हरियाणा में करनाल जिला के घरौंडा में पैक्ड फ्रूट ड्रिंक में कीड़े-मकोड़े निकलने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि दुकानदार के लड़के ने डी-फ्रिज से पैकेट निकाले थे, लेकिन उसमें से दो पैकेट ऊपर से थोड़े से फट गए थे, बच्चे ने इन दोनों पैकेट को पीने के लिए गिलास में डाल दिया। गिलास में जो नजारा देखने को मिला, उसे देखकर वह भी हैरान रह गया, उसमें से कीड़े मकोड़े निकले। बच्चे ने अपने पिता को पूरे मामले के बारे में बताया और हंगामा मच गया। पीड़ित ने स्पलायर को वीडियो भेजा, लेकिन उसने कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया। मामला फूड सेफ्टी ऑफिसर तक पहुंच गया है, जिन्होंने जांच करने की बात कही है। दुकानदार नरेश गुप्ता का आरोप घरौंडा के वार्ड नंबर 5 में श्री श्याम किरयाना स्टोर है। नरेश गुप्ता दुकान चलाते हैं और उनका बेटा चिराग भी दुकान पर ही रहता है। नरेश गुप्ता का आरोप है कि उसके बेटे ने 19 जून को 10 रुपए वाली स्लाइस डी-फ्रिज से निकाली। उसमें से दो पैकेट थोड़े से रिसने लगे। जिनको उसने पीने के लिए गिलास में खोल लिया। पैकेट से कीड़े मकोड़े निकले तो बच्चे ने वीडियो बना लिया। नरेश ने बताया कि उसने भी वीडियो देखा था। जिसे उसने अपने सप्लायर केपी ट्रैडर्स के पास भेजा, लेकिन उसने कोई रिस्पांस ही नहीं दिया। जिसके बाद आज नरेश ने अपनी दुकान पर मीडिया को बुला लिया और वीडियो भी शेयर किया। स्वास्थ्य से हो रहा है खिलवाड़ दुकानदार नरेश, प्रमोद गुप्ता, स्थानीय दुकानदार कृष्ण व अन्य का आरोप है कि इस नामी कंपनी की फ्रूट ड्रिंक को छोटे छोटे बच्चे भी पीते है, ऐसे में अगर कीड़े मकोड़े बच्चे के पेट में चले जाते है तो कितना खतरनाक हो सकता है,उसका अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे में जिम्मेदारी कौन लेगा? कंपनियां लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रही है। जब केपी ट्रैडर्स के मालिक सुनील व कृष्ण से बात की गई तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब देने की बजाए मीडिया से ही बदतमीजी करनी शुरू कर दी। नरेश का आरोप है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, ताकि इस तरह का खिलवाड़ किसी के साथ न हो। क्या बोले अधिकारी जब इस संबंध में फूड सेफ्टी ऑफिसर अमित चौहान का कहना है कि यह मामला उनके संज्ञान अभी आया है। 21 जून को मौके पर जाकर इस मामले की जांच करेंगे और जहां से भी से सप्लाई सामग्री आई है, उसका जांच करेंगे। इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हरियाणा में करनाल जिला के घरौंडा में पैक्ड फ्रूट ड्रिंक में कीड़े-मकोड़े निकलने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि दुकानदार के लड़के ने डी-फ्रिज से पैकेट निकाले थे, लेकिन उसमें से दो पैकेट ऊपर से थोड़े से फट गए थे, बच्चे ने इन दोनों पैकेट को पीने के लिए गिलास में डाल दिया। गिलास में जो नजारा देखने को मिला, उसे देखकर वह भी हैरान रह गया, उसमें से कीड़े मकोड़े निकले। बच्चे ने अपने पिता को पूरे मामले के बारे में बताया और हंगामा मच गया। पीड़ित ने स्पलायर को वीडियो भेजा, लेकिन उसने कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया। मामला फूड सेफ्टी ऑफिसर तक पहुंच गया है, जिन्होंने जांच करने की बात कही है। दुकानदार नरेश गुप्ता का आरोप घरौंडा के वार्ड नंबर 5 में श्री श्याम किरयाना स्टोर है। नरेश गुप्ता दुकान चलाते हैं और उनका बेटा चिराग भी दुकान पर ही रहता है। नरेश गुप्ता का आरोप है कि उसके बेटे ने 19 जून को 10 रुपए वाली स्लाइस डी-फ्रिज से निकाली। उसमें से दो पैकेट थोड़े से रिसने लगे। जिनको उसने पीने के लिए गिलास में खोल लिया। पैकेट से कीड़े मकोड़े निकले तो बच्चे ने वीडियो बना लिया। नरेश ने बताया कि उसने भी वीडियो देखा था। जिसे उसने अपने सप्लायर केपी ट्रैडर्स के पास भेजा, लेकिन उसने कोई रिस्पांस ही नहीं दिया। जिसके बाद आज नरेश ने अपनी दुकान पर मीडिया को बुला लिया और वीडियो भी शेयर किया। स्वास्थ्य से हो रहा है खिलवाड़ दुकानदार नरेश, प्रमोद गुप्ता, स्थानीय दुकानदार कृष्ण व अन्य का आरोप है कि इस नामी कंपनी की फ्रूट ड्रिंक को छोटे छोटे बच्चे भी पीते है, ऐसे में अगर कीड़े मकोड़े बच्चे के पेट में चले जाते है तो कितना खतरनाक हो सकता है,उसका अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे में जिम्मेदारी कौन लेगा? कंपनियां लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रही है। जब केपी ट्रैडर्स के मालिक सुनील व कृष्ण से बात की गई तो उन्होंने कोई संतोषजनक जवाब देने की बजाए मीडिया से ही बदतमीजी करनी शुरू कर दी। नरेश का आरोप है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, ताकि इस तरह का खिलवाड़ किसी के साथ न हो। क्या बोले अधिकारी जब इस संबंध में फूड सेफ्टी ऑफिसर अमित चौहान का कहना है कि यह मामला उनके संज्ञान अभी आया है। 21 जून को मौके पर जाकर इस मामले की जांच करेंगे और जहां से भी से सप्लाई सामग्री आई है, उसका जांच करेंगे। इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पड़ोसियों की मानें तो सेक्टर-6 में रहने वाली नीलम ने जिंदगी के आखिरी दिन बड़ी मुश्किलों में गुजारे। वे अकेली रहती थी और खुद का ख्याल रखने के लिए उन्होंने एक सहायिका को लगाया हुआ था। सहायिका मीरा ने बताती है की वो रोज नीलम की देखभाल के लिए उसके फ्लैट पर आती थी। आज भी जब वह फ्लैट के सामने पहुंची तो दरवाजा खुला हुआ था। वह अंदर घुसी तो नीलम बेड से नीचे गिरी हुई थी। कभी कोई मिलने नहीं आता था- मीरा
सहायिका ने कहा- मैं पिछले 5 सालों से नीलम की देखभाल कर रही थी। लेकिन मैंने कभी नहीं देखा की नीलम का कोई रिश्तेदार उनसे मिलने आया हो। नीलम को नीचे गिरा देखो तो उसने आसपास के पड़ोसियों को बुलाया, कुछ लोगों ने नीलम की सांसे चेक की तो पता चला की उनकी मौत हो चुकी है। भाई ने किया आने से मना
पड़ोसियों ने तुरंत नीलम के भाई को मौत की जानकारी दी, लेकिन उसने आने से मना कर दिया। भाई ने पड़ोसियों को कहा कि दाह संस्कार कर देना। उसके बाद बताया जा रहा है कि फोन बंद कर लिया। अपना आशियाना संस्था के सदस्य राजकुमार अरोडा ने बताया कि मृतका के कमरे से मिले दस्तावेजों से पता चला कि वे किसी आयुर्वेदिक औषधालय से इलाज करवा रही थीं। खाने की व्यवस्था के लिए उन्होंने टिफिन सर्विस लगवाई हुई थी। अरोड़ा ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज के दौर में रिश्तेदार इस हद तक गैर-जिम्मेदार और बेरुख हो गए हैं। लेकिन हम इंसानियत के नाते सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उनका अंतिम संस्कार करेंगे।
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हरियाणा चुनाव में बेटे की हार से पिता का निधन:मतगणना के बाद बिगड़ी थी तबीयत; बेटा बोला- जीत जाता तो शायद पापा ठीक हो जाते हरियाणा बसपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पानीपत राजपूत सभा के अध्यक्ष नरेंद्र राणा का शनिवार को निधन हो गया। उनके बेटे गोपाल राणा ने बसपा-इनेलो की टिकट पर असंध विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। जिसमें वह हार गए थे। इसके बाद नरेंद्र राणा को चंडीगढ़ के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हरियाणा चुनाव प्रचार के दौरान वह अपने बेटे गोपाल राणा के समर्थन में वोट की अपील करते नजर आए थे। उनकी हालत में थोड़ा सुधार हुआ था, लेकिन चुनाव के बाद उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। बता दें कि नरेंद्र राणा कई महीनों से बीमार थे। चुनाव हारने के बाद गोपाल राणा ने सोशल मीडिया पर लिखा- अगर मैं चुनाव जीत जाता तो शायद आज मेरे पिता ठीक होते। उनका अंतिम संस्कार आज सुबह 9 बजे उनके पैतृक गांव ददलाना में किया जाएगा। उनके निधन पर राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक संगठनों के साथ-साथ उनके चाहने वालों ने गहरा दुख जताया है। कांग्रेस नेता नैनपाल राणा ने परिवार को सांत्वना दी
नरेंद्र राणा के सबसे करीबी रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता नैनपाल राणा ने उनके निधन पर कहा कि नरेंद्र राणा के निधन से मुझे गहरा दुख पहुंचा है। नरेंद्र राणा बहुत मेहनती थे और समाज सेवा में हमेशा आगे रहते थे। नरेंद्र 2005 में ददलाना गांव के सरपंच बने थे। उनके कार्यकाल में गांव में स्टेडियम, सीएचसी, पशु अस्पताल, बिजली घर, वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सड़कें, गलियां और नालियां बनवाई गईं। वे 2009 में कांग्रेस में सक्रिय कार्यकर्ता थे। वे रिफाइनरी में ठेकेदार थे। उन्होंने रिफाइनरी में हजारों युवाओं को रोजगार भी दिलाया। 2019 में बसपा टिकट से लड़ा था चुनाव
नरेंद्र राणा कांग्रेस के बाद वह कुछ दिन हजका में रहे और 2019 में बसपा में शामिल होकर असंध से टिकट पर चुनाव लड़ा और 1703 वोटों से हार गए। वह हमेशा सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं। नरेंद्र राणा मायावती के करीबी रहे हैं। उनके दो बेटे एडवोकेट गोपाल और इंजीनियर नीरज हैं। नरेंद्र की एक बेटी भी है, सभी बच्चों की शादी हो चुकी है। नरेंद्र पांच भाइयों में सबसे बड़े थे। नरेंद्र राणा ने सभी 36 बिरादरियों को साथ लेकर काम किया। उन्होंने नेता के तौर पर नहीं बल्कि भाई और बेटे के तौर पर काम किया। गोपाल राणा ने 2 दिन पहले किया था पोस्ट
नरेंद्र राणा के बेटे गोपाल राणा ने 8 अक्टूबर को असंध विधानसभा चुनाव हारने के दो दिन बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया था। जिसमें उन्होंने सिस्टम को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने लिखा था कि आज चुनाव गोपाल राणा नहीं बल्कि बेटा हारा है। मैं अपने पिता के सपने के लिए लड़ रहा था। जनता ने आशीर्वाद दिया लेकिन मैं सरकारी सिस्टम से हार गया। गोपाल ने लिखा- जैसे ही पापा को हार की खबर मिली, उनकी तबीयत बिगड़ने लगी और उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। मैं सोच रहा था कि क्या पता मेरी जीत से पापा ठीक हो जाते, लेकिन ऐसा नहीं हो सका, मैं सिस्टम का शिकार हो गया, मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि भविष्य में किसी के साथ अन्याय न हो। टिकट न मिलने के कारण ब्रेन हेमरेज हुआ
पलवल के पूर्व विधायक सुभाष चौधरी को टिकट न मिलने के कारण ब्रेन हेमरेज हो गया था। जिसके कारण 73 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। चुनाव से पहले एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि यह उनका आखिरी चुनाव होगा। अगर उन्हें टिकट नहीं मिला तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे। इसी बीच कांग्रेस ने करण दलाल को टिकट दे दिया। जिसके बाद उनकी तबीयत खराब हो गई। सुभाष चौधरी की पत्नी का पहले ही निधन हो चुका है। उनका एक बेटा अमरजीत और एक बेटी सविता है। दोनों की शादी हो चुकी है। बेटी पहले प्रिंसिपल थी, लेकिन शादी के बाद उसने नौकरी छोड़ दी। पलवल जिले की राजनीति में सुभाष चौधरी एक जाना-माना चेहरा थे। वह कई बार पार्षद रहे और नगर परिषद के अध्यक्ष भी रहे। 1996 में उन्होंने पहली बार बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और वह दूसरे नंबर पर रहे।