मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एमपी के बाहर दूसरे राज्यों में चुनाव प्रचार करने गए थे। डॉ. मोहन यादव ने 8 राज्यों की 33 लोकसभा सीटों पर प्रचार किया। इनमें से बीजेपी ने 13 सीटें जीतीं। वहीं शिवराज 3 राज्यों की 13 सीटों पर प्रचार के लिए पहुंचे थे। इनमें से बीजेपी ने 10 सीटों पर जीत दर्ज की। बीजेपी ने डॉ. मोहन यादव को यूपी, बिहार और झारखंड और बिहार की ऐसी सीटों पर प्रचार के लिए भेजा था, जो यादव बाहुल सीटें हैं, जबकि शिवराज ने दिल्ली, झारखंड और पश्चिम बंगाल की सीटों पर प्रचार किया था। वहीं बीजेपी नेताओं का कहना है कि बाहरी राज्यों की कौन सी सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की, कौन सी सीटें हार गई इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। एनडीए की सरकार सभी के प्रयासों से बनी है। पढ़िए सीएम मोहन यादव और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान जिन सीटों पर प्रचार के लिए गए वहां क्या नतीजा रहा… डॉ. मोहन यादव का पूरा अभियान यादव लैंड के इर्दगिर्द भाजपा ने उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हरियाणा और तेलंगाना में मोहन यादव का पूरा अभियान यादव बहुल इलाकों में ही बनाया था। चार चरणों तक मध्य प्रदेश में पार्टी का नेतृत्व करने की वजह से वे मध्यप्रदेश में ही डटे रहे। उत्तर प्रदेश में मोहन यादव ने वाराणसी, लखनऊ, झांसी, हमीरपुर, अमेठी, इटावा, एटा, मैनपुरी, कन्नौज, फिरोजाबाद, बदायूं, आजमगढ़, फैजाबाद, देवरिया, संत कबीर नगर, कुशीनगर, महाराजगंज, गाजीपुर, जौनपुर और राबर्ट्सगंज में प्रचार किया था। वे तीसरे-चौथे चरण की दो-तीन सीटों पर ही पहुंच पाए। वहीं बिहार के पटना साहिब, पाटलीपुत्र और गया में भी यादव वोट महत्वपूर्ण हैं। वहीं नार्थ-ईस्ट दिल्ली को तो यूपी-बिहार-मध्य प्रदेश के ओबीसी का गढ़ माना जाता है। झारखंड की रांची, गोड्डा, कोडरमा, हजारीबाग, दुमका और राजमहल सीटों पर भी यादव वोटों का प्रभाव माना जाता है। हरियाणा के रोहतक, तेलंगाना के खम्मम और महाराष्ट्र की साउथ मुंबई सीट पर भी इसी रणनीति के तहत डॉ. यादव को प्रचार के लिए भेजा गया था। नार्थ-वेस्ट दिल्ली में तो यादव समाज के एक सम्मेलन भाजपा प्रत्याशी योगेंद्र चंदौलिया के समर्थन में शपथ दिलाई थी। महाराजगंज के बरगदवा में हुई जनसभा के दौरान जिले के 20 यादव ग्राम प्रधान (सरपंच) भाजपा के सदस्य बने। चुनावी सभाओं में पार्टी ने यादव चेहरे के तौर पर पेश किया मुख्यमंत्री डॉ. यादव को भाजपा ने यादव समाज को साधने का जिम्मा दिया था। हालांकि मोहन यादव ने कई मौकों पर ये कहा कि वे भाजपा के कार्यकर्ता के तौर पर प्रचार करने पहुंचे हैं। मैनपुरी की सभा में उन्होंने कहा कि उनकी विधानसभा में 500 वोटर भी यादव नहीं होंगे। उसके बाद भी भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया है। अमेठी के गौरीगंज में हुए उनके भाषण में तो उन्होंने भगवान कृष्ण का हवाला देते हुए कहा था कि कृष्ण ने अधर्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। आज भी वो स्थिति आ गई है। यही बात उन्होंने मैनपुरी की सभा में भी दोहराई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें यादव राजनीति का चेहरा