हरियाणा के करनाल विधानसभा में CM नायब सैनी टिकट कटने से नाराज हुई पूर्व मेयर रेणुबाला गुप्ता को मनाने के लिए शनिवार देर रात को उनके आवास पर पहुंचे। जहां उन्होंने उनके साथ मीटिंग की और उन्हें समझाने का प्रयास किया। सीएम के आश्वासन के बाद रेणु बाला गुप्ता ने रविवार को समर्थकों के साथ होने वाली बैठक को स्थगित कर दिया। करीब डेढ़ घंटे तक मीटिंग चली। मीटिंग के बाद पत्रकारों से बातचीत में CM ने कहा कि वे अपनी बहन रेणु बाला गुप्ता के घर चाय पीने आए थे, और जब भी मन करता है वे आ जाते है। सीएम सैनी ने कहा कि बीजेपी में कोई भगदड़ नहीं है। पार्टी का निर्णय सर्वोपरि है। पार्टी का आदेश स्वीकार किया है, उसका सम्मान किया है। वहीं मेयर का कहना है कि मीटिंग हुई है और पार्टी जीते, इसके लिए हमने सीएम से दो-तीन दिन का समय मांगा है, ताकि सोच विचार किया जा सके। उसके बाद 10 तारीख तक जो कार्यकर्ता फैसला लेगें, उसी के आधार पर हम निर्णय लेगें कि आजाद चुनाव लड़ेंगे या नहीं। वहीं उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम मनोहर लाल का भी उनके पास फोन आया था। उन्होंने भी विचार करने का आश्वासन दिया है। CM सिटी के रूप में ही आगे बढ़ेगा करनाल इस दौरान मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि सीएम सिटी आगे भी सीएम सिटी के नाम से जानी जाती रहेगी। करनाल सीएम सिटी के रूप में ही आगे बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि वे 10 तारीख को लाडवा में विधानसभा चुनाव के लिए नॉमिनेशन भी करेंगे। टिकट कटने से नाराज है पूर्व महापौर भाजपा की पहली लिस्ट में अपना टिकट कटने से आहत हुई रेणु बाला गुप्ता ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और लिखा कि मेरी निष्ठा, विश्वास, वर्षों से प्रतिदिन के संघर्ष और समर्पण का कत्ल किया गया। ये मेरे साथ धोखा है। करनाल में टिकट का निर्णय मेरिट के आधार पर नहीं हुआ। पोस्ट के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई थी। ऐसे में नाराज मेयर ने अपने समर्थकों के साथ बैठक कर आगामी रणनीति तैयार करके बड़ा फैसला लेने का भी ऐलान कर दिया था। रात को साढ़े 10 बजे पहुंचे CM रविवार की सुबह पूर्व मेयर अपने समर्थकों के साथ बैठक करने वाली थी। शनिवार की रात करीब साढ़े 10 बजे सीएम नायब सैनी रेणुबाला गुप्ता के आवास पर पहुंच गए। उनके साथ जिला स्तर के नेता भी मौजूद रहे। मीटिंग के दौरान कुछ गर्मागर्मी की भी बात सामने आई है। बाद में पत्रकारों से बातचीत में रेणु बाला गुप्ता व उनके पति बृज गुप्ता ने कहा कि हम अपने सभी रिश्तेदारों, परिवार व समर्थकों से बातचीत करेंगे कि आगे क्या कदम उठाना चाहिए। 