हरियाणा के करनाल जिले के किसान की गाय ‘सोनी’ ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उसने 24 घंटे में 87 किलो 740 ग्राम दूध देकर एशिया में सबसे ज्यादा दूध देने वाली गाय का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यह ऐतिहासिक उपलब्धि राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (NDRI) करनाल में आयोजित डेयरी मेले में दर्ज हुई। दूसरे नंबर पर रहने वाली गाय ने 70 किलो 548 ग्राम दूध दिया। दोनों गाय एक ही किसान सुनील मेहला की हैं और हॉल्स्टीन फ्रिसियन (HF) नस्ल की हैं। यह उपलब्धि इसलिए भी खास है, क्योंकि उनकी डेयरी की गाय ने ही लगातार दूसरी बार अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ा है। लगातार खुद के रिकॉर्ड तोड़ रही हैं मेहला परिवार की गायें
झिंझाड़ी गांव के सुनील मेहला ने बताया कि 26 से 28 फरवरी तक करनाल स्थित NDRI में डेयरी मेला आयोजित हुआ था। इस दौरान उनकी गाय ने 87 किलो 740 ग्राम दूध देकर नया रिकॉर्ड बनाया। इससे पहले, 2024 में कुरुक्षेत्र DFA मेले में उनकी ही डेयरी की गाय ने 80 किलो 756 ग्राम दूध देकर रिकॉर्ड बनाया था, जिसे अब उनकी दूसरी गाय सोनी ने तोड़ा। 2017 से डेयरी प्रतियोगिताओं में लगातार धाक
सुनील ने बताया कि उनके दादा और पिता भी पशुपालन से जुड़े थे। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने नौकरी की बजाय पशुपालन को ही अपनाया और 2014 में खुद की ब्रीडिंग शुरू की। 2017 में पहली बार प्रतियोगिताओं में भाग लेने का फैसला किया। इसी साल NDRI में आयोजित प्रतियोगिता में उनकी गाय ने 48 किलोग्राम दूध देकर दूसरा स्थान हासिल किया था। इसके बाद कुरुक्षेत्र DFA मेले में अब तक उनकी गाय 6 बार भाग ले चुकी है, जिसमें 5 बार पहला स्थान और 1 बार दूसरा स्थान प्राप्त किया है। हर साल 30-35 नए बछड़े, सोनी जैसी गायों को बेचने का सवाल ही नहीं
सुनील के भाई शैंकी ने बताया कि उनके डेयरी फार्म पर हर साल 30 से 35 बछड़े और बछड़ियां पैदा होती हैं। इनमें से 10-15 गायों को बेचा भी जाता है, लेकिन जो गायें रिकॉर्ड बनाती हैं, उन्हें बेचने का सवाल ही नहीं उठता। सोनी जैसी गायों की ब्रीडिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे भविष्य में दूध उत्पादन और भी बढ़ेगा। सोनी की खासियत: 8 साल की उम्र, 5 बार मेले में विजेता
शैंकी ने बताया कि सोनी उनकी डेयरी की सबसे पहली बछड़ी थी, जिससे उन्हें खास लगाव रहा है। यही कारण है कि उसकी देखभाल भी विशेष रूप से की जाती है। अब तक वह 5 बार ब्यांत कर चुकी है और जब भी प्रतियोगिताओं में गई, तीन बार पहला स्थान, एक बार दूसरा और एक बार तीसरा स्थान हासिल किया। इस गाय को वे भाग्यशाली मानते हैं और इसकी उम्र फिलहाल 8 साल है। 100 से ज्यादा पशु, दूध नेस्ले को बेचते हैं
सुनील ने बताया कि उनके पास 100 से अधिक पशु हैं, जिनमें ज्यादातर HF नस्ल की गायें हैं। उनके डेयरी का दूध नेस्ले जैसी कंपनियों को बेचा जाता है, जो 38 से 40 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से खरीदा जाता है। उन्होंने बताया कि सोनी सहित अन्य गायों के खान-पान पर विशेष ध्यान दिया जाता है। उन्हें बेहतरीन चारा, खल और अन्य पोषक तत्व दिए जाते हैं, जिससे उनका स्वास्थ्य और दूध उत्पादन दोनों बेहतर रहे। पशुपालकों को दी सलाह, सही जानकारी लेकर ही करें पशुपालन
