<p style=”text-align: justify;”><strong>MP Politics:</strong> मध्य प्रदेश विधानसभा में गुरुवार (20 मार्च) को भारी हंगामा हुआ. कांग्रेस विधायकों ने कथित परिवहन घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर सरकार पर सरकार पर दबाव बनाया और संतोषजनक जवाब न मिलने पर सदन से बाहर चले गए. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि बीजेपी की सरकार अब तक यह साफ नहीं कर पाई है कि दिसंबर 2024 में भोपाल के पास मेंडोरी गांव में एक लावारिस SUV से जब्त किए गए 52 किलोग्राम सोने और 11 करोड़ रुपये नकद का असली मालिक कौन हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा से जुड़े ठिकानों पर हुई छापेमारी में मिली डायरी का ब्योरा छिपा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सिंघार ने कहा, “डायरी में महत्वपूर्ण साक्ष्य हैं, जो इस घोटाले में शामिल कई बड़े लोगों को बेनकाब कर सकते हैं. यही कारण है कि राज्य सरकार इसका ब्योरा सार्वजनिक नहीं कर रही है. हम मांग करते हैं कि इस पूरे मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपी जाए और इसकी निगरानी उच्चतम न्यायालय करे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरकार की सफाई</strong><br />कांग्रेस के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश के विधानसभा मामलों के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सदन की कार्यवाही स्थापित नियमों के अनुसार चलाई जा रही है और सरकार किसी भी जांच को प्रभावित नहीं कर रही है. वहीं, राज्य के परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि मामले की जांच निष्पक्ष रूप से हो रही है और सरकार किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विरोध और प्रदर्शन</strong><br />सरकार के जवाबों से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी की और सदन से वाकआउट कर दिया. इससे पहले दिन में कांग्रेस ने राज्य सरकार के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार और घोटालों को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान पार्टी के एक विधायक ने कुंभकरण की वेशभूषा धारण की, जो महाकाव्य रामायण में अपनी गहरी नींद के लिए प्रसिद्ध है, जिससे उन्होंने सरकार पर निष्क्रियता का तंज कसा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विपक्ष ने इस मुद्दे पर आगे भी आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है, जबकि सरकार ने कहा कि वह हर आवश्यक कदम उठाने के लिए तैयार है.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>MP Politics:</strong> मध्य प्रदेश विधानसभा में गुरुवार (20 मार्च) को भारी हंगामा हुआ. कांग्रेस विधायकों ने कथित परिवहन घोटाले की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर सरकार पर सरकार पर दबाव बनाया और संतोषजनक जवाब न मिलने पर सदन से बाहर चले गए. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने आरोप लगाया कि बीजेपी की सरकार अब तक यह साफ नहीं कर पाई है कि दिसंबर 2024 में भोपाल के पास मेंडोरी गांव में एक लावारिस SUV से जब्त किए गए 52 किलोग्राम सोने और 11 करोड़ रुपये नकद का असली मालिक कौन हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार परिवहन विभाग के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा से जुड़े ठिकानों पर हुई छापेमारी में मिली डायरी का ब्योरा छिपा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सिंघार ने कहा, “डायरी में महत्वपूर्ण साक्ष्य हैं, जो इस घोटाले में शामिल कई बड़े लोगों को बेनकाब कर सकते हैं. यही कारण है कि राज्य सरकार इसका ब्योरा सार्वजनिक नहीं कर रही है. हम मांग करते हैं कि इस पूरे मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंपी जाए और इसकी निगरानी उच्चतम न्यायालय करे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सरकार की सफाई</strong><br />कांग्रेस के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए मध्य प्रदेश के विधानसभा मामलों के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सदन की कार्यवाही स्थापित नियमों के अनुसार चलाई जा रही है और सरकार किसी भी जांच को प्रभावित नहीं कर रही है. वहीं, राज्य के परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि मामले की जांच निष्पक्ष रूप से हो रही है और सरकार किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विरोध और प्रदर्शन</strong><br />सरकार के जवाबों से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी की और सदन से वाकआउट कर दिया. इससे पहले दिन में कांग्रेस ने राज्य सरकार के खिलाफ कथित भ्रष्टाचार और घोटालों को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान पार्टी के एक विधायक ने कुंभकरण की वेशभूषा धारण की, जो महाकाव्य रामायण में अपनी गहरी नींद के लिए प्रसिद्ध है, जिससे उन्होंने सरकार पर निष्क्रियता का तंज कसा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>विपक्ष ने इस मुद्दे पर आगे भी आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी है, जबकि सरकार ने कहा कि वह हर आवश्यक कदम उठाने के लिए तैयार है.</p> मध्य प्रदेश बिहार: विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर वित्त आयोग के अध्यक्ष का दो टूक जवाब, क्या बोले अरविंद पनगढ़िया?
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