बताया सपा के गढ़ इटावा में एक चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोहन यादव को यादव राजनीति का नया चेहरा बताया था। उन्होंने कहा – सपा वाले जिस समाज का ठेकेदार होने का दम भरते हैं वह भ्रम भी अब की बार टूट जाएगा। आज भी सपा को उम्मीदवार बनाने के लिए उनके परिवार के बाहर का कोई यादव नहीं मिला। वहीं भाजपा में कोई कार्यकर्ता बड़े से बड़े पद तक पहुंच सकता है। आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव अपने प्रदेश को दौड़ा रहे हैं। यादव लैंड में प्रचार के दौरान भाजपा के दूसरे स्टार प्रचारकों ने भी मोहन यादव का नाम जाति के बड़े राजनीतिक चेहरे के तौर पर इस्तेमाल किया। कोशिश यह थी कि यादव समाज को सपा का विकल्प दिया जाए। यूपी में उपचुनाव वाली सीट पर भी नहीं मिली सफलता भाजपा ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए हो रहे एक उप चुनाव में भी स्टार प्रचारक के तौर पर भेजा था। यह सीट थी सोनभद्र जिले की दुद्धी। मोहन यादव ने 30 मई को यहां एक जनसभा को संबोधित किया था और रोड शो में शामिल हुए थे। इन कोशिशों के बाद भी यहां से भाजपा उम्मीदवार श्रवण कुमार तीन हजार 208 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए। यह सीट सपा के विजय सिंह ने जीती है। अब जानिए शिवराज ने किन सीटों पर किया प्रचार पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के बाहर तीन राज्यों में प्रचार के लिए गए। इनमें दिल्ली की सभी सात सीटों पर उन्होंने जनसभा, रोड शो और कार्यकर्ता सम्मेलनों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को घेरा। झारखंड की शहरी सीटों पर भी उन्होंने गठबंधन सरकार के भ्रष्टाचार पर ही बात की। वहीं पश्चिम बंगाल में उन्होंने ममता बनर्जी पर भ्रष्टाचार और मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप लगाए। शिवराज ने दिल्ली झारखंड में जिन सीटों पर प्रचार किया उन सभी पर भाजपा प्रत्याशी जीते हैं। वहीं पश्चिम बंगाल में सभी तीन सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा बोली सफलता-असफलता से फर्क नहीं पड़ता भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश शर्मा का कहना था कि प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और मुख्यमंत्री मोहन यादव की अगुआई में जिस तरह का काम यहां हुआ है उसकी बदौलत 29 की 29 सीटों पर जीत मिली। संगठन में जो काम कर रहे हैं, उन वरिष्ठ नेताओं की मांग पूरे देश में होती है। सीएम डॉ.मोहन यादव, पूर्व सीएम शिवराज और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने दूसरे प्रदेशों में भी जाकर भाजपा का प्रचार किया। राकेश शर्मा कहते हैं कि इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता कि जहां इन नेताओं ने प्रचार किया वहां कितनी सीटों पर सफलता मिली और कितनों पर नहीं मिली। बड़ी बात यह है कि देश में सबसे अधिक मांग मध्य प्रदेश के भाजपा नेताओं की हुई। एक्सपर्ट बोले- यादव बाहुल सीटों का तिलिस्म नहीं तोड़ सकी भाजपा राजनीतिक विश्लेषक राजीव रंजन सिंह का मानना है कि उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और बिहार में लालू और तेजस्वी यादव इस समाज के बड़े नेता हैं। यादव वोटर्स पर उनका पूरा प्रभाव है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्फत भाजपा दोनों राज्यों में की यादव बहुल सीटों का तिलिस्म तोड़ना चाहती थी। इस चुनाव में उत्तर प्रदेश के मध्य-पूर्वी क्षेत्रों में मोहन यादव को प्रचार के लिए भेजा गया था। पश्चिमी यूपी के यादव लैंड में जब चुनाव थे तब मप्र में वोटिंग हो रही थी। ऐसे में वे पश्चिमी यूपी में ज्यादा समय नहीं दे सके। वे कहते हैं कि भाजपा की जो रणनीति थी, वह सफल होती नहीं दिखी है। मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एमपी के बाहर दूसरे राज्यों में चुनाव प्रचार करने गए थे। डॉ. मोहन यादव ने 8 राज्यों की 33 लोकसभा सीटों पर प्रचार किया। इनमें से बीजेपी ने 13 सीटें जीतीं। वहीं शिवराज 3 राज्यों की 13 सीटों पर प्रचार के लिए पहुंचे थे। इनमें से बीजेपी ने 10 सीटों पर जीत दर्ज की। बीजेपी ने डॉ. मोहन यादव को यूपी, बिहार और झारखंड और बिहार की ऐसी सीटों पर प्रचार के लिए भेजा था, जो यादव बाहुल सीटें हैं, जबकि शिवराज ने दिल्ली, झारखंड और पश्चिम बंगाल की सीटों पर प्रचार किया था। वहीं बीजेपी नेताओं का कहना है कि बाहरी राज्यों की कौन सी सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की, कौन सी सीटें हार गई इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। एनडीए की सरकार सभी के प्रयासों से बनी है। पढ़िए सीएम मोहन यादव और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान जिन सीटों पर प्रचार के लिए गए वहां क्या नतीजा रहा… डॉ. मोहन यादव का पूरा अभियान यादव लैंड के इर्दगिर्द भाजपा ने उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, हरियाणा और तेलंगाना में मोहन यादव का पूरा अभियान यादव बहुल इलाकों में ही बनाया था। चार चरणों तक मध्य प्रदेश में पार्टी का नेतृत्व करने की वजह से वे मध्यप्रदेश में ही डटे रहे। उत्तर प्रदेश में मोहन यादव ने वाराणसी, लखनऊ, झांसी, हमीरपुर, अमेठी, इटावा, एटा, मैनपुरी, कन्नौज, फिरोजाबाद, बदायूं, आजमगढ़, फैजाबाद, देवरिया, संत कबीर नगर, कुशीनगर, महाराजगंज, गाजीपुर, जौनपुर और राबर्ट्सगंज में प्रचार किया था। वे तीसरे-चौथे चरण की दो-तीन सीटों पर ही पहुंच पाए। वहीं बिहार के पटना साहिब, पाटलीपुत्र और गया में भी यादव वोट महत्वपूर्ण हैं। वहीं नार्थ-ईस्ट दिल्ली को तो यूपी-बिहार-मध्य प्रदेश के ओबीसी का गढ़ माना जाता है। झारखंड की रांची, गोड्डा, कोडरमा, हजारीबाग, दुमका और राजमहल सीटों पर भी यादव वोटों का प्रभाव माना जाता है। हरियाणा के रोहतक, तेलंगाना के खम्मम और महाराष्ट्र की साउथ मुंबई सीट पर भी इसी रणनीति के तहत डॉ. यादव को प्रचार के लिए भेजा गया था। नार्थ-वेस्ट दिल्ली में तो यादव समाज के एक सम्मेलन भाजपा प्रत्याशी योगेंद्र चंदौलिया के समर्थन में शपथ दिलाई थी। महाराजगंज के बरगदवा में हुई जनसभा के दौरान जिले के 20 यादव ग्राम प्रधान (सरपंच) भाजपा के सदस्य बने। चुनावी सभाओं में पार्टी ने यादव चेहरे के तौर पर पेश किया मुख्यमंत्री डॉ. यादव को भाजपा ने यादव समाज को साधने का जिम्मा दिया था। हालांकि मोहन यादव ने कई मौकों पर ये कहा कि वे भाजपा के कार्यकर्ता के तौर पर प्रचार करने पहुंचे हैं। मैनपुरी की सभा में उन्होंने कहा कि