10 तारीख तक बैठक कर लेंगे, उसके बाद जो फैसला होगा, वह सीएम को बता दिया जाएगा। हमने यह भी बात रखी है कि करनाल विधानसभा सीट पर नायब सैनी चुनाव लड़े। अगर ऐसा होता है तो सभी कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर हो जाएगी। हमने अपने लिए कोई टिकट नहीं मांगी है और मेरिट के आधार पर अगर हमारी टिकट बनती है तो दे दीजिए। बृज गुप्ता ने कहा कि मेरा पर्सनल एतराज है कि जगमोहन आनंद को टिकट दी गई है। सीएम ने कंबोज को भी मनाने की कोशिश की पूर्व राज्य मंत्री कर्णदेव कंबोज इंद्री से टिकट मांग रहे थे, लेकिन उनका भी टिकट कट गया और उन्होंने बीजेपी पर टिकट बंटवारे को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे और कहा था कि गद्दारों को तव्वजों दी जाती है। कंबोज के साथ मीटिंग भी हुई थी। जिसमें उन्होंने सीएम से हाथ तक नहीं मिलाया था। बाद में उनको दिल्ली बुलाया गया और उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास किया गया। ऐसे ही रेणु बाला गुप्ता की भी नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। हरियाणा के करनाल विधानसभा में CM नायब सैनी टिकट कटने से नाराज हुई पूर्व मेयर रेणुबाला गुप्ता को मनाने के लिए शनिवार देर रात को उनके आवास पर पहुंचे। जहां उन्होंने उनके साथ मीटिंग की और उन्हें समझाने का प्रयास किया। सीएम के आश्वासन के बाद रेणु बाला गुप्ता ने रविवार को समर्थकों के साथ होने वाली बैठक को स्थगित कर दिया। करीब डेढ़ घंटे तक मीटिंग चली। मीटिंग के बाद पत्रकारों से बातचीत में CM ने कहा कि वे अपनी बहन रेणु बाला गुप्ता के घर चाय पीने आए थे, और जब भी मन करता है वे आ जाते है। सीएम सैनी ने कहा कि बीजेपी में कोई भगदड़ नहीं है। पार्टी का निर्णय सर्वोपरि है। पार्टी का आदेश स्वीकार किया है, उसका सम्मान किया है। वहीं मेयर का कहना है कि मीटिंग हुई है और पार्टी जीते, इसके लिए हमने सीएम से दो-तीन दिन का समय मांगा है, ताकि सोच विचार किया जा सके। उसके बाद 10 तारीख तक जो कार्यकर्ता फैसला लेगें, उसी के आधार पर हम निर्णय लेगें कि आजाद चुनाव लड़ेंगे या नहीं। वहीं उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम मनोहर लाल का भी उनके पास फोन आया था। उन्होंने भी विचार करने का आश्वासन दिया है। CM सिटी के रूप में ही आगे बढ़ेगा करनाल इस दौरान मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि सीएम सिटी आगे भी सीएम सिटी के नाम से जानी जाती रहेगी। करनाल सीएम सिटी के रूप में ही आगे बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि वे 10 तारीख को लाडवा में विधानसभा चुनाव के लिए नॉमिनेशन भी करेंगे। टिकट कटने से नाराज है पूर्व महापौर भाजपा की पहली लिस्ट में अपना टिकट कटने से आहत हुई रेणु बाला गुप्ता ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और लिखा कि मेरी निष्ठा, विश्वास, वर्षों से प्रतिदिन के संघर्ष और समर्पण का कत्ल किया गया। ये मेरे साथ धोखा है। करनाल में टिकट का निर्णय मेरिट के आधार पर नहीं हुआ। पोस्ट के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई थी। ऐसे में नाराज मेयर ने अपने समर्थकों के साथ बैठक कर आगामी रणनीति तैयार करके बड़ा फैसला लेने का भी ऐलान कर दिया था। रात को साढ़े 10 बजे पहुंचे CM रविवार की सुबह पूर्व मेयर अपने