हरियाणा के करनाल विधानसभा में CM नायब सैनी टिकट कटने से नाराज हुई पूर्व मेयर रेणुबाला गुप्ता को मनाने के लिए शनिवार देर रात को उनके आवास पर पहुंचे। जहां उन्होंने उनके साथ मीटिंग की और उन्हें समझाने का प्रयास किया। सीएम के आश्वासन के बाद रेणु बाला गुप्ता ने रविवार को समर्थकों के साथ होने वाली बैठक को स्थगित कर दिया। करीब डेढ़ घंटे तक मीटिंग चली। मीटिंग के बाद पत्रकारों से बातचीत में CM ने कहा कि वे अपनी बहन रेणु बाला गुप्ता के घर चाय पीने आए थे, और जब भी मन करता है वे आ जाते है। सीएम सैनी ने कहा कि बीजेपी में कोई भगदड़ नहीं है। पार्टी का निर्णय सर्वोपरि है। पार्टी का आदेश स्वीकार किया है, उसका सम्मान किया है। वहीं मेयर का कहना है कि मीटिंग हुई है और पार्टी जीते, इसके लिए हमने सीएम से दो-तीन दिन का समय मांगा है, ताकि सोच विचार किया जा सके। उसके बाद 10 तारीख तक जो कार्यकर्ता फैसला लेगें, उसी के आधार पर हम निर्णय लेगें कि आजाद चुनाव लड़ेंगे या नहीं। वहीं उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम मनोहर लाल का भी उनके पास फोन आया था। उन्होंने भी विचार करने का आश्वासन दिया है। CM सिटी के रूप में ही आगे बढ़ेगा करनाल इस दौरान मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि सीएम सिटी आगे भी सीएम सिटी के नाम से जानी जाती रहेगी। करनाल सीएम सिटी के रूप में ही आगे बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि वे 10 तारीख को लाडवा में विधानसभा चुनाव के लिए नॉमिनेशन भी करेंगे। टिकट कटने से नाराज है पूर्व महापौर भाजपा की पहली लिस्ट में अपना टिकट कटने से आहत हुई रेणु बाला गुप्ता ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और लिखा कि मेरी निष्ठा, विश्वास, वर्षों से प्रतिदिन के संघर्ष और समर्पण का कत्ल किया गया। ये मेरे साथ धोखा है। करनाल में टिकट का निर्णय मेरिट के आधार पर नहीं हुआ। पोस्ट के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई थी। ऐसे में नाराज मेयर ने अपने समर्थकों के साथ बैठक कर आगामी रणनीति तैयार करके बड़ा फैसला लेने का भी ऐलान कर दिया था। रात को साढ़े 10 बजे पहुंचे CM रविवार की सुबह पूर्व मेयर अपने समर्थकों के साथ बैठक करने वाली थी। शनिवार की रात करीब साढ़े 10 बजे सीएम नायब सैनी रेणुबाला गुप्ता के आवास पर पहुंच गए। उनके साथ जिला स्तर के नेता भी मौजूद रहे। मीटिंग के दौरान कुछ गर्मागर्मी की भी बात सामने आई है। बाद में पत्रकारों से बातचीत में रेणु बाला गुप्ता व उनके पति बृज गुप्ता ने कहा कि हम अपने सभी रिश्तेदारों, परिवार व समर्थकों से बातचीत करेंगे कि आगे क्या कदम उठाना चाहिए। 10 तारीख तक बैठक कर लेंगे, उसके बाद जो फैसला होगा, वह सीएम को बता दिया जाएगा। हमने यह भी बात रखी है कि करनाल विधानसभा सीट पर नायब सैनी चुनाव लड़े। अगर ऐसा होता है तो सभी कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर हो जाएगी। हमने अपने लिए कोई टिकट नहीं मांगी है और मेरिट के आधार पर अगर हमारी टिकट बनती है तो दे दीजिए। बृज गुप्ता ने कहा कि मेरा पर्सनल एतराज है कि जगमोहन आनंद को टिकट दी गई है। सीएम ने कंबोज को भी मनाने की कोशिश की पूर्व राज्य मंत्री कर्णदेव कंबोज इंद्री से टिकट मांग रहे थे, लेकिन उनका भी टिकट कट गया और उन्होंने बीजेपी पर टिकट बंटवारे को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे और कहा था कि गद्दारों को तव्वजों दी जाती है। कंबोज के साथ मीटिंग भी हुई थी। जिसमें उन्होंने सीएम से हाथ तक नहीं