उनकी विधानसभा में 500 वोटर भी यादव नहीं होंगे। उसके बाद भी भाजपा ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया है। अमेठी के गौरीगंज में हुए उनके भाषण में तो उन्होंने भगवान कृष्ण का हवाला देते हुए कहा था कि कृष्ण ने अधर्म के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। आज भी वो स्थिति आ गई है। यही बात उन्होंने मैनपुरी की सभा में भी दोहराई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें यादव राजनीति का चेहरा बताया सपा के गढ़ इटावा में एक चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोहन यादव को यादव राजनीति का नया चेहरा बताया था। उन्होंने कहा – सपा वाले जिस समाज का ठेकेदार होने का दम भरते हैं वह भ्रम भी अब की बार टूट जाएगा। आज भी सपा को उम्मीदवार बनाने के लिए उनके परिवार के बाहर का कोई यादव नहीं मिला। वहीं भाजपा में कोई कार्यकर्ता बड़े से बड़े पद तक पहुंच सकता है। आज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव अपने प्रदेश को दौड़ा रहे हैं। यादव लैंड में प्रचार के दौरान भाजपा के दूसरे स्टार प्रचारकों ने भी मोहन यादव का नाम जाति के बड़े राजनीतिक चेहरे के तौर पर इस्तेमाल किया। कोशिश यह थी कि यादव समाज को सपा का विकल्प दिया जाए। यूपी में उपचुनाव वाली सीट पर भी नहीं मिली सफलता भाजपा ने मुख्यमंत्री मोहन यादव को उत्तर प्रदेश विधानसभा के लिए हो रहे एक उप चुनाव में भी स्टार प्रचारक के तौर पर भेजा था। यह सीट थी सोनभद्र जिले की दुद्धी। मोहन यादव ने 30 मई को यहां एक जनसभा को संबोधित किया था और रोड शो में शामिल हुए थे। इन कोशिशों के बाद भी यहां से भाजपा उम्मीदवार श्रवण कुमार तीन हजार 208 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए। यह सीट सपा के विजय सिंह ने जीती है। अब जानिए शिवराज ने किन सीटों पर किया प्रचार पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के बाहर तीन राज्यों में प्रचार के लिए गए। इनमें दिल्ली की सभी सात सीटों पर उन्होंने जनसभा, रोड शो और कार्यकर्ता सम्मेलनों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर अरविंद केजरीवाल, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस को घेरा। झारखंड की शहरी सीटों पर भी उन्होंने गठबंधन सरकार के भ्रष्टाचार पर ही बात की। वहीं पश्चिम बंगाल में उन्होंने ममता बनर्जी पर भ्रष्टाचार और मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोप लगाए। शिवराज ने दिल्ली झारखंड में जिन सीटों पर प्रचार किया उन सभी पर भाजपा प्रत्याशी जीते हैं। वहीं पश्चिम बंगाल में सभी तीन सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा बोली सफलता-असफलता से फर्क नहीं पड़ता भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश शर्मा का कहना था कि प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और मुख्यमंत्री मोहन यादव की अगुआई में जिस तरह का काम यहां हुआ है उसकी बदौलत 29 की 29 सीटों पर जीत मिली। संगठन में जो काम कर रहे हैं, उन वरिष्ठ नेताओं की मांग पूरे देश में होती है। सीएम डॉ.