<p>अयोध्या में बीजेपी के काम नहीं आए राम! लल्लू सिंह बड़े अंतर से पीछे</p> <p>अयोध्या में बीजेपी के काम नहीं आए राम! लल्लू सिंह बड़े अंतर से पीछे</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड लोकसभा चुनाव की काउंटिंग के बीच चिराग की पार्टी के फैसले से सपा, बसपा और कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी!
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इद्रीश फाउंडेशन ने मनाया स्थापना दिवस, साल 2015 से जरूरतमंद बच्चों को कर रही शिक्षित
इद्रीश फाउंडेशन ने मनाया स्थापना दिवस, साल 2015 से जरूरतमंद बच्चों को कर रही शिक्षित भास्कर न्यूज | अम्बाला इद्रीश फाउंडेशन ने 7वां स्थापना दिवस मनाया और केक कटिंग की। मुख्यातिथि रोटरी क्लब के अध्यक्ष दिनेश सेठी, सचिव गणेश सभरवाल, रोटरी एक्जीक्यूटिव सचिव संदीप, जेएन अरोड़ा, डॉ. विनय कुमार मल्होत्रा और सुखजीत कौर मौजूद थे। फाउंडेशन 2015 से जरूरतमंद बच्चों को शिक्षित कर रही है। इसकी शुरुआत गांधी ग्राउंड में झुग्गी बस्तियों के 25 बच्चों को पढ़ाने से हुई थी। इसके बाद मूर्ति बनाने वाले परिवारों के बच्चों को शिक्षा दी और उनका दाखिला स्कूल में करवाया। फाउंडेशन ने फुटबॉल चौक, जाटव धर्मशाला और टांगरी जैसे इलाकों में 2020 तक कई क्षेत्रों में इवनिंग क्लास प्रोजेक्ट शुरू किया। पहले टांगरी क्षेत्र में प्रो. विनय मल्होत्रा और रोटरी क्लब ऑफ अम्बाला के सहयोग से शिक्षक और कक्षा प्रदान की गई। सिटी में इनरव्हील क्लब के सहयोग से और कच्चा बाजार के बच्चों के लिए शिक्षा की पहल की, जिसमें दानदाता दिनेश आहूजा ने भी मदद की। इवनिंग स्कूल प्रोजेक्ट शुरू करेगी संस्था फाउंडेशन के इवनिंग क्लास प्रोजेक्ट में 300 बच्चे और प्रोजेक्ट केयर में 32 बच्चे जुड़ चुके हैं। वर्तमान में फाउंडेशन में 40 से अधिक सक्रिय और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े वॉलिंटियर्स हैं, जिनमें प्रमुख नाम नीलिमा, वंदना कौशल, पंकज, तरुण अग्रवाल, अभिषेक चौहान, अमनदीप कोशिश, दीक्षा शर्मा, उदय, प्राची, करिश्मा, नीरज, सुक्रिती, जसकीरत और कृतिका शामिल हैं। संस्था की कोऑर्डिनेटर और वाइस प्रेसिडेंट वंदना ने बताया कि संस्था जल्द इवनिंग स्कूल प्रोजेक्ट शुरू करेगी, जिसमें हर तबके के बच्चों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी।
हाथरस में 123 मौतों की जांच न्यायिक आयोग करेगा:बाबा बोला- मैं वहां नहीं था, अराजकतत्वों ने मचाई भगदड़; योगी बोले-सजा मिलेगी
हाथरस में 123 मौतों की जांच न्यायिक आयोग करेगा:बाबा बोला- मैं वहां नहीं था, अराजकतत्वों ने मचाई भगदड़; योगी बोले-सजा मिलेगी यूपी के हाथरस में सत्संग के बाद मची भगदड़ में मौतों का आंकड़ा बढ़कर 123 हो गया है। इनमें 113 महिलाएं, 7 बच्चे और 3 पुरुष हैं। योगी सरकार ने हादसे की जांच के लिए न्यायिक आयोग बनाया है। इसकी अध्यक्षता इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस बृजेश कुमार श्रीवास्तव करेंगे। रिटायर्ड आईएएस हेमंत राव और रिटायर्ड डीजी भवेश कुमार सिंह आयोग के सदस्य हैं। टीम 2 महीने में जांच पूरी कर रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसके लिए सुझाव भी देंगे। उधर, सिकंदराराऊ के फुलरई गांव में हुए हादसे के 40 घंटे बाद भी पुलिस नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा तक नहीं पहुंच सकी। जबकि उसने एपी सिंह को अपना वकील नियुक्त कर लिया है। सिंह, सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं। भोले बाबा ने एपी सिंह के जरिए लिखित बयान जारी किया। जिसमें सफाई दी कि मैं जब समागम से निकल गया, इसके बाद असामाजिक तत्वों ने भगदड़ मचाई। इन लोगों के खिलाफ लीगल एक्शन लूंगा। घायलों के स्वस्थ होने की कामना करता हूं। सीएम योगी बोले- यह हादसा साजिश जैसा
