करनाल में हाईवे तक पहुंची ट्रैक्टर ट्रॉलियों की लाइन:किसानों का आरोप- नहीं हो रही सरकारी खरीद, नमी के नाम पर 200 रुपए कम पर खरीद रहे मिलर्स

करनाल में हाईवे तक पहुंची ट्रैक्टर ट्रॉलियों की लाइन:किसानों का आरोप- नहीं हो रही सरकारी खरीद, नमी के नाम पर 200 रुपए कम पर खरीद रहे मिलर्स

करनाल की सभी अनाज मंडियों में धान खरीद व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही है। धान की अनियमित खरीद के कारण किसान आंदोलन कर रहे हैं, क्योंकि उनकी फसल मंडियों में खराब हो रही है या फिर उन्हें औने-पौने दामों पर बेचनी पड़ रही है। धान की खरीद न होने के कारण मंडियों में धान रखने की जगह नहीं है। मंडी गेट के बाहर धान से भरी ट्रैक्टर ट्रॉलियों की लाइन लगी हुई है। वहीं अगर करनाल अनाज मंडी की बात करें तो आज नेशनल हाईवे नमस्ते चौक तक करीब 2 किलोमीटर लंबी लाइन लगी हुई है। जिसके कारण नेशनल हाईवे पर जाम लगा हुआ है। सीएम का वादा झूठा भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने कहा कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नायब सैनी ने वोट लेने के लिए वादा किया था कि हम 3100 रुपए की दर से धान खरीदेंगे। उन्होंने कहा था कि 8 अक्टूबर को हमारी सरकार बनते ही किसानों का एक-एक धान खरीदा जाएगा। लेकिन आज 10 तारीख है। लेकिन किसान अभी भी वहीं डटे हुए हैं। किसान अपना धान लेकर मंडी में पड़े हुए हैं। किसान बहुत कम कीमत पर अपना धान बेचने को मजबूर हैं। मिल मालिक किसानों की मजबूरी का फायदा उठाकर सरकारी रेट से 200 से 300 रुपए कम रेट पर धान खरीद रहे हैं। हड़ताल वापस ले ली गई, लेकिन स्थिति अभी भी जस की तस रतनमान ने कहा कि राइस मिलर्स ने हड़ताल वापस ले ली है। लेकिन अब भी सरकार धान नहीं खरीद रही है। किसानों को जानबूझ कर परेशान किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आज शाम तक किसानों का धान सरकारी रेट पर नहीं खरीदा गया तो हम कल सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे। दो लाइन कर दी शुरू करनाल मंडी के मार्किट कमेटी सचिव संजीव सचदेवा ने बताया कि मंडी में नियम के हिसाब से धान को खरीदा जा रहा है। जिस धान का मॉइस्चर 17 पाया जाता है उसे सरकारी रेट पर खरीदा जा रहा है। वहीं हर गेट पर दो लाइन चालू कर दी है। ताकि हाईवे पर लगा जो ट्रैक्टर ट्रालियों की लाइन लगी है उनके जल्दी से गेट पास काट कर अंदर लाया जा सके। आज लंबी लाइन लगने का मुख्य कारण यह भी कि आज सुचारु रूप से धान की खरीद शुरू हुई है। जिससे धान की आवाज तेज हो गई है। करनाल की सभी अनाज मंडियों में धान खरीद व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पा रही है। धान की अनियमित खरीद के कारण किसान आंदोलन कर रहे हैं, क्योंकि उनकी फसल मंडियों में खराब हो रही है या फिर उन्हें औने-पौने दामों पर बेचनी पड़ रही है। धान की खरीद न होने के कारण मंडियों में धान रखने की जगह नहीं है। मंडी गेट के बाहर धान से भरी ट्रैक्टर ट्रॉलियों की लाइन लगी हुई है। वहीं अगर करनाल अनाज मंडी की बात करें तो आज नेशनल हाईवे नमस्ते चौक तक करीब 2 किलोमीटर लंबी लाइन लगी हुई है। जिसके कारण नेशनल हाईवे पर जाम लगा हुआ है। सीएम का वादा झूठा भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने कहा कि चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नायब सैनी ने वोट लेने के लिए वादा किया था कि हम 3100 रुपए की दर से धान खरीदेंगे। उन्होंने कहा था कि 8 अक्टूबर को हमारी सरकार बनते ही किसानों का एक-एक धान खरीदा जाएगा। लेकिन आज 10 तारीख है। लेकिन किसान अभी भी वहीं डटे हुए हैं। किसान अपना धान लेकर मंडी में पड़े हुए हैं। किसान बहुत कम कीमत पर अपना धान बेचने को मजबूर हैं। मिल मालिक किसानों की मजबूरी का फायदा उठाकर सरकारी रेट से 200 से 300 रुपए कम रेट पर धान खरीद रहे हैं। हड़ताल वापस ले ली गई, लेकिन स्थिति अभी भी जस की तस रतनमान ने कहा कि राइस मिलर्स ने हड़ताल वापस ले ली है। लेकिन अब भी सरकार धान नहीं खरीद रही है। किसानों को जानबूझ कर परेशान किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आज शाम तक किसानों का धान सरकारी रेट पर नहीं खरीदा गया तो हम कल सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करने को मजबूर होंगे। दो लाइन कर दी शुरू करनाल मंडी के मार्किट कमेटी सचिव संजीव सचदेवा ने बताया कि मंडी में नियम के हिसाब से धान को खरीदा जा रहा है। जिस धान का मॉइस्चर 17 पाया जाता है उसे सरकारी रेट पर खरीदा जा रहा है। वहीं हर गेट पर दो लाइन चालू कर दी है। ताकि हाईवे पर लगा जो ट्रैक्टर ट्रालियों की लाइन लगी है उनके जल्दी से गेट पास काट कर अंदर लाया जा सके। आज लंबी लाइन लगने का मुख्य कारण यह भी कि आज सुचारु रूप से धान की खरीद शुरू हुई है। जिससे धान की आवाज तेज हो गई है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर