जालंधर | नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) में जनरल मैनेजर (तकनीकी), डिप्टी जनरल मैनेजर (तकनीकी) और मैनेजर (तकनीकी) के पदों पर भर्तियां शुरू हो गई हैं। इसके लिए इच्छुक और योग्य उम्मीदवार एनएचएआई की आधिकारिक वेबसाइट nhai.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। ये भर्ती अभियान एनएचएआई में कुल 60 पदों पर भर्तियां करेगा। इस भर्ती के माध्यम से जनरल मैनेजर (तकनीकी) के 20 पद, डिप्टी जनरल मैनेजर (तकनीकी) के 20 पद, मैनेजर (तकनीकी) के 20 पद भरे जाएंगे। आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के लिए एज लिमिट 56 साल है। इससे अधिक उम्र के उम्मीदवार अप्लाई करने के योग्य नहीं है। चयनित उम्मीदवारों को 67700 रुपए से लेकर 2 लाख 15 हजार 900 रुपए तक की सैलरी प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त शासन द्वारा देय अन्य सुविधाओं का लाभ भी उन्हें प्राप्त होगा। उम्मीदवार के चयन के लिए विभाग द्वारा लिखित परीक्षा/कौशल परीक्षा/ दस्तावेज सत्यापन या साक्षात्कार करवाया जाएगा और उपरोक्त में प्रदर्शन के आधार पर उम्मीदवार का चयन किया जाएगा। उम्मीदवारों को भरे हुए आवेदन पत्रों का प्रिंट आउट निकाल कर भेजना होगा। ऑनलाइन आवेदन करने की आखिरी तारीख 23 सितंबर है। जबकि इस भर्ती के लिए हार्ड कॉपी जमा करने की आखिरी तारीख 22 अक्टूबर तय की गई है। जालंधर | नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) में जनरल मैनेजर (तकनीकी), डिप्टी जनरल मैनेजर (तकनीकी) और मैनेजर (तकनीकी) के पदों पर भर्तियां शुरू हो गई हैं। इसके लिए इच्छुक और योग्य उम्मीदवार एनएचएआई की आधिकारिक वेबसाइट nhai.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। ये भर्ती अभियान एनएचएआई में कुल 60 पदों पर भर्तियां करेगा। इस भर्ती के माध्यम से जनरल मैनेजर (तकनीकी) के 20 पद, डिप्टी जनरल मैनेजर (तकनीकी) के 20 पद, मैनेजर (तकनीकी) के 20 पद भरे जाएंगे। आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के लिए एज लिमिट 56 साल है। इससे अधिक उम्र के उम्मीदवार अप्लाई करने के योग्य नहीं है। चयनित उम्मीदवारों को 67700 रुपए से लेकर 2 लाख 15 हजार 900 रुपए तक की सैलरी प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त शासन द्वारा देय अन्य सुविधाओं का लाभ भी उन्हें प्राप्त होगा। उम्मीदवार के चयन के लिए विभाग द्वारा लिखित परीक्षा/कौशल परीक्षा/ दस्तावेज सत्यापन या साक्षात्कार करवाया जाएगा और उपरोक्त में प्रदर्शन के आधार पर उम्मीदवार का चयन किया जाएगा। उम्मीदवारों को भरे हुए आवेदन पत्रों का प्रिंट आउट निकाल कर भेजना होगा। ऑनलाइन आवेदन करने की आखिरी तारीख 23 सितंबर है। जबकि इस भर्ती के लिए हार्ड कॉपी जमा करने की आखिरी तारीख 22 अक्टूबर तय की गई है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतसर से शंभू बॉर्डर के लिए निकले किसानों के ट्रैक्टर:डल्लेवाल का मरणव्रत 66वें दिन में दाखिल, महापंचायत को लेकर हरियाणा-पंजाब में मीटिंगें पंजाब और हरियाणा के खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का अनशन आज (30 जनवरी) को 66वें दिन में पहुंच गया है। अब उनकी सेहत में सुधार हो रहा है। मोर्चे की कामयाबी के लिए रखे गए श्री अखंड पाठ साहिब के भोग आज डाले जाएंगे। इस मौके काफी संख्या में लोगों के मोर्चे पर पहुंचने की उम्मीद है। आज सुबह ब्यास से सैकड़ों ट्रैक्टर ट्रालियों का जत्था अमृतसर से शंभू बॉर्डर के लिए निकला है। इससे पहले बुधवार को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल ने सरकार द्वारा बनाई कमेटी से बात करने का फैसला लिया। ऐसे में उन्हें बातचीत करने दें। आप क्यों चाहते है कि बातचीत के बीच सुप्रीम कोर्ट आदेश दें। वहीं, अब सुनवाई इसी महीने के आखिर में होगी। अधिकारियों ने मीटिंग में शामिल होने काे कहा किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि आज चंडीगढ़ से केंद्र सरकार के अधिकारी जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए मोर्चे पर पहुंचे थे। उन्होंने उनसे निवेदन भी किया कि 14 फरवरी तक वे स्वास्थ्य लाभ लेकर केंद्र सरकार के साथ होने वाली मीटिंग में जरूर शामिल हों। हालांकि डल्लेवाल ने दो दिन पहले जनता के नाम दिए संदेश में कहा था कि सभी चाहते है कि वह केंद्र सरकार से मीटिंग में शामिल हो, लेकिन अभी सेहत अनुमति नहीं दे रही है। उन्होंने सभी लोगों को 12 फरवरी को होने वाली महापंचायत में शामिल होने का न्योता दिया था। अमृतसर का जत्था ऐसे पहुंचेगा शंभू वहीं, अमृतसर से आज शंभू के लिए सैकड़ों की संख्या में किसानों के ट्रैक्टरों का काफिला निकला है। करीब 10 बजे ये यह काफिला फगवाड़ा पहुंचेगा। इसके बाद लुधियाना और राजपुरा होते हुए काफिला शंभू पहुंचेगा। किसान नेता सरबन सिंह पंधेर खुद इस काफिले में शामिल हैं। वहीं, बीकेयू दोआबा समेत कई संस्थाओं के नेता फगवाड़ा व लुधियाना सें शामिल होंगे। उनका कहना कहना है कि मजबूरी में हमने यह कदम उठाया है। अब हम पीछे हटने वाले नहीं है। अब तक किसान आंदोलन में क्या-क्या हुआ? पिछले साल 13 फरवरी को किसान ने फसलों की एमएसपी समेत 13 मांगों को लेकर अपना आंदोलन शुरू किया था। क्योंकि उस समय लोकसभा चुनाव होने थे। ऐसे में केंद्र सरकार ने शुरू में तत्परता दिखाई। साथ ही तत्कालीन कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा समेत सीनियर नेता चंडीगढ़ भेजे। साथ ही सेक्टर-26 में किसान नेताओं से मीटिंग की। इन मीटिंगों में पंजाब के सीएम भगवंत मान भी मौजूद रहे। यह मीटिंग देर रात दो बजे तक चलती रही थी, लेकिन जब किसानों की सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने दिल्ली जाने का फैसला लिया था। लेकिन हरियाणा सरकार ने बैरिकेड लगाकर किसानों को बॉर्डर पर ही रोक दिया। साथ ही दलील दी कि किसानों ने अपने ट्रैक्टर मॉडिफाई किए हुए हैं। अगर किसान आगे आते हैं तो राज्य का माहौल खराब होगा। इस दौरान खनौरी बॉर्डर पर पुलिस व किसानों की झड़प में युवा किसान शुभकरन सिंह की मौत हो गई। हालांकि जब किसान वहीं रुक गए तो उन दोनों रास्तों से पंजाब हरियाणा का संपर्क टूट गया। इस वजह से कारोबारियों को नुकसान होने लगा। मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच गया। 10 जुलाई को हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को बैरिकेड खोलने के आदेश दिए तो सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हाई पावर कमेटी गठित की । फिर 26 नवंबर से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अनशन शुरू किया। साथ ही किसी तरह की मेडिकल सुविधा न लेने का फैसला लिया। लेकिन जैसे ही संघर्ष को 50 दिन पूरे हुए तो केंद्र सरकार के अधिकारी खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे। उन्होंने किसानों को मीटिंग के लिए न्योता दिया। इसके बाद डल्लेवाल ने अनशन जारी रखने व मेडिकल सुविधा लेने का फैसला लिया। साथ ही 26 जनवरी को पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकाला

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महाराष्ट्र चुनाव में दमदमी टकसाल करेगी भाजपा का समर्थन:मुखी हरचरण खालसा ने जारी किया बयान, SGPC व सिख नेताओं ने जताई आपत्ति महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के दौरान दमदमी टकसाल के मुखी ने बीजेपी गठबंधन सरकार को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है। मगर दमदमी टकसाल के मुखी हरमन सिंह खालसा द्वारा किए गए इस बयान में पंजाब की राजनीति में बवाल मच गया है। एसजीपीसी और कई सिख नेताओं द्वारा इस फैसले की काफी निंदा की गई है। बता दें कि महाराष्ट्र सिख समाज के लिए बीजेपी को समर्थन देने वाली बयान का संत हरमन सिंह खालसा द्वारा प्रेस नोट जारी किया गया। जिसमें स्पष्ट तौर पर बीजेपी वाली गठबंधन सरकार को वोट देने का आग्रह किया गया है। एसडीपीसी मेंबर गुरचरण सिंह गरेवाल ने कहा- सिख संगत के लिए खालसा द्वारा दिया गया ऐसा बयान हैरानजनक है। पूर्व अकाली नेता वलटोहा बोले- इस संस्था के मुखी संत जरनैल सिंह भिंडरावाला थे। अब उनकी जहर हर हरचरण सिंह खालसा हैं। मगर ऐसे बयान से मुझे धक्का लगा है। खालसा इस पर अपना स्पष्टीकरण जरूर दें। जिससे उनके मन की बात पता चल पाए। दमदमी टकसाल द्वारा जारी किए बयान में जानकारी साझा की गई….. जैसा दमदमी टकसाल के मुखी खालसा द्वारा जारी बयान में कहा गया दमदमी टकसाल के मुखी खालसा ने कहा- महाराष्ट्र के सिख समुदाय ने आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति को अपना पूर्ण समर्थन देने की आधिकारिक घोषणा की है। पिछले 2.5 वर्षों में सरकार ने गुरु नानक नाम लेवा संगत, सिखों, हिंदू पंजाबियों, लुभाना, सिकलीगर, सिंधी और बंजारा के कल्याण और उत्थान के लिए नीतियां लागू की हैं। जिन्होंने उनकी सामाजिक और आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सरकार ने न केवल इन समुदायों के लिए लाभकारी घोषणाएं की हैं। बल्कि उनके उत्थान के लिए ऐतिहासिक कदम भी उठाए हैं। हाल ही में पहली बार गुरु नानक नाम लेवा संगत से नामित सदस्यों के साथ 11 सदस्यीय सिख प्रतिनिधि समिति महाराष्ट्र राज्य को अल्पसंख्यक आयोग, महाराष्ट्र सरकार में प्रतिनिधित्व दिया गया है। जो सिख समुदाय के इतिहास में एक महत्वपूर्ण विकास का प्रतीक है। इसके अतिरिक्त महाराष्ट्र सरकार के अल्पसंख्यक आयोग में एक सिख सदस्य की नियुक्ति की गई है, ये पहल सिख समुदाय के कल्याण और प्रगति के प्रति सरकार की मंशा और प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से दर्शाती हैं। सरकार भविष्य में ऐसे ही कल्याण कार्य करेगी आगे खालसा ने कहा- सरकार भविष्य में भी सभी समुदायों के कल्याण के लिए इसी इरादे और दृष्टि के साथ काम करना जारी रखेगी। सिख समुदाय सभी से इस महीने की 20 तारीख को मतदान प्रक्रिया में भाग लेने और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में शानदार जीत के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति को अपना पूरा समर्थन देने का आग्रह करता है। इसके अतिरिक्त वे सभी से अपने परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और परिचितों को महायुति का समर्थन करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित करने की अपील करते हैं। क्या है दमदमी टकसाल दमदमी टकसाल भारत में एक सिख शैक्षणिक संगठन है। इसका मुख्यालय अमृतसर के मेहता चौक पर स्थित है। सिख इसे विश्वविद्यालय के रूप में मानते हैं। वर्ष 1706 में मुक्तसर की लड़ाई के बाद, गुरु गोबिंद सिंह ने तलवंडी में डेरा डाला। इस स्थान को दमदमा अर्थात एक पड़ाव स्थल (सांस लेने की जगह) के रूप में जाना जाने लगा। इस स्थान को अब दमदमा साहिब के रूप में जाना जाता है। गुरु गोबिंद सिंह और बाबा दीप सिंह से इस टकसाल से जुड़े होने के कारण इसका इतिहास 300 साल से अधिक पुराने होने का दावा है।

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