अम्बाला | हीलिंग टच में एडमिट चाची का पता लेने जा रहे व्यक्ति को सर्विस लेन पार करते समय बाइक सवार ने टक्कर मार दी। हादसे में व्यक्ति की टांग टूट गई। यमुनानगर के 52 वर्षीय वीरेंद्र शर्मा के बयान पर थाना बलदेव नगर में केस दर्ज किया गया है। वीरेंद्र शर्मा ने बयान में कहा कि चाची नरेश शर्मा काफी दिनों से बीमार चल रही थीं। जिनका इलाज अम्बाला-चंडीगढ़ रोड स्थित हीलिंग टच अस्पताल में चल रहा है। छोटा भाई शैलेंद्र चाची का पता लेने जगाधरी से अम्बाला आया था। उसे जानकारी मिली कि शैलेंद्र रविवार दोपहर करीब डेढ़ बजे अस्पताल के सामने सड़क पार करके चाय लेने गया था। जब मेरा भाई सर्विस रोड क्रॉस कर रहा था तो चंडीगढ़ की तरफ से तेज गति से एक बाइक सवार आया और उसके भाई को टक्कर मार दी। अम्बाला | हीलिंग टच में एडमिट चाची का पता लेने जा रहे व्यक्ति को सर्विस लेन पार करते समय बाइक सवार ने टक्कर मार दी। हादसे में व्यक्ति की टांग टूट गई। यमुनानगर के 52 वर्षीय वीरेंद्र शर्मा के बयान पर थाना बलदेव नगर में केस दर्ज किया गया है। वीरेंद्र शर्मा ने बयान में कहा कि चाची नरेश शर्मा काफी दिनों से बीमार चल रही थीं। जिनका इलाज अम्बाला-चंडीगढ़ रोड स्थित हीलिंग टच अस्पताल में चल रहा है। छोटा भाई शैलेंद्र चाची का पता लेने जगाधरी से अम्बाला आया था। उसे जानकारी मिली कि शैलेंद्र रविवार दोपहर करीब डेढ़ बजे अस्पताल के सामने सड़क पार करके चाय लेने गया था। जब मेरा भाई सर्विस रोड क्रॉस कर रहा था तो चंडीगढ़ की तरफ से तेज गति से एक बाइक सवार आया और उसके भाई को टक्कर मार दी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में कई कांग्रेस विधायकों का टिकट कट सकता है:बाबरिया बोले- कल आएगी पहली लिस्ट; उम्मीदवारों की 20 नामों वाली दूसरी सूची वायरल
हरियाणा में कई कांग्रेस विधायकों का टिकट कट सकता है:बाबरिया बोले- कल आएगी पहली लिस्ट; उम्मीदवारों की 20 नामों वाली दूसरी सूची वायरल हरियाणा में विधानसभा चुनावों के लिए आज कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक होगी। प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा कि कल उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी हो जाएगी। ज्यादातर विधायकों को टिकट दिया जा रहा है, कई विधायकों की टिकट कट सकती है। सभी सीटों के पैनल बना लिए गए हैं। सहमति नहीं बन पाने के कारण काफी सीटों पर सिंगल नाम पैनल हैं। काफी सीटों पर दो-दो के नाम के पैनल है। कई सीटों पर कई नाम हैं। वहीं कांग्रेस उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट वायरल हो गई है। इस लिस्ट में 20 उम्मीदवारों के नाम हैं। जिनमें पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा का नाम भी शामिल है। इसके अलावा 11 मौजूदा विधायक शामिल हैं। इस लिस्ट को पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल के हवाले से जारी होने का दावा करते हुए मुहर-साइन भी हुए हैं। इससे पहले भी कांग्रेस की 16 उम्मीदवारों की लिस्ट वायरल हुई थी। जिसमें रणदीप सुरजेवाला का भी नाम था। इस बारे में पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सोशल मीडिया पर जो लिस्ट वायरल हुई, वह फेक है। अभी लिस्ट जारी होने में 2 से 3 दिन का समय और लगेगा। हाईकमान के द्वारा ही लिस्ट जारी की जाएगी। कांग्रेस उम्मीदवारों को लेकर विवाद, कमेटी की मीटिंग 2 दिन बढ़ी
हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के उम्मीदवारों को लेकर विवाद हो गया है। इस वजह से कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी उम्मीदवारों के नाम तय नहीं कर पाई है। यह मीटिंग 4 दिन से दिल्ली में चल रही है। अब इसकी बैठक दो दिन और बढ़ा दी गई है। इसमें सिंगल नाम वाले उम्मीदवारों का पैनल तैयार कर पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति को भेजा जाएगा। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक टिकट बंटवारे में पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा का गुट भारी पड़ रहा है। लोकसभा चुनाव की तरह यहां भी हुड्डा की पसंद से टिकट बांटे जा सकते हैं। इसे देखते हुए कांग्रेस में उनकी विरोधी सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने भी अपनी 90 सीटों की लिस्ट हाईकमान को थमा दी है। टिकट बंटवारे पर फाइनल मुहर केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग में लगेगी। बता दें कि कांग्रेस ने जुलाई में विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं से टिकट के लिए आवेदन मांगे थे। महीने भर चली प्रक्रिया में पार्टी को 90 सीटों के लिए 2556 आवेदन मिले। कई सीटों पर 40 से ज्यादा दावेदारों ने टिकट के लिए आवेदन किया है। ये 14 नाम लगभग फाइनल
कांग्रेस के फाइनल हुए नामों में सबसे पहला नाम पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा का है। जो गढ़ी सांपला किलोई से चुनाव लड़ेंगे। इस सीट से किसी और ने आवेदन नहीं किया है। रोहतक से बीबी बत्रा, झज्जर से गीता भुक्कल, बेरी से रघुबीर कादियान, रेवाड़ी से चिरंजीव राव, नूंह से आफताब अहमद, पुन्हाना से मोहम्मद इलियास, महेंद्रगढ़ से राव दान सिंह और बरौदा से इंदुराज भालू के नाम सिंगल पैनल है। पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री चंद्रमोहन बिश्नोई का पंचकूला से टिकट भी लगभग फाइनल है। सैलजा ने उम्मीदवारों की सूची हाईकमान को सौंपी
कांग्रेस महासचिव व सांसद कुमारी सैलजा ने सभी 90 सीटों के लिए अपनी पसंद के प्रत्याशियों का पैनल पार्टी को भेज दिया है। इसमें कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला और कांग्रेस ओबीसी विभाग के चेयरमैन व पूर्व मंत्री कैप्टन अजय यादव की पसंद के प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं। करीब 10 साल तक भाजपा से राजनीति करने के बाद कांग्रेस में वापस लौटे पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने इसमें अपनी पसंद के प्रत्याशियों के नाम शामिल नहीं किए हैं। वह कांग्रेस के दिग्गजों की एकजुटता के पक्षधर हैं। सूत्रों के अनुसार रणदीप व कैप्टन की सहमति के बाद कुमारी सैलजा ने सूची कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन व पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल को भेज दी है। कांग्रेस के पक्ष में माहौल
कांग्रेस की सीईसी की कल होने वाली बैठक के बारे में पार्टी सांसद मणिकम टैगोर ने कहा, “हरियाणा में कांग्रेस के लिए बहुत सकारात्मक माहौल है। हम सभी को इस बार 70 से ज़्यादा सीटों की उम्मीद है। हम जानते हैं कि कांग्रेस के पक्ष में माहौल है। इसलिए, हम उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया के साथ-साथ अन्य चीज़ों का सही तरीके से संयोजन चाहते हैं। हम इस पर काम कर रहे हैं। वरिष्ठ नेता, सभी इसी प्रक्रिया के बारे में बैठकें कर रहे हैं। 2500 से ज़्यादा उम्मीदवारों ने आवेदन किया है। इसलिए, कांग्रेस सीईसी जीतने वाले उम्मीदवारों के बारे में फ़ैसला करेगी।” टिकट उन्हीं को दी जाए, जो जीत रहे
कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा, “हम तैयार हैं। हम पहले भी तैयार थे। अगर चुनाव कल भी होते हैं तो हम तैयार हैं। भाजपा सत्ता विरोधी लहर के कारण किसी न किसी तरह चुनाव टालना चाहती है। हम तैयार हैं। हम आराम से जीतेंगे। चुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवारों के बारे में उन्होंने कहा, “जीतने की क्षमता ही मापदंड है। टिकट उन्हीं को दिया जा रहा है जो जीत रहे हैं…” कांग्रेस के टिकट बंटवारे के 5 फॉर्मूले… 1. सांसदों को टिकट नहीं
कांग्रेस के प्रदेश इंचार्ज दीपक बाबरिया ने कहा कि इस चुनाव में सांसदों को टिकट नहीं दी जाएगी। इसकी वजह से CM कुर्सी पर दावा ठोक रही सिरसा सांसद कुमारी सैलजा और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला को झटका लगा। बाबरिया ने ये भी कहा कि ये स्क्रीनिंग कमेटी की सिफारिश है। अंतिम फैसला हाईकमान करेगा। 2. चुनाव हारे, दागी नेताओं को टिकट नहीं
चुनाव हारे नेताओं को टिकट नहीं दी जाएगी। इसमें वे नेता शामिल हैं, जो 2 या उससे ज्यादा बार से चुनाव हार चुके हैं। उनकी दावेदारी को स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग में खारिज किया जाएगा। इसके अलावा जो चेहरे दागी हैं, जिन पर गंभीर मुकदमें दर्ज हैं या कोई गंभीर आरोप लगे हैं, उन्हें भी टिकट नहीं दी जाएगी। वहीं जमानत जब्त कराने वाले नेताओं पर भी कांग्रेस दांव नहीं लगाएगी। 3. पार्टी छोड़कर फिर शामिल हुए नाम खारिज होंगे
जो लोग पहले कांग्रेस छोड़कर चले गए और अब चुनाव से पहले वापस लौट आए, उनकी दावेदारी पर विचार नहीं होगा। कांग्रेस में कई नेता ऐसे भी हैं जो 10 से लेकर 30 साल तक पार्टी में रहे लेकिन बीच में छोड़कर चले गए और एक साल के भीतर लौटे हैं, उनकी दावेदारी को झटका लग सकता है। इससे कांग्रेस में एक साल के भीतर आए करीब 20 से ज्यादा पूर्व विधायकों को झटका लग सकता है। 4. बिना चुनाव लड़े भी CM फेस हो सकता है
इंचार्ज दीपक बाबरिया ने सबको चौंकाते हुए एक और बयान दिया कि जरूरी नहीं कि कांग्रेस सरकार बनने की सूरत में चुनाव लड़ने वाला ही सीएम फेस हो। वह नेता भी सीएम चेहरा हो सकता है, जिसने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा। हालांकि इस बयान को कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला की नाराजगी को शांत करने से जोड़कर देखा जा रहा है। 5. विधायकों के टिकट कटने जरूरी नहीं
स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक के बाद पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया कह चुके हैं कि यह जरूरी नहीं है कि मौजूदा विधायकों के टिकट काटे ही जाएंगे। उन्होंने कहा कि यदि किसी के विरुद्ध ग्राउंड पर एंटी इनकम्बेंसी है और आपराधिक रिकॉर्ड बना है तो उसे टिकटों में नजरअंदाज किया जाएगा अन्यथा पार्टी की कोशिश रहेगी कि हर जीतने वाले विधायक को पार्टी विधानसभा के चुनावी रण में उतारे।
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रोहतक में ट्रैक्टर-ट्राले की टक्कर में युवक की मौत:फास्टनर कंपनी में करता था नौकरी, ड्यूटी खत्म कर लौट रहा था घर
रोहतक में ट्रैक्टर-ट्राले की टक्कर में युवक की मौत:फास्टनर कंपनी में करता था नौकरी, ड्यूटी खत्म कर लौट रहा था घर हरियाणा में रोहतक जिले में लाहली गांव के पास देर रात को ट्रैक्टर और ट्राले की टक्कर हो गई। इस हादसे में ट्रैक्टर ड्राइवर की मौत हो गई। वहीं ट्राला ड्राईवर मौके से फरार हो गया। सूचना पाकर कलानौर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। मृतक की पहचान गद्दी खेड़ी निवासी सुरेश के रूप में हुई। मृतक अंकित फास्टनर कंपनी बनियानी में ट्रैक्टर ड्राइवर की नौकरी करता था। मृतक सुरेश नौकरी से वापस घर लौट रहा था और रास्ते में हादसे का शिकार हो गया। मृतक के भाई की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। तेज रफ्तार में चल रहा था ट्राला
मृतक के भाई रविंद्र ने बताया कि गांव लाहली के पास जब उसका भाई सुरेश ट्रैक्टर लेकर पहुंचा तो पीछे से तेज रफ्तार में आ रहे ट्राले ने ट्रैक्टर को टक्कर मार दी। ट्राले की टक्कर के कारण सुरेश सड़क पर गिरा, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी
जांच अधिकारी एसआई राकेश कुमार ने बताया कि उन्हें हादसे की सूचना मिली थी, जिसके बाद मौके पर टीम पहुंची। टीम के पहुंचने से पहले की युवक को पीजीआईएमएस ले जाया जा चुका था, जहां युवक सुरेश को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मृतक के भाई की शिकायत पर ट्राला ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है।
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हरियाणा के युवक को डोंकरों ने मारी दी थी गोली:परिवार ने डंकी रूट पर पड़ी लाश का VIDEO दिखाया, अमेरिकी बॉर्डर के पास ग्वाटेमाला पहुंच चुका था
हरियाणा के युवक को डोंकरों ने मारी दी थी गोली:परिवार ने डंकी रूट पर पड़ी लाश का VIDEO दिखाया, अमेरिकी बॉर्डर के पास ग्वाटेमाला पहुंच चुका था अमेरिकन ड्रीम पूरा करने के लिए डंकी रूट से जाने के चक्कर में हरियाणा के कैथल के रहने वाले एक युवक ने जान गंवा दी थी। जब वह अमेरिकी बॉर्डर के करीब ग्वाटेमाला तक पहुंच गया तो डोंकरों ने उसे गोली मार दी। डोंकर उससे और रुपयों की डिमांड कर रहे थे। अमेरिका से जबरन वापस भेजे गए 104 भारतीयों के बाद परिवार ने बेटे की डंकी रूट पर पड़ी लाश की VIDEO दिखाई। पिता और भाई ने कहा कि सोशल मीडिया से उन्हें पता चला कि उसकी हत्या कर दी गई। उसमें देखकर ही हमने उसकी पहचान की थी। उन्होंने डंकी रूट से अमेरिका गए युवकों से बात की तो पता चला कि रुपए न मिलने पर डोंकर ऐसे ही गोली मार देते हैं। पनामा के जंगल में पुलिस भी नहीं आती। ऐसे लोगों की लाश भी वहीं पड़ी-पड़ी कंकाल हो जाती है। एजेंट ने 40 लाख लिए, फिर डंकी रूट से भेज दिया
दरअसल, मलकीत कैथल के गांव मटौर का रहने वाला था। मलकीत के पिता सतपाल बताते हैं कि वह किसान हैं। बेटे ने पॉलिटेक्निक पास की। वह अमेरिका जाकर नौकरी करना चाहता था। उसने एक एजेंट से मुलाकात की। एजेंट ने उसे कहा कि 40 लाख रुपए लगेंगे। वह उसे अमेरिका पहुंचा देगा। एजेंट ने 25 लाख एडवांस ले लिए। इसके बाद वैध तरीके के बजाय डंकी रूट से मलकीत को अमेरिका भेज दिया। भाई बोला– 15 दिन बाद ही संपर्क टूट गया
मलकीत के भाई ने बताया कि 17 फरवरी 2023 को वह घर से निकला। शुरुआत में तो कुछ दिन उससे बातचीत होती रही। उसने बताया कि एजेंट ने उसे डंकी रूट से भेज दिया। मगर, 7 मार्च 2023 के बाद कोई संपर्क नहीं हुआ। हम बहुत कोशिश करते रहे लेकिन उससे बात ही नहीं हो सकी। सोशल मीडिया पर लाश दिखी तो पहचाना
इसके बाद सोशल मीडिया पर वीडियो सामने आया। जिसमें एक युवक की लाश पड़ी हुई थी। यह लाश पनामा के जंगल (डेरियन गैप) वाले उसी डंकी रूट पर पड़ी थी, जिस पर मलकीत गया था। हमने वीडियो देखा तो उसमें जो लाश पड़ी थी, वह मलकीत की ही थी। एजेंट ने हमसे कुल 40 लाख ले लिए और बदले में हमें बेटे की लाश मिली। पिता सतपाल ने कहा कि जब एजेंट से बात की तो उसने चुप्पी ही साध ली। डंकी रूट की पूरी कहानी। आखिर इतनी मुसीबतें सहकर अमेरिका क्यों जाते हैं भारतीय… ‘डंकी रूट’ शब्द पंजाबी शब्द ‘डंकी’ यानी DUNKI से निकला है, जिसका मतलब है- एक जगह से दूसरी जगह जाना। भारत से अमेरिका की दूरी करीब 13,500 किलोमीटर है। हवाई रास्ते से अमेरिका जाने में 17 से 20 घंटे लगते हैं। हालांकि ‘डंकी रूट’ से यही दूरी 15,000 किलोमीटर तक हो जाती है और इस सफर में महीनों लग जाते हैं। ये सफर करने वालों को आम तौर पर ‘डंकी’ कह दिया जाता है। डंकी रूट से अमेरिका जाने के 2 रास्ते हैं… पहला रास्ता: -40 डिग्री की जानलेवा सर्दी में कनाडा से अमेरिका पहुंचना
सबसे पहले डंकी को कनाडा के लिए टूरिस्ट वीजा अप्लाय करना होता है, जिससे भारत से कनाडा तक आसानी से पहुंचा जा सके। कनाडा के टोरंटो पहुंचने पर डंकी को एजेंट के कॉल के इंतजार में कई दिनों तक होटल में रुकना पड़ता है। एजेंट डंकी को टोरंटो से 2,100 किलोमीटर दूर मनितोबा प्रॉविंस तक लेकर जाता है। मनितोबा में सर्दी इतनी ज्यादा होती है कि आंखों से निकले आंसू पलकों पर ही जम जाते हैं। डंकी को मनितोबा से 1,834 किमी दूर एमरसन गांव पहुंचाया जाता है। यह गांव कनाडा और अमेरिका बॉर्डर पर है। यहां से डंकी -40 डिग्री की जानलेवा सर्दी में पैदल चलकर अमेरिका पहुंचते हैं। इस रास्ते में घुटनों तक बर्फ जमी होती है और दूर-दूर तक कोई इंसान नजर नहीं आता। डंकी 49वें पैरलल बॉर्डर पर पहुंचते हैं। दूसरा रास्ता: घने जंगलों और रेगिस्तान पार कर अमेरिका पहुंचना भारत में डंकी रूट का सबसे आम रास्ता रास्ता साउथ अमेरिका होते हुए अमेरिका पहुंचाता है, लेकिन इस रास्ते में घने जंगल, पहाड़, नदियां और रेगिस्तान पार करना होता है। इसके तीन पड़ाव हैं… 5 फरवरी 2025 को भारत वापस आए अवैध अप्रवासी हरजिंदर सिंह ने बताया कि 2020 में उनके ग्रुप ने 10 दिनों में पनामा के जंगल को पार किया था। 5 दिनों तक उन्हें खाने-पीने के लिए कुछ भी नहीं मिला। इस दौरान उन्हें रास्ते में करीब 40 शव मिले, जिनमें ज्यादातर कंकाल बन चुके थे। पनामा से नहीं जाने पर कोलंबिया नदी पार करते हैं डंकी
अगर कोई डंकी पनामा जंगल से नहीं जाना चाहता तो उसे कोलंबिया से 150 किलोमीटर लंबी नदी पार करनी होती है। यहां से डंकी सेंट्रल अमेरिका के देश निकारागुआ के लिए नाव लेते हैं। नाव से सफर करने के बाद दूसरी नाव में ट्रांसफर होते हैं, जो मेक्सिको के लिए जाती है। इस नदी में बॉर्डर पुलिस पैट्रोलिंग तो करती ही है, नदी में खतरनाक जानवर भी जान लेने के लिए तैयार रहते हैं। इसके बाद डंकी ग्वाटेमाला पहुंचता है। ह्यूमन ट्रैफिकिंग यानी मानव तस्करी के लिए ग्वाटेमाला एक बड़ा कोऑर्डिनेशन सेंटर है। अमेरिकी बॉर्डर की ओर बढ़ते हुए यहां डंकी को दूसरे एजेंट को हैंडओवर किया जाता है। 