मेरठ में जल निगम के जूनियर इंजीनियर (JE) की बेटी का अपहरण करने वाले 3 बदमाशों को पुलिस ने एनकाउंटर के बाद पकड़ा। 2 के पैर में गोली मारी। जेई के पुराने ड्राइवर, दोस्त ने साजिश रची थी। पुलिस ने घटना के 6 घंटे बाद ही मामले का खुलासा किया है। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया- घरवालों के मोबाइल कॉल डिटेल, आसपास के CCTV खंगालने और पूछताछ में बार-बार जेई के पुराने ड्राइवर आकाश पर शक गया। पुलिस आकाश को ट्रेस कर रही थी। सोमवार शाम आकाश के नौचंदी ग्राउंड के पास होने की सूचना मिली। पुलिस वहां पहुंची तो तीनों आरोपी भागने लगे। पुलिस ने वार्निंग दी, नहीं रुके तो फायर किया। गोली आकाश और राजू के पैर में लगी। दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तीसरा साथी अजय भी मौके से अरेस्ट किया गया है। इनके पास से अपहरण वाली कार और 2 तमंचे मिले हैं। पूछताछ में इन लोगों ने जेई की बेटी के किडनैप की पूरी कहानी बताई। अब पढ़िए पुलिस का खुलासा… पहले एक नजर में घटना… घटना नौचंदी थाना क्षेत्र के शास्त्री नगर की है। महबूब जल निगम में JE हैं। उनकी बेटी का नाम मायशा है। JE की बेटी का सोमवार को दिनदहाड़े अपहरण हो गया। किडनैपर कार से आए। 7 साल की बच्ची को उसके घर के बाहर से कार में बैठा लिया। बच्ची स्कूल से लौट रही थी। पूरी घटना CCTV में कैद हो गई, जिसमें एक युवक जींस और शर्ट पहने दिखा। वह कार का गेट खोलता है, फिर बच्ची से बैग लेता है और उसे बैठाकर ले जाता है। वारदात के बाद पिता को फिरौती की कॉल आई। कॉलर ने कहा- पैसे का बंदोबस्त कर लो, जल्दी जगह बताता हूं। फिर, किडनैपिंग करने वालों की कॉल नहीं आई। 2 घंटे के अंदर बेटी खुद ही घर आ गई। अब पढ़िए पुलिस का खुलासा… पुराने ड्राइवर ने बदला लेने को रची साजिश
सूचना पर थाना पुलिस, एसपी सिटी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने बच्ची की तलाश के लिए इलाके की नाकाबंदी कर दी। तभी 2 घंटे बाद किडनैपर खुद घर के पास बच्ची को सकुशल छोड़कर भाग गए। सर्विलांस, एसओजी, पुलिस और क्राइम टीमें आरोपियों की तलाश में लगी थी। पूरे इलाके की नाकाबंदी कर चैकिंग की जा रही थी। पकड़े गए तीनों बदमाशों ने पुलिस के सामने अपना जुर्म कुबूला। आकाश ने बताया- वो पहले जेई महबूब का ड्राइवर था। लेकिन उस पर 50 हजार रुपए चोरी का इल्जाम लगाया। इसके बाद जेई ने उसे नौकरी से निकाल दिया। वहीं दूसरा आरोपी राजू जल निगम में नौकरी करता है। राजू के साथ जेई महबूब का दफ्तर में कुछ विवाद हुआ था। तब राजू और आकाश ने मिलकर जेई से अपना बदला लेना चाहा। आकाश ड्राइवर था उसे जेई के घर, परिवार की सारी जानकारी थी। इन्होंने मिलकर जेई की बेटी को किडनैप कर पैसा मांगने का प्लान बनाया। इसमें आकाश ने अपने दोस्त अजय को शामिल किया। 6 दिन पहले बनाया था प्लान
छह दिन पहले इन तीनों ने किडनैपिंग का प्लान बनाया। एक दिन पहले ये गाड़ी किराए पर ली थी जिसमें बच्ची को लेकर गए। सोमवार को तीनों लोग डेढ़ बजे ही महबूब के घर बाहर जाकर खड़े हो गए। जब बच्ची आई तो अजय मुंह पर मास्क पहनकर बच्ची को लेने उतरा। उसने बच्ची को कार में बैठाया। कार आकाश चला रहा था। राजू इन लोगों को महबूब की मुखबिरी करके सारी जानकारी दे रहा था। ये लोग बच्ची को अगवाकर हापुड़ रोड की तरफ ले गए। जब इन्हें पुलिस चैकिंग का पता चला तो घबराकर दो घंटे में बच्ची को घर के बाहर छोड़कर भाग गए। अब JE पिता की जुबानी बेटी के अपहरण की 2 घंटे की दहशत की कहानी… बच्ची के पिता महबूब जल निगम में जेई हैं। सोमवार को वो साइट विजिट पर थे। महबूब ने बताया- मैं जानी ब्लॉक के नेक गांव और रोहटा के कैथवाड़ी गांव में विजिट करके लौटा। इसके बाद भोला के झाल के पास एक होटल में खाना खाने बैठा। हमने दाल, रोटी ऑर्डर कर दी थी। जैसे ही खाने की प्लेट आई, तभी मेरे पास अंजान नंबर से कॉल आया। 2.16 का वक्त था। नंबर ट्रूकॉलर पर कोई बंटी नाम से शो कर रहा था। इस नंबर पर मेरी पहले कभी बात नहीं हुई थी। अंजान कॉलर ने कहा- महबूब बोल रहे हो, तुम्हारी बेटी को किडनैप करके ले जा रहे हैं, पैसे सही टाइम पर पहुंचा देना। हम खाना छोड़कर घर की तरफ भागे, आधे रास्ते तक हम कंकरखेड़ा की साइड पहुंचे तभी दोबारा उसी नंबर से कॉल आया। कॉलर ने कहा- तुमसे बात नहीं करेंगे, तुम्हारे ड्राइवर से बात करेंगे, पैसे लेकर ड्राइवर को भेजना, फिर एक घंटे बाद कॉल करुंगा। फिर वहीं से मैंने अपने एक्सईएन अकांशु को फोन किया। उन्हें सारी घटना बताई, मेरी बच्ची के साथ ये हुआ है। तब एक्सईएन ने डीएम दीपक मीणा को कॉल किया। डीएम सर ने एसएसपी को कॉल किया। मेरे घर पर तब तक एसपी सिटी और सारी पुलिस आ चुकी थी। 2 घंटे तक बेटी को घुमाते रहे
उसने बेटी को 2 घंटे तक यहीं शास्त्रीनगर में घुमाया। बेटी ने बताया कि वो कार में थोड़ा चिल्लाई थी, लेकिन कार के शीशे काले थे इसलिए आवाज बाहर नहीं आई, बच्ची ने बताया कि इसके बाद वो कार में ही सो गई, 3 बजे जब उसकी आंख खुली तो उसने देखा वो लोग कार में लेकर उसे घूम रहे थे। रेस्टोरेंट में रुककर मिल्कशेक पिया
पिता से बच्ची ने बताया कि उन लोगों ने रेस्टोरेंट के बाहर कार रोकी। वहां एक आदमी उतरा और मिल्कशेक खरीदकर पिया। इसके अलावा मेरे घर के पास फैसल मस्जिद के पास भी कार रोकी थी। उसने मुझे 3 बार कॉल किया, बच्ची उन किडनैपर्स को पहचान नहीं पा रही है। हमारी किसी से कोई रंजिश नहीं है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। वो किडनैपर्स खुद ही बेटी को मेरे घर के पास