समर्थकों के साथ बैठक करने वाली थी। शनिवार की रात करीब साढ़े 10 बजे सीएम नायब सैनी रेणुबाला गुप्ता के आवास पर पहुंच गए। उनके साथ जिला स्तर के नेता भी मौजूद रहे। मीटिंग के दौरान कुछ गर्मागर्मी की भी बात सामने आई है। बाद में पत्रकारों से बातचीत में रेणु बाला गुप्ता व उनके पति बृज गुप्ता ने कहा कि हम अपने सभी रिश्तेदारों, परिवार व समर्थकों से बातचीत करेंगे कि आगे क्या कदम उठाना चाहिए। 10 तारीख तक बैठक कर लेंगे, उसके बाद जो फैसला होगा, वह सीएम को बता दिया जाएगा। हमने यह भी बात रखी है कि करनाल विधानसभा सीट पर नायब सैनी चुनाव लड़े। अगर ऐसा होता है तो सभी कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर हो जाएगी। हमने अपने लिए कोई टिकट नहीं मांगी है और मेरिट के आधार पर अगर हमारी टिकट बनती है तो दे दीजिए। बृज गुप्ता ने कहा कि मेरा पर्सनल एतराज है कि जगमोहन आनंद को टिकट दी गई है। सीएम ने कंबोज को भी मनाने की कोशिश की पूर्व राज्य मंत्री कर्णदेव कंबोज इंद्री से टिकट मांग रहे थे, लेकिन उनका भी टिकट कट गया और उन्होंने बीजेपी पर टिकट बंटवारे को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे और कहा था कि गद्दारों को तव्वजों दी जाती है। कंबोज के साथ मीटिंग भी हुई थी। जिसमें उन्होंने सीएम से हाथ तक नहीं मिलाया था। बाद में उनको दिल्ली बुलाया गया और उनकी नाराजगी दूर करने का प्रयास किया गया। ऐसे ही रेणु बाला गुप्ता की भी नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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कुमारी सैलजा ने टिकट वितरण पर उठाए सवाल:कहा- कांग्रेस हाईकमान-इंचार्ज को ग्राउंड रियलिटी की समझ नहीं; कमजोर कैंडिडेट उतारे हरियाणा की सिरसा लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा में टिकट वितरण पर सवाल उठाए हैं। सैलजा ने कहा कि प्रदेश में टिकटों का वितरण सही नहीं हुआ। अगर सही तरीके से टिकट दी जातीं तो कांग्रेस 10 में से 8 सीट जीत सकती थी। कांग्रेस हाईकमान पर सवाल उठाते हुए सैलजा ने कहा कि उन्हें नीचे (ग्राउंड रियलिटी) की समझ नहीं है। हरियाणा के इंचार्ज को भी समझ नहीं है। अगर समझ होती तो वे सबसे बातचीत करके या फीडबैक लेकर ढंग से टिकट का वितरण करते। कुमारी सैलजा शनिवार को हिसार के उकलाना में कार्यकर्ताओं की मीटिंग लेने के लिए पहुंची थीं। किरण चौधरी के कांग्रेस छोड़ भाजपा में जाने पर उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीति में बैलेंस करके चलना बहुत जरूरी होता है। पार्टी में सबको साथ लेकर चलना होता है, लेकिन एक वर्ग को पीछे छोड़ना सही नहीं है। आप दूसरी पार्टियों से नेता लाकर जॉइन करवाते हो। फिर गिनती करते हैं कि हमने इतनों को जॉइन करवा लिया, लेकिन दूसरी तरफ आप अपना घर नहीं संभाल रहे। उनके साथ इंसाफ तो करो। इन बातों को विधानसभा के लिए देखना होगा, वर्ना पार्टी को नुकसान होगा। गुरुग्राम, सोनीपत और करनाल में टिकट सही नहीं बटे