मोहन यादव, पूर्व सीएम शिवराज और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने दूसरे प्रदेशों में भी जाकर भाजपा का प्रचार किया। राकेश शर्मा कहते हैं कि इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ता कि जहां इन नेताओं ने प्रचार किया वहां कितनी सीटों पर सफलता मिली और कितनों पर नहीं मिली। बड़ी बात यह है कि देश में सबसे अधिक मांग मध्य प्रदेश के भाजपा नेताओं की हुई। एक्सपर्ट बोले- यादव बाहुल सीटों का तिलिस्म नहीं तोड़ सकी भाजपा राजनीतिक विश्लेषक राजीव रंजन सिंह का मानना है कि उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और बिहार में लालू और तेजस्वी यादव इस समाज के बड़े नेता हैं। यादव वोटर्स पर उनका पूरा प्रभाव है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्फत भाजपा दोनों राज्यों में की यादव बहुल सीटों का तिलिस्म तोड़ना चाहती थी। इस चुनाव में उत्तर प्रदेश के मध्य-पूर्वी क्षेत्रों में मोहन यादव को प्रचार के लिए भेजा गया था। पश्चिमी यूपी के यादव लैंड में जब चुनाव थे तब मप्र में वोटिंग हो रही थी। ऐसे में वे पश्चिमी यूपी में ज्यादा समय नहीं दे सके। वे कहते हैं कि भाजपा की जो रणनीति थी, वह सफल होती नहीं दिखी है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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मीरा रोड नगर निगम की बड़ी लापरवाही! बायोगैस के खुले गड्ढे में गिरने से 5 साल के बच्चे की मौत, मामला दर्ज
मीरा रोड नगर निगम की बड़ी लापरवाही! बायोगैस के खुले गड्ढे में गिरने से 5 साल के बच्चे की मौत, मामला दर्ज <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News:</strong> मुंबई के मीरा रोड इलाके में नगर निगम द्वारा बायोगैस परियोजना के लिए खोदे गए एक खुले गड्ढे में शुक्रवार (21 जून) को एक पांच साल के बच्चे की डूबकर मौत हो गई. इस मामले में काशीमीरा पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 304-ए के तहत मामला दर्ज किया है. साथ ही आगे की जांच शुरू कर दी है. पुलिस के अनुसार यह घटना शुक्रवार शाम करीब 5 बजे हुई, जब श्रेयांश सोनी नाम का लड़का मीरा रोड स्थित अपने घर के पीछे बगीचे में खेल रहा था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को जूनियर किंडरगार्टन (केजी) का छात्र श्रेयांश स्कूल गया था और दोपहर 12 बजे तक घर लौट आया. इसके बाद शाम करीब 4 बजे श्रेयांश ने अपनी मां को बताकर जीजामाता उद्यान में खेलने चला गया. इसके बाद जब वह वापस नहीं लौटा तो उसकी मां ने उसे ढूंढना शुरू किया और जब वह नहीं मिला तो पूजा ने अपने पति को फोन किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>खेलते समय गड्ढे में गिरा बच्चा</strong><br />इसके बाद दादर में पान की दुकान चलाने वाले उसके पिता मोनू ने तुरंत अपनी दुकान बंद की और घर वापस जाने लगा. वहीं रास्ते में उसे पूजा का फोन आया, जिसने बताया कि श्रेयांश बगीचे के पास पानी के गड्ढे में मिला है. वहीं मोनू ने बताया कि श्रेयांश के शव को बाद में स्थानीय पुलिस और दमकल कर्मियों की मदद से गड्ढे से निकाला गया. इसके बाद उसे पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बच्चे के पिता ने बताया कि मीरा भयंदर नगर निगम ने करीब दो साल पहले बायोगैस परियोजना के लिए गड्ढा खोदा था, तब से किसी ने इस पर काम नहीं किया. जिसके कारण पानी जमा हो गया और मेरा बेटा खेलते समय दुर्घटनावश उसमें गिर गया. मोनू ने आगे कहा कि निगम ने कोई सुरक्षा उपाय नहीं किया है. अगर उन्होंने गड्ढे के आस-पास के क्षेत्र को घेर लिया होता, तो मेरा बेटा गड्ढे में नहीं गिरता.</p>
