झांसी में शादी का सपना दिखाकर अविवाहित लोगों को ठगने वाली 8 युवतियों ने सुंदर लड़कियों का एल्बम बना रखा था। ये लड़कियों कौन हैं? और कहां की रहने वाली हैं, ये इनको ही पता नहीं था। गैंग ने इंटरनेट से सुंदर लड़कियों की तस्वीरों का कलेक्शन कर रखा है। ये तस्वीर ही शादी के लिए युवकों के पास भेजी जाती थी। जब तक पसंद न आ जाए, तब तक फोटो दिखाई जाती थी। जैसे ही युवक शादी के लिए तैयार होता तो उससे रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहती। पहले रजिस्ट्रेशन फीस लेती। फिर अन्य तरह के चार्ज बताकर रकम ऐंठती रहती थी। भेद खुलने पर नंबर को ब्लॉक कर देती थी। इनकी ठगी का शिकार वकील, किसान से लेकर अन्य लोग हुए हैं। एक पीड़ित वकील मनोज कुमार गौतम ललितपुर पुलिस के पास पहुंच गया। पुलिस ने केस दर्ज कर झांसी में छापा मारकर 8 युवतियों को अरेस्ट किया था। इसमें 6 झांसी और दो ललितपुर की रहने वाली हैं। 18 रजिस्ट्रर में है हिसाब पुलिस ने गिरफ्तार युवतियों के पास से लड़कियों की तस्वीर वाला एल्बम के अलावा 18 रजिस्टर बरामद किए हैं। इन रजिस्टर पर पूरा हिसाब रखा जाता था। किस नंबर पर बात हुई और बात कहां तक पहुंची। यहां तक यह भी हिसाब होता था कि उससे कितने रुपए ऐंठे गए। पुलिस को लगभग 300 लोगों को ठगी का शिकार बनाने के सबूत मिले हैं। इसके अलावा 20 मोबाइल बरामद हुए हैं। इसमें 11 मोबाइल की-पेड वाले हैं। ये मोबाइल सिर्फ कस्टमर से बात करने के लिए रखे गए थे। 9 मोबाइल उनके पर्सनल यूज के थे। इनको भी वे ठगी में इस्तेमाल करती थी। खाते में एक लाख रुपए सीज भी कराए गए हैं। अब पुलिस खंगाल रही है कि किन-किन खातों से रुपए डाले गए हैं। एक सिम से एक ग्राहक से बात करती थी छापामार कार्रवाई के दौरान पुलिस को युवतियों के पास से 30 से अधिक मोबाइल सिमकार्ड मिले हैं। पूछताछ में युवतियों ने बताया कि वे एक सिमकार्ड से एक कस्टमर को टारगेट करती थी। जैसे ही कस्टमर ठगी का शिकार हो जाता था तो उस सिमकार्ड का दोबारा यूज नहीं करती थी। कुछ मामलों में उन्होंने नंबर भी ब्लॉक कर दिए थे। इस तरह से काम करता था गिरोह ललितपुर एसपी मोहम्मद मुश्ताक ने बताया कि गैंग की मास्टरमाइंड ललितपुर की आरती शाक्यावार और विभा यादव है। आरती ने अटल सेवा संस्था के नाम एक फर्जी संस्था बना रखी है। जिसमें वो शादी कराने का दावा करती थी। इसके लिए झांसी के बीकेडी चौराहे के पास एक मकान में ऑफिस बना रखा था। आरोपी समाज साथी एप से वर-वधू का नंबर समेत अन्य डेटा चुरा लेते थे और फिर उनको फोन करते थे। इनके टारगेट पर ज्यादा उम्र के युवक ही रहते थे। रूचि लेने वाले युवकों को फर्जी लड़कियों की फोटाे भेजी जाती थी। फोटो देखकर जो युवक शादी के लिए तैयार हो जाते थे, तो उनको रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहती थी। रजिस्ट्रेशन फीस समेत अन्य चार्ज के नाम से रुपए ऐंठ लेती थी। आरती और विभा है मास्टरमाइंड आरोपी आरती और विभा यादव ने ऑफिस से फोन करने के लिए 6 लड़कियों को सैलरी पर रखा था। वे हर माह उनको 8 हजार रुपए सैलरी देती थी। इनका काम सिर्फ नंबरों पर फोन लगाना और फोटो भेजने का था। सैलेरी बांटने के बाद जो पैसा बचता था वो आरती और विभा आपस में बांट लेते थे और ऐसो आराम कर अपने शौक पूरे करती थी। एक शिकायत पर गैंग तक पहुंची ललितपुर पुलिस
इस गैंग ने मथुरा निवासी मनोज कुमार गौतम एडवोकेट के साथ भी ठगी कर ली थी। मनोज ने ललितपुर साइबर थाना में शिकायत दी थी कि 9 दिसंबर को अज्ञात महिला ने उसके पास फोन लगाया। बोली कि मैं अटल सेवा संस्थान सिविल लाइन ललितपुर से बोल रही हूं। हमारी संस्था सरकार द्वारा रजिस्टर्ड है, जो शादी कराने का काम करती थी। शादी का झांसा देकर उससे 7500 रुपए की ठगी कर ली। इसके बाद उसके मोबाइल नंबर को ब्लॉक कर दिया। झांसी में छापा मारकर 8 को पकड़ा साइबर थाना प्रभारी कृष्णदेव यादव, महिला थाना प्रभारी सन्नो देवी ने पुलिस टीम के साथ मंगलवार रात को झांसी के बीकेडी चौराहे के पास एक मकान में दबिश दी। यहां से आरती शाक्यावार (35) पत्नी अरुण , विभा यादव (20), पुत्र राजकुमार, वैशाली देशाई (20) पुत्री अशोक कुमार देशाई, अनामिका राजपूत (19) पुत्री संतोष कुमार राजपूत, नैना देसाई (25) पुत्री अशोक, पलक अहिरवार (19) पुत्री जितेन्द्र अहिरवार, प्रीती (20) पत्नी राजकुमार प्रजापति और संजना झा (21) पुत्री प्रमोद झा को गिरफ्तार कर लिया था। झांसी में शादी का सपना दिखाकर अविवाहित लोगों को ठगने वाली 8 युवतियों ने सुंदर लड़कियों का एल्बम बना रखा था। ये लड़कियों कौन हैं? और कहां की रहने वाली हैं, ये इनको ही पता नहीं था। गैंग ने इंटरनेट से सुंदर लड़कियों की तस्वीरों का कलेक्शन कर रखा है। ये तस्वीर ही शादी के लिए युवकों के पास भेजी जाती थी। जब तक पसंद न आ जाए, तब तक फोटो दिखाई जाती थी। जैसे ही युवक शादी के लिए तैयार होता तो उससे रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहती। पहले रजिस्ट्रेशन फीस लेती। फिर अन्य तरह के चार्ज बताकर रकम ऐंठती रहती थी। भेद खुलने पर नंबर को ब्लॉक कर देती थी। इनकी ठगी का शिकार वकील, किसान से लेकर अन्य लोग हुए हैं। एक पीड़ित वकील मनोज कुमार गौतम ललितपुर पुलिस के पास पहुंच गया। पुलिस ने केस दर्ज कर झांसी में छापा मारकर 8 युवतियों को अरेस्ट किया था। इसमें 6 झांसी और दो ललितपुर की रहने वाली हैं। 18 रजिस्ट्रर में है हिसाब पुलिस ने गिरफ्तार युवतियों के पास से लड़कियों की तस्वीर वाला एल्बम के अलावा 18 रजिस्टर बरामद किए हैं। इन रजिस्टर पर पूरा हिसाब रखा जाता था। किस नंबर पर बात हुई और बात कहां तक पहुंची। यहां तक यह भी हिसाब होता था कि उससे कितने रुपए ऐंठे गए। पुलिस को लगभग 300 लोगों को ठगी का शिकार बनाने के सबूत मिले हैं। इसके अलावा 20 मोबाइल बरामद हुए हैं। इसमें 11 मोबाइल की-पेड वाले हैं। ये मोबाइल सिर्फ कस्टमर से बात करने के लिए रखे गए थे। 