सैलजा ने कहा कि हरियाणा की 10 सीटों में सही ढंग से टिकट वितरण कर देते तो हम ज्यादा टिकट जीतते। राज बब्बर को कौन लाया, ब्रह्मचारी को कौन लाया यह सब जानते हैं। क्या हमारे पास हरियाणा में कैंडिडेट नहीं थे। कहीं न कहीं हमने कमजोरी दिखाई है। पूर्व CM के सामने और मौजूदा CM के सामने हमने किस तरह के कैंडिडेट उतारे। जब बैलेंस एक तरफ इतना ज्यादा था तो उन्हीं की चली होगी हम तो चुनाव में व्यस्त हो गए। किरण को पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर किया
कुमारी सैलजा ने किरण चौधरी के पक्ष में इशारों-इशारों में कहा कि कहीं ना कहीं उनको पार्टी छोड़ने पर मजबूर किया गया। पहले टिकट काटना इसके बाद स्टार प्रचारकों की सूची से नाम हटाना, यह सब दिख रहा था। किरण चौधरी के कांग्रेस छोड़कर जाने से पार्टी को नुकसान हुआ है। जो यह बात कह रहे हैं कि किरण के जाने से कोई नुकसान नहीं हुआ, यह सब कहने की बात है। वह तब भी हमारे साथ थीं, जब बंसीलाल का परिवार हमारे साथ नहीं था। प्रदेश में एक परिवार की लीगेसी रही है दशकों से। किरण का जाना नुकसानदायक है। उनके साथ इंसाफ नहीं हुआ। जेपी को दिया इंदिरा और सोनिया का उदाहरण
कुमारी सैलजा ने हिसार से सांसद कांग्रेस सांसद जयप्रकाश को भी नसीहत दी। उन्होंने कहा कि जयप्रकाश कांग्रेस में हैं, लेकिन उनको पता नहीं है कि कांग्रेस में इंदिरा और सोनिया गांधी ने विरासत ही नहीं देश को आगे बढ़ाया है। प्रियंका गांधी भी यही कहती हैं लड़की हूं लड़ सकती हूं। लगता है जयप्रकाश समाज में विचारों से पीछे हैं। कहा- मरते दम तक कांग्रेस में रहूंगी
कुमारी सैलजा ने कहा कि कुछ लोग मेरे कांग्रेस से जाने को लेकर अफवाह फैलाते हैं कि मेरी गृहमंत्री से बातचीत चल रही है। क्या गृहमंत्री के पास इतना समय है वह मेरे पास आधे घंटे के लिए सिरसा आकर हेलिकॉप्टर से मिलेंगे। यह सब फालतू बातें हैं। मैं कांग्रेस की हूं और पक्की हूं। हमने कभी अलग से प्लेटफार्म नहीं बनाया। सिर उठाकर हर बात का जवाब दे सकते हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण में फीडबैक और इनपुट देंगे। अपनी बात रखेंगे।
हरियाणा की 2 लोकसभा सीटों की EVM चेक होंगी:दोनों BJP ने जीतीं; कांग्रेस उम्मीदवारों की वोटिंग में गड़बड़ी की शिकायत पर ECI का फैसला
हरियाणा की 2 लोकसभा सीटों की EVM चेक होंगी:दोनों BJP ने जीतीं; कांग्रेस उम्मीदवारों की वोटिंग में गड़बड़ी की शिकायत पर ECI का फैसला चुनाव आयोग ने हरियाणा की 2 लोकसभा सीटों पर चुनाव में EVM में गड़बड़ी की शिकायत की जांच के आदेश दिए हैं। इनमें करनाल और फरीदाबाद सीट शामिल है। जिनकी अब EVM चेक कराई जाएगी। करनाल से केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और फरीदाबाद से केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर चुनाव जीते थे। इन दोनों सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों की ओर से चुनाव के दौरान गड़बड़ी की आशंका जताई गई थी। इसे लेकर चुनाव आयोग में शिकायत भी की गई थी। करनाल