हरियाणा के करनाल की एक बेटी ने अपने ससुराल वालों पर दहेज उत्पीड़न, मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। पीड़िता पर मायके से कार और तीन लाख रुपये लाने का दबाव बनाया गया। पीड़िता ने अपने पति के चरित्र पर भी सवाल उठाए हैं। इतना ही नहीं विवाहिता की बेटी को छीनकर उसे ससुराल से निकाल दिया गया। पंचायतें भी हुईं, जब ससुराल वाले नहीं माने तो पीड़िता ने पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है। बचपन में ही माता-पिता का निधन शिकायत में विवाहिता ने बताया कि उसके माता-पिता बचपन में ही उसे छोड़कर चले गए थे और उसका पालन-पोषण उसके चाचा ने किया था। उसकी शादी 3 मई 2021 को कैथल जिले के राजौंद गांव में प्रवीण से हुई थी। फिलहाल उसका पति और परिवार मधुबन थाना क्षेत्र के भुसली गांव में रहता है। आरोप है कि शादी के कुछ ही महीनों बाद से सास, जेठानी, और ननद ने दहेज के लिए ताने मारने शुरू कर दिए और तीन लाख रुपए और कार की मांग की। महक ने बताया कि उसे दहेज के लिए लगातार परेशान किया जाता रहा और उसके साथ मारपीट भी की गई। ससुराल में दहेज की मांग और उत्पीड़न विवाहिता के अनुसार, उसकी शादी के बाद से ही उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। उसकी सास, जेठानी, और ननद ने उस पर तीन लाख रुपये और एक कार लाने का दबाव बनाया। जब उसने विरोध किया, तो उसे गालियां दी गईं और मारपीट की गई। पीड़िता ने बताया कि उसके पति प्रवीन का उसकी जेठानी के साथ अवैध संबंध है और जब उसने इसका विरोध किया तो उसे बुरी तरह पीटा गया। जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने के आरोप पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में आगे बताया कि उसके जेठ ने भी उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की और जब उसने इसका विरोध किया, तो उसकी सास और जेठानी ने उसे धमकाया और मारपीट की।विवाहिता ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान उसे उचित इलाज और पोषण नहीं दिया गया और उसे मायके जाकर इलाज कराने को कहा गया। उसकी बेटी का जन्म रोहतक के अस्पताल में हुआ, जिसका खर्च उसके चाचा ने उठाया। पुलिस में शिकायत विवाहिता ने 03 दिसंबर 2023 को राजौंद थाना में अपने ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने सभी दोषियों को बुलाकर उनसे पूछताछ की और उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की और भविष्य में महक को परेशान न करने का वादा किया। इसके बावजूद, कुछ ही दिनों बाद, उसके साथ फिर से मारपीट की गई और उसकी बेटी को छीनकर उसे घर से निकाल दिया गया। जिसके बाद पीड़िता ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है। उसने अपने ससुराल वालों के खिलाफ मारपीट, दहेज मांगने, और जान से मारने की धमकी देने के लिए सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उसने पुलिस से अपने जान-माल की सुरक्षा की भी मांग की है। शिकायत पर मामला दर्ज मधुबन थाना की जांच अधिकारी आशा ने बताया कि पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल शिकायत के आधार पर ससुराल पक्ष के लोगों पर धारा 323, 498-A, 406, 506, 354, और 34 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। हरियाणा के करनाल की एक बेटी ने अपने ससुराल वालों पर दहेज उत्पीड़न, मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। पीड़िता पर मायके से कार और तीन लाख रुपये लाने का दबाव बनाया गया। पीड़िता ने अपने पति के चरित्र पर भी सवाल उठाए हैं। इतना ही नहीं विवाहिता की बेटी को छीनकर उसे ससुराल से निकाल दिया गया। पंचायतें भी हुईं, जब ससुराल वाले नहीं माने तो पीड़िता ने पुलिस में शिकायत की। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है। बचपन में ही माता-पिता का निधन शिकायत में विवाहिता ने बताया कि उसके माता-पिता बचपन में ही उसे छोड़कर चले गए थे और उसका पालन-पोषण उसके चाचा ने किया था। उसकी शादी 3 मई 2021 को कैथल जिले के राजौंद गांव में प्रवीण से हुई थी। फिलहाल उसका पति और परिवार मधुबन थाना क्षेत्र के भुसली गांव में रहता है। आरोप है कि शादी के कुछ ही महीनों बाद से सास, जेठानी, और ननद ने दहेज के लिए ताने मारने शुरू कर दिए और तीन लाख रुपए और कार की मांग की। महक ने बताया कि उसे दहेज के लिए लगातार परेशान किया जाता रहा और उसके साथ मारपीट भी की गई। ससुराल में दहेज की मांग और उत्पीड़न विवाहिता के अनुसार, उसकी शादी के बाद से ही उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा। उसकी सास, जेठानी, और ननद ने उस पर तीन लाख रुपये और एक कार लाने का दबाव बनाया। जब उसने विरोध किया, तो उसे गालियां दी गईं और मारपीट की गई। पीड़िता ने बताया कि उसके पति प्रवीन का उसकी जेठानी के साथ अवैध संबंध है और जब उसने इसका विरोध किया तो उसे बुरी तरह पीटा गया। जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने के आरोप पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में आगे बताया कि उसके जेठ ने भी उसके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाने की कोशिश की और जब उसने इसका विरोध किया, तो उसकी सास और जेठानी ने उसे धमकाया और मारपीट की।विवाहिता ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान उसे उचित इलाज और पोषण नहीं दिया गया और उसे मायके जाकर इलाज कराने को कहा गया। उसकी बेटी का जन्म रोहतक के अस्पताल में हुआ, जिसका खर्च उसके चाचा ने उठाया। पुलिस में शिकायत विवाहिता ने 03 दिसंबर 2023 को राजौंद थाना में अपने ससुराल वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने सभी दोषियों को बुलाकर उनसे पूछताछ की और उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की और भविष्य में महक को परेशान न करने का वादा किया। इसके बावजूद, कुछ ही दिनों बाद, उसके साथ फिर से मारपीट की गई और उसकी बेटी को छीनकर उसे घर से निकाल दिया गया। जिसके बाद पीड़िता ने पुलिस से न्याय की गुहार लगाई है। उसने अपने ससुराल वालों के खिलाफ मारपीट, दहेज मांगने, और जान से मारने की धमकी देने के लिए सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उसने पुलिस से अपने जान-माल की सुरक्षा की भी मांग की है। शिकायत पर मामला दर्ज मधुबन थाना की जांच अधिकारी आशा ने बताया कि पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल शिकायत के आधार पर ससुराल पक्ष के लोगों पर धारा 323, 498-A, 406, 506, 354, और 34 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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बवानी खेड़ा में चुनाव में विकास बना मुद्दा:लोग बोले- काम करते तो बन जाती बात; कांग्रेस व बीजेपी से कई दावेदार हरियाणा में विधानसभा चुनावों को लेकर बिगुल बज चुका है। चुनाव आयोग ने तारीख निर्धारित कर दी है। बवानी खेड़ा विधान सभा की बात की जाए तो कांग्रेस से लगभग 78 दावेदार है, तो बीजेपी में भी दर्जनों उम्मीदवार दावेदारी कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव को लेकर लोगों ने कहा कि पार्टी उम्मीदवार चुनाव से पहले कस्बा में रिहायश बनाकर यहां विकास के साथ हर दुख सुख में साथी बनने का वायदा करता है। लेकिन कस्बा की किस्मत इस मामले में फूटी हुई है। यहां से जीतने के बाद यहां का नुमाईंदा यहां शकल दिखाना भी पसंद नहीं करता। जनता के फोन उठाने में भी नुमांदों को शर्म आने लगती है। लेकिन इस बार 2024 के चुनावों में बड़ा उलटफेर होने का अंदेशा साफ दिखाई दे रहा है। टिकट न मिलने पर दूसरी पार्टी के टच में नेता बवानी खेड़ा में कांग्रेस पार्टी से लगभग 78 दावेदार है, तो बीजेपी में भी दर्जनों उम्मीदवार है जो टिकट का दावा कर रहे हैं। लेकिन टिकट एक को ही मिलनी है, कुछ उम्मीदवार ऐसे हैं जो पिछले