<p style=”text-align: justify;”>शुक्रवार देर रात कश्मीरी पुलिस ने मोनू का बयान दर्ज किया, जिसके बाद अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (ए) (लापरवाही से मौत) के तहत मामला दर्ज किया गया. वहीं वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक राजेंद्र कांबले ने कहा कि “हमने अज्ञात नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. हम लापरवाही के लिए जिम्मेदार व्यक्ति की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं.”</p>
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<p><strong>यह भी पढ़ें:<a title=” ‘धर्मेंद्र प्रधान तुरंत दें इस्तीफा’, NEET Exam स्थगित होने पर उद्धव गुट के नेता ने शिक्षा मंत्री को घेरा” href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/neet-pg-exam-postponed-shiv-sena-ubt-leader-anand-dubey-demands-education-minister-dharmendra-pradhan-resignation-2721195″ target=”_blank” rel=”noopener”> ’धर्मेंद्र प्रधान तुरंत दें इस्तीफा’, NEET Exam स्थगित होने पर उद्धव गुट के नेता ने शिक्षा मंत्री को घेरा</a></strong></p>
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बिहार में 29 IPS अधिकारियों का तबादला, पटना के सिटी एसपी भी किए गए इधर से उधर, देखें लिस्ट
बिहार में 29 IPS अधिकारियों का तबादला, पटना के सिटी एसपी भी किए गए इधर से उधर, देखें लिस्ट <p style=”text-align: justify;”><strong>Bihar Police Transfer Posting:</strong> बिहार में इन दिनों ट्रांसफर-पोस्टिंग खूब हो रहा है. गृह विभाग की ओर से अधिसूचना जारी करते हुए एक बार फिर 29 आईपीएस अधिकारियों का तबादला कर दिया गया है. पटना के सभी सिटी एसपी भी इधर से उधर किए गए हैं. इन्हें नई जिम्मेदारी देते हुए अलग-अलग जिलों में भेजा गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पटना में तीन सिटी एसपी थे. पटना पूर्वी, पटना पश्चिमी और पटना मध्य, इन तीनों का तबादला किया गया है. साथ ही पटना ग्रामीण एसपी का भी तबादला हो गया है. वहीं जिन जिलों के एसपी बदले गए हैं उनमें औरंगाबाद, लखीसराय, पूर्णिया, कटिहार, जमुई, नवादा, रोहतास, भोजपुर, बक्सर, समस्तीपुर, नालंदा, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज और शिवहर शामिल हैं. उधर मुजफ्फरपुर, भागलपुर और दरभंगा के सिटी एसपी भी बदले गए हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पटना के ग्रामीण एसपी को मिली रोहतास की जिम्मेदारी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बिहार में नए डीजीपी के आने के बाद ट्रांसफर पोस्टिंग शुरू हो गई है. हाल ही में आलोक राज ने डीजीपी का पदभार लिया है. पटना ग्रामीण एसपी रोशन कुमार को रोहतास का एसपी बनाया गया है. नगर पुलिस अधीक्षक पूर्वी पटना भारत सोनी को नालंदा का एसपी बनाया गया है. पटना मध्य एसपी चंद्र प्रकाश को जमुई का एसपी बनाया गया है, जबकि पटना पश्चिम के एसपी अभिनव