फैसल मस्जिद के करीब छोड़कर चले गए। वहां से बच्ची खुद घर आ गई, क्योंकि वो ये रास्ता जानती है। इससे ज्यादा बेटी कुछ नहीं बता रही। करीब 3.45 बजे मेरी बच्ची घर आ गई। बच्ची बिल्कुल ठीक और नॉर्मल थी। बच्ची सेंट थॉमस स्कूल में सेकेंड क्लास में पढ़ती है। वो सुबह 6.20 पर ऑटो से स्कूल जाती है और 1.20 पर छुट्टी होती है तो 1.50 तक घर आ जाती है। कल बच्ची आने में 15 मिनट लेट हुई, शुरू से यही ऑटोवाला बेटी को लेकर जाता है। बच्ची बोली- उन्होंने चाकू दिखाकर डराया
सात साल की मासूम माहदा ने पुलिस को बताया कि उन किडनैपर्स ने कार में उसे चाकू दिखाया। डराया। कहा- तुम्हारे पापा से पैसे लेंगे चिल्लाओ मत, चिल्लाओगी तो मारेंगे। ये भी पढ़ें: 4 करोड़ की पड़ी IIT-BHU गैंगरेप के आरोपियों की जमानत:घर-प्लाट के कागज लगे, रिश्तेदारों ने मुंह मोड़ा; जेल से बाहर आने में 60 दिन लगे IIT-BHU गैंगरेप कांड के आरोपी कुणाल पांडे और आनंद अभिषेक चौहान जेल से बाहर आ गए। लेकिन, उनको बाहर लाने में परिवार वालों ने अपनी सारी जमा पूंजी लगा दी। कोर्ट ने भले ही 1-1 लाख रुपए के जमानतदार मांगे। लेकिन, अभिषेक और कुणाल के मां-पिता और रिश्तेदारों ने करीब 4 करोड़ की प्रॉपर्टी के कागज जमा किए। इसको कोर्ट के सामने लाने में परिवार वालों को 60 दिन लगे…(पढ़ें पूरी खबर) मेरठ में जल निगम के जूनियर इंजीनियर (JE) की बेटी का अपहरण करने वाले 3 बदमाशों को पुलिस ने एनकाउंटर के बाद पकड़ा। 2 के पैर में गोली मारी। जेई के पुराने ड्राइवर, दोस्त ने साजिश रची थी। पुलिस ने घटना के 6 घंटे बाद ही मामले का खुलासा किया है। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया- घरवालों के मोबाइल कॉल डिटेल, आसपास के CCTV खंगालने और पूछताछ में बार-बार जेई के पुराने ड्राइवर आकाश पर शक गया। पुलिस आकाश को ट्रेस कर रही थी। सोमवार शाम आकाश के नौचंदी ग्राउंड के पास होने की सूचना मिली। पुलिस वहां पहुंची तो तीनों आरोपी भागने लगे। पुलिस ने वार्निंग दी, नहीं रुके तो फायर किया। गोली आकाश और राजू के पैर में लगी। दोनों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तीसरा साथी अजय भी मौके से अरेस्ट किया गया है। इनके पास से अपहरण वाली कार और 2 तमंचे मिले हैं। पूछताछ में इन लोगों ने जेई की बेटी के किडनैप की पूरी कहानी बताई। अब पढ़िए पुलिस का खुलासा… पहले एक नजर में घटना… घटना नौचंदी थाना क्षेत्र के शास्त्री नगर की है। महबूब जल निगम में JE हैं। उनकी बेटी का नाम मायशा है। JE की बेटी का सोमवार को दिनदहाड़े अपहरण हो गया। किडनैपर कार से आए। 7 साल की बच्ची को उसके घर के बाहर से कार में बैठा लिया। बच्ची स्कूल से लौट रही थी। पूरी घटना CCTV में कैद हो गई, जिसमें एक युवक जींस और शर्ट पहने दिखा। वह कार का गेट खोलता है, फिर बच्ची से बैग लेता है और उसे बैठाकर ले जाता है। वारदात के बाद पिता को फिरौती की कॉल आई। कॉलर ने कहा- पैसे का बंदोबस्त कर लो, जल्दी जगह बताता हूं। फिर, किडनैपिंग करने वालों की कॉल नहीं आई। 2 घंटे के अंदर बेटी खुद ही घर आ गई। अब पढ़िए पुलिस का खुलासा… पुराने ड्राइवर ने बदला लेने को रची साजिश
