भास्कर न्यूज | जालंधर कंबाइंड डिफेंस सर्विस (सीडीएस), नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) और नेवल एकेडमी (एनए) की परीक्षा आज यानि 1 सितंबर को ली जाएगी। परीक्षा दो पालियों में होगी। पहले सेशन में सुबह 10 से दोपहर 12.30 तक और दूसरी पाली दोपहर 2 सो शाम 4.30 तक होगी। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से इस परीक्षा के जरिए 863 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा ली जा रही है। इसमें सीडीएस के लिए 459 पद, एनडीए में 370 और एनए के लिए कुल 34 पद शामिल हैं। सीडीएस, एनडीए और एनए की परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाती है। इसके पहले मार्च में परीक्षा हुई थी। अब दूसरी परीक्षा सितंबर में होगी। सीडीएस के माध्यम से उम्मीदवारों का भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए), वायुसेना अकादमी (एएफए), भारतीय नौसेना अकादमी (आईएनए) और अधिकारियों के प्रशिक्षण (ओटीए) में प्रवेश होगा। एनडीए और एनए से आर्मी, नेवी और एयरफोर्स विंग्स में प्रवेश होगा। एडमिट कार्ड आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर उपलब्ध है। एनडीए, एनए-2 और सीडीएस-2 परीक्षा के तहत आवेदकों का चयन लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के जरिए किया जाएगा। लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थी को सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) की ओर से इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा। भास्कर न्यूज | जालंधर कंबाइंड डिफेंस सर्विस (सीडीएस), नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) और नेवल एकेडमी (एनए) की परीक्षा आज यानि 1 सितंबर को ली जाएगी। परीक्षा दो पालियों में होगी। पहले सेशन में सुबह 10 से दोपहर 12.30 तक और दूसरी पाली दोपहर 2 सो शाम 4.30 तक होगी। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से इस परीक्षा के जरिए 863 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा ली जा रही है। इसमें सीडीएस के लिए 459 पद, एनडीए में 370 और एनए के लिए कुल 34 पद शामिल हैं। सीडीएस, एनडीए और एनए की परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाती है। इसके पहले मार्च में परीक्षा हुई थी। अब दूसरी परीक्षा सितंबर में होगी। सीडीएस के माध्यम से उम्मीदवारों का भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए), वायुसेना अकादमी (एएफए), भारतीय नौसेना अकादमी (आईएनए) और अधिकारियों के प्रशिक्षण (ओटीए) में प्रवेश होगा। एनडीए और एनए से आर्मी, नेवी और एयरफोर्स विंग्स में प्रवेश होगा। एडमिट कार्ड आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर उपलब्ध है। एनडीए, एनए-2 और सीडीएस-2 परीक्षा के तहत आवेदकों का चयन लिखित परीक्षा और इंटरव्यू के जरिए किया जाएगा। लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थी को सेवा चयन बोर्ड (एसएसबी) की ओर से इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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होशियारपुर के व्यक्ति की आर्मेनिया में मौत:फ्रूट शॉप में कर रहा था काम, दुकान में घुसी अनियंत्रित कार ने लिया चपेट में
होशियारपुर के व्यक्ति की आर्मेनिया में मौत:फ्रूट शॉप में कर रहा था काम, दुकान में घुसी अनियंत्रित कार ने लिया चपेट में होशियारपुर के मुकेरियां के नोशहरा गांव के एक युवक की आर्मेनिया में मौत हो गई। मृतक आर्मेनिया में एक फ्रूट शाॅप पर काम करता था। उसकी मौत की खबर जैसे ही गांव में पहुंची तो पूरे परिरजनों समेत ग्रामीणों में शोक की लहर दौड़ गई। जानकारी के मुताबिक, गांव नोहशरा निवासी 43 वर्षीय सुनील कुमार करीब छह महीने पहले घर की आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए आर्मेनिया गया था और वह वहां एक फ्रूट शॉप पर काम करता था। बताया जाता है कि रोजाना की तरह वह दुकान पर काम कर रहा था, तभी एक तेज रफ्तार कार दुकान में घुस गई। हादसा इतना भयानक था कि हादसे में दुकान के शीशे टूट गए। कार की चपेट में आने से सुनील कुमार गंभीर रुप से घायल हो गए। उसे तुरंत इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। वहीं, अब आर्मेनिया की समाज सेवी संस्थाओं द्वारा उनके शव को पंजाब भेजने का प्रयास किया जा रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि सुनील कुमार के घर की हालत बहुत खराब है। पंजाब सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए, ताकि परिवार का गुजारा हो सके।

दिलजीत दोसांझ का कॉन्सर्ट में तेलंगाना सरकार पर कटाक्ष:शराब-हिंसा के गानों पर लगाया था प्रतिबंध; बोले- विदेशी मनमर्जी करें, अपने कलाकारों को रोक क्यों
दिलजीत दोसांझ का कॉन्सर्ट में तेलंगाना सरकार पर कटाक्ष:शराब-हिंसा के गानों पर लगाया था प्रतिबंध; बोले- विदेशी मनमर्जी करें, अपने कलाकारों को रोक क्यों पंजाबी गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने शनिवार को हैदराबाद में आयोजित अपने कॉन्सर्ट के दौरान अपने गानों पर लगे प्रतिबंधों को लेकर तेलंगाना सरकार पर कटाक्ष किया है। उन्होंने मंच से अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा कि भारत के कलाकारों को अपने ही देश में गाने से रोका जाता है, जबकि अंतरराष्ट्रीय कलाकारों को पूरी आजादी दी जाती है। दिलजीत दोसांझ ने इस दौरान लोगों को साइबर क्राइम के प्रति भी सजग किया और टिकट स्कैम को लेकर क्लैरिफिकेशन भी दी। दलजीत ने मंच से कहा- कुछ लोगों को हजम नहीं होता कि उनकी टिकट इतनी जल्दी बिक क्यों जाती हैं। वे कई सालों से काम कर रहे हैं, एक दिन में फेमस नहीं हुए। तेलंगाना सरकार ने उन्हें कहा कि अगर साइबर क्राइम होता है तो पहला घंटा गोल्डन आवर होता है। तुरंत 1930 पर कॉल करें। कुछ लोग उनकी टिकट पहले खरीद कर बाद में महंगी बेचती हैं। ये मुश्किल विदेशों में भी है। वहां भी इसका हल नहीं निकला। लेकिन इस चीज को भी धीरे-धीरे ठीक कर लिया जाएगा। तेलंगाना सरकार ने लगाई है गीतों पर रोक तेलंगाना सरकार ने हाल ही में दिलजीत दोसांझ के कुछ गानों पर आपत्ति जताई थी, जो शराब और हिंसा जैसे विषयों से जुड़े माने जाते हैं। इन गानों को राज्य के कार्यक्रमों में प्रस्तुत करने पर प्रतिबंध लगाया गया था। सरकार का मानना था कि ऐसे गाने समाज पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। अपने कॉन्सर्ट के दौरान जवाब देते हुए कहा कि कइयों को टांग अड़ाने की आदत होती है। कोई बात नहीं, वे भी दोसांझा वाला हूं बुग्गे। मैं इतनी जल्दी नहीं छोड़ता। श्रोताओं ने किया समर्थन दिलजीत के इस बयान के बाद कॉन्सर्ट में मौजूद दर्शकों ने जोरदार तालियों और उत्साह से उनका समर्थन किया। उनके फैंस ने सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि देश के कलाकारों को अभिव्यक्ति की आज़ादी होनी चाहिए। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब दिलजीत दोसांझ या किसी अन्य पंजाबी कलाकार को उनके गानों के विषयों को लेकर विवादों का सामना करना पड़ा हो। इससे पहले भी कई पंजाबी गायक हिंसा, शराब और अन्य विवादित विषयों वाले गानों को लेकर निशाने पर आ चुके हैं। टिकट विवाद पर ईडी ले चुका एक्शन पंजाबी पॉप सिंगर दिलजीत दोसांझ और ब्रिटिश रॉक बैंड कोल्डप्ले के अपकमिंग कॉन्सर्ट के टिकट की कालाबाजारी पर एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने तकरीबन तीन महीने पहले 5 राज्यों में 