2023 की बात है। पंजाब के गुरदासपुर का एक युवक गुरपाल सिंह (26) डंकी रूट से मेक्सिको तक पहुंच गया था, लेकिन उसे मेक्सिको में पुलिस ने देख लिया और रुकने के लिए कहा। जल्दबाजी में उसने एक बस पकड़ी और इस दौरान अपनी बहन को पंजाब फोन किया कि पुलिस ने उसे देख लिया है। इसी दौरान उस बस का एक्सीडेंट हो गया। स्पॉट पर ही उसकी मौत हो गई, लेकिन ये खबर मिलने में परिवार वालों को एक हफ्ता लग गया। उसकी लाश को गुरदासपुर के सांसद सनी देओल की मदद से भारत लाया गया। आखिर इतनी मुसीबतें सहकर अमेरिका क्यों जाते हैं भारतीय? भारतीय लोग बेहतर अवसर के लिए भारत से बाहर जाने का इरादा करते हैं, लेकिन कई लोग एजुकेशन की कमी या किसी अन्य वजह से लीगल तरीके से नहीं जा पाते। विदेश मामलों के जानकार और JNU के प्रोफेसर राजन कुमार बताते हैं कि भारतीय लोगों को अमीर बनने का झूठा सपना दिखाया जाता है कि अमेरिका जाकर वह कामयाब हो जाएंगे… प्रो. राजन कुमार के मुताबिक, भारतीय लोग डंकी रूट से जान जोखिम में डालकर अमेरिका पहुंच तो जाते हैं, लेकिन सालों तक डिटेंशन सेंटर में इंतजार के बाद कोर्ट में सुनवाई होती है। केस जीत भी गए तो 105 दिनों के लिए बर्तन धोने और झाड़ू लगाने जैसे काम करने होते हैं, ताकि वह गुजारा कर सकें। अमेरिका जाकर अमीर हो जाना इतना आसान नहीं है। 8-10 साल बाद भी ग्रीन कार्ड मिलने के चांस ज्यादा नहीं होते। ऐसे में डंकियों को वापस भारत भेज दिया जाता है या फिर सारी जिंदगी जेल में गुजारनी पड़ती है। फॉरेन एक्सपर्ट ए.के. पाशा के मुताबिक, कई लोग भारत में नौकरी नहीं मिलने की वजह से अमेरिका जाते हैं। कुछ मामलों में डंकियों को जॉब मिलती है, लेकिन यह आंकड़े बहुत कम हैं। भारत से अमेरिका जाने वाले ज्यादातर डंकी गुजरात और पंजाब से होते थे। अब हरियाणा भी इस लिस्ट में शामिल हो गया है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की सितंबर 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर 37.3% हरियाणा में है। यह देश की औसत बेरोजगारी दर से 4 गुना ज्यादा है। हरियाणा के ढाठरथ, मोरखी और कालवा जैसे गांव डंकी हब बन चुके हैं। खेत, घर और सोना बेचकर लोग रोजगार के लिए अमेरिका जाने का इंतजाम कर रहे हैं। सामाजिक बहिष्कार से बचने की कोशिश
अमेरिकी बॉर्डर पर पकड़े जाने के दौरान सबसे ज्यादा लोग यह वजह बताते हैं। इनमें 4 तरह की सामाजिक प्रताड़ना शामिल है… 10 अक्टूबर 2022 की BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जालंधर के जसप्रीत सिंह को गे होने की वजह से घर से निकाल दिया गया। उन पर कई बार जानलेवा हमले हुए। इससे तंग आकर वे डंकी रूट के जरिए अमेरिका चले गए। यहां उन्हें रहने की अनुमति मिल गई। ————————— अमेरिका के अवैध प्रवासियों से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ें अमेरिका जाने के डंकी रूट के VIDEO:कीचड़ से सने पैर, बारिश के बीच टेंट; डिपोर्ट किए हरियाणा के युवक ने बनाए थे अमेरिका की ओर से डिपोर्ट किए गए 104 भारतीयों में हरियाणा के करनाल का आकाश भी शामिल है। आकाश जिस डंकी रूट से अमेरिका पहुंचा, उसके 4 वीडियो सामने आए हैं। आकाश ने पनामा के जंगलों से गुजरते हुए यह वीडियो बनाकर परिवार को भेजे थे। पूरी खबर पढ़ें… भारतीयों के हाथ-पैर चेन से बांधकर प्लेन में चढ़ाया, VIDEO: वॉशरूम में निगरानी, खाने के लिए भी हाथ नहीं खोले; 40 घंटे इसी हाल में रहे अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 104 भारतीयों को लेकर US मिलिट्री का C-17 प्लेन 5 फरवरी को पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा। इन लोगों के पैर में चेन बांधी गई थी, जबकि हाथ भी बेड़ियों में जकड़े हुए थे। पूरी खबर पढ़ें…