मिलाया था। बाद में उनको दिल्ली बुलाया गया और उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास किया गया। ऐसे ही रेणु बाला गुप्ता की भी नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। हरियाणा के करनाल विधानसभा में CM नायब सैनी टिकट कटने से नाराज हुई पूर्व मेयर रेणुबाला गुप्ता को मनाने के लिए शनिवार देर रात को उनके आवास पर पहुंचे। जहां उन्होंने उनके साथ मीटिंग की और उन्हें समझाने का प्रयास किया। सीएम के आश्वासन के बाद रेणु बाला गुप्ता ने रविवार को समर्थकों के साथ होने वाली बैठक को स्थगित कर दिया। करीब डेढ़ घंटे तक मीटिंग चली। मीटिंग के बाद पत्रकारों से बातचीत में CM ने कहा कि वे अपनी बहन रेणु बाला गुप्ता के घर चाय पीने आए थे, और जब भी मन करता है वे आ जाते है। सीएम सैनी ने कहा कि बीजेपी में कोई भगदड़ नहीं है। पार्टी का निर्णय सर्वोपरि है। पार्टी का आदेश स्वीकार किया है, उसका सम्मान किया है। वहीं मेयर का कहना है कि मीटिंग हुई है और पार्टी जीते, इसके लिए हमने सीएम से दो-तीन दिन का समय मांगा है, ताकि सोच विचार किया जा सके। उसके बाद 10 तारीख तक जो कार्यकर्ता फैसला लेगें, उसी के आधार पर हम निर्णय लेगें कि आजाद चुनाव लड़ेंगे या नहीं। वहीं उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम मनोहर लाल का भी उनके पास फोन आया था। उन्होंने भी विचार करने का आश्वासन दिया है। CM सिटी के रूप में ही आगे बढ़ेगा करनाल इस दौरान मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि सीएम सिटी आगे भी सीएम सिटी के नाम से जानी जाती रहेगी। करनाल सीएम सिटी के रूप में ही आगे बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि वे 10 तारीख को लाडवा में विधानसभा चुनाव के लिए नॉमिनेशन भी करेंगे। टिकट कटने से नाराज है पूर्व महापौर भाजपा की पहली लिस्ट में अपना टिकट कटने से आहत हुई रेणु बाला गुप्ता ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और लिखा कि मेरी निष्ठा, विश्वास, वर्षों से प्रतिदिन के संघर्ष और समर्पण का कत्ल किया गया। ये मेरे साथ धोखा है। करनाल में टिकट का निर्णय मेरिट के आधार पर नहीं हुआ। पोस्ट के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई थी। ऐसे में नाराज मेयर ने अपने समर्थकों के साथ बैठक कर आगामी रणनीति तैयार करके बड़ा फैसला लेने का भी ऐलान कर दिया था। रात को साढ़े 10 बजे पहुंचे CM रविवार की सुबह पूर्व मेयर अपने समर्थकों के साथ बैठक करने वाली थी। शनिवार की रात करीब साढ़े 10 बजे सीएम नायब सैनी रेणुबाला गुप्ता के आवास पर पहुंच गए। उनके साथ जिला स्तर के नेता भी मौजूद रहे। मीटिंग के दौरान कुछ गर्मागर्मी की भी बात सामने आई है। बाद में पत्रकारों से बातचीत में रेणु बाला गुप्ता व उनके पति बृज गुप्ता ने कहा कि हम अपने सभी रिश्तेदारों, परिवार व समर्थकों से बातचीत करेंगे कि आगे क्या कदम उठाना चाहिए। 10 तारीख तक बैठक कर लेंगे, उसके बाद जो फैसला होगा, वह सीएम को बता दिया जाएगा। हमने यह भी बात रखी है कि करनाल विधानसभा सीट पर नायब सैनी चुनाव लड़े। अगर ऐसा होता है तो सभी कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर हो जाएगी। हमने अपने लिए कोई टिकट नहीं मांगी है और मेरिट के आधार पर अगर हमारी टिकट बनती है तो दे दीजिए। बृज गुप्ता ने कहा कि मेरा पर्सनल एतराज है कि जगमोहन आनंद को टिकट दी गई है। सीएम ने कंबोज को भी मनाने की कोशिश की पूर्व राज्य मंत्री कर्णदेव कंबोज इंद्री से टिकट मांग रहे थे, लेकिन उनका भी टिकट कट गया और उन्होंने