एसजीपीसी जांच कमेटी की रिपेार्ट आई सामने:ज्ञानी हरप्रीत सिंह नहीं हुए पेश, 15 मिनट कीर्तन रोका; राघव चड्‌ढा-परिणीति चोपड़ा की मंगनी का जिक्र

एसजीपीसी जांच कमेटी की रिपेार्ट आई सामने:ज्ञानी हरप्रीत सिंह नहीं हुए पेश, 15 मिनट कीर्तन रोका; राघव चड्‌ढा-परिणीति चोपड़ा की मंगनी का जिक्र

पंजाब में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) द्वारा ज्ञानी हरप्रीत सिंह को श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार पद से हटाए जाने के बाद जांच रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें साफ लिखा गया है कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह को जब अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया तो उन्होंने आने से ही मना कर दिया। इतना ही नहीं, जांच कमेटी ने पारिवारिक मामलों की जांच के साथ-साथ ज्ञानी हरप्रीत सिंह पर कई और आरोप भी लगाए हैं। वहीं, बीते दिन ही ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने स्पष्ट कर दिया था कि जत्थेदार रहते हुए उनका कमेटी के सामने पेश होना सही नहीं है। उन्होंने बीते दिन ही जांच कमेटी पर आरोप लगाए थे कि 2 दिसंबर को फैसला सुनाए जाने के बाद से ही उन्हें हटाए जाने की स्क्रिप्ट तैयार हो चुकी थी। लेकिन, दूसरी तरफ जांच कमेटी ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह की जांच रिपोर्ट में उन पर कई और आरोप भी लगा दिए हैं। जिसमें ज्ञानी हरप्रीत सिंह की तरफ से अपना स्पष्टीकरण या पक्ष रखते समय 15 मिनट कीर्तन रुकवाना, राघव चड्‌ढा की मंगनी और पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के बेटे की शादी में जाना प्रमुख है। कमेटी का आरोप है कि ऐसा करके सिखों के मनों को ठेस पहुंचाई गई है। मंगनी में जाकर मर्यादा भूले जत्थेदार दरअसल, विरसा सिंह वल्टोहा ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह पर इल्जाम लगाए थे। इनमें से कुछ आरोपों को कमेटी ने सही माना। जिसमें कहा गया था कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बेटे, जो पतित सिख हैं, के आनंद कारज (सिख मर्यादा के अनुसार विवाह) में अरदास की थी। इसके साथ ही राघव चड्‌ढा व परिणीति चौपड़ा की सगाई के समय सभी पार्टी लीडरों की गाड़ियां अंदर जा रही थी, लेकिन सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह की गाड़ी सिक्योरिटी की तरफ से चेक करना, उनका पैदल चलकर अंदर जाना और वहां फिल्म हीरोइनों को मिलना जत्थेदार के पद पर होकर ऐसा करना सिखों की मर्यादा को ठेस पहुंचाना है और ये सही नहीं है। कीर्तन रुकवाकर स्पष्टीकरण देना भी गलत कमेटी ने पांच प्यारों के साथ भी मुलाकात की है। जिसमें पांच प्यारों ने स्पष्ट कहा कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने 18 दिसंबर को तख्त श्री दमदमा साहिब पर कीर्तन को 15 मिनट के लिए रुकवाया था और अपना स्पष्टीकरण दिया था। इस तरह से उनका तख्त साहिब पर स्पष्टीकरण देना गलत है। इस पर चर्चा के लिए ही कमेटी जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से मिला चाहती थी। इसके लिए उन्हें बुलाया गया, वॉट्सऐप पर मैसेज भी भेजे गए। लेकिन उन्होंने मिलना उचित नहीं समझा। कमेटी की जांच रिपोर्ट पढ़ें- बीते दिन बैठक में मानी गई रिपोर्ट शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की कार्यकारिणी की बैठक सोमवार को अमृतसर में बुलाई गई थी। जिसमें श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सेवाओं को समाप्त कर दिया गया। बैठक की अध्यक्षता एसजीपीसी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने की थी। बैठक में ज्ञानी हरप्रीत सिंह की जांच कर रहे कमेटी की रिपोर्ट को पेश किया गया था। एसजीपीसी सदस्यों का कहना था कि इस बैठक में इसे हिडन (छिपाया गया) एजेंडे के तौर पर रखा गया। बैठक में 13 सदस्य मौजूद थे, जिनमें से तीन ने इसका विरोध किया, बाकि की सहमति को देखते हुए रिपोर्ट को मान लिया गया और ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सेवाएं समाप्त कर दी गईं। पंजाब में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) द्वारा ज्ञानी हरप्रीत सिंह को श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार पद से हटाए जाने के बाद जांच रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें साफ लिखा गया है कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह को जब अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया तो उन्होंने आने से ही मना कर दिया। इतना ही नहीं, जांच कमेटी ने पारिवारिक मामलों की जांच के साथ-साथ ज्ञानी हरप्रीत सिंह पर कई और आरोप भी लगाए हैं। वहीं, बीते दिन ही ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने स्पष्ट कर दिया था कि जत्थेदार रहते हुए उनका कमेटी के सामने पेश होना सही नहीं है। उन्होंने बीते दिन ही जांच कमेटी पर आरोप लगाए थे कि 2 दिसंबर को फैसला सुनाए जाने के बाद से ही उन्हें हटाए जाने की स्क्रिप्ट तैयार हो चुकी थी। लेकिन, दूसरी तरफ जांच कमेटी ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह की जांच रिपोर्ट में उन पर कई और आरोप भी लगा दिए हैं। जिसमें ज्ञानी हरप्रीत सिंह की तरफ से अपना स्पष्टीकरण या पक्ष रखते समय 15 मिनट कीर्तन रुकवाना, राघव चड्‌ढा की मंगनी और पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के बेटे की शादी में जाना प्रमुख है। कमेटी का आरोप है कि ऐसा करके सिखों के मनों को ठेस पहुंचाई गई है। मंगनी में जाकर मर्यादा भूले जत्थेदार दरअसल, विरसा सिंह वल्टोहा ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह पर इल्जाम लगाए थे। इनमें से कुछ आरोपों को कमेटी ने सही माना। जिसमें कहा गया था कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के बेटे, जो पतित सिख हैं, के आनंद कारज (सिख मर्यादा के अनुसार विवाह) में अरदास की थी। इसके साथ ही राघव चड्‌ढा व परिणीति चौपड़ा की सगाई के समय सभी पार्टी लीडरों की गाड़ियां अंदर जा रही थी, लेकिन सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह की गाड़ी सिक्योरिटी की तरफ से चेक करना, उनका पैदल चलकर अंदर जाना और वहां फिल्म हीरोइनों को मिलना जत्थेदार के पद पर होकर ऐसा करना सिखों की मर्यादा को ठेस पहुंचाना है और ये सही नहीं है। कीर्तन रुकवाकर स्पष्टीकरण देना भी गलत कमेटी ने पांच प्यारों के साथ भी मुलाकात की है। जिसमें पांच प्यारों ने स्पष्ट कहा कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने 18 दिसंबर को तख्त श्री दमदमा साहिब पर कीर्तन को 15 मिनट के लिए रुकवाया था और अपना स्पष्टीकरण दिया था। इस तरह से उनका तख्त साहिब पर स्पष्टीकरण देना गलत है। इस पर चर्चा के लिए ही कमेटी जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से मिला चाहती थी। इसके लिए उन्हें बुलाया गया, वॉट्सऐप पर मैसेज भी भेजे गए। लेकिन उन्होंने मिलना उचित नहीं समझा। कमेटी की जांच रिपोर्ट पढ़ें- बीते दिन बैठक में मानी गई रिपोर्ट शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की कार्यकारिणी की बैठक सोमवार को अमृतसर में बुलाई गई थी। जिसमें श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सेवाओं को समाप्त कर दिया गया। बैठक की अध्यक्षता एसजीपीसी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने की थी। बैठक में ज्ञानी हरप्रीत सिंह की जांच कर रहे कमेटी की रिपोर्ट को पेश किया गया था। एसजीपीसी सदस्यों का कहना था कि इस बैठक में इसे हिडन (छिपाया गया) एजेंडे के तौर पर रखा गया। बैठक में 13 सदस्य मौजूद थे, जिनमें से तीन ने इसका विरोध किया, बाकि की सहमति को देखते हुए रिपोर्ट को मान लिया गया और ज्ञानी हरप्रीत सिंह की सेवाएं समाप्त कर दी गईं।   पंजाब | दैनिक भास्कर