेदारी हैप्पी पासियां ने सोशल मीडिया पर ली। जांच में सामने आया कि यह हमला 1986 में पंजाब के नकोदर में चार लोगों के एनकाउंटर का बदला लेने के लिए किया गया था। जिसमें उस समय के पुलिस अधिकारी को निशाना बनाया गया था। वहीं, उसका साथी गोपी नवांशहरिया पर भी कई मुकदमे दर्ज हैं। नवांशहर में ही पूर्व बब्बर खालसा के आतंकी को मारने की जिम्मेदारी गोपी ने ही ली थी। पंजाब | दैनिक भास्कर
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