काफी समय से अपने आकाओं को संतुष्ट करने के लिए काम-दाम-दंड-भेद सब अपना कर भीड़ दिखाने का प्रयास रहे हैं। लेकिन उनकी स्वयं की हरकतों से अब उन्हें अंदेशा होने लगा है कि उनके हाथ टिकट नहीं आने वाली जिसके कारण वे दूसरी पार्टी में सेटिंग के लिए जुगाड़ भिड़ा रहे हैं चाहे दूसरी पार्टियों के चर्चे भी कुछ खास न हो। चाहे चुनाव का परिणाम जो भी हो लेकिन उनकी मंशा विधानसभा चुनाव लड़ना है। जनता में आकर उनकी सुनते तो बन सकती थी फिर बात बवानी खेड़ा से ऐसे-ऐसे नेता भी हैं जिन्होंने जनता की सुनी और उनके दिल पर राज किया और जनता ने भी उन्हें पलकों पर बैठाया और हैट्रिक का तोहफा दिया। लेकिन कुछ नेता ऐसे भी हैं यदि पार्टी उन्हें टिकट दे, तो हैट्रिक बना सकते थे यदि जनता के बीच आकर दुख-दर्द के साथी बनते। लेकिन अब कुछ लोगों तक ही सिमट कर रह गए। इसबार कस्बा की जनता चाहती है हलके की बागडोर स्थानीय नेता को दी जाए, ताकि यहीं रहकर कस्बा सहित हलके का विकास करे। लेकिन ये तो वक्त बताएगा की पार्टी किसको टिकट देती है और जनता किसके पक्ष में मतदान करती है। करोड़ों खर्च किए पर नहीं बन पाई बात बवानी खेड़ा में भाजपा सरकार के विकास की बात करें तो पंडित दीन दयाल उपाध्याय पर्यटन स्थल जिसका टैंडर लगभग एक करोड़ से कम का था। इसे रिवाइज करके तीन करोड़ पहुंचा दिया लेकिन ये झील कभी पूरी हो ही नहीं पाई। पहले यहां पालतू पशु पानी पीते थे। आज यह डरावना कुंआ बना हुआ है। इसी झील की दो बार विजिलेंस इंक्वारी हुई लेकिन कुछ हल नहीं निकला। वहीं हांसी चुंगी पर करोड़ों की लागत से अग्निशमन केन्द्र व डॉ. हेडग्वार सभागार बनाया गया। जिसे बने हुए लगभग तीन वर्ष हो चुके हैं लेकिन इसका उद्घाटन अभी तक नहीं हुआ और ये भन जर्जर हालत में हो रहे हैं। इसके अलावा सीवरेज व्यवस्था पर करोड़ों खर्च हुए लेकिन ये कस्बावासियों के गले की फांस बनी हुई है। ऐसा रहा बवानी खेड़ा विधान सभा का इतिहास इतिहास खंगालने व जानकारों की मानें तो 1967 में जगन्नाथ, 1968 में सूबेदार प्रभु सिंह, 1972 अमर सिंह, 1977 जगन्नाथ, 1982 में अमर सिंह, 1987 में जगन्नाथ, 1991 में अमर सिंह, 1996 में जगन्नाथ, 2000-2005-2009 रामकिशन फौजी, 2014, 2019 विशंभर वाल्मीकि ने विजय हासिल की। यहां से नेताओं को मंत्रिमंडल में भी स्थान मिला। लेकिन विकास के नाम पर क्या और कितना हुआ किसी से छिपा नहीं। आज करोड़ों रूपए लगाने पश्चात भवन खंडहर बनने को मजबूर दिखाई दे रहे हैं। मंत्री बनने के बाद हलका विकास के मामले में चमकना चाहिए था। लेकिन विकास कस्बा व हलके से कोसों दूर दिखाई देता है।
हरियाणा सरकार ने बर्थ सर्टिफिकेट में दी छूट:15 साल की उम्र पार कर चुके बच्चे का नाम दर्ज करवा सकेंगे, स्कूल का डॉक्यूमेंट जरूरी
हरियाणा सरकार ने बर्थ सर्टिफिकेट में दी छूट:15 साल की उम्र पार कर चुके बच्चे का नाम दर्ज करवा सकेंगे, स्कूल का डॉक्यूमेंट जरूरी हरियाणा में 15 साल से ऊपर की उम्र पार कर चुके बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट में नाम जुड़वा सकते हैं। हरियाणा सरकार ने नियमों में ढील देते इस साल के अंत तक का समय दिया है। इससे हजारों परिवारों को राहत मिलेगी। 15 साल उम्र के बच्चों के पेरेंट्स बिना झंझट के नाम दर्ज करवा पाएंगे। सरकार द्वारा जारी किए गए नियम से जन्म प्रमाणपत्र के खाली कॉलम में नाम लिखवाने की प्रक्रिया बहुत ही आसान हो गई है। इसमें नाम मात्र फीस अधिकतम 30 रुपए देकर नाम दर्ज करवाया जा सकता है। पहले जन्म प्रमाणपत्र के खाली कॉलम में केवल जन्म से 15 वर्ष तक ही नाम दर्ज करवाया जा सकता था। ऐसे स्टूडेंट्स जिन्होंने बर्थ सर्टिफिकेट में नाम दर्ज नहीं करवाया था उनको अब दिक्कत आने लग गई थी। बर्थ सर्टिफिकेट ऐसा प्रमाण पत्र है जिसकी हर जगह जरूरत होती है। इसलिए जरूरत महसूस हुई