सुनील ने अन्य पशुपालकों को सलाह दी कि यदि वे पशुपालन करना चाहते हैं तो इसकी पूरी जानकारी लें। सही देखभाल और सही ब्रीडिंग से ही सफलता मिलती है। उन्होंने कहा कि यदि किसी तरह की समस्या आती है तो घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सही मार्गदर्शन लेकर आगे बढ़ना चाहिए। हरियाणा के करनाल जिले के किसान की गाय ‘सोनी’ ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। उसने 24 घंटे में 87 किलो 740 ग्राम दूध देकर एशिया में सबसे ज्यादा दूध देने वाली गाय का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यह ऐतिहासिक उपलब्धि राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (NDRI) करनाल में आयोजित डेयरी मेले में दर्ज हुई। दूसरे नंबर पर रहने वाली गाय ने 70 किलो 548 ग्राम दूध दिया। दोनों गाय एक ही किसान सुनील मेहला की हैं और हॉल्स्टीन फ्रिसियन (HF) नस्ल की हैं। यह उपलब्धि इसलिए भी खास है, क्योंकि उनकी डेयरी की गाय ने ही लगातार दूसरी बार अपने ही रिकॉर्ड को तोड़ा है। लगातार खुद के रिकॉर्ड तोड़ रही हैं मेहला परिवार की गायें
झिंझाड़ी गांव के सुनील मेहला ने बताया कि 26 से 28 फरवरी तक करनाल स्थित NDRI में डेयरी मेला आयोजित हुआ था। इस दौरान उनकी गाय ने 87 किलो 740 ग्राम दूध देकर नया रिकॉर्ड बनाया। इससे पहले, 2024 में कुरुक्षेत्र DFA मेले में उनकी ही डेयरी की गाय ने 80 किलो 756 ग्राम दूध देकर रिकॉर्ड बनाया था, जिसे अब उनकी दूसरी गाय सोनी ने तोड़ा। 2017 से डेयरी प्रतियोगिताओं में लगातार धाक
सुनील ने बताया कि उनके दादा और पिता भी पशुपालन से जुड़े थे। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने नौकरी की बजाय पशुपालन को ही अपनाया और 2014 में खुद की ब्रीडिंग शुरू की। 2017 में पहली बार प्रतियोगिताओं में भाग लेने का फैसला किया। इसी साल NDRI में आयोजित प्रतियोगिता में उनकी गाय ने 48 किलोग्राम दूध देकर दूसरा स्थान हासिल किया था। इसके बाद कुरुक्षेत्र DFA मेले में अब तक उनकी गाय 6 बार भाग ले चुकी है, जिसमें 5 बार पहला स्थान और 1 बार दूसरा स्थान प्राप्त किया है। हर साल 30-35 नए बछड़े, सोनी जैसी गायों को बेचने का सवाल ही नहीं
सुनील के भाई शैंकी ने बताया कि उनके डेयरी फार्म पर हर साल 30 से 35 बछड़े और बछड़ियां पैदा होती हैं। इनमें से 10-15 गायों को बेचा भी जाता है, लेकिन जो गायें रिकॉर्ड बनाती हैं, उन्हें बेचने का सवाल ही नहीं उठता। सोनी जैसी गायों की ब्रीडिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जिससे भविष्य में दूध उत्पादन और भी बढ़ेगा। सोनी की खासियत: 8 साल की उम्र, 5 बार मेले में विजेता
शैंकी ने बताया कि सोनी उनकी डेयरी की सबसे पहली बछड़ी थी, जिससे उन्हें खास लगाव रहा है। यही कारण है कि उसकी देखभाल भी विशेष रूप से की जाती है। अब तक वह 5 बार ब्यांत कर चुकी है और जब भी प्रतियोगिताओं में गई, तीन बार पहला स्थान, एक बार दूसरा और एक बार तीसरा स्थान हासिल किया। इस गाय को वे भाग्यशाली मानते हैं और इसकी उम्र फिलहाल 8 साल है। 100 से ज्यादा पशु, दूध नेस्ले को बेचते हैं
सुनील ने बताया कि उनके पास 100 से अधिक पशु हैं, जिनमें ज्यादातर HF नस्ल की गायें हैं। उनके डेयरी का दूध नेस्ले जैसी कंपनियों को बेचा जाता है, जो 38 से 40 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से खरीदा जाता है। उन्होंने बताया कि सोनी सहित अन्य गायों के खान-पान पर विशेष ध्यान दिया जाता है। उन्हें बेहतरीन चारा, खल और अन्य पोषक तत्व दिए जाते हैं, जिससे उनका स्वास्थ्य और दूध उत्पादन दोनों बेहतर रहे। पशुपालकों को दी सलाह, सही जानकारी लेकर ही करें पशुपालन
सुनील ने अन्य पशुपालकों को सलाह दी कि यदि वे पशुपालन करना चाहते हैं तो इसकी पूरी जानकारी लें। सही देखभाल और सही ब्रीडिंग से ही सफलता मिलती है। उन्होंने कहा कि यदि किसी तरह की समस्या आती है तो घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि सही मार्गदर्शन लेकर आगे बढ़ना चाहिए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