धीमान को नवादा एसपी बनाया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>कार्तिकेय के शर्मा को पूर्णिया का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है. कटिहार के एसपी जितेंद्र कुमार को (कमजोर वर्ग एवं महिला कोषांग) अपराध अनुसंधान विभाग के पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी दी गई है. समस्तीपुर के एसपी विनय तिवारी को मुजफ्फरपुर रेलवे विभाग का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है. नालंदा के पुलिस अधीक्षक अशोक मिश्रा को समस्तीपुर का एसपी बनाया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>गोपालगंज के एसपी स्वर्ण प्रभात को पूर्वी चंपारण मोतिहारी का एसपी बनाया गया है. जमुई के एसपी शौर्य सुमन को पश्चिमी चंपारण बेतिया का एसपी बनाया गया है. रोहतास के एसपी विनीत कुमार को विशेष शाखा पटना के एसपी की जिम्मेदारी दी गई है. नवादा के एसपी अंबरीष राहुल को औरंगाबाद का एसपी बनाया गया है. शैलेश कुमार सिन्हा को शिवहर का एसपी बनाया गया है. लखीसराय के एसपी पंकज कुमार को राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो पटना का एसपी बनाया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/jyoti-singh-met-prashant-kishor-now-powerstar-pawan-singh-met-anand-mishra-in-lucknow-elections-2025-2781483″>पहले PK से मिलीं ‘पावरस्टार’ की पत्नी, अब आनंद मिश्रा से पवन सिंह, 2025 के चुनाव की हो रही तैयारी?</a></strong></p>
सोनीपत में ट्रैफिक रूल तोड़ने वालों से अवैध वसूली:ट्रैक्टर-ट्रॉली ड्राइवर बोला- ₹100 लेती है पुलिस; मामला सुन SHO भड़के, कहा- नोटिस भेजूंगा
सोनीपत में ट्रैफिक रूल तोड़ने वालों से अवैध वसूली:ट्रैक्टर-ट्रॉली ड्राइवर बोला- ₹100 लेती है पुलिस; मामला सुन SHO भड़के, कहा- नोटिस भेजूंगा हरियाणा के सोनीपत में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों से पुलिस अवैध वसूली कर रही है। पुलिस के इस कारनामे का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें गोहाना बाईपास फ्लाईओवर के पास ट्रैक्टर-ट्रॉली ड्राइवरों से वसूली की जा रही है। यह रोज का खेल है। शाम होते ही जींद और गोहाना से चारे से ओवरलोडेड ट्रैक्टर-ट्रॉली चलने शुरू हो जाते हैं। इनसे न केवल ट्रैफिक बाधित होता है, बल्कि कई दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं। इसके बाद भी पुलिस इनका चालान नहीं काटती, बल्कि अवैध वसूली कर ऐसे ही छोड़ देती है। सोनीपत के गोहाना बाईपास से गुजरने वाले ओवरलोडेड ट्रैक्टर-ट्रॉली बिना रिश्वत दिए गुजर नहीं सकते। बड़ी बात यह है कि इनसे हर PCR वाला केवल 100 रुपए लेता है। रकम छोटी है, इसलिए ट्रॉली वाले भी नियम तोड़ने में संकोच नहीं करते। वह सोनीपत में ही 2 से 3 PCR को इसी प्रकार से पैसे देकर निकल जाते हैं। सोनीपत में जहां वसूली का मामला सामने आया है, यह इलाका सदर थाने के अंतर्गत आता है। इसकी पुष्टि सिटी थाना प्रभारी महेश कुमार ने की। जब इस बारे में सदर थाना प्रभारी उमेश कुमार से बात की गई तो वह भड़क गए। उन्होंने नोटिस भेजने तक की धमकी दे डाली। बाद में वह कहने लगे कि यह एरिया उनके अंडर नहीं है। सबसे पहले 26 जनवरी की रात को हुई घटना के PHOTOS… 26 जनवरी की रात इस तरह की वसूली… समय से ठिकाने के पर पहुंच गई PCR वैन
इस पूरी घटना को डिटेल में समझने के लिए दैनिक भास्कर के रिपोर्टर ने रात में पड़ताल की। इसमें पता चला कि 26 जनवरी की शाम होते ही पुलिस की PCR वैन गोहाना बाईपास फ्लाईओवर के पास आकर खड़ी हो गई। इसके बाद वैन काफी देर तक यहीं खड़ी रही। PCR वैन के साथ तैनात पुलिस वालों को रात करीब 9.49 बजे हाईवे से एक ट्रैक्टर-ट्रॉली आती दिखी। इसे देखकर PCR वैन में बैठे पुलिसवालों में एक बाहर निकलकर आया। जबकि, वैन में अंदर बैठे पुलिसवाले ने ट्रैक्टर-ट्रॉली को वैन की लाइट जलाकर रुकने का इशारा किया। PCR की लाइट 3 बार जलाई-बुझाई
PCR वैन में बैठे पुलिसवाले ने वैन की लाइट 3 बार जलाई और बुझाई थी। यह ट्रैक्टर को रुकने का इशारा था, जिसे उसका ड्राइवर समझ भी गया। इसके बाद ट्रैक्टर धीमा हुआ और पुलिसवाले के बिना रोके ही PCR वैन को क्रॉस कर ट्रैक्टर आगे जाकर रुक गया। इसके बाद ट्रैक्टर ड्राइवर नीचे उतरा। वह ट्रैक्टर के पीछे खड़ी PCR वैन की ओर गया। वहां पहले से खड़े पुलिसवालों से उसने कुछ बात की। इसके कुछ ही देर बाद वह लौट आया और ट्रैक्टर दोबारा स्टार्ट कर वहां से चलता बना। 3 मिनट की वीडियो में यह सारी वारदात कैद हुई। ट्रैक्टर ड्राइवर ने यह खुलासा किया… सौ रुपए देने पड़ते हैं
पुलिस से पीछा छुड़ाने के बाद आगे चले ट्रैक्टर ड्राइवर से आगे रोककर बात की गई। इस दौरान ही उसने पुलिस की ओर से रुपए लेने का खुलासा किया। उसने बताया कि पूरी यात्रा में सोनीपत में करीब 3 जगहों पर पुलिस वैन मिलती हैं और हर जगह सौ-सौ रुपए देने पड़ते हैं। ट्रैक्टर ड्राइवर की रिपोर्टर से हुई बातचीत के मुख्य अंश- रिपोर्टर- कहां से आए हो और कहां जाना है?
ड्राइवर- मैं बागपत का रहने वाला हूं। हरियाणा से यूपी में पशुओं का चारा लेकर जाता हूं। इस समय भी तूड़ी लेकर जा रहा हूं। रिपोर्टर- आज कहां से तूड़ा लेकर चले हो?
ड्राइवर- जींद से। रिपोर्टर- जींद से सोनीपत पहुंचने तक कितने नाके पड़ते हैं और पुलिस वालों को कितने पैसे देने पड़ते हैं?
ड्राइवर – 3 से 4 नाके पड़ते हैं, और सभी जगह पुलिसवाले 100-100 रुपए लेते हैं। रिपोर्टर- सोनीपत बाईपास पर कितने पैसे दिए हैं?
ड्राइवर- 100 रुपए देकर आया हूं जी। रिपोर्टर- हर जगह नाके का यही रेट है?
ड्राइवर- इससे कम नहीं लेते हैं जी। रिपोर्टर- क्या कहते हैं पुलिसवाले?
ड्राइवर- कहते हैं कि पैसे दो। पैसे देने पड़ते हैं, 100 रुपए। रिपोर्टर- इस तरह रोजाना कितने ट्रैक्टर जाते हैं?
ड्राइवर- काफी ट्रैक्टर जाते हैं। पहले सदर थाना प्रभारी बोले- हमारा एरिया, मामला सुनते ही भड़के
इस पूरे मामले को लेकर सदर थाना प्रभारी उमेश कुमार से फोन पर बात की गई। पहले उन्हें वारदात के बारे में न बताकर सटीक लोकेशन बताई गई। इसमें उन्होंने मान लिया कि यह एरिया उनके थाने के अंतर्गत ही आता है, लेकिन जैसे ही उन्हें मामले के बारे में बताया गया तो वह भड़क गए। उन्होंने कहा- आप मुझे ऐसे ही कुछ भी बोलेंगे और मैं मान लूंगा? इस मामले में शिकायत आएगी तो हम कार्रवाई करेंगे, लेकिन पहले मुझे मुंशी से अपना एरिया चेक करना होगा। आप मुझे इसमें बाउंड नहीं कर सकते। अगर कुछ भी ऐसे ही लिखा तो नोटिस के लिए तैयार रहना।