आज लोग बर्थ सर्टिफिकेट को लेकर जागरूक हैं क्योंकि बच्चों का आधार कार्ड बनाने के लिए इसे आवश्यक किया हुआ है, मगर पहले ऐसा नहीं था। पेरेंट्स इस जरूरी दस्तावेज के लिए ध्यान नहीं देते थे। मगर सरकार ने इसे जरूरी कर दिया है। राज्य सरकार ही नहीं बल्कि केंद्र की योजनाओं में आवेदन या पासपोर्ट आवेदन आदि में बर्थ सर्टिफिकेट के जरिए नाम और उम्र की तसल्ली की जाती है। सरकार के पास ऐसे कई अभिभावकों की शिकायतें पहुंच रही थी। जिसको देखते हुए हरियाणा सरकार ने यह राहत प्रदान की है। सैकड़ों ऐसे बच्चे हैं, जिनका अभी तक भी जन्म प्रमाणपत्र में नाम दर्ज नहीं है। 31 दिसंबर 2024 तक समय
हिसार नगर निगम जन्म-मृत्यु शाखा रजिस्ट्रार राहुल सैनी ने बताया कि जन्म प्रमाण पत्र में बच्चे का नाम दर्ज करवाने के लिए जन्म से 15 साल तक ही आवेदन कर सकते थे। अब 15 वर्ष से ऊपर के बच्चे 31 दिसंबर 2024 तक जन्म प्रमाणपत्र में अपना नाम दर्ज करवा सकते हैं। पहले जन्म प्रमाणपत्र के खाली कॉलम में केवल जन्म से 15 वर्ष तक ही नाम दर्ज करवाया जा सकता था, लेकिन सरकार द्वारा इस संबंध में 10 फरवरी 2021 में जारी अधिसूचना के अनुसार 15 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के नाम जिनके जन्म प्रमाण पत्र में नाम का कॉलम खाली हैं वो अपना नाम दर्ज करवा सकते हैं। यह दस्तावेज जरूरी
हरियाणा सरकार विनेश को देगी 4 करोड़ रुपए:CM सैनी का ऐलान; बोले- वे राज्य की बहादुर बेटी, उनका स्वागत चैंपियन जैसा होगा
हरियाणा सरकार विनेश को देगी 4 करोड़ रुपए:CM सैनी का ऐलान; बोले- वे राज्य की बहादुर बेटी, उनका स्वागत चैंपियन जैसा होगा पेरिस ओलिंपिक 2024 में 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती वर्ग से बाहर होने के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने उनके लिए बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि हमारी हरियाणा की बहादुर बेटी विनेश फोगाट ने शानदार प्रदर्शन करते हुए ओलिंपिक के फाइनल में प्रवेश किया है। किसी भी कारण से वह ओलंपिक का फाइनल नहीं खेल पाई हो, लेकिन वह हम सभी के लिए चैंपियन है। हमारी सरकार ने फैसला किया है कि विनेश फोगाट का पदक विजेता की तरह स्वागत और सम्मान किया जाएगा। सीएम ने कहा कि हरियाणा सरकार ओलंपिक रजत पदक विजेता को जो सम्मान, ईनाम और सुविधाएं देती है वे सभी विनेश फौगाट को भी कृतज्ञता पूर्वक दी जाएंगी। यहां पढ़िए फौगाट को कितने रुपए मिलेंगे… हरियाणा सरकार ने पेरिस ओलंपिक में खिलाड़ी के द्वारा मेडल जीतने पर पहले से ही घोषणा की हुई थी। सरकार की ओर से ऐलान किया गया था कि पेरिस ओलिंपिक में जो भी खिलाड़ी गोल्ड मेडल लेकर आएगा उसे 6 करोड़ रुपए, सिल्वर जीतने पर 4 करोड़ और ब्रांज जीतने पर 2.5 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। फौगाट सिल्वर मेडल के मुकाबले को जीत चुकी थी, इसलिए उन्हें 4 करोड़ रुपए सरकार की ओर से दिए जाएंगे। इसके अलावा, सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया गया है। पंजाब की LPU 25 लाख रुपए देगी लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU) ने विनेश फोगाट को 25 लाख रुपए देने का ऐलान किया है। एलपीयू के फाउंडर एवं राज्यसभा सांसद अशोक कुमार मित्तल ने कहा कि हमारे लिए विनेश अभी भी पदक विजेता है। उनकी यात्रा के दौरान उनके समर्पण और कौशल को मान्यता मिलना चाहिए। हमें उन्हें 25 लाख की पुरस्कार राशि प्रदान करने पर गर्व है, जो सिल्वर मेडल विजेताओं के लिए आरक्षित थी। गोल्ड मेडल मैच से पहले बाहर विनेश फोगाट पेरिस ओलंपित में कुश्ती के 50 किलो भार वर्ग में गोल्ड मेडल के लिए फाइनल मैच में पहुंची थी, लेकिन ओवरवेट की वजह से उन्हें डिस्क्वलीफाई कर दिया गया। इसके बाद जमकर बवाल देखने को मिला। वहीं, डिहाईड्रेशन की वजह से विनेश को अस्पताल में भी भर्ती करना पड़ा था। बता दें कि विनेश फोगाट हरियाणा के चरखी दादरी की रहने वाली हैं और सोनीपत के खरखोदा में उनकी शादी हुई है।