13 लोकेशन पर छापेमारी की थी। जांच एजेंसी ने इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज किया। दैनिक भास्कर ने टिकटों की कालाबाजारी करने वालों का स्टिंग ऑपरेशन करके कोल्ड प्ले टिकट स्कैम का खुलासा किया था, जिसके बाद बुक माय शो ने केस की FIR कराई थी। जयपुर में मैं पंजाबी हूं पर दिया था जवाब जयपुर शो के दौरान दिलजीत मंच पर पहुंचे तो फैंस के हाथों में “मैं हूं पंजाब” के पोस्टर्स थे। जिसे देखकर उन्होंने कहा था- यहां लोग जब कहीं बाहर जाते हैं तो ‘खम्मा घणी’ कहते हैं और गर्व से बोलते हैं कि वे जयपुर से हैं। लेकिन जब मैं ‘मैं हूं पंजाब’ कहता हूं तो कुछ लोगों को दिक्कत होती है।

पंजाब में सितंबर में होंगे पंचायत चुनाव:राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में जानकारी दी; एक साल पहले खत्म किया था कार्यकाल
पंजाब में सितंबर में होंगे पंचायत चुनाव:राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में जानकारी दी; एक साल पहले खत्म किया था कार्यकाल पंजाब में जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत के चुनाव सितंबर में होंगे। चुनाव न कराए जाने को लेकर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई थी। याचिका में पंजाब सरकार से तत्काल चुनाव कराने की मांग की गई थी। जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई। पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में बताया कि सितंबर में चुनाव करवा दिए जाएंगे। 10 अगस्त 2023 की पूर्व अधिसूचना के मुताबिक, पंचायत समितियों और जिला परिषद के चुनाव 25 नवंबर 2023 तक और ग्राम पंचायतों के चुनाव 31 दिसंबर 2023 तक होने थे। याचिकाकर्ता रुलदा सिंह ने कोर्ट में वकील दिनेश कुमार और शिखा सिंगला के माध्यम से तर्क दिया कि जनवरी में ग्राम पंचायतों को भंग करने के बाद भी चुनाव नहीं हुए हैं। भारत के संविधान का उल्लंघन
याचिकाकर्ता के मुताबिक, चुनाव ना करवाना भारत के संविधान के अनुच्छेद 243-ई का उल्लंघन है। इसमें पंचायत के कार्यकाल की समाप्ति से पहले चुनाव कराने का आदेश है। याचिका में तर्क दिया गया है कि चुनाव कराने में राज्य की विफलता पंजाब पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 15 और संवैधानिक आवश्यकताओं दोनों का उल्लंघन है। जनहित याचिका में शीघ्र चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उच्च न्यायालय से निर्देश देने की मांग की गई थी। 13 हजार से ज्यादा पंचायतें
राज्य में बीते साल दिसंबर के अंत में पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो गया था। इसके बाद सभी डीसी को पंचायतों का प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त किया गया। लेकिन इसी बीच लोकसभा चुनाव आ गए। जिसके चलते चुनाव कराने का जोखिम नहीं उठाया गया। राज्य में कुल 13241 पंचायतें हैं। जबकि 153 ब्लॉक समितियां और 23 जिला परिषद हैं। इनका कार्यकाल 31 दिसंबर 2023 को पूरा हो गया। राज्य में सबसे ज्यादा 1405 पंचायतें होशियारपुर जिले में हैं, जबकि पटियाला में 1022 पंचायतें हैं। समय से पहले पंचायतें भंग करने को लेकर हुआ था विवाद
पंजाब सरकार ने गत साल पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने से पहले ही इन्हें 11 अगस्त 2023 को भंग कर दिया था। जिस वजह से विवाद खड़ा हो गया था। अधिकतर सरपंच इसके विरोध में आ गए थे। उनकी दलील थी कि छह महीने रहते हुए सरकार उन्हें हटाकर उनके अधिकारों का हनन कर रही है। वह सरकार की तरफ से नियुक्त नहीं किए गए हैं। जबकि लोगों द्वारा चुन कर भेजे गए हैं। इसके बाद यह मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गया था। जिसके बाद पंचायतों को दोबारा बहाल किया गया था।