से कांग्रेस उम्मीदवार दिव्यांशु बुद्धिराजा ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर EVM की जांच करने की मांग की थी। वहीं, फरीदाबाद से कांग्रेस उम्मीदवार महेंद्र प्रताप ने भी गड़बड़ी की आशंका जताई थी। चुनाव आयोग की ओर से कहा गया है कि लोकसभा चुनाव 2024 में EVM में गड़बड़ी की शिकायत के 8 आवेदन आए थे। इनमें हरियाणा के करनाल और फरीदाबाद लोकसभा सीट के भी नाम शामिल थे। इनमें EVM की मेमोरी और माइक्रो कंट्रोलर की जांच की मांग की गई थी। इन दोनों सीटों पर BJP जीती
करनाल और फरीदाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। करनाल से हरियाणा के साढ़े नौ साल मुख्यमंत्री रहे मनोहर लाल खट्टर ने कांग्रेस के उम्मीदवार दिव्यांशु बुद्धिराजा को हराया। खट्टर यहां से 2 लाख 32 हजार 577 वोटों के बड़े अंतर से जीते थे। खट्टर का यह पहला लोकसभा चुनाव था। इसके बाद वह मोदी 3.0 कैबिनेट में मंत्री बन चुके हैं। उन्हें शहरी विकास एवं आवास और ऊर्जा मंत्री बनाया गया है। वहीं, फरीदाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा ने कृष्णपाल गुर्जर को उम्मीदवार बनाया था। यहां से उन्होंने कांग्रेस के महेंद्र प्रताप सिंह को हराकर जीत हासिल की। गुर्जर ने यह सीट 1 लाख 72 हजार 914 वोटों के अंतर से जीती थी। जीत के बाद कृष्णपाल गुर्जर भी लगातार तीसरी बार मोदी कैबिनेट में केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए गए हैं। उन्हें अमित शाह के साथ सहकारिता विभाग दिया गया है। कांग्रेस उम्मीदवार चेक करेंगे EVM
ECI के मुताबिक करनाल और फरीदाबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवारों को EVM चेक करवाई जाएगी। करनाल लोकसभा सीट से करनाल में 2 EVM और पानीपत सिटी की 2 EVM चेक कराई जाएंगी। यानी करनाल लोकसभा सीट की 4 EVM चेक की जाएंगी। वहीं, फरीदाबाद लोकसभा सीट के बड़कल बूथ की 2 EVM चेक कराई जाएंगी। करनाल उम्मीदवार बुद्धिराजा बोले- 2 लाख जमा किए
करनाल लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार रहे दिव्यांशु बुद्धिराजा ने बताया कि हमने 4 बूथों पर EVM में गड़बड़ी की शिकायत की थी। इसके लिए आयोग में 2 लाख रुपए भी जमा कराए। हालांकि आयोग ने यह व्यवस्था पहली बार की है, लेकिन कमीशन की ओर से टेक्निकल SOP जारी नहीं की गई है कि वह EVM कैसे चेक कराएंगे। हालांकि आयोग ने भरोसा दिया है कि EVM की जांच को लेकर उनकी पूरी संतुष्टि कराएंगे। मैं खुद भी इंजीनियर हूं। इसलिए मैं खुद इसकी तह तक जाऊंगा। इसके साथ ही हम आयोग पर एसओपी जारी कराने के लिए दबाव बना रहे हैं। पहली बार ऐसा हो रहा…
यह पहली बार है कि ECI ने EVM चेक कराने को लेकर गाइड लाइन जारी की है। 4 जून को काउंटिंग से पहले 1 जून को आयोग की ओर से यह गाइडलाइन आई थी। इसमें यह प्रावधान किया गया है कि रिजल्ट आने के बाद जो भी सेकेंड पोजिशन वाला उम्मीदवार है, वह EVM चेक कराने के लिए आवेदन कर सकता है। इसके लिए आयोग की ओर से एक EVM चेक कराने के लिए 50 हजार रुपए की फीस रखी गई है। हालांकि इसके लिए उम्मीदवार को रिजल्ट आने के 7 दिन के भीतर ही आवदेन किया जाना जरूरी है। ECI की तरफ से EVM की जांच के आदेश…
