करनाल में बेकाबू ट्रैक्टर-ट्राली पेट्रोल पम्प में घुस गया और तेल डालने वाली 2 मशीनों को तोड़ दिया। घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। पेट्रोल पंप मालिक ने कहा कि ड्राइवर नशे में लग रहा था। उसने घटना के बाद कर्मचारियों से गाली-गलौज भी की। घटना 18 दिसंबर की देर रात करीब 11 बजे हुई है। सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, रात को मेरठ रोड पर शुगर मिल की तरफ से एक तेज रफ़्तार ट्रैक्टर आता हैं। ट्रैक्टर के पीछे दो ट्रालियां भी जुड़ी थीं। पंप मालिक सुशील ने बताया कि ट्रैक्टर आते ही पेट्रोल पंप की दो मशीनों में घुस जाता हैं और दोनों मशीनें धरासाई हो गई। ग़नीमत रही कि उस वक्त कोई भी कर्मचारी मशीन के आसपास नहीं था। अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। इसके अलावा मशीनों में भी आग लग सकती थी और बड़ा हादसा हो सकता था। गाली-गलौज करने लगा आरोपी पंप मालिक सुशील ने बताया कि मैं रात को पंप पर ही था। ज़ब हादसा हुआ तो मैं ऑफिस से बाहर आया। दोनों मशीन जमीन पर पड़ी थी और आरोपी ट्रैक्टर ड्राइवर मेरे कर्मचारियों से गाली गलौज कर रहा था। आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले किया उन्होंने कहा कि लालूपुरा गांव निवासी आरोपी शुगर मिल में गन्ना बेचकर आया था और बड़ी बड़ी बातें कर रहा था। शायद आरोपी नशे हो। उन्होंने पुलिस को कॉल किया गया। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई और आरोपी को पुलिस के हवाले कर दिया। 21 लाख रूपए का नुकसान सुशील ने बताया कि इस हादसे की वजह से लगभग 21 लाख रुपए का नुकसान हुआ हैं। कंपनी इसको कब ठीक करके जाएगी, इसके बारे में भी अभी कुछ स्पष्ट नहीं हैं। हादसे में नुकसान तो हुआ ही साथ ही काम भी रुक गया हैं। पुलिस को शिकायत दे दी हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही हैं। करनाल में बेकाबू ट्रैक्टर-ट्राली पेट्रोल पम्प में घुस गया और तेल डालने वाली 2 मशीनों को तोड़ दिया। घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। पेट्रोल पंप मालिक ने कहा कि ड्राइवर नशे में लग रहा था। उसने घटना के बाद कर्मचारियों से गाली-गलौज भी की। घटना 18 दिसंबर की देर रात करीब 11 बजे हुई है। सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, रात को मेरठ रोड पर शुगर मिल की तरफ से एक तेज रफ़्तार ट्रैक्टर आता हैं। ट्रैक्टर के पीछे दो ट्रालियां भी जुड़ी थीं। पंप मालिक सुशील ने बताया कि ट्रैक्टर आते ही पेट्रोल पंप की दो मशीनों में घुस जाता हैं और दोनों मशीनें धरासाई हो गई। ग़नीमत रही कि उस वक्त कोई भी कर्मचारी मशीन के आसपास नहीं था। अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। इसके अलावा मशीनों में भी आग लग सकती थी और बड़ा हादसा हो सकता था। गाली-गलौज करने लगा आरोपी पंप मालिक सुशील ने बताया कि मैं रात को पंप पर ही था। ज़ब हादसा हुआ तो मैं ऑफिस से बाहर आया। दोनों मशीन जमीन पर पड़ी थी और आरोपी ट्रैक्टर ड्राइवर मेरे कर्मचारियों से गाली गलौज कर रहा था। आरोपी को पकड़कर पुलिस के हवाले किया उन्होंने कहा कि लालूपुरा गांव निवासी आरोपी शुगर मिल में गन्ना बेचकर आया था और बड़ी बड़ी बातें कर रहा था। शायद आरोपी नशे हो। उन्होंने पुलिस को कॉल किया गया। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई और आरोपी को पुलिस के हवाले कर दिया। 21 लाख रूपए का नुकसान सुशील ने बताया कि इस हादसे की वजह से लगभग 21 लाख रुपए का नुकसान हुआ हैं। कंपनी इसको कब ठीक करके जाएगी, इसके बारे में भी अभी कुछ स्पष्ट नहीं हैं। हादसे में नुकसान तो हुआ ही साथ ही काम भी रुक गया हैं। पुलिस को शिकायत दे दी हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में चुनाव हारा, समाज सेवा बंद:3 पूर्व विधायकों ने फ्री बसें बंद कीं; पूर्व BJP नेता की 5 रुपए वाली रसोई पर ताला
हरियाणा में चुनाव हारा, समाज सेवा बंद:3 पूर्व विधायकों ने फ्री बसें बंद कीं; पूर्व BJP नेता की 5 रुपए वाली रसोई पर ताला हरियाणा के विधानसभा चुनाव में कई नेताओं को हार का झटका लगा है। समाजसेवी बनकर फील्ड में पहचान बनाने के बाद चुनावी मैदान में उतरे कई नेताओं ने हार के बाद अब समाजसेवा ही बंद कर दी। प्रदेश में ऐसे कई नेता हैं, जिन्होंने इन सेवाओं के बदले में विधायक बनने की चाह रखी थी, लेकिन उनके क्षेत्र की जनता ने उन्हें अपना विधायक नहीं चुना। कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सैनी के खिलाफ लाडवा में निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले भाजपा के बागी संदीप गर्ग ने हारते ही आम लोगों को पांच रुपए में भरपेट खाना खिलाने वाली रसोई बंद कर दी। इसके अलावा, हरियाणा जनसेवक पार्टी (HJP) प्रमुख एवं महम से पूर्व विधायक बलराज कुंडू ने महम हलके की छात्राओं को रोहतक तक निशुल्क बस सुविधा देने में असमर्थता जताई है। साथ ही चुनाव से पहले आचार संहिता का हवाला देकर बस बंद करने वाले समालखा से कांग्रेस के पूर्व विधायक धर्म सिंह छौक्कर और पूर्व निर्दलीय विधायक रविंद्र मच्छरौली ने हार के बाद बसों का फिर संचालन नहीं किया। लाडवा: संदीप को 2,262 वोट मिले लाडवा में संदीप गर्ग भाजपा से टिकट मांग रहे थे। यहां भाजपा ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सैनी को उम्मीदवार बनाया। इसके बाद संदीप गर्ग बागी हो गए और निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया। इस चुनाव में उन्हें सिर्फ 2,262 वोट मिले। संदीप गर्ग ने अप्रैल 2022 में लाडवा के पुराने डाकखाने के पास रसोई खोली थी। यहां वह लोगों को 5 रुपए में भरपेट खाना खिलाते थे। इसके बाद उन्होंने हलके के ही डीग गांव, बाबैन, मथाना, उमरी के अलावा रादौर व शाहाबाद में भी रसोई की शुरुआत की। चुनाव परिणाम आने के अगले दिन तक ये रसोई चल रही थी, लेकिन अब इन्हें बंद कर दिया गया। लाडवा की रसोई में प्रतिदिन करीब 300 लोग खाना खाते थे। महम: बलराज कुंडू 18 बसें चलाते थे
हरियाणा जनसेवक पार्टी के प्रमुख व महम से पूर्व विधायक बलराज कुंडू ने महम हलके की छात्राओं को रोहतक तक निशुल्क बस सुविधा देने के लिए 2014 में एक साथ 18 बसें चलाई थीं। विभिन्न रूट पर इन बसों से 42 गांवों की 1,800 बेटियां सफर करती थीं। 2024 में चुनाव हारे के बाद कुंडू के कार्यालय में समर्थकों ने बसें चलाना बंद करने की मांग करते हुए कहा कि बसों का लाभ लेने वालों ने भी अहसान नहीं माना। इस पर कुंडू ने कहा कि अब वे अन्य हलकों में बसें चलाएंगे। महम हलके में जब तक कार्यकर्ता नहीं कहेंगे, तब तक बसें बंद रहेंगी। विधायक बनने पर मैंने बेटियों की समस्या को समझा और बसें चलाईं। अब कार्यकर्ताओं के दबाव में झुकना पड़ा। समाजसेवा के लिए मैं अब भी बसें चलाने के लिए तैयार हूं, लेकिन मौजूदा विधायक जिम्मेदारी संभालें। मैं अगला चुनाव दीपेंद्र हुड्डा के सामने लड़ूंगा। समालखा: छौक्कर व मच्छरौली ने नामांकन से पहले बंद की बसें
समालखा से कांग्रेस के उम्मीदवार और पूर्व विधायक धर्म सिंह छौक्कर ने छात्राओं की सुविधा को लेकर बापौली व समालखा से पानीपत तक के लिए बसें चला रखी थीं। दोनों स्थानों से एक-एक बस छात्राओं को पानीपत लाती और छोड़ने जाती थीं। एक बस समालखा से खानपुर मेडिकल कॉलेज तक मरीजों और तीमारदारों को लेकर आती-जाती थी। समालखा के ही पूर्व विधायक रविंद्र मच्छरौली इस बार निर्दलीय मैदान में थे। उन्होंने चुनाव से 6 महीने पहले 4 बसें हरिद्वार व एक वृंदावन के लिए चलाई थीं। नामांकन से पहले उन्होंने इन बसों का संचालन बंद कर दिया। अब चुनाव हारने के बाद उन्होंने दोबारा बसों का संचालन नहीं किया।
करनाल में ASI संजीव हत्याकांड मामला:दूसरी तरफ घुमी पुलिस की सूई, उसके द्वारा पकड़े गए आरोपियों की खंगाली जा रही कुंडली
करनाल में ASI संजीव हत्याकांड मामला:दूसरी तरफ घुमी पुलिस की सूई, उसके द्वारा पकड़े गए आरोपियों की खंगाली जा रही कुंडली हरियाणा में करनाल के कुटेल गांव में एएआई संजीव की हत्या की गुत्थी दो दिन बाद भी रहस्य ही बनी हुई है। जहां पुलिस अब तक संजीव द्वारा पकड़े जाने वाले भगोड़ों का रिकॉर्ड ट्रैक कर रही थी, वहीं अब पुलिस ने अपनी जांच की सूई थोड़ी दूसरी तरफ घुमा दी है। अब पुलिस इस पहलू पर जांच कर रही है कि संजीव द्वारा पकड़े गए भगौड़ों में कोई कुख्यात बदमाश या आरोपी तो नहीं था। अगर था तो कोई जमानत पर तो बाहर नहीं आया था। पुलिस को भले ही CCTV में कुछ नजर आया हो, लेकिन उसमें भी कुछ स्पष्ट नहीं है, क्योंकि अंधेरे के कारण कुछ क्लियर नहीं है। बाइक पर दो युवक नजर तो आए है लेकिन एक ने हेलमेट लगाया हुआ है और दूसरे ने मुहं पर कपड़ा बांधा हुआ है। पुलिस घटनास्थल पर ट्रैक हुए मोबाइल के डंप भी उठा रही है और उन डंप के मार्फत संदिग्धों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। संजीव हत्याकांड पुलिस के लिए एक बहुत बड़ी मिस्ट्री बन चुका है और इस रहस्य से पर्दा तभी उठ पाएगा, जब आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होंगे, लेकिन फिलहाल अभी तक पुलिस के हाथ खाली है। सिलसिले वार समझिये पूरा मामला 2 जुलाई की रात सिर में मारी गोली 2 जुलाई की रात करीब 8:30 बजे कुटेल-ऊंचा समाना रोड पर टहलने गए क्राइम ब्रांच के एएसआई संजीव की बाइक सवार दो बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। संजीव का डेरा कुटेल-ऊंचा समाना रोड पर है और संजीव वहीं सड़क पर टहल रहे थे। तभी बाइक सवार बदमाशों ने उन्हें गोली मार दी और फरार हो गए। परिजनों के मुताबिक एक गोली उनके सिर में लगी, जो आर-पार हो गई, दूसरी गोली कमर में लगी। गंभीर रूप से घायल संजीव को करनाल के अमृतधारा में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। घटना के बाद घरौंडा DSP मनोज कुमार और करनाल DSP सोनू नरवाल मौके पर पहुंचे। साथ ही FSL टीम ने भी मौके से साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने मौके से दो जिंदा कारतूस और एक खोखा भी बरामद किया था। डॉक्टरों के बोर्ड ने किया पोस्टमार्टम क्राइम ब्रांच अफसर की हत्या से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। बारीक से बारीक जानकारी के लिए पुलिस एड़ी चोटी तक का जोर लगा रही है। पोस्टमार्टम में कुछ सुराग मिल सके, इसके लिए 3 जुलाई को पुलिस ने कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों के बोर्ड से ही एएसआई का पोस्टमार्टम करवाया था।उधर, मृतक के बेटे योगेश को कनाडा में अपने पिता की हत्या की सूचना मिल चुकी थी। जिसके बाद उसने तत्काल टिकट बुक करवाई और 4 जुलाई की अलसुबह दो बजे दिल्ली पहुंच गया और उसके बाद घर पहुंचा। परिजनों ने फैसला किया था कि बेटे के आने के बाद ही संजीव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। बेटे ने दी पिता को मुखाग्नि मृतक संजीव का कुटेल गांव में ही राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। 10 बजे संजीव के पार्थिव शरीर को लेकर घर परिवार व ग्रामीण श्मशान घाट की तरफ बढ़े। जहां पर योगेश ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार में शामिल गांव के हर व्यक्ति की आंखें नम थीं। पहले चाचा, फिर दादा और अब पिता तीन साल पहले योगेश के चाचा लाभ सिंह की घरौंडा लिबर्टी के सामने सड़क हादसे में मौत हो गई थी और चाचा की मौत के सदमे में दादा प्रेम सिंह की भी मौत हो गई थी। परिवार पर दुखों का पहाड़ कम होने का नाम नहीं ले रहा था कि अब योगेश के पिता को भी गोली मारकर हत्या कर दी गई। योगेश की छोटी बहन भी है, जिसका रो रोकर बुरा हाल है। इन बच्चों के सिर पर न तो पिता का साया रहा, न चाचा का और न ही दादा का। इन दोनों बच्चों के मन की पीड़ा को ये ही समझ सकते हैं। पुलिस की सूई घुमी दूसरी तरफ कुरूक्षेत्र और यमुनानगर क्राइम ब्रांच का रिकॉर्ड खंगालने के बाद यह तो स्पष्ट हो चुका है कि संजीव भगौड़ों को पकड़ने और चैक बाउंस के केस संभालता था। इन केस में कोई ऐसा भगौड़ा अपराधी तो संजीव ने नहीं पकड़ लिया था, जो संजीव से रंजिश रखता हो और वह जमानत पर बाहर आ गया हो, और उसी ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया हो या फिर किसी से करवाया हो? घटना वाले दिन भी संजीव किसी भगौड़े को ही पकड़ने के लिए करनाल आया था। पुलिस हर पहलू की जांच में जुटी है और सीसीटीवी फुटेज से कुछ सुराग तो लगे है, लेकिन उतनी सफलता नहीं मिल पाई है, जितनी मिलनी चाहिए थी। हर पहलू पर कर रही पुलिस जांच घरौंडा DSP मनोज कुमार ने बताया कि संजीव हत्याकांड में पुलिस गहनता से छानबीन कर रही है और कुछ सबूत भी सामने आए है। हर एंगल पर काम किया जा रहा है। आरोपियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।