बीजेपी पर टिकट बंटवारे को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे और कहा था कि गद्दारों को तव्वजों दी जाती है। कंबोज के साथ मीटिंग भी हुई थी। जिसमें उन्होंने सीएम से हाथ तक नहीं मिलाया था। बाद में उनको दिल्ली बुलाया गया और उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास किया गया। ऐसे ही रेणु बाला गुप्ता की भी नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में 3 हार के कांग्रेस के 3 बहाने:किसी नेता ने जिम्मेदारी नहीं ली; BJP की जीत के कारण गिनाए, इस बार EVM जिम्मेदार
हरियाणा में 3 हार के कांग्रेस के 3 बहाने:किसी नेता ने जिम्मेदारी नहीं ली; BJP की जीत के कारण गिनाए, इस बार EVM जिम्मेदार हरियाणा में कांग्रेस लगातार तीसरी बार विधानसभा चुनाव हार गई है। इस बार पार्टी को 37 सीटें मिलीं, जबकि भाजपा ने 48 सीटें जीतकर प्रदेश में बहुमत हासिल किया है। इस हार के बाद कांग्रेस ने EVM को भाजपा की जीत का जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, अपनी हार की समीक्षा ही नहीं की। यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने प्रदेश में भाजपा की जीत में खामियां बताकर अपने खराब प्रदर्शन को ढंकने की कोशिश की है। इससे पहले साल 2014 और 2019 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने भाजपा की जीत के ही कारण गिनाए। पार्टी ने खुद की कमियां नहीं बताईं और न ही किसी नेता ने हार की जिम्मेदारी ली। राजनीति के जानकार मानते हैं कि प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के लगातार सत्ता से बाहर रहने का कारण भी यही है। वह हार के कारणों को जानकर उन पर काम करने के बजाय भाजपा की जीत के कारण गिनाने लगते हैं। इससे पार्टी नेताओं की अपनी खामियां छिप जाती हैं, और अगले चुनाव के लिए पार्टी कोई बेहतर प्लेटफॉर्म नहीं बना पाती। टर्म बाई टर्म जानिए, कांग्रेस ने हार के क्या कारण बताए… 2014 : मोदी लहर में जीती भाजपा
हरियाणा में साल 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपनी सरकार गंवाई। उसी साल देश में लोकसभा चुनाव भी हुए थे, जिनमें मोदी लहर के दम पर भाजपा ने केंद्र में अपनी सरकार बनाई। इसी के कुछ समय बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव भी हुए, जिनमें भाजपा ने मोदी के नेतृत्व में ही वोट मांगे। इस चुनाव में भाजपा ने हरियाणा में 47 सीटें जीतीं और पहली बार बहुमत की सरकार बनाई। जबकि, कांग्रेस को साल 2014 में 14 सीटों पर जीत मिली। जब इस हार की समीक्षा की गई तो पार्टी नेताओं ने देश में प्रधानमंत्री मोदी की लहर को भाजपा की जीत का कारण बताया। जबकि, किसी भी नेता ने अपनी हार की जिम्मेदारी नहीं ली। 2019 : भाजपा को पुलवामा अटैक का फायदा मिला
कांग्रेस ने 2014 की अंदरुनी गलतियों को भुलाकर 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ा। इस बार पार्टी के अंदर गुटबाजी हुई। पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा का एक गुट बन गया और कांग्रेस नेता कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला व किरण चौधरी का एक गुट बन गया। इनके समर्थक अप्रत्यक्ष रूप से एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे, और इसका लाभ भाजपा उठा ले गई। इस चुनाव में भी भाजपा के खिलाफ हवा थी, फिर भी भाजपा 41 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी और जन नायक जनता पार्टी (JJP) से गठबंधन कर दूसरी बार सरकार बना ली। वहीं, कांग्रेस को 31 सीटें मिलीं। इस हार का समीक्षा में कांग्रेस ने नया बहाना लगाया। पार्टी नेताओं ने कहा कि 2019 की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले का भाजपा ने फायदा उठाया है। शहीदों के नाम पर भाजपा ने वोट मांगे, जिससे उन्हें सहानुभूति वोट मिला है। कांग्रेस ने इस हार की जिम्मेदारी लिए बगैर इसे ऐसे ही छोड़ दिया। 2024 : EVM में गड़बड़ी कर भाजपा जीती
