हरियाणा के हिसार में तहसील कार्यालय में भाजपा नेता व एडवोकेट लक्ष्मी नारायण उर्फ गोलू गुर्जर और तहसीलदार राकेश मलिक के बीच विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि तहसीलदार ने सिविल लाइन थाना के SHO को मौके पर बुला लिया। वही भाजपा नेता गोलू गुर्जर ने भी अपने साथी एडवोकेट को भी फोन कर किया। बार एसोसिएशन प्रधान विनय बिश्नोई, उप प्रधान विनोद सहित अन्य पदाधिकारी और एडवोकेट मौके पर पहुंच गए। इसके बाद कई देर तक हंगामा होता रहा। बाद में तहसीलदार राकेश और भाजपा नेता लक्ष्मी नारायण ने एक दूसरे के खिलाफ शिकायत दे दी। बीजेपी नेता यहां ऐसे ही आते रहते है शिकायत में एडवोकेट गोलू गुर्जर ने बताया कि जमीन संबंधित कार्य पेंडिंग था। जिसके लिए तहसील कार्यालय में आया था, इस दौरान तहसीलदार के सामने जमीन से संबंधित फाइल रखी, तो तहसीलदार ने कहा कि वह ऐसा नहीं करेंगे। इस दौरान चपरासी पानी लेकर आ गया। चपरासी ने मुझे पानी का गिलास देने लगा, तो तहसीलदार ने कहा कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हो गई, मुझसे पूछे बिना इसे पानी देने की। यह बीजेपी नेता यहां ऐसे ही आते रहते हैं। केस खराब कर उतारूंगा हेकड़ी गोलू गुर्जर ने बताया कि उन्होंने कहा कि वह भाजपा नेता बनकर यहां नहीं आए हैं, बल्कि एक एडवोकेट बनकर आए हैं और उनका पर्सनल काम है। तहसीलदार को गुस्सा आ गया और उसने कहा कि तुम्हारी हेकड़ी मैं तुम्हारा केस खराब करके उतारूंगा। तुम्हारे जैसे वकील बहुत आते हैं। आज तुम्हारा इलाज करूंगा। गोलू गुर्जर ने बताया कि मामले के बारे में बार एसोसिएशन के प्रधान विनय बिश्नोई व अन्य पदाधिकारी को मौके पर बुलाया। तहसीलदार ने लगाए दुर्व्यवहार के आरोप वही तहसीलदार राकेश ने भी भाजपा नेता और एडवोकेट लक्ष्मी नारायण उर्फ गोलू गुर्जर के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी। उन्होंने बताया कि 20 दिसम्बर को लक्ष्मी नारायण न्यायालय में उपस्थित हुए तथा नीचे हस्ताक्षरकर्ता के साथ दुर्व्यवहार करने लगे। कई बार उनसे इस दुर्व्यवहार और कोर्ट में हंगामा बंद करने को कहा गया, लेकिन वे लगातार दुर्व्यवहार करते रहे और कोर्ट के काम में दखल देते रहे और मुझे धमकाते रहे, जो कानून के खिलाफ है। बल्कि कोर्ट की अवमानना भी है। कई बार चेतावनी देने के बाद भी वे अपने अन्य साथियों को बुलाकर मुझे धमकाते रहे। उनके साथियों ने भी मेरे साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया और मुझे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। तहसीलदार को समझाने का किया प्रयास वहीं बार एसोसिएशन हिसार के उप प्रधान विनोद कसवा ने बताया कि इस दौरान तहसीलदार को समझाने का प्रयास भी किया गया, लेकिन उन्होंने बार एसोसिएशन पदाधिकारी से भी दुर्व्यवहार किया। इसलिए बार एसोसिएशन ने फैसला लिया है कि शनिवार और सोमवार को पूर्ण रूप से वर्क सस्पेंड रहेगा। हमारी मांग है कि तहसीलदार को सस्पेंड किया जाए या फिर उचित कार्रवाई की जाए। हरियाणा के हिसार में तहसील कार्यालय में भाजपा नेता व एडवोकेट लक्ष्मी नारायण उर्फ गोलू गुर्जर और तहसीलदार राकेश मलिक के बीच विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि तहसीलदार ने सिविल लाइन थाना के SHO को मौके पर बुला लिया। वही भाजपा नेता गोलू गुर्जर ने भी अपने साथी एडवोकेट को भी फोन कर किया। बार एसोसिएशन प्रधान