हरियाणा के करनाल में निकाय चुनावों के लिए टिकट बंटवारे के बाद असंतोष खुलकर सामने आने लगा है। भाजपा कार्यकर्ताओं में इस बात की नाराजगी है कि जो लोग सालों से पार्टी की सेवा कर रहे थे, उन्हें दरकिनार कर दिया गया। जबकि हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में आए लोगों को टिकट दे दिया गया। इसी को लेकर भाजपा मोहदीनपुर मंडल के उपाध्यक्ष कृष्ण रोड़ ने अपने समर्थकों के साथ सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने विधानसभा स्पीकर हरविंद्र कल्याण पर भी अनदेखी के आरोप लगाए हैं और कहा कि उन्हें झूठे आश्वासन दिए गए, लेकिन अंत में टिकट नहीं मिला। 6 साल से भाजपा के लिए कर रहे थे काम, फिर भी मिला धोखा कृष्ण रोड का कहना है कि वह पिछले 6 सालों से भाजपा के लिए काम कर रहे थे। घरौंडा विधायक और विधानसभा स्पीकर हरविंद्र कल्याण के साथ पार्टी के मुख्य कार्यकर्ताओं में उनका नाम शामिल था। उन्होंने कहा कि उनकी नाराजगी इस बात से है कि टिकट के लिए जितनी मेहनत उन्होंने और उनके साथियों ने की, उसका कोई परिणाम नहीं मिला। उल्टा टिकट ऐसे व्यक्ति को दिया गया जो कुछ महीने पहले ही कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुआ था। टिकट फाइनल होने से पहले तक मिला था भरोसा, फिर भी नाम काट दिया कृष्ण रोड़ ने आरोप लगाया कि हरविंद्र कल्याण ने उन्हें टिकट देने का आश्वासन दिया था और यह बात टिकट घोषित होने से महज पांच मिनट पहले की है। लेकिन अंतिम क्षणों में उनका नाम काट दिया गया। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं देना था तो कम से कम ईश्वर सिंह या फिर विकास कल्याण को ही टिकट दिया जाता। उन्होंने कहा कि विकास कल्याण स्पीकर के परिवार से हैं और उनके पिता पिछले 35 सालों से भाजपा की सेवा कर रहे हैं, लेकिन फिर भी उनके साथ अन्याय हुआ। पंजाबियों को ही क्यों मिल रहा टिकट कृष्ण रोड़ ने कहा कि करनाल में अगर कोई चुनाव लड़ता है तो उसका पंजाबी होना जरूरी है। 20 में से 10 टिकट पंजाबी उम्मीदवारों को दे दिए गए, लेकिन उनकी रोड बिरादरी से एक भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया गया। उन्होंने इसे बेहद शर्मनाक बताया और कहा कि जब विधानसभा के अध्यक्ष उनकी बिरादरी से आते हैं, तो फिर भी उनके समुदाय के लिए एक भी टिकट नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। बूथ अध्यक्षों और शक्ति केंद्र प्रमुखों ने भी छोड़ा साथ कृष्ण रोड ने कहा कि वह मोहदीनपुर मंडल के उपाध्यक्ष होने के साथ-साथ करनाल के एक शक्ति केंद्र प्रमुख भी हैं। लेकिन अब उन्होंने अपने साथी कार्यकर्ताओं के साथ सामूहिक रूप से भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। उनके साथ कई बूथ अध्यक्ष, शक्ति केंद्र प्रमुख और पूरी कार्यकारिणी ने भी पद छोड़ दिए। उनका कहना है कि अगर पार्टी में मेहनती कार्यकर्ताओं को ही नजरअंदाज किया जाएगा और पैसे या दबाव के चलते टिकट बांटे जाएंगे, तो फिर पार्टी के लिए काम करने का कोई मतलब नहीं रह जाता। हरियाणा के करनाल में निकाय चुनावों के लिए टिकट बंटवारे के बाद असंतोष खुलकर सामने आने लगा है। भाजपा कार्यकर्ताओं में इस बात की नाराजगी है कि जो लोग सालों से पार्टी की सेवा कर रहे थे, उन्हें दरकिनार कर दिया गया। जबकि हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में आए लोगों को टिकट दे दिया गया। इसी को लेकर भाजपा मोहदीनपुर मंडल के उपाध्यक्ष कृष्ण रोड़ ने अपने समर्थकों के साथ सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने विधानसभा स्पीकर हरविंद्र कल्याण पर भी अनदेखी के आरोप लगाए हैं और कहा कि उन्हें झूठे आश्वासन दिए गए, लेकिन अंत में टिकट नहीं मिला। 6 साल से भाजपा के लिए कर रहे थे काम, फिर भी मिला धोखा कृष्ण रोड का कहना है कि वह पिछले 6 सालों से भाजपा के लिए काम कर रहे थे। घरौंडा विधायक और विधानसभा स्पीकर हरविंद्र कल्याण के साथ पार्टी के मुख्य कार्यकर्ताओं में उनका नाम शामिल था। उन्होंने कहा कि उनकी नाराजगी इस बात से है कि टिकट के लिए जितनी मेहनत उन्होंने और उनके साथियों ने की, उसका कोई परिणाम नहीं मिला। उल्टा टिकट ऐसे व्यक्ति को दिया गया जो कुछ महीने पहले ही कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुआ था। टिकट फाइनल होने से पहले तक मिला था भरोसा, फिर भी नाम काट दिया कृष्ण रोड़ ने आरोप लगाया कि हरविंद्र कल्याण ने उन्हें टिकट देने का आश्वासन दिया था और यह बात टिकट घोषित होने से महज पांच मिनट पहले की है। लेकिन अंतिम क्षणों में उनका नाम काट दिया गया। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं देना था तो कम से कम ईश्वर सिंह या फिर विकास कल्याण को ही टिकट दिया जाता। उन्होंने कहा कि विकास कल्याण स्पीकर के परिवार से हैं और उनके पिता पिछले 35 सालों से भाजपा की सेवा कर रहे हैं, लेकिन फिर भी उनके साथ अन्याय हुआ। पंजाबियों को ही क्यों मिल रहा टिकट कृष्ण रोड़ ने कहा कि करनाल में अगर कोई चुनाव लड़ता है तो उसका पंजाबी होना जरूरी है। 20 में से 10 टिकट पंजाबी उम्मीदवारों को दे दिए गए, लेकिन उनकी रोड बिरादरी से एक भी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया गया। उन्होंने इसे बेहद शर्मनाक बताया और कहा कि जब विधानसभा के अध्यक्ष उनकी बिरादरी से आते हैं, तो फिर भी उनके समुदाय के लिए एक भी टिकट नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। बूथ अध्यक्षों और शक्ति केंद्र प्रमुखों ने भी छोड़ा साथ कृष्ण रोड ने कहा कि वह मोहदीनपुर मंडल के उपाध्यक्ष होने के साथ-साथ करनाल के एक शक्ति केंद्र प्रमुख भी हैं। लेकिन अब उन्होंने अपने साथी कार्यकर्ताओं के साथ सामूहिक रूप से भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। उनके साथ कई बूथ अध्यक्ष, शक्ति केंद्र प्रमुख और पूरी कार्यकारिणी ने भी पद छोड़ दिए। उनका कहना है कि अगर पार्टी में मेहनती कार्यकर्ताओं को ही नजरअंदाज किया जाएगा और पैसे या दबाव के चलते टिकट बांटे जाएंगे, तो फिर पार्टी के लिए काम करने का कोई मतलब नहीं रह जाता। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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