जेल से लौटे वॉटर कैनन बॉय के सनसनीखेज दावे:मेरे कपड़े उतारे, हाथ-पैर बांध बुरी तरह से पीटा, रिमांड रूम में 45 कर्मचारी थे
जेल से लौटे वॉटर कैनन बॉय के सनसनीखेज दावे:मेरे कपड़े उतारे, हाथ-पैर बांध बुरी तरह से पीटा, रिमांड रूम में 45 कर्मचारी थे किसान आंदोलन के दौरान पुलिस की ओर वाटर कैनन का मुंह मोड़ने वाला वाटर कैनन बॉय नवदीप जलबेड़ा जेल से बाहर आ गया है। करीब 111 दिन जेल में रहने के बाद नवदीप कल यानी मंगलवार को रिहा हुआ। नवदीप को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जेल से बाहर आने के बाद नवदीप ने हरियाणा पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा की गई प्रताड़ना पर आपबीती सुनाई है। नवदीप ने कहा- गिरफ्तारी के तुरंत बाद मुझे रिमांड पर ले लिया गया। रिमांड रूम में करीब 45 कर्मचारी मौजूद थे। रिमांड के दौरान मेरे साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया गया। मोहाली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया
किसान नेता नवदीप सिंह जलबेड़ा ने कहा- मुझे पहले ही पता चल गया था कि पुलिस मुझे तलाश रही है। अंबाला में भी पुलिस ने मेरी गाड़ी के पीछे गाड़ी लगा दी, जब हम घर से निकले ही थे। पुलिस काफी देर से हमें तलाश रही थी। किसान आंदोलन के दौरान लेह लद्दाख से कुछ किसान हमारे साथ प्रदर्शन के लिए आए थे। मैं मोहाली से फ्लाइट से लेह गया। वहां मेरी मुलाकात सोनम वांगचुक से हुई जो लेह में प्रदर्शन कर रहे थे, वहां हमने भी सोनम वांगचुक के प्रदर्शन का समर्थन किया। इसके बाद मुझे मोहाली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया। मुंह को पानी में डुबोया
किसान नेता नवदीप सिंह जलबेड़ा ने कहा- कुछ कर्मचारी मुझे गिरफ्तार करने आए थे। गिरफ्तारी के बाद मुझे अंबाला लाया गया। जब मुझे अंबाला के रिमांड रूम में लाया गया तो उक्त रूम में करीब 45 कर्मचारी मौजूद थे। गिरफ्तारी के बाद मेरा फोन तुरंत वापस ले लिया गया। सबसे पहले उन्होंने आते ही मुझसे पगड़ी और कपड़े उतारने को कहा। नवदीप जलबेड़ा ने बताया- मेरे सामने एक सरदार अधिकारी मौजूद था, जिसने आदेश दिया कि मेरे हाथ-पैर बांध दिए जाएं। मेरे हाथ-पैर बांधने के बाद उक्त अधिकारियों ने मुझे पीटना शुरू कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने मेरे साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया। उन्होंने मुझसे कहा- तुम बहुत बोलते हो, हम तुम्हें सबक सिखाएंगे। जिसके बाद मेरे मुंह को पानी में डुबाया गया। केंद्रीय एजेंसियों के लोग भी पूछताछ के लिए पहुंचे