सूचना पर थाना पुलिस, एसपी सिटी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने बच्ची की तलाश के लिए इलाके की नाकाबंदी कर दी। तभी 2 घंटे बाद किडनैपर खुद घर के पास बच्ची को सकुशल छोड़कर भाग गए। सर्विलांस, एसओजी, पुलिस और क्राइम टीमें आरोपियों की तलाश में लगी थी। पूरे इलाके की नाकाबंदी कर चैकिंग की जा रही थी। पकड़े गए तीनों बदमाशों ने पुलिस के सामने अपना जुर्म कुबूला। आकाश ने बताया- वो पहले जेई महबूब का ड्राइवर था। लेकिन उस पर 50 हजार रुपए चोरी का इल्जाम लगाया। इसके बाद जेई ने उसे नौकरी से निकाल दिया। वहीं दूसरा आरोपी राजू जल निगम में नौकरी करता है। राजू के साथ जेई महबूब का दफ्तर में कुछ विवाद हुआ था। तब राजू और आकाश ने मिलकर जेई से अपना बदला लेना चाहा। आकाश ड्राइवर था उसे जेई के घर, परिवार की सारी जानकारी थी। इन्होंने मिलकर जेई की बेटी को किडनैप कर पैसा मांगने का प्लान बनाया। इसमें आकाश ने अपने दोस्त अजय को शामिल किया। 6 दिन पहले बनाया था प्लान
छह दिन पहले इन तीनों ने किडनैपिंग का प्लान बनाया। एक दिन पहले ये गाड़ी किराए पर ली थी जिसमें बच्ची को लेकर गए। सोमवार को तीनों लोग डेढ़ बजे ही महबूब के घर बाहर जाकर खड़े हो गए। जब बच्ची आई तो अजय मुंह पर मास्क पहनकर बच्ची को लेने उतरा। उसने बच्ची को कार में बैठाया। कार आकाश चला रहा था। राजू इन लोगों को महबूब की मुखबिरी करके सारी जानकारी दे रहा था। ये लोग बच्ची को अगवाकर हापुड़ रोड की तरफ ले गए। जब इन्हें पुलिस चैकिंग का पता चला तो घबराकर दो घंटे में बच्ची को घर के बाहर छोड़कर भाग गए। अब JE पिता की जुबानी बेटी के अपहरण की 2 घंटे की दहशत की कहानी… बच्ची के पिता महबूब जल निगम में जेई हैं। सोमवार को वो साइट विजिट पर थे। महबूब ने बताया- मैं जानी ब्लॉक के नेक गांव और रोहटा के कैथवाड़ी गांव में विजिट करके लौटा। इसके बाद भोला के झाल के पास एक होटल में खाना खाने बैठा। हमने दाल, रोटी ऑर्डर कर दी थी। जैसे ही खाने की प्लेट आई, तभी मेरे पास अंजान नंबर से कॉल आया। 2.16 का वक्त था। नंबर ट्रूकॉलर पर कोई बंटी नाम से शो कर रहा था। इस नंबर पर मेरी पहले कभी बात नहीं हुई थी। अंजान कॉलर ने कहा- महबूब बोल रहे हो, तुम्हारी बेटी को किडनैप करके ले जा रहे हैं, पैसे सही टाइम पर पहुंचा देना। हम खाना छोड़कर घर की तरफ भागे, आधे रास्ते तक हम कंकरखेड़ा की साइड पहुंचे तभी दोबारा उसी नंबर से कॉल आया। कॉलर ने कहा- तुमसे बात नहीं करेंगे, तुम्हारे ड्राइवर से बात करेंगे, पैसे लेकर ड्राइवर को भेजना, फिर एक घंटे बाद कॉल करुंगा। फिर वहीं से मैंने अपने एक्सईएन अकांशु को फोन किया। उन्हें सारी घटना बताई, मेरी बच्ची के साथ ये हुआ है। तब एक्सईएन ने डीएम दीपक मीणा को कॉल किया। डीएम सर ने एसएसपी को कॉल किया। मेरे घर पर तब तक एसपी सिटी और सारी पुलिस आ चुकी थी। 2 घंटे तक बेटी को घुमाते रहे
उसने बेटी को 2 घंटे तक यहीं शास्त्रीनगर में घुमाया। बेटी ने बताया कि वो कार में थोड़ा चिल्लाई थी, लेकिन कार के शीशे काले थे इसलिए आवाज बाहर नहीं आई, बच्ची ने बताया कि इसके बाद वो कार में ही सो गई, 3 बजे जब उसकी आंख खुली तो उसने देखा वो लोग कार में लेकर उसे घूम रहे थे। रेस्टोरेंट में रुककर मिल्कशेक पिया
पिता से बच्ची ने बताया कि उन लोगों ने रेस्टोरेंट के बाहर कार रोकी। वहां एक आदमी उतरा और मिल्कशेक खरीदकर पिया। इसके अलावा मेरे घर के पास फैसल मस्जिद के पास भी कार रोकी थी। उसने मुझे 3 बार कॉल किया, बच्ची उन किडनैपर्स को पहचान नहीं पा रही है। हमारी किसी से कोई रंजिश नहीं है, ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। वो किडनैपर्स खुद ही बेटी को मेरे घर के पास फैसल मस्जिद के करीब छोड़कर चले गए। वहां से बच्ची खुद घर आ गई, क्योंकि वो ये रास्ता जानती है। इससे ज्यादा बेटी कुछ नहीं बता रही। करीब 3.45 बजे मेरी बच्ची घर आ गई। बच्ची बिल्कुल ठीक और नॉर्मल थी। बच्ची सेंट थॉमस स्कूल में सेकेंड क्लास में पढ़ती है। वो सुबह 6.20 पर ऑटो से स्कूल जाती है और 1.20 पर छुट्टी होती है तो 1.50 तक घर आ जाती है। कल बच्ची आने में 15 मिनट लेट हुई, शुरू से यही ऑटोवाला बेटी को लेकर जाता है। बच्ची बोली- उन्होंने चाकू दिखाकर डराया
सात साल की मासूम माहदा ने पुलिस को बताया कि उन किडनैपर्स ने कार में उसे चाकू दिखाया। डराया। कहा- तुम्हारे पापा से पैसे लेंगे चिल्लाओ मत, चिल्लाओगी तो मारेंगे। ये भी पढ़ें: 4 करोड़ की पड़ी IIT-BHU गैंगरेप के आरोपियों की जमानत:घर-प्लाट के कागज लगे, रिश्तेदारों ने मुंह मोड़ा; जेल से बाहर आने में 60 दिन लगे IIT-BHU गैंगरेप कांड के आरोपी कुणाल पांडे और आनंद अभिषेक चौहान जेल से बाहर आ गए। लेकिन, उनको बाहर लाने में परिवार वालों ने अपनी सारी जमा पूंजी लगा दी। कोर्ट ने भले ही 1-1 लाख रुपए के जमानतदार मांगे। लेकिन, अभिषेक और कुणाल के मां-पिता और रिश्तेदारों ने करीब 4 करोड़ की प्रॉपर्टी के कागज जमा किए। इसको कोर्ट के सामने लाने में परिवार वालों को 60 दिन लगे…(पढ़ें पूरी खबर) उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर