हरियाणा में करनाल के शेखपुरा गांव की विवाहिता ने अपने पति और ससुराल वालों पर दहेज प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि बेटा पैदा करने की जिद के चलते ससुराल वालों ने पीड़िता को शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान किया। दहेज कम लाने पर ताने दिए गए। गर्भवती होने पर भ्रूण खत्म करने की भी धमकी दी गई। कई बार पंचायते भी हुई, लेकिन ससुराल वालों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। ससुराल वालों से परेशान पीड़िता ने मामले की शिकायत पुलिस को कर दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। शादी के बाद शुरू हुई प्रताड़ना, बेटा न होने पर बढ़ा तनाव पीड़िता की शादी 11 फरवरी 2017 को ललित के साथ हुई थी। शादी में उनके माता-पिता ने अपनी हैसियत से बढ़कर दहेज दिया था। शुरुआती समय सब ठीक रहा, लेकिन कुछ समय बाद ससुराल वालों ने दहेज की मांग को लेकर ताने मारने शुरू कर दिए। 2018 में पहली बेटी के जन्म के बाद प्रताड़ना और बढ़ गई। ससुराल वाले बेटा न होने पर ताना देते और कहते कि उन्हें केवल बेटा चाहिए। दूसरी बेटी के जन्म के बाद भी मिली धमकियां 2020 में पीड़िता ने दूसरी बेटी को जन्म दिया। इसके बाद ससुराल पक्ष ने साफ कह दिया कि बेटियों की परवरिश पीड़िता के मायके वाले करेंगे। इसके बाद भी उन्हें लगातार धमकाया गया और मारपीट की गई। पीड़िता ने बताया कि वह इस समय तीन महीने की गर्भवती हैं। ससुराल वालों को जब इस बारे में पता चला, तो उन्होंने बेटा पैदा करने का दबाव डाला। ससुराल पक्ष ने उन्हें जबरन दवाइयां खिलाने की कोशिश की और कहा कि अगर बेटा नहीं हुआ, तो गर्भ में पल रहे बच्चे को खत्म कर देंगे। धमकी देकर दबाव बनाने का आरोप पीड़िता ने ससुराल पक्ष के एक सदस्य बलविंद्र पुलिस में कार्यरत है। उस पर गंभीर आरोप लगाए है। पीड़िता कहा कि बलविंद्र ने उन्हें और उनके परिवार को झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। बलविंद्र का पुलिसकर्मी होना ससुराल पक्ष को ताकत देता है, जिसके चलते वे अपने रसूख का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। पंचायती फैसले के बावजूद नहीं थमा अत्याचार 2021 में पीड़िता के मायके वालों ने ससुराल पक्ष के खिलाफ शिकायत की थी। इसके बाद पंचायत में फैसला हुआ कि पीड़िता को सम्मान पूर्वक रखा जाएगा। लेकिन इसके बाद भी ससुराल वालों का व्यवहार नहीं बदला। पीड़िता की शिकायत पर थाना सदर करनाल में केस दर्ज किया गया है। जांच अधिकारी यशपाल ने बताया कि पीडिता की शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा में करनाल के शेखपुरा गांव की विवाहिता ने अपने पति और ससुराल वालों पर दहेज प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि बेटा पैदा करने की जिद के चलते ससुराल वालों ने पीड़िता को शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान किया। दहेज कम लाने पर ताने दिए गए। गर्भवती होने पर भ्रूण खत्म करने की भी धमकी दी गई। कई बार पंचायते भी हुई, लेकिन ससुराल वालों पर कोई फर्क नहीं पड़ा। ससुराल वालों से परेशान पीड़िता ने मामले की शिकायत पुलिस को कर दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। शादी के बाद शुरू हुई प्रताड़ना, बेटा न होने पर बढ़ा तनाव पीड़िता की शादी 11 फरवरी 2017 को ललित के साथ हुई थी। शादी में उनके माता-पिता ने अपनी हैसियत से बढ़कर दहेज दिया था। शुरुआती समय सब ठीक रहा, लेकिन कुछ समय बाद ससुराल वालों ने दहेज की मांग को लेकर ताने मारने शुरू कर दिए। 