नवदीप ने आगे कहा- गिरफ्तारी के बाद मुझे कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया। कोर्ट ने दो दिन की रिमांड दी। इस दौरान केंद्रीय एजेंसियों NIA और CBI के अधिकारी भी पूछताछ के लिए आए। इस दौरान उन्होंने मुझसे भी पूछताछ की।वे सुबह से ही पूछताछ शुरू कर देते थे। मुझसे पूछा जाता था कि पैसा कहां से आ रहा है। किसान आंदोलन के लिए फंडिंग कहां से आ रही है। मेरे बैंक अकाउंट समेत सारी जानकारी मुझसे ली गई। बैंक अकाउंट की खूब जांच की गई, लेकिन कुछ नहीं मिला। मेडिकल भी नहीं कराया, वैसे भी हस्ताक्षर ले लिए गए। उसके आधार पर मेडिकल करा लेते थे। सभी झूठे मामलों में न तो पुलिस को कुछ मिला और न ही एजेंसियों को कुछ मिला। मेरे खिलाफ कुल 16 मामले दर्ज किए गए
नवदीप ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मेरे खिलाफ करीब 16 मामले दर्ज किए। इनमें चार मामले ऐसे थे, जिनमें हत्या के प्रयास की धाराएं लगाई गई थीं और कुछ में दंगा फैलाने की धाराएं जोड़ी गई थीं। कोर्ट ने जब सभी मामलों की सुनवाई शुरू की तो उसने कहा कि ऐसा लगता है कि सभी मामले झूठे बनाए गए हैं क्योंकि सभी मामले एक जैसे हैं। नवदीप ने कहा- पुलिस हर तरह से क्रूर रही है, लेकिन मैं अपने समुदाय के लिए खड़ा रहा हूं और आगे भी खड़ा रहूंगा। जब मेरे साथ क्रूरता हो रही थी, तब मैं होश में था। जब दर्द बहुत बढ़ गया तो मैं वाहेगुरु का नाम लेता था। जेल की जिंदगी ने मुझे भगवान की तरफ धकेला
नवदीप जलबेड़ा ने कहा- मैंने जेल में 111 दिन बिताए हैं। इस दौरान मैंने कई बदलाव देखे हैं। सबसे बड़ा बदलाव वाहेगुरु की भक्ति में आया है। पहले मैं सिर्फ गुरु को मानता था। लेकिन जेल के अंदर मैंने रोजाना पाठ करना शुरू कर दिया। मैं जेल में रोजाना 3 बाणियों का जाप करता था। जेल के अंदर एक गुरुद्वारा था, मैं वहां जाता था। नवदीप ने कहा- मैं जेल में रोजाना श्री जपजी साहिब, श्री चौपाई साहिब और श्री आनंदपुर साहिब का पाठ करता था। जेल में मैंने अपने समुदाय का पूरा इतिहास पढ़ा। जेल में बनी लाइब्रेरी के अंदर मैंने वो सब पढ़ा जो हमारे समुदाय के शहीदों ने हमारे लिए किया। जेल हमें बहुत कुछ सिखाती है, मैंने भी वही सीखा। जेल के अंदर कोई किसी का धर्म नहीं देखता
नवदीप ने कहा कि कोई व्यक्ति तब जेल जाता है जब वह कोई बुरा काम करता है। साथ ही, कोई व्यक्ति उन पांच कामों को करने पर भी जेल जाता है जो बाबा जी को पसंद नहीं हैं। जेल के अंदर कोई किसी का धर्म नहीं देखता। सभी मिलजुल कर रहते हैं। एक बैरक में करीब 50 लोग रहते हैं। नवदीप ने कहा- कोई किसी का धर्म के आधार पर साथ नहीं देता। सब एक दूसरे को भाई मानते हैं। कोई जात-पात की बात नहीं करता। सब एक दूसरे की थाली में खाते हैं। सब एक दूसरे का दर्द सुनते हैं और अपना दर्द बताते हैं। मैंने जेल के अंदर विनम्र रहना सीखा है। मैं जितने भी समय जेल में रहा हूं, हमेशा ऊपर की ओर बढ़ा हूं। सरकार को यह नहीं सोचना चाहिए कि जेल जाने के बाद मैं पीछे हट जाऊंगा। अगर सरकार ऐसा सोच रही है तो वह गलत है। मैं अपनी कौम के लिए कभी पीछे नहीं हटूंगा। जब बदन पर कफन होगा तो डर लगेगा, उससे पहले कोई डर नहीं है। कौम के लिए अगर मुझे पूरी जिंदगी जेल में रहना पड़े तो भी रहूंगा।