विनय बिश्नोई, उप प्रधान विनोद सहित अन्य पदाधिकारी और एडवोकेट मौके पर पहुंच गए। इसके बाद कई देर तक हंगामा होता रहा। बाद में तहसीलदार राकेश और भाजपा नेता लक्ष्मी नारायण ने एक दूसरे के खिलाफ शिकायत दे दी। बीजेपी नेता यहां ऐसे ही आते रहते है शिकायत में एडवोकेट गोलू गुर्जर ने बताया कि जमीन संबंधित कार्य पेंडिंग था। जिसके लिए तहसील कार्यालय में आया था, इस दौरान तहसीलदार के सामने जमीन से संबंधित फाइल रखी, तो तहसीलदार ने कहा कि वह ऐसा नहीं करेंगे। इस दौरान चपरासी पानी लेकर आ गया। चपरासी ने मुझे पानी का गिलास देने लगा, तो तहसीलदार ने कहा कि तुम्हारी हिम्मत कैसे हो गई, मुझसे पूछे बिना इसे पानी देने की। यह बीजेपी नेता यहां ऐसे ही आते रहते हैं। केस खराब कर उतारूंगा हेकड़ी गोलू गुर्जर ने बताया कि उन्होंने कहा कि वह भाजपा नेता बनकर यहां नहीं आए हैं, बल्कि एक एडवोकेट बनकर आए हैं और उनका पर्सनल काम है। तहसीलदार को गुस्सा आ गया और उसने कहा कि तुम्हारी हेकड़ी मैं तुम्हारा केस खराब करके उतारूंगा। तुम्हारे जैसे वकील बहुत आते हैं। आज तुम्हारा इलाज करूंगा। गोलू गुर्जर ने बताया कि मामले के बारे में बार एसोसिएशन के प्रधान विनय बिश्नोई व अन्य पदाधिकारी को मौके पर बुलाया। तहसीलदार ने लगाए दुर्व्यवहार के आरोप वही तहसीलदार राकेश ने भी भाजपा नेता और एडवोकेट लक्ष्मी नारायण उर्फ गोलू गुर्जर के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी। उन्होंने बताया कि 20 दिसम्बर को लक्ष्मी नारायण न्यायालय में उपस्थित हुए तथा नीचे हस्ताक्षरकर्ता के साथ दुर्व्यवहार करने लगे। कई बार उनसे इस दुर्व्यवहार और कोर्ट में हंगामा बंद करने को कहा गया, लेकिन वे लगातार दुर्व्यवहार करते रहे और कोर्ट के काम में दखल देते रहे और मुझे धमकाते रहे, जो कानून के खिलाफ है। बल्कि कोर्ट की अवमानना भी है। कई बार चेतावनी देने के बाद भी वे अपने अन्य साथियों को बुलाकर मुझे धमकाते रहे। उनके साथियों ने भी मेरे साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया और मुझे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। तहसीलदार को समझाने का किया प्रयास वहीं बार एसोसिएशन हिसार के उप प्रधान विनोद कसवा ने बताया कि इस दौरान तहसीलदार को समझाने का प्रयास भी किया गया, लेकिन उन्होंने बार एसोसिएशन पदाधिकारी से भी दुर्व्यवहार किया। इसलिए बार एसोसिएशन ने फैसला लिया है कि शनिवार और सोमवार को पूर्ण रूप से वर्क सस्पेंड रहेगा। हमारी मांग है कि तहसीलदार को सस्पेंड किया जाए या फिर उचित कार्रवाई की जाए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में महिला HCS अधिकारी गिरफ्तार:1 लाख रिश्वत केस में ACB ने पकड़ा, पंचकूला कोर्ट ने जेल भेजा; 5 महीने से थीं फरार
हरियाणा में महिला HCS अधिकारी गिरफ्तार:1 लाख रिश्वत केस में ACB ने पकड़ा, पंचकूला कोर्ट ने जेल भेजा; 5 महीने से थीं फरार हरियाणा में 1 लाख रुपए के रिश्वत केस में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने हरियाणा सिविल सर्विसिज (HCS) अधिकारी मीनाक्षी दहिया को गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार देर रात उनकी गिरफ्तारी के बाद दहिया को पंचकूला में ड्यूटी मजिस्ट्रेट के आगे पेश किया गया। जिसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। इससे पहले पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट न्यायालय ने रिश्वत के केस में HCS ऑफिसर मीनाक्षी दहिया की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी। HC ने की थी तल्ख टिप्पणी
इस मामले में हाईकोर्ट के जस्टिस अनूप चितकारा ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि, प्रथम दृष्टया याचिकाकर्ता मीनाक्षी दहिया के साथ उनके रसोइए से 1 लाख रुपए की रिश्वत की वसूली के संबंध में सबूत मौजूद हैं, जिसे 29 मई को रंगे हाथों पकड़ा गया था। न्यायमूर्ति चितकारा ने कहा था कि “पुलिस ने उससे रिश्वत की रकम बरामद की है। कॉल और ट्रांसक्रिप्ट से याचिकाकर्ता की संलिप्तता का संकेत मिलता है, जिसकी पुष्टि शिकायतकर्ता के आरोप से होती है।” पंचकूला के एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज होने के बाद दहिया ने अग्रिम जमानत के लिए अदालत का रुख किया था। इस मामले में सेवामुक्त जिला मत्स्य अधिकारी ने शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें सरकारी काम के बदले कथित तौर पर रिश्वत मांगने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी
जस्टिस चितकारा ने कहा कि याचिकाकर्ता के वकील “कोई भी सख्त शर्त” लगाकर जमानत की मांग कर रहे थे। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया था कि आगे की सुनवाई से पहले की कैद याचिकाकर्ता और उनके परिवार के साथ अपरिवर्तनीय अन्याय का कारण बनेगी। हालांकि, न्यायमूर्ति चितकारा ने कहा कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता की अग्रिम जमानत खारिज करते हुए मामले के सभी पहलुओं पर विचार किया था और तर्क दिया था कि अपराध में इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन को बरामद करने के लिए याचिकाकर्ता को हिरासत में लेकर पूछताछ करना आवश्यक है। दहिया पर क्या हैं आरोप
रिटायर जिला मत्स्य अधिकारी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है, कि एक जांच अधिकारी ने उनके खिलाफ आरोप पत्र वापस लेने के लिए फाइल मत्स्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेजने से पहले उन्हें मामले में निर्दोष घोषित कर दिया था। उन्होंने संबंधित मंत्री को फाइल भेजने से पहले जांच रिपोर्ट स्वीकार कर ली, जिन्होंने अपनी मंजूरी दे दी और इस संबंध में आदेश जारी करने के लिए फाइल अतिरिक्त मुख्य सचिव को भेज दी गई। उन्होंने कहा, “सीनियर एचसीएस अधिकारी और संयुक्त सचिव दहिया ने मुझे 17 अप्रैल को अपने स्टेनोग्राफर जोगिंदर सिंह के माध्यम से पंचकूला स्थित अपने कार्यालय में आदेश जारी करने के लिए बुलाया था और मुझसे एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। मैं अपने सरकारी काम के बदले मैडम को रिश्वत नहीं देना चाहता था और भ्रष्ट अधिकारी को रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था।” मीनाक्षी 5 महीने से चल रही थी फरार
रिश्वत के इस खेल में आरोपी एचसीएस ऑफिसर मीनाक्षी दहिया 5 महीने से फरार चल रही हैं। ACB की टीम लगातार दहिया की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही हैं। हालांकि अभी तक एसीबी को इसमें सफलता नहीं मिल पाई है। इस मामले में, वॉट्सऐप कॉल पर बातचीत के दौरान शिकायतकर्ता के मोबाइल में खास डिवाइस भी लगाई गई थी, जिससे पूरी कॉल रिकॉर्ड हो गई। फिलहाल मीनाक्षी दहिया फरार चल रही थीं, ACB की टीम की उनकी गिरफ्तारी की बड़ी सफलता के रूप में देख रही है।
फिल्म 2 पत्ती के खिलाफ सीएम से की मीटिंग:हुड्डा गौत्र पर टिप्पणी हटाने की मांग, नायब सैनी ने केंद्रीय मंत्री को भेजा मामला
फिल्म 2 पत्ती के खिलाफ सीएम से की मीटिंग:हुड्डा गौत्र पर टिप्पणी हटाने की मांग, नायब सैनी ने केंद्रीय मंत्री को भेजा मामला सर्व हुड्डा खाप ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से चंडीगढ़ स्थित उनके निवास पर मुलाकात की। इस दौरान 25 अक्टूबर को रिलीज हुई फिल्म दो पत्ती में हुड्डा गौत्र पर की गई टिप्पणी को हटवाने और फिल्म निर्माता, निदेशक, अभिनेता और प्रसारित करने वाले ओटीटी प्लेटफार्म से सार्वजनिक माफी मांगने की मांग की गई। रोहतक के गांव बसंतपुर स्थित सर्व हुड्डा खाप के ऐतिहासिक चबूतरे पर 10 नवंबर को खाप के 45 गांव के प्रतिनिधियों और गणमान्य लोगों ने पंचायत की थी। इसमें एक उच्च अधिकार प्राप्त समिति का गठन किया गया। इसके सदस्य और इस मामले को समाज के सामने लाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सुरेन्द्र सिंह हुड्डा को हरियाणा के मुख्यमंत्री और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री से पत्राचार कर मामले को उचित ढंग से उठाने का अधिकार दिया गया। सामाजिक कार्यकर्ता सुरेन्द्र सिंह हुड्डा ने बताया कि फिल्म दो पत्ती के एक संवाद से जाट समाज के हुड्डा गौत्र को बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस विवादित मामले को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात के दौरान हुड्डा गौत्र को बदनाम करने वाले मामले पर विस्तृत चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने अपनी व्यस्त दिनचर्या के बावजूद मिलने का समय दिया। जो मुख्यमंत्री नायब सैनी की सामाजिक संवेदनशील को दर्शाता है । फिल्म दो पत्ती में जिस प्रकार से हुड्डा गौत्र को बदनाम करने का षड्यंत्र हुआ है, यह एक आपराधिक मामला है। जिस पर जल्द ही एफआईआर दर्ज होगी। पहले दिया जा चुका नोटिस सुरेन्द्र सिंह हुड्डा ने बताया कि फिल्म रिलीज होने के अगले ही दिन फिल्म दो पत्ती के निर्माता, निदेशक, अभिनेता और फिल्म को प्रसारित करने वाले ओटीटी प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स को उन्होंने नोटिस जारी कर दिया था। जिसका जवाब फिल्म निर्माण करने वाली कम्पनी और फिल्म को प्रसारित करने वाली कम्पनी नेटफ्लिक्स ने देते हुए कहा है कि जो आरोप नोटिस में लगाए गए हैं वह घटना दो पत्ती फिल्म में हुई है। परन्तु यह फिल्म निर्माता और अभिनेता की बोलने की आजादी के तहत है और हुड्डा शब्द का प्रयोग केवल एक संजोग ही है। सुरेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि देश का कोई भी कानून किसी की भी सामाजिक प्रतिष्ठा खराब करने और मान-सम्मान की हानि करने का अधिकार नहीं देता है। फिल्म में प्रसारित विवादास्पद संवाद से उनकी व्यक्तिगत व समस्त हुड्डा खाप की सामाजिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है और एक षड्यंत्र के तहत ही जाट समाज के हुड्डा गौत्र की मानहानि हुई है। मामले को केंद्रीय प्रसारण मंत्री को भेजने के निर्देश सुरेन्द्र सिंह हुड्डा ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि जाट समाज के हुड्डा गौत्र की एक षड्यंत्र के तहत सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाई जा रहा है। जिस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने मांग स्वीकार करते हुए हरियाणा सरकार के आग्रह के साथ मामले को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री को भेजने के लिए अपने अधिकारियों को मौके पर ही निर्देश दिए।
हरियाणा के स्वास्थ्य निदेशक ने नौकरी छोड़ी:सरकार को इस्तीफा भेजा, BJP जॉइन कर चुनाव लड़ेंगे; मंत्री की टिकट काटेगी भाजपा
हरियाणा के स्वास्थ्य निदेशक ने नौकरी छोड़ी:सरकार को इस्तीफा भेजा, BJP जॉइन कर चुनाव लड़ेंगे; मंत्री की टिकट काटेगी भाजपा हरियाणा में स्वास्थ्य विभाग में डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज के पद पर कार्यरत डॉ. कृष्ण कुमार ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया हैं। डॉ. कृष्ण आज भारतीय जनता पार्टी जॉइन करेंगे। उनके रेवाड़ी जिले की बावल सीट से चुनाव लड़ने की संभावनाएं हैं। यहां से मौजूदा विधायक और नायब सैनी सरकार में कैबिनेट मंत्री डॉ. बनवारी लाल की टिकट खतरे में हैं। भाजपा ने पहली सूची में इस सीट को होल्ड पर रख दिया है। भाजपा की आज दूसरी सूची हो सकती है। जिसमें बावल सीट से भी प्रत्याशी की घोषणा होगी। बता दें कि रेवाड़ी जिले के गांव भटेड़ा के रहने वाले डॉ. कृष्ण कुमार रेवाड़ी सहित प्रदेश के कई जिलों में CMO के पद पर सेवाएं दे चुके हैं। फिलहाल उनकी पोस्टिंग पंचकूला स्थित स्वास्थ्य विभाग में निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं के रूप में थी। डॉ. कृष्ण कुमार ने मंगलवार को नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह कृष्ण कुमार को बावल सीट से टिकट दिलाने की पैरवी कर रहे हैं। इस्तीफा स्वीकार होते ही डॉ. कृष्ण कुमार बीजेपी जॉइन करेंगे। दैनिक भास्कर से बात करते हुए डॉ. कृष्ण कुमार ने नौकरी से इस्तीफा देने की बात स्वीकार की हैं। बीजेपी जॉइन करने के सवाल पर कहा-एक बार इस्तीफा स्वीकार हो जाए उसके बाद आगे की जानकारी देंगे। बावल सीट पर अड़े हुए हैं केंद्रीय मंत्री
दरअसल, बावल सीट पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के परिवार का शुरू से दबदबा रहा है। 2014 में राव इंद्रजीत सिंह की सिफारिश पर ही उनके खास समर्थक डॉ. बनवारी लाल को टिकट दी गई थी। बाद में राव के कोटे से उन्हें राज्यमंत्री भी बनाया गया। 2019 में दोबारा उन्हें टिकट दी गई और इस बार प्रमोशन के तहत उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया। खट्टर से नजदीकी हुई तो राव से बिगड़े संबंध
हालांकि इसी दरमियान डॉ. बनवारी लाल की नजदीकियां पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर से हो गई। डॉ. बनवारी लाल केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और मनोहर लाल खट्टर दोनों से बराबर का तालमेल बनाकर चल रहे थे। जिससे राव इंद्रजीत सिंह खफा होते दिखे। लोकसभा चुनाव में राव इंद्रजीत सिंह ने गुरुग्राम सीट से चुनाव लड़ा। मगर, बावल विधानसभा क्षेत्र से उन्हें उम्मीद के अनुरूप वोट नहीं मिल पाए, जिससे ये नाराजगी और ज्यादा बढ़ती चली गई। डॉ. बनवारी लाल को बावल सीट पर सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा था। लेकिन राव इंद्रजीत सिंह शुरू से ही इस सीट पर नए नेता को टिकट देने की बात पर अड़े रहे, जिसके चलते बीजेपी ने अपनी पहली सूची में इस सीट को होल्ड पर रख दिया। अब डॉ. कृष्ण कुमार के इस सीट पर चुनाव लड़ने की चर्चाएं हैं।