हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के चलेट में एक तेंदुआ सड़क से सटे रिहायशी एरिया में घुस आया। जिससे वहां लोग काफी देर तक सहमे रहे। यह तेंदुआ एक से डेढ़ साल की उम्र का बताया जा रहा है। वन विभाग की टीम ने तेंदुए को रेस्क्यू कर लिया। टीम ने उसका दौलतपुर चौक के वेटनरी अस्पताल प्राथमिक उपचार करवाया। इसके बाद वन विभाग ने तेंदुए को गोपालपुर चिड़ियाघर भेजा दिया है। रविवार सुबह चलेट के पास एक तेंदुआ को सुबह के समय वहां कुछ लोगों ने सड़क पर बैठे हुए देखा। हालांकि उससे कुछ दूरी पर ही पशु खुले में घूम रहे थे। लेकिन तेंदुआ ने उन पर अटैक नहीं किया और वहां शांत बैठा रहा। स्थानीय लोगों ने वन विभाग को सूचित किया। सूचना मिलने पर विभाग की टीम मौके पर पहुंची। इसके बाद टीम स्थानीय लोगों के सहयोग से तेंदुए को रेस्क्यू कर इलाज के लिए दौलतपुर चौक के अस्पताल ले गई। जहां पर उसका डॉक्टरों ने चेकअप किया। उधर, भरवाईं वन रेंज के आरओ किशोरी लाल ने कहा कि एक तेंदुए चलेट गांव की आबादी में आ गया था। जिसका रेस्क्यू करके दौलतपुर चौक अस्पताल में इलाज करवाया है। उन्होंने कहा कि अब तेंदुए को पालमपुर के गोपालपुर भेजा गया है। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के चलेट में एक तेंदुआ सड़क से सटे रिहायशी एरिया में घुस आया। जिससे वहां लोग काफी देर तक सहमे रहे। यह तेंदुआ एक से डेढ़ साल की उम्र का बताया जा रहा है। वन विभाग की टीम ने तेंदुए को रेस्क्यू कर लिया। टीम ने उसका दौलतपुर चौक के वेटनरी अस्पताल प्राथमिक उपचार करवाया। इसके बाद वन विभाग ने तेंदुए को गोपालपुर चिड़ियाघर भेजा दिया है। रविवार सुबह चलेट के पास एक तेंदुआ को सुबह के समय वहां कुछ लोगों ने सड़क पर बैठे हुए देखा। हालांकि उससे कुछ दूरी पर ही पशु खुले में घूम रहे थे। लेकिन तेंदुआ ने उन पर अटैक नहीं किया और वहां शांत बैठा रहा। स्थानीय लोगों ने वन विभाग को सूचित किया। सूचना मिलने पर विभाग की टीम मौके पर पहुंची। इसके बाद टीम स्थानीय लोगों के सहयोग से तेंदुए को रेस्क्यू कर इलाज के लिए दौलतपुर चौक के अस्पताल ले गई। जहां पर उसका डॉक्टरों ने चेकअप किया। उधर, भरवाईं वन रेंज के आरओ किशोरी लाल ने कहा कि एक तेंदुए चलेट गांव की आबादी में आ गया था। जिसका रेस्क्यू करके दौलतपुर चौक अस्पताल में इलाज करवाया है। उन्होंने कहा कि अब तेंदुए को पालमपुर के गोपालपुर भेजा गया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के स्कूलों में बदलेगा छुट्टियों का शेड्यूल :शिक्षा विभाग ने जारी किया टेंटेटिव-शेड्यूल; वेदर-कंडीशन के हिसाब से DC करेंगे नोटिफाइ
हिमाचल के स्कूलों में बदलेगा छुट्टियों का शेड्यूल :शिक्षा विभाग ने जारी किया टेंटेटिव-शेड्यूल; वेदर-कंडीशन के हिसाब से DC करेंगे नोटिफाइ हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छुटि्टयों का शेड्यूल बदलने की तैयारी है। शिक्षा विभाग ने इसके लिए सोमवार को टैंटेटिव शेड्यूल जारी कर दिया है। विभाग ने इस पर सभी स्टेक-होल्डर से लिखित में 15 दिन के भीतर आपत्ति एवं सुझाव मांगे है। इसके बाद शेड्यूल फाइनल किया जाएगा। विभाग द्वारा जारी टैंटेटिव शेड्यूल के मुताबिक विंटर और समर क्लोजिंग स्कूलों में पहले की तरह 52-52 दिन की छुट्टियां मिलेगी। अब तक शिक्षा विभाग द्वारा तय शेड्यूल के हिसाब से स्कूल खोले व बंद किए जाते है। मगर अब वेदर-कंडीशन के हिसाब से ज्यादातर छुट्टियां तय करने की शक्तियां संबंधित DC को देने की तैयारी है। समर क्लोजिंग स्कूलों का शेड्यूल समर क्लोजिंग स्कूलों में समर और मॉनसून ब्रेक 40 दिन का मिलेगा। इनमें रिजल्ट के बाद कोई छुट्टी नहीं मिलेगी। 15 से 20 दिन का समर ब्रेक संबंधित जिलों के DC करेंगे। 20 से 25 दिन का मानसून ब्रेक भी DC करेंगे। संबंधित DC मौसम और आपदा को देखते हुए छुट्टियां कम-ज्यादा कर सकेंगे। मगर यह ध्यान रखना होगा कि यह छुटि्टयां 40 दिन से ज्यादा की न हो। समर क्लोजिंग स्कूलों में 7 दिन का विंटर ब्रेक समर क्लोजिंग स्कूलों में विंटर ब्रेक 7 दिन का मिलेगा। इसे भी संबंधित DC मौसम को देखते हुए करेंगे। जिलों में कड़ाके की सर्दी पड़ने पर विंटर ब्रेक दिया जाएगा। समर क्लोजिंग में 5 दिन का फेस्टिवल ब्रेक समर क्लोजिंग स्कूलों में फेस्टिवल ब्रेक 5 दिन का होगा। यह ब्रेक कुल्लू को छोड़कर अन्य जिलों को मिलेगा। इनमें दिवाली से 2 दिन पहले और दिवाली के बाद 3 दिन की छुट्टी होगी। वहीं कुल्लू में 5 दिन का फेस्टिवल ब्रेक दशहरा के दौरान मिलेगा। विंटर स्कूलों में छुट्टियों का शेड्यूल विंटर क्लोजिंग स्कूलों में मानसून ब्रेक 7 दिन का मिलेगा। इसे संबंधित जिलों के DC मौसम को देखते हुए नोटिफाइ करेंगे। इसी तरह विंटर क्लोजिंग में 3 दिन का फेस्टिवल ब्रेक मिलेगा। यह दिवाली से 2 दिन पहले और दिवाली के बाद 1 दिन के लिए मिलेगा। विंटर ब्रेक में 1 जनवरी से 11 फरवरी तक बंद रहेंगे स्कूल विंटर क्लोजिंग स्कूलों में 42 दिन का विंटर ब्रेक रहेगा। विंटर ब्रेक 1 जनवरी से 11 फरवरी तक रहेगा। यहां समझे विंटर और समर क्लोजिंग में अंतर हिमाचल में जहां ज्यादा सर्दी पड़ती है और बर्फ गिरती है, उन जिलों में ज्यादातर स्कूल विंटर क्लोजिंग में आते है। इसी तरह मैदानी इलाकों में जहां भीषण गर्मी पड़ती है, वो स्कूल समर क्लोजिंग में आते है। लिहाजा कुछ स्कूल गर्मी के कारण तो कुछ विद्यालय बर्फबारी व सर्दी की वजह से बंद करनी पड़ती है। किन जिला के स्कूल समर व क्लोजिंग में आते है? शिमला, सोलन, सिरमौर, कुल्लू, लाहौल स्पीति और किन्नौर जिला के ज्यादातर स्कूल विंटर क्लोजिंग स्कूलों में आते है। वहीं कांगड़ा, चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर, ऊना, मंडी, सोलन, सिरमौर के ज्यादातर स्कूल समर क्लोजिंग में आते है। अभी क्या है शेड्यूल विंटर क्लोजिंग स्कूलों में अभी अभी 42 दिन का विंटर ब्रेक। 5 दिन की फेस्टिवल और 5 दिन का मानसून ब्रेक जुलाई के आखिरी सप्ताह में मिलता है। इसी तरह समर क्लोजिंग का में अभी पेपर के बाद 5 दिन की छुट्टी मिलती है। इसके बाद 42 दिन का समर वेकेशन और 5 दिन का फेस्टिवल ब्रेक मिलता है।