2018 में पहली बेटी के जन्म के बाद प्रताड़ना और बढ़ गई। ससुराल वाले बेटा न होने पर ताना देते और कहते कि उन्हें केवल बेटा चाहिए। दूसरी बेटी के जन्म के बाद भी मिली धमकियां 2020 में पीड़िता ने दूसरी बेटी को जन्म दिया। इसके बाद ससुराल पक्ष ने साफ कह दिया कि बेटियों की परवरिश पीड़िता के मायके वाले करेंगे। इसके बाद भी उन्हें लगातार धमकाया गया और मारपीट की गई। पीड़िता ने बताया कि वह इस समय तीन महीने की गर्भवती हैं। ससुराल वालों को जब इस बारे में पता चला, तो उन्होंने बेटा पैदा करने का दबाव डाला। ससुराल पक्ष ने उन्हें जबरन दवाइयां खिलाने की कोशिश की और कहा कि अगर बेटा नहीं हुआ, तो गर्भ में पल रहे बच्चे को खत्म कर देंगे। धमकी देकर दबाव बनाने का आरोप पीड़िता ने ससुराल पक्ष के एक सदस्य बलविंद्र पुलिस में कार्यरत है। उस पर गंभीर आरोप लगाए है। पीड़िता कहा कि बलविंद्र ने उन्हें और उनके परिवार को झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। बलविंद्र का पुलिसकर्मी होना ससुराल पक्ष को ताकत देता है, जिसके चलते वे अपने रसूख का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। पंचायती फैसले के बावजूद नहीं थमा अत्याचार 2021 में पीड़िता के मायके वालों ने ससुराल पक्ष के खिलाफ शिकायत की थी। इसके बाद पंचायत में फैसला हुआ कि पीड़िता को सम्मान पूर्वक रखा जाएगा। लेकिन इसके बाद भी ससुराल वालों का व्यवहार नहीं बदला। पीड़िता की शिकायत पर थाना सदर करनाल में केस दर्ज किया गया है। जांच अधिकारी यशपाल ने बताया कि पीडिता की शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिसार में घर बैठे बनेगा EWS सर्टिफिकेट:अब पटवारी-सरपंच के हस्ताक्षर जरूरी नहीं; पूरा वर्क अब पेपरलेस, नौकरियों में मिलता है आरक्षण
हिसार में घर बैठे बनेगा EWS सर्टिफिकेट:अब पटवारी-सरपंच के हस्ताक्षर जरूरी नहीं; पूरा वर्क अब पेपरलेस, नौकरियों में मिलता है आरक्षण हरियाणा के हिसार में अब जाति प्रमाण पत्र पूरी तरह से पेपरलेस हो गया है। बिना कागजात के जनरल जाति के नागरिक घर बैठे अपना ईडब्ल्यूएस (EWS) प्रमाण पत्र यानी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग भी बनवा सकते है। इससे पहले ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आय प्रमाण पत्र बनवाना होता था, उसके बाद ग्रामीण क्षेत्र से संबंधित है तो सरपंच और पटवारी के हस्ताक्षर जरूरी थे। जानकारी अनुसार अब किसी भी पेपर और किसी हस्ताक्षर की आवश्यकता नहीं है। ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट के लिए वह लोग आवेदन कर सकते हैं, जिनकी वार्षिक आय 8 लाख या उससे कम है। एससी/एसटी और ओबीसी क्षेत्र से आने वाले परिवार इस स्कीम का लाभ नहीं उठा सकते हैं। इसको खास तौर पर सामान्य वर्ग से जुड़े लोगों के लिए शुरू किया गया है। बता दें कि शहरों में रहने वाले लोगों के पास 200 वर्ग या उससे कम आवासीय जमीन का होना जरूरी है। वहीं अगर कोई व्यक्ति गांव में रहता है। ऐसे में उसके पास पांच एकड़ से कम आवासीय भूमि होनी चाहिए। इस आरक्षण के तहत केंद्र और राज्य सरकार द्वारा निकाले जाने वाली नौकरियों में 10 प्रतिशत के आरक्षण की सुविधा मिलती है। घर बैठे मिलेंगे से सर्टिफिकेट हरियाणा में लागू पीपीपी (परिवार पहचान पत्र) से जाति और आय प्रमाण पत्र घर बैठे बन रहे है। फैमिली आईडी में आय सत्यापन के बाद इनकम सर्टिफिकेट पेपरलेस किया। फिर फैमिली आईडी में जाति वेरिफाई के बाद एससी, बीसी और अब ईडब्ल्यूएस भी पेपरलेस कर दिया है। इससे पहले इन प्रमाण पत्रों के लिए तहसील व सीएससी के चक्कर लगाने पड़ते थे। बीसी जाति में आ रही अड़चनें बीसी और ओबीसी यानी बैकवर्ड क्लास और अदर बैकवर्ड क्लास प्रमाण पत्र बनवाने में नागरिकों को समस्याएं आज भी आ रही है। बीसी और ओबीसी सर्टिफिकेट की महिलाएं अपना जाति प्रमाण पत्र बनवाती और वह दूसरे राज्य से शादी करवा हरियाणा में आई है तो पोर्टल उनके माता पिता की फैमिली आईडी मांगता है जबकि दूसरे राज्यों में फैमिली आईडी नहीं है और इनका जाति प्रमाण पत्र नहीं बन पाता।
झज्जर में रंजिश में युवक की छाती में मारी गोली:समारोह में डीजे पर हुई कहासुनी, रोहतक पीजीआई में होगा पोस्टमॉर्टम
झज्जर में रंजिश में युवक की छाती में मारी गोली:समारोह में डीजे पर हुई कहासुनी, रोहतक पीजीआई में होगा पोस्टमॉर्टम हरियाणा के झज्जर जिले में शादी समारोह की पार्टी में बज रहे डीजे पर हुई कहासुनी के बाद युवक ने अपने साथियों के साथ गोली चला दी। वहीं युवक की छाती में गोली लगने के बाद परिजन पीजीआई रोहतक लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना मिलने के बाद बेरी थाना प्रभारी व सीआईए टीम घटनास्थल पहुंची और आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। मृतक युवक की पहचान गांव मांगवास निवासी सचिन (28) पुत्र जयबीर के रूप में हुई। डीजे पर कहासुनी, डेयरी में जाकर चलाई गोली जानकारी के अनुसार शिकायत में गांव मांगवास निवासी दलबीर ने बताया कि गांव में शिल्लू पुत्र करतार के लड़के की शादी के प्रोग्राम में डीजे बज रहा था। मेरा भतीजा सचिन व मेरा भांजा गांव अहरी निवासी सौरभ प्रोग्राम में पहुंचे थे। तभी गांव मांगवास निवासी संजय पुत्र जीत सिंह हाल बेरी के साथ डीजे पर कहासुनी हो गई। कहासुनी होने के बाद सचिन व सौरभ वहां से चले गए और अपने चाचा दलबीर की डेयरी पर जाकर बैठ गए। कुछ देर बाद संजय अपने 5-6 साथियों के साथ दलबीर की डेयरी के पास पहुंचा, वहां जाकर उनको गली-गलौज करने लगा। तभी संजय ने दुनाली से गोली चला दी। गोली सचिन की छाती में जा लगी। पीएसओ का काम करता है आरोपी छाती में गोली लगने से सचिन की मौत हो गई। गोली चलाने के बाद सभी आरोपी बिना नंबर की गाड़ी में सवार मौके से फरार हो गए। बता दें कि आरोपी संजय पीएसओ का काम करता है। झज्जर बेरी थाना प्रभारी अमित कुमार जानकारी देते बताया कि गांव मांगवास में डीजे पर कहासुनी होने के बाद गोली चलाने की सूचना मिली। घटनाक्रम में एक युवक को छाती में गोली लगने से मौत हो गई। मृतक युवक की पहचान गांव मांगवास निवासी सचिन के रूप में हुई है। मृतक के चाचा के बयान पर संजय व श्याम सहित अन्य 4-5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई। मृतक के शव का पीजीआई एमएस रोहतक में पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा।
हरियाणा के नेताओं पर ED की बड़ी कार्रवाई:122 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच की, इनमें पंजाब-चंडीगढ़ वाली भी, कांग्रेस MLA-इनेलो नेता शामिल
हरियाणा के नेताओं पर ED की बड़ी कार्रवाई:122 करोड़ की प्रॉपर्टी अटैच की, इनमें पंजाब-चंडीगढ़ वाली भी, कांग्रेस MLA-इनेलो नेता शामिल हरियाणा के खनन केस में एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। इस केस में ED ने हरियाणा, चंडीगढ़ और पंजाब के शहरों में 122 करोड़ रुपए की 145 प्रॉपर्टियां अटैच की हैं। इसमें हरियाणा के गुरुग्राम में 100 एकड़ से अधिक की एग्रीकल्चर लैंड भी शामिल है। ईडी द्वारा यह कार्रवाई हरियाणा के गुरुग्राम के अलावा फरीदाबाद, सोनीपत, करनाल, यमुनानगर, पंचकूला, चंडीगढ़ और पंजाब के मोहाली में की गई है। इस केस में कांग्रेस के सोनीपत से विधायक सुरेंद्र पंवार, इनेलो नेता और पूर्व विधायक दिलबाग सिंह के अलावा पीएस बिल्डटेक के मालिक इंद्रपाल सिंह, कांग्रेस नेता मनोज वधवा, कुलविंदर सिंह सहित अंगद सिंह मक्कड़, भूपिंदर सिंह और उनके सहयोगी को ED ने आरोपी बनाया है। ED ने प्रॉपर्टी अटैच करने को लेकर डाली पोस्ट… अब पढ़िए पूरा मामला खनन कारोबार को लेकर जनवरी में रेड हुई
कांग्रेस के विधायक सुरेंद्र पंवार का हरियाणा के साथ राजस्थान में भी खनन कारोबार है। 4 जनवरी को ED की टीम ने उनके सोनीपत में सेक्टर-15 स्थित आवास पर रेड की थी। खनन कारोबार में करीब 36 घंटे तक जांच हुई थी। जिसके बाद खनन कारोबार में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए टीम ने घर में रखे डॉक्यूमेंट खंगाले थे। उसी दिन यमुनानगर के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह के ठिकानों पर भी ED की टीम ने रेड की थी। उनके महाराणा प्रताप चौक के पास ऑफिस, सेक्टर-18 में खनन एजेंसी के ऑफिस और कलेसर में फार्म हाउस पर जांच की गई। उनके करीबियों संजीव गुप्ता, इंद्रपाल सिंह उर्फ बबल के घर, ट्रांसपोर्टर गुरबाज सिंह के ऑफिस पर भी टीमें पहुंची थीं। 5 दिन रेड के बाद 8 जनवरी को दिलबाग सिंह को ED ने गिरफ्तार कर लिया था। ED ने दावा किया था कि रेड के दौरान दिलबाग के घर से 5 करोड़ रुपए कैश, 3 गोल्ड बिस्किट, विदेशी शराब की 100 से ज्यादा बोतलें, विदेश में बनाई कई संपत्तियों के कागजात, 5 विदेशी राइफलें, 300 कारतूस समेत अन्य चीजें बरामद की। जिसके बाद यमुनानगर में उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट और एक्साइज एक्ट में 2 केस दर्ज किए गए थे। एक महीने बाद दिलबाग सिंह को जमानत मिल गई थी पिछले महीने हुए थी पंवार की गिरफ्तारी
20 जुलाई को विधायक पंवार को ED ने गिरफ्तार किया था। अभी वह अंबाला की जेल में ही बंद हैं। ED के वकील के मुताबिक विधायक सुरेंद्र पंवार पर 25 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग ट्रायल का मामला है। विधायक के खिलाफ 8 मामले दर्ज हैं। एक मामला ED की टीम ने दर्ज कराया है। जनवरी 2024 में यह मामला दर्ज किया गया था। पूर्व CM हुड्डा के खास हैं पंवार
सोनीपत से विधायक सुरेंद्र पंवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व सांसद दीपेंद्र का खास माना जाता है। सोनीपत में कांग्रेस पार्टी के मुख्य कार्यक्रमों के आयोजनों की जिम्मेदारी विधायक सुरेंद्र पंवार पर ही होती है। इसके अलावा वे पार्टी के अभियानों व अन्य कार्यक्रमों में विशेष भूमिका निभाते हैं। पंवार उनकी कोर टीम के सदस्य हैं। कुछ समय पहले ही सुरेंद्र पंवार को प्रदेश सोशल मीडिया का प्रभार भी दिया गया था। पंवार को गैंगस्टर से मिल चुकी धमकी
विधायक सुरेंद्र पंवार ने पिछले साल गैंगस्टर के नाम पर धमकी मिलने की शिकायत दी थी। उन्होंने बाद में विधायक पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। इसके बाद वे काफी चर्चा में आए थे। कांग्रेस में आने से पहले पंवार ने इनेलो की टिकट पर सोनीपत से विधानसभा का चुनाव लड़ा था। तब वह कविता जैन से हार गए थे। कांग्रेस में शामिल होने के बाद वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में वे कविता जैन को हराकर विधायक बने थे।