10 साल की एंटीइनकंबेंसी के बावजूद भाजपा ने 2024 का चुनाव भी अकेले लड़ा। इस चुनाव में कांग्रेस भी अकेले चुनावी मैदान में उतरी। शुरुआत से ही प्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में माहौल रहा। हर तरफ लोग कांग्रेस को ही वोट देने और सरकार बदलने की बात करते नजर आए। भाजपा इस चुनाव में हर पॉइंट पर बैकफुट पर थी, लेकिन भाजपा ने इस बार भी कांग्रेस की अंदरुनी कलह का फायदा उठाया। इस बार भी कांग्रेस के अंदर गुट बने रहे। हुड्डा गुट ने अधिपत्य दिखाते हुए हरियाणा की ज्यादातर सीटों पर टिकट अपने चहेतों को दिलवाए। वहीं, दूसरी तरफ कुमारी सैलजा अपने समर्थकों को टिकट दिलाने की जुगत में लगी रहीं। इसी बीच चुनाव प्रचार में दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर कुछ बयानबाजी भी की जिससे दोनों के समर्थक नाराज हुए। इस कलह ने आम वोटर पर भी असर डाला और भाजपा ने इसका फायदा उठाते हुए कांग्रेस की हवा को अपने पाले में कर लिया। जब नतीजा आया तो कांग्रेस पूरी हवा होने के बावजूद 37 सीटों पर सिमट गई, जबकि भाजपा 48 सीटें जीतकर तीसरी बार बहुमत की सरकार बनाने में कामयाब रही। जब इस हार की समीक्षा की बात उठी तो पूर्व CM हुड्डा समेत कई नेताओं ने EVM में गड़बड़ी को जिम्मेदार बताया। कहा कि चुनाव के दौरान EVM में गड़बड़ी कर भाजपा जीती है। 10 साल, 3 प्रदेशाध्यक्ष… पर संगठन तक नहीं बना पाए
हरियाणा में कांग्रेस का 10 साल से संगठन नहीं बना है। हालांकि, प्रदेशाध्यक्ष के तौर पर 3 अध्यक्ष आ चुके हैं। इनमें अशोक तंवर, कुमारी सैलजा से लेकर उदयभान तक शामिल हैं। गुटबाजी के चलते आज तक कांग्रेस अपने जिलाध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष भी तय नहीं कर पाई है। लोकसभा चुनाव से पहले हाईकमान को सूची भेजी गई थी, लेकिन आज तक हाईकमान इसे जारी करने की हिम्मत नहीं दिखा पाया है। संगठन न होने के चलते कांग्रेस के बस्ते पकड़ने वालों तक की कमी रही। हरियाणा में हार पर क्या-क्या बोले कांग्रेस नेता… 1. प्रदेश अध्यक्ष बोले- खास EVM , जिनकी बैटरी 99% चार्ज थी
हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने हार के बाद कहा कि हमारे पास 20 शिकायतें आईं, जिनमें 7 लिखित हैं। उन्होंने कहा कि मतगणना के दिन कुछ खास EVM थीं, जिनकी बैटरी 99% चार्ज दिखा रही थी। इनसे BJP को ज्यादा वोट मिले। मतगणना के बाद बैटरी इतनी चार्ज नहीं रह सकती। हमारे संदेह का यह सबसे बड़ा कारण है। उन्होंने कहा कि बाकी जो सामान्य EVM थी, उनकी बैटरी 60 से 70% थी। उसमें BJP नहीं जीत रही थी। इस बारे में हमने आयोग को बता दिया है। हमने कहा है कि जिन मशीनों की शिकायत की गई है, उन्हें जांच पूरी होने तक सील किया जाए। आयोग ने हमें जांच का भरोसा दिया है। 2. गोगी बोले- हरियाणा में हुड्डा कांग्रेस की हार हुई
करनाल की असंध सीट से 2306 वोटों से हारे शमशेर गोगी ने कहा कि एक बिरादरी की सरकार नहीं बनती। सबको साथ लेकर चलना पड़ता है। अब हरियाणा कांग्रेस में बदलाव की जरूरत है। अगर शीर्ष नेतृत्व ने हार के कारणों की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई तो वह सारी बातें रखेंगे। शमशेर गोगी ने कहा कि हरियाणा में हुड्डा कांग्रेस की हार हुई है, कांग्रेस की नहीं। 3. परविंदर परी बोले- कांग्रेस कैंडिडेट को हराने का काम किया
अंबाला कैंट से हारे परविंदर परी ने कहा कि एक ही छत के नीचे रहने वाले नेता, जो 6 बार चुनाव हारते हैं, उसके बाद कांग्रेस पार्टी उन्हें टिकट देती है। बीडी गैंग यानी भूपेंद्र-दीपेंद्र हुड्डा गैंग ने कई सीटों पर बागी प्रत्याशियों को उतार कांग्रेस कैंडिडेट को हराने का काम किया। चुनाव हारना और चुनाव हराना दोनों में फर्क होता है। पार्टी ने ही बागी उम्मीदवार को कैंडिडेट उतार कर हमें अपनी पूरी मंशा के तहत हराया है। हमें लगता है कि सैलजा सही टाइम पर आतीं तो आज चुनाव के नतीजे कुछ और होते। 4. सैलजा बोलीं- तालमेल नहीं रखा गया
कुमारी सैलजा ने कहा कि पार्टी को राज्य में सींचा नहीं गया, तालमेल नहीं रखा गया, कौन से लोग थे जो सबको साथ लेकर चलने के जिम्मेदार थे? ये भी बातें हैं। राज्य में क्या संदेश गया है। किस लिए लोग कांग्रेस की सरकार बनाते हुए पीछे हट गए? ये सब बातें देखनी पड़ेंगी।
हरियाणा में कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाएंगे अमित शाह:पंचकूला में होगी बैठक, 4500 कार्यकर्ता होंगे शामिल, मंडल स्तर के वर्करों को भी निमंत्रण
हरियाणा में कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाएंगे अमित शाह:पंचकूला में होगी बैठक, 4500 कार्यकर्ता होंगे शामिल, मंडल स्तर के वर्करों को भी निमंत्रण हरियाणा लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन 2019 के मुकाबले काफी निराशाजनक रहा। भाजपा का वोट प्रतिशत भी पिछली बार से कम हुआ। ऐसे में कहीं न कहीं कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर पड़ा है। इसी को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भाजपा कार्यकर्ताओं में जान फूंकने के लिए हरियाणा आएंगे। अमित शाह का कार्यक्रम पहले कुरुक्षेत्र में तय था, लेकिन अब वह पंचकूला आएंगे। हरियाणा भाजपा ने शाह के कार्यक्रम का विस्तार किया है। पहले कार्यक्रम में 2500 कार्यकर्ताओं को शामिल होना था, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ाकर 4500 कर दी गई है। अब मंडल स्तर के कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया जा रहा है। इस बैठक में मंडल अध्यक्ष, मंडल महामंत्री, सभी मोर्चों के जिला पदाधिकारी, जिला पार्षद, नगर पार्षद और ब्लॉक कार्यसमिति को आमंत्रित किया गया है। कार्यकर्ताओं को आमंत्रित करने की जिम्मेदारी भाजपा के जिला अध्यक्षों को दी गई है। भाजपा ने ऐसी व्यवस्था की है, जिससे अमित शाह का संदेश बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं तक पहुंचे। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बनेगी रणनीति अमित शाह की बैठक में विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति बनेगी। हरियाणा में तीसरी बार सरकार बनाने के लक्ष्य के साथ भाजपा आगे बढ़ेगी। इस बैठक में अमित शाह हरियाणा में कांग्रेस द्वारा फैलाए गए झूठ के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा प्रचार करने पर जोर देंगे। फोटो खिंचवाने वाले कार्यकर्ताओं को फील्ड में मेहनत करने की सलाह दी जाएगी और काम न करने वाले कार्यकर्ताओं को पद छोड़ने की सलाह दी जाएगी। इसके अलावा 2014 और 2019 की तरह इस बार भी कार्यकर्ताओं को विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया जाएगा। इस बैठक में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ ही प्रदेश भाजपा की कोर टीम के सदस्य ओपी धनखड़, सुधा यादव, कैप्टन अभिमन्यु, सुभाष बराला और रामबिलास शर्मा मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही बैठक में हरियाणा के सभी मंत्री, विधायक और सांसद हिस्सा लेंगे। इतना ही नहीं इस बैठक में 2500 से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे। शाह के कार्यक्रम से एक दिन पहले बैठक दूसरी ओर, अमित शाह की बैठक से पहले प्रदेश भाजपा की ओर से प्रदेश पदाधिकारियों, जिला अध्यक्षों और जिला प्रभारियों की बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में करीब 45 लोग भाग लेंगे। इस बैठक में अमित शाह के दौरे के दौरान एजेंडे तय किए जाएंगे। जिलों की क्या व्यवस्था होगी, इसकी पूरी रूपरेखा तैयार की जाएगी। आपको बता दें कि 2019 में जहां भाजपा ने लोकसभा में हरियाणा की 10 में से 10 सीटें जीती थीं, वहीं इस बार भाजपा लोकसभा में कांग्रेस से 5 सीटें हार गई। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस मजबूत होकर उभरी है और हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस गठबंधन में रहते हुए 46 विधानसभा सीटों पर आगे निकली, जबकि भाजपा 42 विधानसभा सीटों पर आगे रही। ऐसे में इस बार भाजपा के लिए मुकाबला कड़ा है। इन वजहों से भाजपा के सामने कड़ी चुनौती 1. सत्ता विरोधी लहर: भाजपा को हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा में भाजपा की सरकार 10 साल से है। हरियाणा की जनता राज्य में बदलाव चाह रही है। हालांकि भाजपा ने मुख्यमंत्री का चेहरा बदल दिया, लेकिन लोकसभा चुनाव में इसका कोई फायदा नहीं हुआ। लोकसभा चुनाव में भाजपा को मोदी के नाम पर वोट जरूर मिले, लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव की राह कठिन है। 2. जाट और एससी समुदाय की नाराजगी: भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती जाट और एससी समुदाय को खुश करना है। लोकसभा चुनाव में दोनों समुदायों ने एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ वोट किया था। इसका नतीजा यह हुआ कि जिन विधानसभाओं में जाट समुदाय या एससी समुदाय का प्रभाव है, वहां भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। भाजपा के सामने सबसे बड़ी चुनौती दोनों वर्गों को खुश करना है। 3. किसान आंदोलन और अग्निवीर योजना: भाजपा केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर लोगों से नाराज है। केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर लंबे समय तक आंदोलन चला था। इसमें हरियाणा के किसानों ने अग्रणी भूमिका निभाई थी। हरियाणा सरकार ने किसानों के साथ कई मोर्चों पर बल प्रयोग किया और उनका साथ नहीं दिया। इससे किसान हरियाणा सरकार से नाराज हो गए। वहीं हरियाणा के युवा, खासकर ग्रामीण इलाकों से आने वाले युवा, केंद्र की अग्निवीर योजना से नाराज हैं। हरियाणा में युवा बड़े पैमाने पर सेना भर्ती की तैयारी करते हैं। अब यहां पढ़िए लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन 11.06% वोट शेयर घटा हरियाणा में इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को 46.06 वोट प्रतिशत मिले हैं। जबकि 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा का 58 प्रतिशत वोट शेयर था। 5 सालों में पार्टी का प्रदेश में 11.06 वोट प्रतिशत घटा है।वहीं, कांग्रेस का वोट शेयर देखें तो इस चुनाव में 43.73% वोट शेयर लेकर भाजपा को कड़ी टक्कर दी है। 2019 में कांग्रेस को सिर्फ 28.42% वोट शेयर मिला था। 5 साल में कांग्रेस के वोट शेयर में 15.31% वोट शेयर की बढ़ोतरी हुई है। रिजर्व सीटों पर BJP का बुरा हाल
हरियाणा में कुल 17 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित हैं। इनमें से मात्र 4 सीटों पर ही BJP को जीत मिली है। वहीं, कांग्रेस को 11, आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए भी बेहतर नतीजे आए हैं। AAP ने 2 सीटों पर लीड ली है। ये दोनों आरक्षित सीटें कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट में आती हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित 17 सीटों में से कांग्रेस ने मुलाना, सढौरा, खरखौदा, कलानौर, झज्जर, बवानीखेड़ा, उकलाना, कालांवाली, रतिया, नरवाना और होडल सीटें जीती हैं। AAP ने शाहाबाद और गुहला चीका, जबकि BJP ने नीलोखेड़ी, इसराना, पटौदी और बावल सीटें जीती हैं। इन मंत्रियों के गढ़ में पिछड़ी पार्टी
भाजपा विधायकों के अंबाला शहर से असीम गोयल (परिवहन मंत्री), जगाधरी से कंवरपाल गुर्जर (कृषि मंत्री), पिहोवा से संदीप सिंह (पूर्व खेल मंत्री), कलायत से कमलेश ढांडा (पूर्व मंत्री), आदमपुर से भव्य बिश्नोई, नलवा से रणबीर सिंह गंगवा, बवानीखेड़ा से बिशंबर वाल्मीकि (राज्य मंत्री), फतेहाबाद से दूडाराम, रतिया से लक्ष्मण नापा, लोहारू से जेपी दलाल (कृषि मंत्री), कोसली से लक्ष्मण यादव, हथीन से प्रवीण डागर, होडल से जगदीश नागर के विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवार की हार हुई।
सिरसा में नहर टूटने से हुआ जलभराव:खेतों में पानी आने से फसल हुई जलमग्न, लोगों के घरों में घुसा
सिरसा में नहर टूटने से हुआ जलभराव:खेतों में पानी आने से फसल हुई जलमग्न, लोगों के घरों में घुसा सिरसा जिले के फग्गू गांव में वीरवार सुबह अचानक मम्बड़ नहर में आई दरार के बाद आस पास के खेतों में पानी भर कर रिहायशी इलाके की ओर पानी बढ़ने लगा। इस बात का ढाणी निवासियों को तब पता चला जब उनके ढाणियों के आसपास पानी ही पानी दिखाई दिया। जिसके बाद उन्होंने नहरी विभाग के कर्मचारियों को सूचना दी। गांव मे मुनादी करवाई जिसके बाद ग्रामीण भारी संख्या मे मौके पर पहुंचे। विभाग के कर्मचारियों ने कराया पानी बंद सूचना के बाद गांव में पहुंचे नहरी विभाग के कर्मचारियों ने पंजाब हैड से पानी बंद करवाया। नहर टूटने का कारण आंधी से पेड़ टूट कर गिरने से लगी डाफ से नहर में बह रहे पानी का पीछे चढ़ाव अधिक होना बताया जा रहा है। गांव फग्गू से ग्रामीणों ने बताया कि गांव फग्गू में मेन रोड़ पुल और राईया रोड़ पुल के बीच पूर्व दिशा में गांव की ओर अलसुबह अचानक मम्बड़ नहर टुट गई। जिससे आसपास करीब 100 एकड़ में जलमग्न हो गया। जिसमें मूंग, ज्वार, मक्का, नरमा आदि की फसल खड़ी थी।
उन्होंने बताया कि गांव की ओर पटरी में दरार आ गई, जिससे नहरी पानी बड़ी तेजी से निचले भागों में स्थित गांव और ढाणियों की ओर बहने लगा। पानी का बहाव इतना था कि कुछ समय में ही काफी लंबी और गहरी दरार आ गई। जिसके बाद निचले भागों मे जल भराव जैसी स्थिति हो गई। गांव में भरा पानी घबराकर अपने अपने घरों के बाहर दीवारों के साथ मिट्टी लगाने लगे ताकि पानी घरों न घुसे। ग़नीमत ये रही कि समय रहते पता चल गया और पीछे से पानी बंद करवा दिया अन्यथा रात्रि में यदि नहर टूट जाती तो जलभराव से अधिक नुकसान हो सकता था। वहीं नहर में पानी बंद होने से आज दिनभर आगे टेल तक किसान अपने खेतों मे पानी लगाने के लिए वंचित रह गए। समाचार लिखे जाने तक नहरी विभाग की ओर से जेसीबी मशीन व ट्रैक्टर ट्रालियों मे दूर से मिट्टी लाकर नहर में आई दरार को मिट्टी डाल कर बंद करने का कार्य जारी था।