धर्मशाला में त्सोंगखापा दिवस पर समारोह:दलाई लामा पहुंचे, बौद्ध अनुयायियों को दिया आशीर्वाद, लामाओं ने की दीर्घायु की प्रार्थना
धर्मशाला में त्सोंगखापा दिवस पर समारोह:दलाई लामा पहुंचे, बौद्ध अनुयायियों को दिया आशीर्वाद, लामाओं ने की दीर्घायु की प्रार्थना धर्मशाला के मैक्लोडगंज स्थित थेकचेन चोलिंग त्सुगलाखांग बौद्ध मठ में त्सोंगखापा दिवस (गंडेन नगामचोए) के अवसर पर एक विशेष प्रार्थना समारोह का आयोजन किया गया। इस धार्मिक आयोजन में 14वें दलाई लामा ने भाग लिया और त्सोंगखापा की शिक्षाओं पर प्रकाश डाला। बड़ी संख्या में बौद्ध श्रद्धालु इस समारोह में शामिल हुए, जो त्सोंगखापा के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान प्रकट करने के लिए एकत्रित हुए थे। त्सोंगखापा की शिक्षाओं पर जोर दिया समारोह के दौरान, दलाई लामा ने लोगों को अपना आशीर्वाद प्रदान किया और त्सोंगखापा की शिक्षाओं के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने त्सोंगखापा के जीवन का विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि त्सोंगखापा का जन्म 1357 में त्सोंगखा में हुआ था। तीन साल की उम्र में उन्हें करमापा रोल्पाई दोर्जे ने उपासक व्रत दिया था। अपने पहले शिक्षक के निर्देश पर त्सोंगखापा 17 वर्ष की उम्र में मध्य तिब्बत गए और विभिन्न मठों में अध्ययन किया। उन्होंने बुद्धि की पूर्णता, ऊपरी और निचले अभिधर्म, विनय, प्रमाण और मध्यमा जैसे विषयों का अध्ययन किया। 31 साल की उम्र में उन्होंने अपनी पहली महत्वपूर्ण कृति ‘गोल्डन रोज़री’ की रचना की और एक साल बाद वह एक साथ 17 पाठ पढ़ा रहे थे, जिससे उनकी विद्वता की प्रतिष्ठा स्थापित हुई। उपस्थित बौद्ध लामाओं ने प्रार्थना की कि दलाई लामा दीर्घायु हों और उनकी इच्छाएं पूरी हों। ज्ञानोदय और परिनिर्वाण का उत्सव त्सोंगखापा दिवस को गंडेन नगामचोए के नाम से भी जाना जाता है, लामा त्सोंगखापा के ज्ञानोदय और परिनिर्वाण का उत्सव है। लामा त्सोंगखापा, एक बौद्ध विद्वान और भिक्षु ने तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलुग्पा स्कूल की स्थापना की थी। यह दिन तिब्बती कैलेंडर के 10वें महीने के 25वें दिन मनाया जाता है। इस वर्ष यह शुभ अवसर 25 दिसंबर, 2024 को पड़ा। जे त्सोंगखापा (1357-1419) गेलुग परंपरा के संस्थापक हैं।
हिमाचल में बर्फबारी देखने उमड़े टूरिस्ट:शिमला में नाचते-गाते दिखे; रोहतांग में वाहन रोकने पड़े, होटलों में डबल ऑक्युपेंसी
हिमाचल में बर्फबारी देखने उमड़े टूरिस्ट:शिमला में नाचते-गाते दिखे; रोहतांग में वाहन रोकने पड़े, होटलों में डबल ऑक्युपेंसी हिमाचल प्रदेश के 5 जिलों में ताजा बर्फबारी के बाद टूरिस्ट पहाड़ों का रुख करने लगे हैं। प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर रौनक बढ़ी है। रोहतांग टनल के साउथ पोर्टल पर काफी संख्या में टूरिस्टों के पहुंचने के बाद नॉर्थ-पोर्टल पर बीती शाम पुलिस को मजबूरन ट्रैफिक को रोकना पड़ा। शिमला के कुफरी, ग्रीन-वैली और महासू पीक में भी टूरिस्ट बर्फ का आनंद उठाने के लिए पहुंच रहे हैं। सोमवार को भी यहां टूरिस्ट बर्फ के गोले बनाकर खेलते नजर आए। टूरिस्ट बर्फ के बीच नाटी डालते दिखे। बर्फ की सफेद चादर को मोबाइल कैमरे में कैद भी किया। 24 घंटे के दौरान इन क्षेत्रों में बर्फबारी
बीते 24 घंटे के दौरान शिमला, मंडी, लाहौल-स्पीति, कुल्लू और चंबा जिले के ऊंचे क्षेत्रों में बर्फबारी हुई है। ज्यादा बर्फबारी शिमला के कुफरी, जाखू, नारकंडा, कुल्लू के सोलंग नाला, लाहौल-स्पीति के कोकसर, रोहतांग टनल और सिस्सू में हुआ है। बर्फबारी के बाद एडवांस बुकिंग कर रहे टूरिस्ट
ताजा हिमपात के बाद देशभर के पर्यटक होटलों में एडवांस बुकिंग करने लगे हैं। शिमला की बात करें तो बीते सप्ताह तक शिमला में 25 से 30 प्रतिशत ऑक्युपेंसी थी, लेकिन सोमवार को यह 50 से 60 प्रतिशत हो गई। अब अगले 2 हफ्ते तक इसके 90 से 100 प्रतिशत रहने का पूर्वानुमान है। कुफरी-नारकंडा में 20-25 दिन बर्फ देख सकेंगे टूरिस्ट: सूद
शिमला के होटलियर अश्ननी सूद ने बताया कि टूरिस्ट फोन कर बर्फबारी के बारे में पूछ रहे हैं और एडवांस बुकिंग कर रहे हैं। इस बार शिमला, कुफरी और नारकंडा में अच्छी बर्फ गिरी है। उन्होंने बताया कि यदि दोबारा बर्फबारी नहीं होगी तो भी कुफरी और नारकंडा में अगले 20-25 दिन तक यह बर्फ पिघलने वाली नहीं है। लगभग दोगुना हुई ऑक्युपेंसी: अतुल
शिमला के होटलियर अतुल ने बताया कि बर्फबारी से पर्यटन कारोबार को फायदा होगा। इससे होटलों में ऑक्युपेंसी लगभग दोगुना हो गई है। अगले 2 सप्ताह तक 80 से 100 प्रतिशत ऑक्युपेंसी रहने का अनुमान है। इस दौरान पर्यटन कारोबार को बड़ा फायदा पहुंचने का अनुमान है। पर्यटकों की संख्या में इजाफा होगा: अनूप
मनाली होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप ठाकुर ने बताया कि बर्फबारी के बाद पर्यटकों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है और आने-वाले दिनों में ज्यादा पर्यटक बर्फ देखने के लिए पहाड़ों पर आएगा। टूरिस्ट अभी से ऑनलाइन एडवांस बुकिंग करने लगे हैं। उन्होंने बताया कि टूरिस्टों के बड़ी संख्या में आने के बाद मनाली में चौतरफा ट्रैफिक जाम नजर आ रहा है। 27-28 को ज्यादा अच्छी बर्फबारी का पूर्वानुमान
मौसम विभाग की माने तो आज भी कुछ एक स्थानों पर हल्का स्नोफॉल हो सकता है। 26 दिसंबर की रात ज्यादा स्ट्रॉन्ग वेस्टर्न डिस्टरबेंस दोबारा एक्टिव होगा। इससे 27 और 28 दिसंबर को अच्छी बर्फबारी होने का पूर्वानुमान है। बर्फबारी के बीच टूरिस्टों के एंजॉय करने की PHOTOS..