9 मोबाइल उनके पर्सनल यूज के थे। इनको भी वे ठगी में इस्तेमाल करती थी। खाते में एक लाख रुपए सीज भी कराए गए हैं। अब पुलिस खंगाल रही है कि किन-किन खातों से रुपए डाले गए हैं। एक सिम से एक ग्राहक से बात करती थी छापामार कार्रवाई के दौरान पुलिस को युवतियों के पास से 30 से अधिक मोबाइल सिमकार्ड मिले हैं। पूछताछ में युवतियों ने बताया कि वे एक सिमकार्ड से एक कस्टमर को टारगेट करती थी। जैसे ही कस्टमर ठगी का शिकार हो जाता था तो उस सिमकार्ड का दोबारा यूज नहीं करती थी। कुछ मामलों में उन्होंने नंबर भी ब्लॉक कर दिए थे। इस तरह से काम करता था गिरोह ललितपुर एसपी मोहम्मद मुश्ताक ने बताया कि गैंग की मास्टरमाइंड ललितपुर की आरती शाक्यावार और विभा यादव है। आरती ने अटल सेवा संस्था के नाम एक फर्जी संस्था बना रखी है। जिसमें वो शादी कराने का दावा करती थी। इसके लिए झांसी के बीकेडी चौराहे के पास एक मकान में ऑफिस बना रखा था। आरोपी समाज साथी एप से वर-वधू का नंबर समेत अन्य डेटा चुरा लेते थे और फिर उनको फोन करते थे। इनके टारगेट पर ज्यादा उम्र के युवक ही रहते थे। रूचि लेने वाले युवकों को फर्जी लड़कियों की फोटाे भेजी जाती थी। फोटो देखकर जो युवक शादी के लिए तैयार हो जाते थे, तो उनको रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहती थी। रजिस्ट्रेशन फीस समेत अन्य चार्ज के नाम से रुपए ऐंठ लेती थी। आरती और विभा है मास्टरमाइंड आरोपी आरती और विभा यादव ने ऑफिस से फोन करने के लिए 6 लड़कियों को सैलरी पर रखा था। वे हर माह उनको 8 हजार रुपए सैलरी देती थी। इनका काम सिर्फ नंबरों पर फोन लगाना और फोटो भेजने का था। सैलेरी बांटने के बाद जो पैसा बचता था वो आरती और विभा आपस में बांट लेते थे और ऐसो आराम कर अपने शौक पूरे करती थी। एक शिकायत पर गैंग तक पहुंची ललितपुर पुलिस
इस गैंग ने मथुरा निवासी मनोज कुमार गौतम एडवोकेट के साथ भी ठगी कर ली थी। मनोज ने ललितपुर साइबर थाना में शिकायत दी थी कि 9 दिसंबर को अज्ञात महिला ने उसके पास फोन लगाया। बोली कि मैं अटल सेवा संस्थान सिविल लाइन ललितपुर से बोल रही हूं। हमारी संस्था सरकार द्वारा रजिस्टर्ड है, जो शादी कराने का काम करती थी। शादी का झांसा देकर उससे 7500 रुपए की ठगी कर ली। इसके बाद उसके मोबाइल नंबर को ब्लॉक कर दिया। झांसी में छापा मारकर 8 को पकड़ा साइबर थाना प्रभारी कृष्णदेव यादव, महिला थाना प्रभारी सन्नो देवी ने पुलिस टीम के साथ मंगलवार रात को झांसी के बीकेडी चौराहे के पास एक मकान में दबिश दी। यहां से आरती शाक्यावार (35) पत्नी अरुण , विभा यादव (20), पुत्र राजकुमार, वैशाली देशाई (20) पुत्री अशोक कुमार देशाई, अनामिका राजपूत (19) पुत्री संतोष कुमार राजपूत, नैना देसाई (25) पुत्री अशोक, पलक अहिरवार (19) पुत्री जितेन्द्र अहिरवार, प्रीती (20) पत्नी राजकुमार प्रजापति और संजना झा (21) पुत्री प्रमोद झा को गिरफ्तार कर लिया था। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर