पूर्व सांसद एवं कांग्रेस नेता बृजेंद्र सिंह ने भाजपा सरकार की नॉनस्टॉप हरियाणा योजना को जुमला बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर जुमले बाजी में चैंपियन है। उन्होंने कहा कि या तो भाजपा की किस्मत थी या पर्दे के पीछे कुछ और था, तभी उनकी सरकार बन पाई है। उनके अनुसार लोगों को सरकार से पहले भी ज्यादा अपेक्षाएं नहीं थीं और अब भी नहीं हैं। लोग भाजपा को सत्ता से बाहर करना चाहते थे। वोटों की गिनती कैंसिल पर उठाए सवाल निकाय चुनाव के संदर्भ में बृजेंद्र सिंह ने एक महत्वपूर्ण याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने कैंसिल वोटों की गिनती प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि लगभग 150 वोट सिर्फ इसलिए कैंसिल किए गए, क्योंकि लिफाफों की स्कैनिंग नहीं हो पा रही थी। अगर कैंसिल वोटों की संख्या जीत-हार के अंतर से ज्यादा हो, तो गिनती के बाद सीसीटीवी की निगरानी में रिटर्निंग अधिकारी को इन वोटों की दोबारा जांच करनी होती है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। विपक्षी नेता का चयन जरूरी विपक्ष के नेता के चयन पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह फैसला जल्द होना चाहिए था। आगामी बजट सत्र को देखते हुए विपक्षी नेता का चयन जरूरी है, ताकि विधानसभा सत्र में पार्टी अपनी बात रख सके। निकाय चुनाव की गिनती देरी से होने पर सवाल उठाते हुए पूर्व सांसद ने कहा कि 2 मार्च को चुनाव हुए, लेकिन उनकी गिनती 12 को होगी क्यों। वहीं पानीपत का चुनाव 9 तारीख को होना है। हर चुनाव के बाद कुछ न कुछ गड़बड़ ये उस चीज को पुख्ता करती है कि हर चुनाव के बाद कुछ न कुछ गड़बड़ करने का प्रयास रहता है। 10 दिनों तक निकाय के चुनाव की गिनती न हो। आम चुनाव में वोटों की गिनती शाम को ही हो जाती है या अगले दिन सुबह होनी चाहिए। पानीपत का चुनाव 2 तारीख को नहीं कर पाए, वो एक हफ्ता देरी से हुआ है, ये बात हजम होने वाली नहीं है। चुनाव की गिनती से पहले मुख्यमंत्री ने एक बयान दिया था कि 11 बजे तक इंतजार करना 11 बजे के बाद नतीजा दिखना शुरू हो जाएगा। हो सकता है, ऐसी कुछ तैयारी अब भी हो रही हो। पूर्व सांसद एवं कांग्रेस नेता बृजेंद्र सिंह ने भाजपा सरकार की नॉनस्टॉप हरियाणा योजना को जुमला बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर जुमले बाजी में चैंपियन है। उन्होंने कहा कि या तो भाजपा की किस्मत थी या पर्दे के पीछे कुछ और था, तभी उनकी सरकार बन पाई है। उनके अनुसार लोगों को सरकार से पहले भी ज्यादा अपेक्षाएं नहीं थीं और अब भी नहीं हैं। लोग भाजपा को सत्ता से बाहर करना चाहते थे। वोटों की गिनती कैंसिल पर उठाए सवाल निकाय चुनाव के संदर्भ में बृजेंद्र सिंह ने एक महत्वपूर्ण याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने कैंसिल वोटों की गिनती प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि लगभग 150 वोट सिर्फ इसलिए कैंसिल किए गए, क्योंकि लिफाफों की स्कैनिंग नहीं हो पा रही थी। अगर कैंसिल वोटों की संख्या जीत-हार के अंतर से ज्यादा हो, तो गिनती के बाद सीसीटीवी की निगरानी में रिटर्निंग अधिकारी को इन वोटों की दोबारा जांच करनी होती है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। विपक्षी नेता का चयन जरूरी विपक्ष के नेता के चयन पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह फैसला जल्द होना चाहिए था। आगामी बजट सत्र को देखते हुए विपक्षी नेता का चयन जरूरी है, ताकि विधानसभा सत्र में पार्टी अपनी बात रख सके। निकाय चुनाव की गिनती देरी से होने पर सवाल उठाते हुए पूर्व सांसद ने कहा कि 2 मार्च को चुनाव हुए, लेकिन उनकी गिनती 12 को होगी क्यों। वहीं पानीपत का चुनाव 9 तारीख को होना है। हर चुनाव के बाद कुछ न कुछ गड़बड़ ये उस चीज को पुख्ता करती है कि हर चुनाव के बाद कुछ न कुछ गड़बड़ करने का प्रयास रहता है। 10 दिनों तक निकाय के चुनाव की गिनती न हो। आम चुनाव में वोटों की गिनती शाम को ही हो जाती है या अगले दिन सुबह होनी चाहिए। पानीपत का चुनाव 2 तारीख को नहीं कर पाए, वो एक हफ्ता देरी से हुआ है, ये बात हजम होने वाली नहीं है। चुनाव की गिनती से पहले मुख्यमंत्री ने एक बयान दिया था कि 11 बजे तक इंतजार करना 11 बजे के बाद नतीजा दिखना शुरू हो जाएगा। हो सकता है, ऐसी कुछ तैयारी अब भी हो रही हो। हरियाणा | दैनिक भास्कर