सीएम योगी बुधवार को हाथरस पहुंचे। उन्होंने जिला अस्पताल में घायलों से मुलाकात की और घटनास्थल पर गए। अफसरों से पूरे हादसे की जानकारी ली। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- यह हादसा साजिश जैसा है। लोग मरते गए, सेवादार वहां से भाग गए। उन्होंने न तो प्रशासन को सूचना दी और न ही मदद की। प्रशासन की टीम जब पहुंची तो सेवादारों ने उन्हें आगे जाने नहीं दिया। हमने भी कुंभ जैसे बड़े आयोजन किए, लेकिन ऐसी चीजें नहीं हुईं। सीएम ने कहा- जांच के लिए SIT का गठन किया है। हाईकोर्ट के रिटायर जज, पुलिस के सीनियर रिटायर ऑफिसर की टीम भी मामले की जांच करेगी। जो भी दोषी होगा, उसको सजा देंगे। बाबा को छोड़कर 22 आयोजकों पर एफआईआर
भोले बाबा को छोड़कर 22 आयोजकों पर FIR हुई है। सिर्फ एक नामजद है, बाकी अज्ञात हैं। भोले बाबा हर महीने पहले मंगलवार को सत्संग करता है, जिसमें यूपी, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड और पंजाब से लोग आते हैं। ऐसा ही आयोजन हाथरस में था, जिसमें करीब एक लाख से ज्यादा अनुयायी पहुंचे थे। बस,ऑटो और लोडिंग में भरकर ले आए शव और घायल
मंगलवार दोपहर 1 बजे का समय था। सत्संग खत्म होने के बाद भोले बाबा समागम स्थल से बाहर निकला। श्रद्धालु उसके पैरों की धूल लेने के लिए आगे बढ़े तो वॉलंटियर्स ने वाटर कैनन से पानी की बौछार की। इससे महिलाएं गिरीं और भगदड़ मच गई। भगदड़ में लोग जमीन पर गिरे लोगों को कुचलते हुए आगे निकल गए। हादसे के बाद अस्पतालों में हालात भयावह हो गए। लाशों-घायलों को बस और टैंपो में भरकर सिकंदराराऊ CHC और एटा जिला अस्पताल, अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज भेजा गया। CHC के बाहर शव जमीन पर इधर-उधर बिखरे पड़े थे। भास्कर रिपोर्टर ने लाशें गिनीं
दैनिक भास्कर ने डॉक्टर से पूछा तो वह मौत का आंकड़ा नहीं बता पाए। इसके बाद भास्कर रिपोर्टर मनोज महेश्वरी ने सिकंदराराऊ CHC के बाहर एक-एक करके लाशों को गिना। यहां 95 लाशें जमीन पर पड़ी थीं। एटा CMO उमेश त्रिपाठी ने बताया- एटा के जिला अस्पताल में अब तक 27 शव पहुंचे हैं। यानी, कुल 122 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, सरकार ने 121 लोगों की मौत की लिस्ट जारी की है। घायलों को अस्पताल ले जाने में देरी, इसलिए मौतें
घटनास्थल से 3 किमी दूर तक सड़क किनारे अनुयायियों के वाहनों से जाम लगा था। इससे घायलों को अस्पताल पहुंचने में भी देरी हुई। कई लोगों ने रास्ते में दम तोड़ दिया। अस्पतालों में भी भीड़ से अव्यवस्था हो गई। अस्पताल के बाहर लोग शवों के बीच अपनों की तलाश करते देखे गए। लाशों को ओढ़ाने के लिए चादर तक नहीं थी
हालात ऐसे रहे कि लाशों को ओढ़ाने के लिए चादर तक नहीं थी। घायल जमीन पर तड़प रहे थे। उनका इलाज करने के लिए डॉक्टर नहीं थे। मृतकों में ज्यादातर हाथरस, बदायूं और पश्चिम UP के जिलों के हैं। लाशों को देख सिपाही को आया हार्टअटैक
इधर, एटा में लाशों का ढेर देखकर ड्यूटी पर तैनात सिपाही रजनेश (30) को हार्ट अटैक आ गया। साथी उन्हें डॉक्टर के पास ले गए, लेकिन उनकी मौत हो गई। हालांकि, एटा SSP ने सिपाही की मौत की वजह बीमारी बताई है। लाश उठाने तक के लिए लोग नहीं, अफसर खड़े देखते रहे
हादसे में हाथरस प्रशासन की भयंकर चूक सामने आई है। कार्यक्रम की अनुमति देने से लेकर हादसे के बाद तक प्रशासन लाचार नजर आया। सुबह लाखों की भीड़ कार्यक्रम स्थल पहुंच चुकी थी, लेकिन सत्संग स्थल पर कोई भी बड़ा अफसर मौजूद नहीं था। सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे। कुछ पुलिसवाले थे, वह भी इधर-उधर टहल रहे थे। परिजन ही रोते-बिलखते शवों को उठा रहे थे। अफसर खड़े देखते रहे। न कार्यक्रम स्थल में और न ही अस्पताल में कोई इंतजाम था। ऐसे हुआ हादसा- प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सत्संग के बाद श्रद्धालु बाबा के काफिले के पीछे उनकी चरण रज लेने के लिए दौड़े। भीड़ को काबू में करने के लिए पानी की बौछारें फेंकी गई। लोग भागने लगे, तभी एक-दूसरे पर गिरते गए.. कुचलने से इतनी मौतें हुईं। योगी बोले- घटना हादसा है या साजिश, इसकी जांच होगी
CM योगी के निर्देश पर मुख्य सचिव मनोज सिंह और DGP प्रशांत कुमार घटनास्थल पर पहुंच गए। बाबा की गिरफ्तारी के सवाल पर DGP प्रशांत कुमार ने कहा- अभी कुछ नहीं कह सकते, जांच जारी है। CS मनोज सिंह ने बताया- उच्च स्तरीय कमेटी 24 घंटे में रिपोर्ट देगी। आयोजकों पर गैर इरादतन हत्या का केस होगा। घटना की जांच के लिए ADG आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की टीम बनाई गई। DM ने बताया कि SDM ने कार्यक्रम की अनुमति दी थी। योगी ने कहा- हाथरस की घटना हादसा है या साजिश, इसकी जांच होगी। कौन है नारायण हरि… यूपी पुलिस में कॉन्स्टेबल था भोले बाबा के नाम से प्रसिद्ध नारायण साकार हरि उर्फ सुरजपाल जाटव यूपी के एटा का रहने वाला है। यूपी पुलिस में 15 साल नौकरी की। 17 साल पहले VRS लिया। पत्नी के साथ सत्संग करते हैं। अनुयायियों में SC-ST-OBC वर्ग के लोग ज्यादा हैं। सत्संग की व्यवस्था सेवादार संभालते हैं। हाथरस के आयोजन में 12 हजार सेवादार लगे थे। (पढ़ें पूरी खबर) हादसे की 10 तस्वीरें… अब पढ़िए उन लोगों का दर्द, जिन्होंने आंखों के सामने अपनों को मरते देखा… भगदड़ में बेटी का हाथ छूटा, फिर लाश मिली
जलेसर से आई एक महिला ने बताया- मैं पति और बेटी खुशबू के साथ सत्संग सुनने आई थी। सत्संग खत्म होने के बाद हम जैसे ही निकलने लगे, लोग अचानक बाहर भागने लगे। फिर भगदड़ मच गई। मैं और मेरे पति अपनी बेटी को लेकर भागे, लेकिन लोग मेरी बेटी को रौंदते निकल गए। बेटी की जान चली गई, पति घायल हैं। गोद में शव लिए बोली- सत्संग सुनने आए थे
हाथरस की रहने वाली सीता ने बताया- आज हम अपनी बहन मंजू राने और उसके 5 साल के बेटे पीके के साथ सत्संग सुनने आए थे। हादसे में मेरी बहन और उसके बेटे की मौत हो गई। मैं खेतों की तरफ भागी, तब जाकर बच सकी। हजारों की भीड़ में लोग एक-दूसरे को रौंदते रहे। कोई किसी को देखने वाला नहीं था। प्रत्यक्षदर्शी बोले-पुलिस-प्रशासन ने मुस्तैदी से काम नहीं किया
प्रत्यक्षदर्शी ने आरोप लगाया है कि सत्संग स्थल के अंदर कोई पटना नहीं हुई है। जो हादसा हुआ है वह बाहर रोड पर हुई है। पुलिस-प्रशासन ने अपना काम मुस्तैदी नहीं किया है। काम में लापरवाही बरतने वाले सभी स्टाफ को तुरंत सस्पेंड किया जाए, नहीं तो हम प्रदर्शन करेंगे। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि मैंने डीएम साहब से पूछा कि इन डेडबॉडीज का क्या करें तो मुझे पुलिस ने धक्का मार कर हटा दिया।
कंगना रनोट की फिल्म रिलीज रोकने को HC में पिटीशन:बठिंडा में थियेटर के बाहर सिखों का प्रदर्शन; कल सिर कलम की धमकी मिली थी
कंगना रनोट की फिल्म रिलीज रोकने को HC में पिटीशन:बठिंडा में थियेटर के बाहर सिखों का प्रदर्शन; कल सिर कलम की धमकी मिली थी हिमाचल प्रदेश के मंडी से BJP सांसद और बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनोट की नई फिल्म इमरजेंसी को पंजाब में रिलीज करने से रोकने की मांग की गई है। एडवोकेट इमान सिंह खारा ने पिटीशन दायर की है। इस पिटीशन में उन्होंने कहा कि कंगना ने फिल्म में सिखों को गलत तरीके से पेश किया है। इस पर 1-2 दिन में सुनवाई हो सकती है। पिटीशन दायर करने वाले इमान खारा असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक अमृतपाल के वकील हैं। वहीं, बठिंडा में थियेटर के बाहर सिखों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने कंगना रनोट का पुतला जलाया। सिखों का कहना है कि फिल्म पर रोक लगाई जाए। उधर, पंचकूला में आम आदमी पार्टी ने भी विरोध प्रदर्शन किया। नेताओं ने कहा कि पार्टी किसानों के सम्मान से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेगी। इससे पहले कल (26 अगस्त) कंगना को विक्की थॉमस मसीह की तरफ से सिर कलम करने की भी धमकी दी जा चुकी है। विक्की थॉमस ने धमकी देते हुए क्या कहा…
वायरल वीडियो में विक्की थॉमस धमकाते हुए कह रहा है- ”इतिहास को बदला नहीं जा सकता। अगर आतंकवादी दिखाया गया तो अंजाम के लिए तैयार हो जाना। जिसकी फिल्म कर रही है, उसकी क्या सेवा होगी। सतवंत सिंह व बेअंत सिंह (पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर गोलियां बरसाने वाले) कौन थे, वे रोल भी करने के लिए तैयार हो जाना। ये मैं दिल से बोल रहा हूं, क्योंकि उंगली जो हमारी तरफ करता है, वे उंगली ही झटका (काट) देते हैं हम। वो संत (जरनैल सिंह भिंडरांवाला) के लिए हम अपना सिर कटवा भी देंगे। अगर सिर कटवा सकते हैं तो काट भी सकते हैं।” अपकमिंग फिल्म को लेकर विवाद में कंगना
हिमाचल की मंडी सीट से BJP सांसद व एक्ट्रेस कंगना रनोट अपकमिंग मूवी ‘इमरजेंसी’ को लेकर विवादों में हैं। कंगना की यह फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में लगाई गई इमरजेंसी पर बनाई गई है। फिल्म 6 सितंबर को रिलीज होगी। इस पर सबसे पहले पंजाब के निर्दलीय सांसद सर्बजीत सिंह खालसा ने ट्रेलर में दिखाए गए दृश्यों पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इसमें सिखों को गलत तरीके से पेश किया गया है। उन्होंने केंद्र सरकार को लेटर लिखकर फिल्म की रिलीज रोकने की मांग की है। सर्बजीत सिंह खालसा ने कहा, ‘नई फिल्म ‘इमरजेंसी’ में सिखों को गलत तरीके से पेश करने की खबरें सामने आ रही हैं, जिससे समाज में शांति और कानून की स्थिति बिगड़ने की आशंका है। अगर इस फिल्म में सिखों को अलगाववादी या आतंकवादी के रूप में दिखाया गया है तो यह एक गहरी साजिश है। यह फिल्म मनोवैज्ञानिक हमला है, जिस पर सरकार को पहले से ध्यान देकर दूसरे देशों में सिखों के प्रति नफरत भड़काना बंद कर देना चाहिए।’ फिल्म के इंटरव्यू में विवादित बयान दिया
हाल ही में दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में कंगना ने कहा कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे। वहां रेप और हत्याएं हो रही थीं। अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं होता तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता। किसान बिल को वापस ले लिया गया वर्ना इन उपद्रवियों की बहुत लंबी प्लानिंग थी। वे देश में कुछ भी कर सकते थे। कांग्रेस नेता ने कंगना पर NSA लगाने की मांग की
इंटरव्यू में दिए कंगना के बयान पर पहले SGPC ने माफी मांगने के लिए कहा। इसके बाद पंजाब के कांग्रेस नेता राजकुमार वेरका ने एक्ट्रेस पर NSA लगाने की बात कही। वेरका ने कहा, “कंगना लगातार किसानों पर ऐसे बयान दे रही हैं। उनके खिलाफ FIR दर्ज की जाए और उन पर NSA लगाया जाए।” कंगना के बयान से पार्टी ने किनारा किया
वहीं, आज भाजपा ने कंगना रनोट के बयान से खुद को अलग कर लिया है। न्यूज एजेंसी PTI ने भाजपा की प्रेस रिलीज जारी की है। इसमें लिखा है- पार्टी कंगना के बयान से असहमत है। उन्हें पार्टी के नीतिगत मुद्दों पर बोलने की इजाजत नहीं है। वह पार्टी की तरफ से बयान देने के लिए अधिकृत भी नहीं हैं। भाजपा ने कंगना को हिदायत दी है कि वह इस मुद्दे पर आगे कोई बयान न दें। पार्टी स्टेटमेंट में सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के सिद्धांत पर चलने की बात कही गई है। किसान आंदोलन में महिलाओं को 100 रुपए में आने वाली कहा
कंगना ने किसान आंदोलन को लेकर एक पोस्ट पर कमेंट किया था। इसमें एक बुजुर्ग महिला की फोटो थी। एक्ट्रेस ने लिखा, ‘हाहाहा, ये वही दादी है, जिसे टाइम मैग्जीन में भारत की पावरफुल महिला होने पर फीचर किया गया था। वो 100 रुपए में उपलब्ध है। पाकिस्तानी जर्नलिस्ट ने भारत के लिए इंटरनेशनल पीआर को हाईजैक कर लिया है, जो शर्मिंदगी भरा रास्ता है। हमें इंटरनेशनली बोलने के लिए अपने लोगों की जरुरत है।’ आंदोलनकारियों की तुलना ‘खालिस्तानी’ आतंकियों से की
कंगना ने किसान आंदोलन के दौरान कई बयान दिए थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर आंदोलनकारियों की तुलना खालिस्तानी आतंकियों से की थी। उन्होंने लिखा था- ‘खालिस्तानी आतंकवादी आज सरकार पर दबाव बना रहे हैं, लेकिन हमें एक महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को नहीं भूलना चाहिए। इंदिरा गांधी ने इन्हें अपनी जूती के नीचे कुचल दिया था। भले उन्होंने इस देश को कितनी भी पीड़ा दी हो, लेकिन उन्होंने अपनी जान की कीमत पर इन्हें मच्छरों की तरह कुचल दिया, लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए। उनकी मृत्यु के दशकों बाद भी आज भी उनके नाम से कांपते हैं, इनको वैसा ही गुरू चाहिए।’ CISF कॉन्स्टेबल ने थप्पड़ मारा
6 जून को कंगना रनोट को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर CISF की महिला कॉन्स्टेबल ने थप्पड़ मारा था। इसका एक वीडियो भी सामने आया था। इसमें महिला कॉन्स्टेबल कह रही थी कंगना ने कहा था कि 100-100 रुपए की खातिर लोग किसान आंदोलन में बैठ रहे हैं। जब उसने यह बयान दिया तो मेरी मां भी वहां बैठी थी। इसके बाद महिला कॉन्स्टेबल सस्पेंड कर दिया गया था।